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क्रियाकलाप 6.4, एक पात्र में थोड़ा-सा जल लेकर उसे उबालिए। क्या, आपको जल कौ सतह से भाप निकलती दिखाई देती, है? उबलते हुए जल से ऊपर, किसी बर्तन को उलटा करके रखिए। बर्तन की भीतरी, सतह को देखिए, , क्या आपको वहाँ जल की कोई बूँद दिखाई, देती है?, , क्रियाकलाप 6.5, , , , , , , , दूरी पर भाप के, , , , , , , , |ज्वाला पर कार्य करते समय सावधानी बरतें।, , , , , , , , उपयोग किए जा चुके लोहे की आरी के ब्लेड को, चिमटे से पकड़िए। ब्लेड के मुक्त सिरे के अगर, (अगले) भाग को गैस स्टोव की ज्वाला पर रखिए।, कुछ मिनट तक प्रतीक्षा कौजिए।, , ब्लेड के अग्र भाग के रंग में कोई परिवर्तन, , , , , , ब्लेड को ज्वाला से हटाइए। कुछ समय बाद अग्र, भाग को पुनः देखिए।, क्या इसका पहले वाला रंग बापस आ जाता है?, क्रियाकलाप 6.1 और 6.2 में आपने देखा कि, कागज्ञ तथा चॉक के आमाप (साइल) में परिवर्तन हो, , , , जाता है। क्रियाकलाप 6.3 और 6.4 में जल की, अवस्था परिवर्तित हो जाती है (ठोस से द्रव अथवा, गैस से द्रब)। क्रियाकलाप 6.5 में आर के ब्लेड का, रंग गर्म करने पर परिवर्तित हो जाता है।, , पदार्थ के आकार, आमाप (साइल), रंग और, अवस्था जैसे गुण उसके भौतिक गुण कहलाते हैं, वह परिवर्तन, जिसमें किसी पदार्थ के भौतिक, गुणों में परिवर्तन हो जाता है, भौतिक परिवर्तन, कहलाता है। भौतिक परिवर्तन सामान्यतः उत्क्रमणीय, होता है। ऐसे परिवर्तन में कोई नया पदार्थ नहीं, बनता है।, , अब -हम दूसरे प्रकार के परिवर्तन पर विचार, करे है।, , , , , , , , 6.2 रासायनिक परिवर्तन, , , , लोहे में जंग लगना एक ऐसा परिवर्तन है, जिससे आप, भली-भाँति परिचित हैं। यदि आप लोहे के एक टुकड़े, को कुछ दिनों के लिए खुले में छोड़ दें, तो इस पर भूरे, रंग के पदार्थ कौ परत जम जाती है। यह पदार्थ जंग, कहलाता है और यह प्रक्रम जंग लगना कहलाता है, (चित्र 6.2)। पार्क अथवा लॉन आदि के लोहे के, दरवाज़े अथवा बगीचों या पार्क आदि में रखी लोहे की, चैंच और लोहे कौ लगभग कोई भी वस्तु, जो खुले में, रुखी रहती हैं, में जंग लग जाती है। आपने देखा होगा, , , , , , , , , , , , चित्र 6.2 लोहे कौ कुछ जंग लगी कसतुएँ, , 62 विज्ञान, ख्लर, , कि घर में रखी कुल्हाड़ी, हथौड़ा आदि को वायु में. कर लीजिए। सिरे को मोमबत्ती की लौ के पास लाइए, , , , कुछ दिनों तक खुला रख देने पर उनमें जंग लग जाती, है। रसोई में लोहे का गीला तवा कुछ समय तक खुला, जोड़ देने पर उसमें जंग लग जाती है। जंग लोहा नहीं, है। जंग उस पदार्थ (लौह) से भिन्न होती है, जिस पर, यह लगती है।, , आइए, हम कुछ ऐसे और परिवर्तनों, करें जिनमें नए पदार्थ निर्मित होते हैं।, , , , , , पर विचार, , , , , , क्रियाकलाप 6.6, , , , यह चमकदार श्वेत (सफ़ेद) प्रकाश देती हुई जलने, लगेगी (चित्र 6.3)। पूरी तरह जलने के बाद कुछ, श्वेत भस्म (पाउडर) शेष रह जाती, क्या भस्म मैग्नीशियम के फ़ौते जैसी लगती है?, इस परिवर्तन को निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त, किया जा सकता हैसैग्नीशियम 0४७1 + ऑक्सीजन (0.) -+ मैम्नीशिवम, , ऑक्साइड 08९0), आया इअा अरब सबब