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_ पाठ्य; पुरुतक क्के प्रश्च-अभ्यासख्त्र कक पा, , छः * झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था ?, [8020 1ह7011 ० [1&, उत्तर- लेखिका ने रात में जब सिक्किम के गंतोक नगर को देखा तो वह ठगी-सी रह गई । सारा शहर सितारों पर, रात में रोशनी से जगमगा रहा था । वह अद्भुत दृश्य लेखिका की सुध-बुध भुला रहा था । उसे लग रहा था कि उसकी जा, 2225: -सी गई थीं । उसे अपने भीतर और बाहर एक शून्यता का अनुभव हो रहा था। हा, 2. गंतोक को 'मेहततकश बादशाहों का शहर ' क्यों कहा गया ? (6858 91४, उत्तर- सिक्किम एक पहाड़ी प्रदेश है। वहाँ के निवासियों को जीवन-यापन के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है, फिर भी अपनी परिस्थितियों से उन्हें कोई शिकायत नहीं होती । सारी असुविधाओं के बीच भी वे अपना जीवन एक शाह,, अंदाज में बताते हैं । उनके चेहरों पर कहीं से भी दीनता या हीनता नहीं झलकती ।, प्रश्त्/&. कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है ?, (के. बोः प्रति. प्र, उत्तर- सिक्किम के लोग बौद्धधर्म के अनुयायी हैं । धार्मिक परम्परा के अनुसार किसी बौद्ध व्यक्ति की मृत्यु होने प, नगर से दूर किसी पवित्र स्थान पर 108 श्वेत पताकाएँ फहराई जाती हैं | किसी नए कार्य को प्रारंभ करने के अवसर पर भी, पताकाएँ फहराई जाती हैं लेकिन वे पताकाएँ रंगीन होती हैं।, 65० 5 “8 303 ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या, महत्त्वपूर्ण दीं ? लिखिए । 16855 2008 6: के. बो' प्रति. प्र. 20))19, ७. 1. ४8508 2009, (86575 1677 1 2011 111, 6.1 12, 118 2079, उत्तर - जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के प्राकृतिक सौन्दर्य, वहाँ की भौगोलिक स्थिति और वहाँ के लोगों के, जीवन के बारे में अनेक जानकारियाँ दीं।, उसने बताया कि रास्ते में गहरी घाटियाँ और फूलों से लदी वादियाँ मिलेंगी । मार्ग में एक स्थान पर सैकड़ों सफेद, प्रताकाएँ लहरा रही थीं । उसने बताया कि किसी बौद्ध धर्म के अनुयायी की मृत्यु होने पर उसकी आत्मा की शांति के लिए, 108 सफ़ेद पताकाएँ फहराई जाती हैं । इनको कभी उतारा नहीं जाता ये स्वयं ही नष्ट हो जाती हैं ।
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जम .च, , न् कृतिका ; जाग - 2 1 363, , स्थान के बारे उसने बताया कि उसका नाम 'कवी लॉग स्टॉक! ४ ॥ बे, , कक बीच संधि-पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे । यहाँ इसका स्मारक पत्क भी लगा के कप पर तिब्बत के शासक औ, , कूल से लौटते छात्रों के समृह को देख जितेन ने बताया कि उन वच्चों को कई फल 059), , है ही मी बैंटाते है. | फलीमीटर पद, , एक स्थान की ओर २७. ..... ॥, , . ौटती यात्रा में भी जितेन ने कई नई बातें बताईं । लिनिने ता संकेत करते हुए कहा कि इसका नाम ैटेम, , व उयजओं का फिवात है। हल न वाला यर जाएगा । उसने कहा कि पढ़ाड़, नदी, झरने, _ आदि कौ लोग यहाँ पूजा करते हैं, उन्हें गंदा नहीं करते । का, , है5.# तंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पुर, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई टी?, , | उततर-यूमथांग के मार्ग पर लेखिका ने एक कुटिया के भीतर घृमता चक्र देखा । ना ने उसे पल कि वह धर्मचक्र, थ। उसे बाद्ध लोग प्रार्थना के समय घुमाते हैं । इसको घुमाने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । यह सुनकर लेखिका को लगा, _ कि पूरे भारत के निवासियों की आत्मानुभूति एक जैसी है । धार्मिक अतीकों के अलग होते हुए भी आस्थाएँ, विश्वास,, ्ाप-पुष्य, अंधविश्वास सब में एक जैसे हैं । चाहे मैदान हो या पहाड़ और चाहे कितनी भी वैज्ञानिक प्रगति हो चुकी हो, यह, ः ज्रवृत्ति एक जैसी बनी हुई है ।, , 1 है 82 न &,,जिंतेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए, हू, , [80ग्र4 [छपरा] 2012, प्. ७ 20852, , उत्तर-गाइड के रूप में नार्गे की भूमिका पर विचार करें तो एक कुशल गाइड के लिए आवश्यक गुण निम्नांकित प्रकार, से सामने आते हैं, एक कुशल गाइड में सबसे पहला गुण है अपने क्षेत्र का भौगोलिक ज्ञान होना तभी वह पर्यटकों को महत्त्वपूर्ण स्थानों पर, ले जा सकता है। इसके अतिरिक्त उसे उन स्थानों के निवासियों, उनके रोति-रिवाज, इतिहास + धार्मिक विश्वास्रों , परम्पणाओं, आदि का भी ज्ञात होना चाहिए । एक कुशल गाइड को पर्यटकों को रुचि और रुझान की जानकारी भी होनी चाहिए । उसे, पबँ॑टकों से अपनत्व स्थापित करने में कुशल होना चाहिए । कुशल गड़ड में विश्वसनीयता का गुण होना भी आवश्यक है +, एक कुशल गाइड का महत्त्वपूर्ण गुण वाक्पटुता है । उसके बातचीत करने का ढंग गेचक और मनोरंजक झोेना चाहिए।, , इस दृष्टि से देखें तो नागें में ये सभी गुण विद्यमान हैं ।, , प्रश्न 7. इस यात्रा-वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।, , खिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते, , [9, उत्तर-लेखिका ने बड़ी रोचक और भावुक शैली में हिमालय के विविध रूपों का चित्रण किया है । गंतोक से आगे, , . ऊँचाई को ओर बढ़ते ही पहाड़ियों के स्थान पर हिमालय के भीमकाय पर्वत सामने आने लगते हैं । गहरी घाटियों, चौड़ो, कादियों के साथ ही रंग-बिरंगे फूलों के समूह सामने आने लगते हैं और आगे बढ़ने पर इठलातो नदियों तथा दूध को घारा उसे, डरने मत को मोहने लगते हैं । हिमालय कहीं हरियाली से ढका होने से हरा, कहीं पीला तो कहीं नंगे पर्वत के कारण प्लास्टर, ड्छड़ी दीवार जैसा नजर आता है । कहीं धुंध और बादलों के बौच से सँकरे मार्ग आते हैं | हिमालय को उँचाड़कों पर, “कयओ' जैसे बर्फ से ढँके स्थल हैं जो अपनो प्राकृतिक छटा से स्विट्जरलैण्ड को भी मात करते हैं । हिमालय के ये, विविध रूप दर्शक को कभी मस्ती, कभी उल्लास और कभी आध्यात्मिक शांति और पवित्रता का अनुभव कराते हैं ।, ह शी प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है ? [085& उ&, 1 वी, के बीच पहुँचकर लेखिका को अनेकानेक नई-ई अनुभृतियाँ छोतीं हैं । प्रकृति का अपार विस्तार जहाँ, _ वे अनंतता के बोध से भर देता है वहीं गगनचुस्बी शिखर अपनी विशटता से उसे स्तव्थ कर देते हैं । “सेवन सिस्टर्स' झरने, और उसके साथ बहती तीस्ता नदी के पास बैठकर यह आत्मा का संगात सुनती है । प्रकृति के नए-नए रूप और रहस्य सामने, आने पर लेखिका को लगता है कि प्रकृति उसे नई-नई अनुभूतियाँ ऊाकर अधिक सयानी बनाना चाहतो है ।, प्रकृति की अनंतता और विराटता से एकाकार होकर लेखिका अपने अस्तित्व को है कही ९ अती्द्रिय (इन्द्ियो, हर ! अनुभूति को ईश्वर के निकट अनुभव भ 1, 93 ३ प्राकृतिक सौन्दर्य के अलौकिक आनंद मैं डूबी लेखिका को कौत कौन से दृश्य झकझोर देते हैं ? [1
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1 हिल््दी, [2९ - 20), , उत्तर- हिमालय की प्राकृतिक सुन्दरता लेखिका को (एक दिव्य आमंद में लीन कर देती है । बह कभी मृष्ध क०, चकित, कभी आत्मलीन और कभी काव्यमय होती हुई यात्ना-मार्ग पर आगे बढ़ती जाती है, किन्तु मार्ग में कुछ ऐसे द०,, होते हैं जो उसके हृदय को झकझोर देते हैं । जब्न वह पहाड़ी स्त्रियों को कोमल हाथों से कठोर पत्थरों को तोह़न, , डपस्थित, , देखती है तो उसकी आनंदमयी भावना को झटका-सा लगता है । उसका इस कठोर सत्य से सामना होता है कि उस दिव्य, प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच भी आम आदमी भूख, दीनता और मौत से संघर्ष करने को मजबूर है । कुछ ऐसा हो अनप्व, लेखिका को तब भी होता है जब वह कड़कड़ाती उंड में भारतीय सैसिकों को सीमा की सुरक्षा में तत्पर देखती है | बे, कर्तव्यनिष्ठ प्रहरी अपने आज को हमारे कल के लिए उत्सर्ग कर रहे थे ।, , प्र 19:न्लातियो 1 को प्रकृति की अलौकिक छठा का अनुभव करवाने में किन-किन लोगों का योगदान होता है..., , [80व0 िक्रा ॥, , १22 ने सैलानियों को प्रकृति के मनौहारी रूपों का दर्शन कराने मैं अनेक प्रकार के लोगों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भाप, होती है । आजकल सैलानियों को सर्वप्रथम ट्रेवल एजेन्सियों से सम्पर्क करना होता है । ये < पर्यटकों के आने-जाते,, , वाले वाहन चालक भी इस कार्य्य में ये, उठहरने तथा गाइड आदि की व्यवस्थाएँ करती हैं । पर्यटन स्थल तक पहुँचाने वा प्यालो गा, करते हैं । नागे जैसा 'ड्राइवर कम गाइड' मिल जाए तो क्या कहने हैं | इनके अतिरिक्त दर्शनीय स्थलों पर स्थित होटल, ६, र्मशाला या गेस्ट हाउस के प्रबंधकों और कर्मचारियों का भी योगदान होता है हो इन प्रत्यक्ष योगदानों के अलावा कुछ लोग, अप्रत्यक्ष रूप से भी अपना योगदान करते हैं । पर्वतीय या दुर्गम प्राकृतिक स्थलों तक पहुँचने के लिए जो श्रमिक प्राणों को, , संकट में डालकर मार्गों का निर्माण करते हैं; उनका योगदान भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है ।, अत “/कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापिस लौटा देती हैं ।” इस कथन के आधार पर स्पष्ट करें, , कि की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है ? [के-बो.प्रति.प्र. २008], , उत्तर-- प्रस्तुत कथन लेखिका ने उन पहाड़ी स्त्रियों को लक्ष्य करके कहा है जो पीठ पर अपने दुधमुँहै बच्चे को लादे, पत्थर तोड़ने जैसा कठोर श्रम करती हैं । समाज सदा से आम और खास दो वर्गों में विभाजित रहा है । किसान, मजदूर, निम्त, मध्यम वर्ग और जनजातीय लोग, ये सभी समाज के आम आदमी हैं और उद्योगपति, डॉक्टर, इंजीनियर, राजनेता आदि खास, आदमियों में गिने जाते हैं । पहाड़ी क्षेत्रों में कठोर श्रम करने वाली महिलाएँ भी आम जनता का अंग हैं । ये महिलाएँ सारे, पारिवारिक दायित्व निभाने के साथ-साथ कठोर परिश्रम करके धन भी अर्जित करती हैं । इस कठोर श्रम और कर्त्तव्यपालन, के बदले इन्हें समाज से क्या मिलता है-- थोड़ी-सी मजदूरी ? इस प्रकार ये नारियाँ समाज से कितना कम लेकर उसे कितना, अधिक लौटा देती हैं।, , देश की आम जनता अर्थात् किसान, मजदूर और सामान्य लोग देश के करोड़ों लोगों के लिए अन्न उपलब्ध कराते हैं ।, सारे उद्योग, व्यवसाय और सड़क, पुल, रेलवे लाइन, बाँध आदि के निर्माण इन आम लोगों के ही बल पर चल रहे हैं । ये, आमजन देश की अर्थव्यवस्था और प्रगति को रीढ़ हैं । लेकिन इनके श्रम का उचित मूल्य इन्हें नहीं मिल पाता।, , प्रश्न 1 न पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है ? इसे रोकने में आपकी क्या, भूमिका होनी ? [5858 2008 , के. बो. प्रति. प्र. 2008], , उत्तर- आज की पीढ़ी भौतिक सुख-सुविधाओं और मनोरंजन के लिए प्रकृति का निर्ममता से दोहन कर रहो है।, नई-नई भव्य बस्तियाँ बसाने के लिए वनों का विनाश किया जा रहा है, पर्वत विस्फोटों से उड़ाए जा रहे हैं, औद्योगिक, विकास की होड़ से भूमि, जल, वायु सभी प्रदूषित हो रहे हैं । प्रकृति का संतुलन संकट में पड़ गया है । आज को पीढ़ी कौ, गतिविधियाँ प्रकृति से खिलवाड़ करके आगामी पीढ़ियों के लिए विनाश के बीज बो रही हैं।, , हम लोगों को जागरूक करें और स्वयं प्रकृति से प्रेम करके और उसकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जीवन बिताएँ ।, प्रकृति से अनुचित छेड़-छाड़ के दुष्परिणामों से लोगों को परिचित कराएँ ।, , प्रश्न 13. प्रदूषण के कारण स्तोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है । प्रदूषण के और कौन-कौन से दुष्परिणाम, आए हैं ? लिखें ।, , उत्तर- लेखिका लायुंग नामक स्थान पर हिमपात का आनंद लेने की आशा से पहुँची थी, किन्तु वहाँ बर्फ का कहीं, न था । उससे एक सिक्किमी युवक ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने के कारण स्नोफॉल (बर्फ गिरना) में कमी आ गई है ।, , बढ़ते प्रदूषण के फलस्वरूप अनेक संकट और दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं । तापमान में वृद्धि होने से पर्वतों पर, कम होता जा रहा है और ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, इससे नदियों में जल को मात्रा कम होती जा रही है । जल,, भूमि सभी प्रदूषण के जहर से कुप्रभावित हो रहे हैं । न पीने को शुद्ध जल है, न साँस लेने को शुद्ध वायु । लोग
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कृतिका -?2 1 365, _> से ग्रस्त और तस्त हो रहे हैं । कैंसर, टी.बी., मधुमेह, मानसिक तनाव और रक्तचाप में वृद्धि आदि से पीड़ित लोगों, , ० ७, , त्रिरंतर बढ़ती जा रही है । वाहनों के बेतहाशा बढ़ते जाने से उाबुसाइल, पं न आना और बहरेपन के शिकार भी हो रहे हैं । शक्ल अल, &#*' ., “कटाओ' पर किसी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है । इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त, तर कट ह #. 1. 2858 2008, #* प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर "कटाओ' सिक्किम का अत्यन्त मनोहारी स्थल है । इसकी तुलना स्विट्जरलैंड से, _लो है। अधिक प्रसिद्ध न होने के कारण यहाँ पर्यटकों का आना कम ही होता है । यहाँ पर सबसे बड़ा आकर्षण बर्फ, है दुका का मन भी वहाँ बर्फ कि आनन्द लेने को मचल उठा लेकिन उसके पास लम्बे बूट नहीं थे । उसने बूट किराए, है! कली सोची लेकिन वहाँ कोई ऐसी दुकान नहीं थी । लेखिका को लगा कि कटाओ में किसी भी दुकान का न होना, , हे । इससे कयाओ का प्राकृतिक सौन्दर्य भी क्षीण होता जाएगा । अत: कठाओ में दुकानें न होना एक प्रकार से उसके, माटी कहा जात 8५, क्ष््वं ॥92कति ने जल-संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है ?, शक [0858 2008, 8. 1. 28582008, 2010. के- बो. प्रति. प्र. 2008], , प्रकृति द्वाग की गई जलसंचय की व्यवस्था बड़ी अनोखी और दूरगामी है । सर्दी के मौसम में पर्वतों के शिखरों, >्क के रूप में जल का भंडारण होता रहता है । ये शिखर जल के स्तंभों के समान हैं । गर्मी आने पर यह बर्फ पिघलकर, >द्वाओं का रूप ले के है । इससे करोड़ों लोगों को पीने और सिंचाई के लिए जल प्राप्त होता है । नदियों के रूप में, हल हुआ यह जल समुद्र में 5 मिलता है । समुद्र से भाप के रूप में उठता यह जल फिर बादल बनकर मैदानी प्रदेशों में, ढ््ह हैं और पर्वतीय क्षेत्र में बर्फ के रूप में जमा होना आरंभ हो जाता है । इस प्रकार यह चक्र निरंतर चलता रहता है ।, की द्रा की गई यह जल के भंडार और वितरण की व्यवस्था अचूक और अद्भुत है ।, , चल] का देश की सीमा पर तैनात फ़ौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैं ? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व, र-देश की पर्वतीय सीमा पर नियुक्त हमारे सैनिकों को बड़ी विषम परिस्थितियों में जीवन बिताना पड़ता है । जाड़ों, #ञ् तपमान शून्य से भी नीचे चला जाता है तब भी हाड़ कँपा देने वाली ठंड में ये प्रहरी पूरी सजगता और निष्ठा से देश, #म्रंम की सुरक्षा में लगे रहते हैं | देशवासी चैन की नींद सो सकें, इसके लिए ये रातों में जागते हैं | देश कौ अन्य, जज प भी हमारे फौजी अनेक असुविधाओं और कठिनाइयों को भोगते हुए अपने कर्त्तव्य का पालन करते हैं । घुसपैठियों, इज्जत हुए अपने प्राण भी न््योछावर कर देते हैं ।, जञम्मीमा के प्रहरियों के प्रति हमारे भी कुछ दायित्व हैं । हमें इनको पूरा सम्मान तो देना ही चाहिए, इसके साथ-साथ, फ़ पीवाएों की सुरक्षा और सुव्यवस्था पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए ताकि ये निश्चिन्त होकर अपने कर्त्तव्य को अंजाम दे, द्रे।, , भत्य महत्त्वपूर्ण पूर्ण परीव्शोपयोगी प्रश्नोत्तर |" ""प"---+-+ प्र, , & (6 एक वरदान के समान था । दुकानें होंगी तो वहाँ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और उसके साथ प्रदूषण भी अपने पैर, , , , , , ज्फ्क