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आर्थिक सर्वेक्षण, वर्ष 2091-21, , , , महिला एवं बाल विकास विभाग, , , , , , प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाओं एवं बच्चों के सर्वागीण विकास का, महत्वपूर्ण दायित्व महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया गया है। एकीकृत बाल विकास, परियोजनाओं के सफल संचालन एवं पर्यवेक्षण के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों से संबंधित अन्य, कल्याणकारी कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी विभाग के पास है | महिला एवं बाल विकास, विभाग के कार्यक्रम एवं योजनाएं गुणवत्ता उन्नयन, सामुदायिक जागरूकता, सामाजिक जागरूकता,, सहभागिता एवं प्रभावी पहुँच पर केन्द्रित हो रही है। विभाग, महिलाओं एवं बच्चों के विकास के मुद्दे के, साथ-साथ महिलाओं एवं बालिकाओं के समग्र सशक्तिकरण की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है | बच्चों को, सुपोषण की दिशा में निरंतर अग्रसर कर बेहतर पीढ़ियों के निर्माण करने के लिए विभाग निरंतर कार्य, कर रहा है।, , मुख्यमंत्री सुपोषण योजना :-राज्य के बच्चों एवं महिलाओं को स्वस्थ तथा सुपोषित करने के लिए, प्रदेश में 02 अक्टूबर 2019 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया।, , इस अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा इसे योजना का स्वरूप दिया, गया । योजना का मुख्य उद्देश्य 06 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त, करना, 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करना साथ ही वर्तमान में संचालित, योजनाओं में कमी (गैप) की पहचान करने और संचालित योजनाओं में एवं कार्यक्रम में अंतर्विभागीय, समन्वय स्थापित कर वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करना है।, , यह मुख्यतः जन भागीदारी पर आधारित योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों एवं महिलाओं, के कुपोषण एवं एनीमिया को दूर करना है | मुख्यमंत्री सुपोषण योजनांतर्गत जिला प्रशासन द्वारा की गई, व्यवस्था अनुसार हितग्राहियों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक आहार जैसे अण्डा, लड्डू, मूंगफली,, दलिया आदि उपलब्ध कराया जा रहा है।, , 'कोविड-19 के वैश्विक आपदा की स्थिति के लॉकडाउन अवधि में भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं, सहायिकाओं के द्वारा सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुये लगभग 6 लाख हितग्राहियों को सूखा राशन, (अतिरिक्त पौष्टिक आहार) का वितरण घर पहुँचकर किया गया है|, , 15.15 समेकित बाल विकास सेवा योजना :- भारत सरकार द्वारा कुपोषण, शिशु मृत्यु दर, मातृ, मृत्यु दर के स्तर में कमी लाने, बच्चों में मानसिक विकास की नींव डालने एवं उचित सामुदायिक शिक्षा, , , , , , के माध्यम से बच्चों के सामान्य स्वास्थ्य, पोषण तथा विकास संबंधी आवश्यकताओं की देखभाल में, माताओं की क्षमता निर्माण की महत्वाकांक्षी उद्देश्यों के साथ 02 अक्टूबर 1975 को समेकित बाल, विकास सेवा परियोजना प्रारंभ किया गया।
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आर्थिक सर्वेक्षण, वर्ष 2091-21, , , , 15.18.3 वजन त्यौहार :-कुपोषण मुक्ति हेतु ठोस कार्ययोजना बनाने के लिए 05 वर्ष तक के बच्चों, का डाटा बेस तैयार करने के उद्देश्य से वर्ष 2012 से वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है | वर्ष, 2005-06 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार प्रदेश में 47.10 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे वजन, त्यौहार वर्ष 2019 के अनुसार कुपोषण की दर 23.37 प्रतिशत पर आ गई है | वर्ष 19-20 में कोविड के, कारण यह आयोजन नहीं हुआ है | वर्ष 2020-21 में जनवरी माह में प्रस्तावित है।, , , , 15.18.4 मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना :-मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना गंभीर कुपोषित एवं, संकटग्रस्ट बच्चों को चिकित्सकीय परीक्षण की सुविधा, चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाएं,, आवश्यकतानुसार बाल रोग विशेषज्ञों की परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है| योजना अंतर्गत, वर्ष 2020-21 में अगस्त माह तक लगभग 18,000 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। कोविड के, कारण यह योजना प्रभावित हुई है।, 15.19 पूरक पोषण आहार कार्यक्रम:- प, 3-6 वर्ष आयु के सामान्य एवं गंभीर कुपोशिकेलेल्न ./ है, ऊअचयय ्प्य 5 1 6 वर्षआयु के सामान्य बनाये पाया तय गया, ७ ड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 व गंभीर कु बच्चों को गर्म पके, हुए भोजन में चांवल, रोटी, मिक्स दाल, रसेदार व सूखी सब्जी, आचार, पापड़, सलाद व गुड़, तथा नाश्ते में रेडी टू ईट फूड का हलवा, पे, , , , , , ७ नाश्ता एवं गर्म पके हुए भोजन कच्ची सॉम छोड़कर) का प्रदाय महिला स्व सहायता, समूहों के माध्यम से किया जाता है | प्रदे 18,244 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा, , 6 माह से 3 वर्ष क्षक्षण 1 गंभीर कुपोषि था गर्भवत्ली व शिशुव॒त्ती महिलाएँ, , री गर् गर्भ | शिशुव, , ७. टेक होग शिवाय 4 पतात दस ग्रोथ दतग्रहियो का फूड का, प्रदाय किया जा रहा है | 6 माह से 3 वर्ष आयु के सामान्य बच्चों को 125 ग्राम तथा 6 माह से 3, वर्ष आयु के गंभीर कुपोषित बच्चों को 200 ग्राम रेडी टू ईट प्रतिदिन (सप्ताह में 6 दिवस हेतु), प्रदाय किया जा रहा है।, , ७ रेडी टू ईट फूड का निर्माण एवं प्रदाय का कार्य महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा, है| वर्तमान में प्रदेश में लगभग 1,639 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा रेडी टू ईट फूड का, प्रदाय किया जा रहा है।, , * पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के अंतर्गत वर्तमान में 6 माह से 3 वर्ष आयु के लगभग 41.58 लाख, बच्चों, 3 वर्ष से 6 वर्ष आयु के लगभग 9.69 लाख बच्चों तथा लगभग 4.72 लाख गर्भवती व, शिशुवती महिलाओं को, इस प्रकार लगभग कुल 25.99 लाख हितग्राहियों को लाभांवित किया, जा रहा है।