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आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक, नोखा, कक्षा- दशमी, हिन्दी अनिवार्य, पत्र लेखन, पत्र लेखन क्या है ?, पत्र लेखन भी अपने आप में एक बेहतरीन कला है ।पत्र लेखन के जरिए हम अपना संदेश , अपनी भावनाओं व विचारों को, अपने प्रियजनों , मित्रों , सगे संबधि, ं यों तक पहुंचा सकते हैं। जब पत्र लिखने की परं परा नहीं थी , तब संदेश कबत, ू रों या, संदेशवाहकों के द्वारा भेजे जाते थे।, लेकिन धीरे -धीरे संदेश पत्रों के द्वारा भेजे जाने लगे। पत्र के द्वारा अपने लोगों को संदेश भेजना होता है । इसीलिए पत्र में, बहुत ही सरल , सहज और सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग ही होना चाहिए। ताकि पत्र प्राप्त करने वाला व्यक्ति, आपकी भावनाओं को अच्छे से समझ सके।, पत्र की विशेषताएं, पत्र अमीर , गरीब हर व्यक्ति के द्वारा संदेश भेजने का सबसे सस्ता व सरल माध्यम है । यह सबसे कम खर्चीला भी होता है ।, यानि हम पत्र के माध्यम से बहुत कम खर्च में अपनी परू ी बात विस्तार से लिख कर दस, ू रे तक पहुंचा सकते हैं। हालांकि आज, के समय में टे लीफोन , ईमेल ,एसएमएस और सोशल मीडिया के कई अन्य प्लेटफार्म भी है । जहां से हम अपने संदेश अपने, लोगों तक पहुंचा सकते हैं। लेकिन अपनेपन और प्रेम को दर्शाने का सर्वोत्तम माध्यम तो पत्र ही है ।, पत्र लिखने की आवश्यकता क्यों होती है, अपना संदेश अपने प्रियजनों , मित्रजनों , सगे संबधि, ं यों या सरकारी या प्राइवेट संस्थानों के अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए, पत्रों को लिखा जाता हैं।, अगर आपके कोई परिजन या मित्र आपसे दरू रहते हैं तो उनका हालचाल जानने या उन्हें कुछ महत्वपर्ण, ू समाचार दे ने के, लिए पत्र लिखने की आवश्यकता होती है ।, इसी तरह हम अपने स्कूल के प्रिंसिपल , बैंक अधिकारी या किसी अन्य जिम्मेदार अधिकारी को भी अपनी शिकायत ,प्रार्थना, या निवेदन हे तु पत्र लिख सकते हैं। पत्र परू ी तरह से एक लिखित और स्थाई दस्तावेज होता है ।, पत्र लेखन के वक्त ध्यान दे ने वाले बिंद ु, ● पत्र लिखते समय हर व्यक्ति को कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।, ● पत्र साफ और स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। पत्र अगर परिजनों को लिख रहे हैं तो उसकी भाषा सरल , सहज व, साधारण बोलचाल की भाषा होनी चाहिए। कहने का अर्थ यह है कि विषय की प्रस्तति, ु एकदम साफ , सरल और स्पष्ट, हो।, ● भाषा एकदम सरल हो , वाक्य छोटे छोटे हो। दो या तीन अनच्, ु छे द हो और शब्द सीमा अधिकतम 150 या 200 शब्दों, के बीच में हो सकती हैं। पत्र लिखते समय संबोधन या अभिवादन का जरूर ध्यान रखना चाहिए। पत्र पर भेजने वाले, का नाम , पता , तिथि अवश्य लिखी होनी चाहिए।, पत्र के अंग :- पत्र के मल, ू रूप से 3 अंग होते हैं।, 1 . प्रारं भ (शरु, ु आत )- पते से अभिवादन तक, 2 . मध्य भाग - मल, ू विषय की प्रस्तति, ु, 3 . अंत (समापन )- धन्यवाद तथा प्रेषक का नाम , पता, पत्र कितने प्रकार के होते हैं ?, पत्र मख्, ु य रूप से दो प्रकार के होते हैं, १. औपचारिक, २. अनौपचारिक, औपचारिक पत्र :- औपचारिक पत्र किसी भी सरकारी या प्राइवेट कार्यालय या संस्थान से जड़, ु े व्यक्तियों /अधिकारियों को, लिखा जाता है । आमतौर पर ये व्यक्ति अपरिचित होते हैं। ये पत्र पर्ण, ू रूप से व्यवसायिक या कार्यालयी या सरकारी होते है ।, इस तरह के पत्रों की भाषा बहुत ही सहज और शिष्टतापर्ण, ू होनी चाहिए। पत्रों में सिर्फ काम की बातें या समस्याओं के बारे में, ही लिखा जाना आवश्यक है । ऐसे पत्र मख्, ु यरूप से स्कूल के प्रधानाचार्य , आवेदन पत्र , सरकारी विभाग में अधिकारियों को, अपनी किसी समस्या से अवगत कराने हे तु , संपादकों के नाम पत्र या नगर से संबधि, ं त किसी समस्या के लिए नगर निगम, के मेयर आदि को लिखे जाते हैं।, इस तरह के पत्रों में बहुत ही सीमित शब्दों में सिर्फ समस्याओं को प्रभावशाली तरीके से लिखना आवश्यक होता है ।, औपचारिक पत्र के प्रकार, औपचारिक पत्र मख्, ु य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।, , राजेश स्वामी नोखा 7742842721
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1. व्यावसायिक पत्र:- आमतौर से सामान खरीदने , बेचने या पैसे के लेन-दे न के संबध, ं में जो पत्र लिखे जाते हैं उन्हें, व्यावसायिक पत्र कहते हैं। ये पत्र कंपनियों , व्यापारियों या पस्, ु तक के प्रकाशकों आदि को लिखे जाते हैं।, 2. कार्यालयी पत्र / सरकारी पत्र :- ऐसे पत्र जो कार्यालयों में कामकाज कराने हे तु लिखे जाते हैं। इस तरह के पत्र खासकर, किसी सरकारी अधिकारी या नगर निगम के मेयर , समाचार पत्र के संपादक , पलि, ु स विभाग के आला अधिकारी ,बैंक, अधिकारी आदि को लिखे जाते हैं।, 3. प्रार्थना पत्र :- यह वह पत्र होते हैं जिनमें मख्, ु य रूप से निवेदन या प्रार्थना की जाती है । जैसे स्कूल में अवकाश हे तु प्रार्थना, पत्र , किसी कार्य को कराने के लिए सरकारी विभाग के किसी जिम्मेदार अधिकारी आदि को लिखे जाते हैं।, अपरिचित व्यक्तियों को लिखे जाते हैं ।, श्रीमान , महोदय ,, माननीय , मान्यवर।, अभिवादन नहीं किया जाता।, भवदीय या भवदीया, , प्रार्थी , विनीत ,, , औपचारिक पत्र का प्रारूप, पत्र पाने वाले का नाम व पता ……….., दिनांक …………., पत्र का विषय …………., संबोधन …………., विषय वस्तु पत्र लिखने का कारण (जिस कारण से आप पत्र लिख रहे हैं। ) …………., पत्र का विस्तार …………., कार्य संपादन का आग्रह …………., पत्र लिखने वाले का नाम , हस्ताक्षर व पद का नाम …………., 1. प्रधानाचार्य को आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना-पत्र लिखें।, सेवा में ,, प्रधानाचार्य,, आदर्श विद्या उच्च माध्यमिक , नोखा (बीकानेर)।, विषय- आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना-पत्र।, महाशय,, सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में दसवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। गत वर्ष मेरे पिताजी का आकस्मिक निधन हो, गया था। आर्थिक दृष्टि से सारा परिवार उन्हीं पर निर्भर था। उनके दे हांत से हमारी आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय हो गयी है ।, मेरी माताजी दस, ू रों के घरों में छोटे -मोटे काम करके जैसे-तैसे अपना तथा भाई-बहनों का पेट पालते हैं। ऐसी स्थिति में मेरे, लिए अपनी पढ़ाई का खर्चा चलाना असंभव है ।, आपसे, मेरी तीव्र इच्छा है कि मैं अपनी पढ़ाई का क्रम बनाए रखकर, एम० ए० की परीक्षा पास करूँ। मैं नवीं तक सभी, श्रेणियों में सदै व अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होता रहा हूँ। मैंने अनेक बार भाषण तथा वाद-विवाद प्रतियोगितायों में परु स्कार जीते, हैं।मेरी आपसे प्रार्थना है कि मझ, ु े विद्यालय की ओर से आर्थिक सहायता दिलवाने की कृपा करें जिससे मेरी पढ़ाई का खर्च, चल सके। मैं सदै व आपका आभारी रहूँगा।, आपका आज्ञाकारी छात्र, दिनांक- 24-2-2020, रमेश, कक्षा-X’ब’, , राजेश स्वामी नोखा 7742842721
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आपकी छोटी बहन, कल्पना, अनौपचारिक पत्रों के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।, 1 .अपने बड़े भाई के विवाह में अपने मित्र को आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।, परीक्षा भवन, 23 , जैन चाैक ,, नोखा -334803, दिनांक : XX मार्च XX21, प्रिय दोस्त प्रभात ,, मधरु स्नेह।, आशा है तम, ु स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे और अपने स्कूल की पढ़ाई में व्यस्त होंगे। दोस्त अर्णव मैं आज तम्, ु हें एक विशेष, प्रयोजन से यह पत्र लिख रहा हूं। दरअसल मेरे बड़े भाई की शादी 15 मई 2019 को होनी निश्चित हुई है । शादी का कार्यक्रम, दो दिवसीय है । अतः आप सपरिवार मेरे बड़े भाई की शादी में आमंत्रित हैं।, मैं आशा करता हूं कि तम, ु अपने परिवार के साथ मेरे बड़े भाई की शादी में सम्मिलित होने अवश्य आओगे। हम अपने अन्य, दोस्तों के साथ मिलकर खब, ू मौज मस्ती करें गे।इसीलिए तम, ु शादी में अवश्य आना। मझ, ु े तम्, ु हारा इंतजार रहे गा।, तम्, ु हारा दोस्त, मोहन, 2.गर्मियों की छुट्टियों में किसी कारणवश छात्रावास से घर ना जा सकने के लिए मां को पत्र लिखिए।, परीक्षा भवन, 859 , विकास मार्ग ,, जयपरु, दिनांक : XX मार्च XX21, पज, ू नीय माता जी ,, सादर प्रणाम, आशा है आप सब लोग घर में कुशल मंगल से होंगे। मैं भी यहां पर कुशल मंगल से हूं। माँ मेरी परीक्षाएं पर्ण, ू हो चक, ु ी हैं और, इस बार मेरे सभी पेपर भी बहुत अच्छे हुए हैं। मां आप तो जानती हैं कि मझ, ु े क्रिकेट कितना प्रिय है । और इस बार गर्मियों की, छुट्टियों में स्कूल प्रशाशन ने क्रिकेट के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को स्कूल में आमत्रित किया हैं। ताकि स्कूल की क्रिकेट, टीम के खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा सके। और मैं भी अपने स्कूल क्रिकेट टीम का सदस्य हूं। इसीलिए मझ, ु े भी, इस प्रशिक्षण में भाग लेना आवश्यक है ।, इस वजह से इस बार की गर्मियों की छुट्टियों में मैं घर नहीं आ पाऊंगा। आप मेरे लिए परे शान मत होना। मैं यहां पर स्वस्थ, व कुशल मंगल से हूं। और प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए बहुत ही उत्साहित हूं। आप अपना ध्यान रखना। पापा , दादा , दादी, को मेरा प्रणाम व मीनू को मेरा आशीर्वाद दे ना।, आपका प्यारा बेटा, पवन, 3.आप वार्षिक परीक्षा में प्रथम आए हैं। इसके लिए आपके मामा ने आपको परु स्कार के रुप में टे बलेट भेजा है ।उसी का, धन्यवाद प्रकट करते हुए उन्हें पत्र लिखिए।, परीक्षा भवन, 68, शिवाजी मार्ग,, बीकानेर -110660, , राजेश स्वामी नोखा 7742842721