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राजनीतिक दल, , परिचय, , लोकतंत्र की अपनी इस यात्रा में हमने कई बार राजनीतिक दलों की चर्चा की, है। कक्षा 9 में हमने देखा था कि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को बनाने,, संविधान रचने, चुनावी राजनीति और सरकार के गठन तथा संचालन में, राजनीतिक दलों की भूमिका होती है । इस पाठ्यपुस्तक में हमने राजनीतिक, दलों की सत्ता के बाँटवारे के वाहक और लोकतांत्रिक राजनीति में सामाजिक, समूहों की तरफ़ से मोल-तोल करने वाले माध्यम के रूप में चर्चा की है। इस, यात्रा को समाप्त करने से पहले, आइए, राजनीतिक दलों की प्रकृति और, कामकाज के बारे में करीब से जानने की कोशिश करें - खासकर अपने देश, के राजनीतिक दलों के बारे में । हमें दलों की ज़रूरत क्यों है ? लोकतंत्र के, लिए कितने दलों का होना बेहतर है ? इसी संदर्भ में हम मौजूदा समय के, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का परिचय देंगे और साथ ही यह देखने, का प्रयास करेंगे कि राजनीतिक दलों के साथ क्या खामियाँ जुड़ी हैं और उन्हें, दूर करने के लिए क्या किया जा सकता हे।, , , , 103ट॥06, , , , 2021-22
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राजनीतिक दलों की ज़रूरत क्यों?, , किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की संस्थाओं, में राजनीतिक दल अलग से दिखाई देते हैं।, , और राजनीतिक जीवन की हर बुराई के, लिए वे दलों को ही ज़िम्मेवार मानते हैं।, , , , अधिकतर आम नागरिकों के लिए लोकतंत्र, का मतलब राजनीतिक दल ही है। अगर, आप देश के दूर-दराज के और ग्रामीण, इलाकों में जाएँ और कम पढ़े-लिखे लोगों, से बात करें तो संभव है कि आपको ऐसे, लोग मिलें जिन्हें संविधान के बारे में या, सरकार के स्वरूप के बारे में कुछ भी, मालूम न हो । बहरहाल, राजनीतिक दलों के, बारे में उन्हें ज़रूर कुछ न कुछ मालूम होता, है। लेकिन पार्टियों के बारे में हर कोई कुछ, न कुछ जानता है तो इसका मतलब यह नहीं, , सामाजिक और राजनीतिक विभाजनों के लिए, भी दलों को ही दोषी माना जाता है।, , ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक रूप से, उठता है : क्या हमें सचमुच राजनीतिक, दलों की ज़रूरत है? करीब 100 साल, पहले दुनिया के बस कुछ ही देशों में और, वह भी गिनती के राजनीतिक दल थे।, आज गिनती के ही देश ऐसे हैं जहाँ, राजनीतिक दल नहीं हैं। दुनिया-भर के, लोकतांत्रिक देशों में राजनीतिक दल इतने, सर्वव्यापी क्यों हो गए? आइए, सबसे पहले, , , , कि पार्टियाँ बहुत लोकप्रिय हैं। अधिकतर, लोग आम तौर पर दलों के बारे में खराब, , इस सवाल का जवाब दें कि राजनीतिक, दल क्या हैं और वे क्या करते हैं। उनकी, , , , राय रखते हैं। अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था, , ज़रूरत पर चर्चा इसके बाद होगी।, , राजनीतिक दल का अर्थ, , राजनीतिक दल को लोगों के एक ऐसे संगठित, समूह के रूप में समझा जा सकता है जो, चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक, सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता, है। समाज के सामूहिक हित को ध्यान में, रखकर यह समूह कुछ नीतियाँ और कार्यक्रम, तय करता है। सामूहिक हित एक विवादास्पद, विचार है। इसे लेकर सबकी राय अलग-अलग, , , , चुनाव आयोग ने चुनाव के समय दीवार-लेखन पर रोक लगा दी, है। अधिकांश दलों का कहना है कि यह चुनाव प्रचार का सबसे, सस्ता तरीका था। चुनाव के समय दीवारों का नज़ारा देखने, लायक होता था। यहाँ तमिलनाडु से दीवार-लेखन के कुछ, उदाहरण दिए गए हैं।, , , , , , 2021-22
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आर के लक्ष्मण-ब्रशिंग अप द इयर्स, , होती है। इसी आधार पर दल लोगों को यह, , हे कहाँ चले गए?, , , , ॥ ?हृरि। $' इतने आड़े वक्त में हमारे सारे, , हि दल चुनाव लड़ते हैं। अधिकांश, , , , समझाने का प्रयास करते हैं कि उनकी, , लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक दलों, , , , नीतियाँ औरों से बेहतर हैं। वे लोगों का, समर्थन पाकर चुनाव जीतने के बाद उन, नीतियों को लागू करने का प्रयास करते हैं।, इस प्रकार दल किसी समाज के बुनियादी, राजनीतिक विभाजन को भी दर्शाते हैं। पार्टी, समाज के किसी एक हिस्से से संबंधित, होती है इसलिए उसका नज़रिया समाज के, उस वर्ग/समुदाय विशेष की तरफ़ झुका, होता है। किसी दल की पहचान उसकी, नीतियों और उसके सामाजिक आधार से, तय होती है। राजनीतिक दल के तीन प्रमुख, हिस्से हें 1, ७ नेता, ७ सक्रिय सदस्य; और, ७ अनुयायी या समर्थक, , राजनीतिक दल के कार्य, , राजनीतिक दल क्या करते हैं? मूलतः, राजनीतिक दल राजनीतिक पदों को भरते हैं, और राजनीतिक सत्ता का इस्तेमाल करते हैं।, दल इस काम को कई तरह से करते हैं , द्वारा खड़ा किए गए उम्मीदवारों के बीच, लड़ा जाता है। राजनीतिक दल उम्मीदवारों, का चुनाव कई तरीकों से करते हैं। अमरीका, जैसे कुछ देशों में उम्मीदवार का चुनाव, दल के सदस्य और समर्थक करते हैं। अब, इस तरह से उम्मीदवार चुनने वाले देशों, की संख्या बढ़ती जा रही है। अन्य देशों,, जैसे भारत में, दलों के नेता ही उम्मीदवार, चुनते हैं।, , ह्ञ इल अलग-अलग नीतियों और कार्यक्रमों, को मतदाताओं के सामने रखते हैं और, मतदाता अपनी पसंद की नीतियाँ और कार्यक्रम, चुनते हैं। देश के लिए कौन-सी नीतियाँ, ठीक हैं - इस बारे में हममें से सभी की, राय अलग-अलग हो सकती है। पर कोई, भी सरकार इतने अलग-अलग विचारों को, एक साथ लेकर नहीं चल सकती। लोकतंत्र, में समान या मिलते-जुलते विचारों को एक, साथ लाना होता है ताकि सरकार की नीतियों, को एक दिशा दी जा सके। पार्टियाँ यही, काम करती हैं। पार्टियाँ तरह-तरह के विचारों, , , , 2021-22
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भेद खोले, , शासक दल : जिस दल का, शासन हो यानी जिसकी, सरकार बनी हो।, , , , को कुछ बुनियादी राय तक समेट लाती हें, जिनका वे समर्थन करती हैं। सरकार प्रायः, शासक दल की राय के अनुरूप अपनी, नीतियाँ तय करती है।, , हि. पार्टियाँ देश के कानून निर्माण में निर्णायक, भूमिका निभाती हैं। कानूनों पर औपचारिक, बहस होती है और उन्हें विधायिका में पास, करवाना पड़ता है लेकिन विधायिका के, अधिकतर सदस्य किसी न किसी दल के, सदस्य होते हैं। इस कारण वे अपने दल के, नेता के निर्देश पर फ़ैसला करते हैं।, , हु्न इल ही सरकार बनाते और चलाते हैं।, हमने पिछले साल पढ़ा था कि नीतियों और, बड़े फ़ैसलों के मामले में निर्णय राजनेता ही, लेते हैं और ये नेता विभिन्न दलों के होते हैं।, पार्टियाँ नेता चुनती हैं, उनको प्रशिक्षित करती, हैं और फिर पार्टी के सिद्धांतों और कार्यक्रम, के अनुसार फ़ैसले करने के लिए उन्हें मंत्री, बनाती हैं ताकि वे पार्टी की इच्छा के अनुसार, सरकार चला सकें।, , हिल चुनाव हारने वाले दल शासक दल के, विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं। सरकार, की गलत नीतियों और असफलताओं की, आलोचना करने के साथ वह अपनी अलग, राय भी रखते हैं। विपक्षी दल सरकार के, , जान-पहचान बनाना, उससे संपर्क साधना, आसान होता है। इसी कारण लोग दलों पर, पूरा विश्वास न करते हुए भी उन्हें अपने, करीब मानते हैं। दलों को भी हर हाल में, लोगों की माँगों और ज़रूरतों पर ध्यान देना, होता है वरना अगले चुनाव में लोग उन्हें, धूल चटा सकते हैं।, , राजनीतिक दल की ज़रूरत, , दलों के काम की इस सूची से उस सवाल, का जवाब मिलता है जो इस खंड की, शुरुआत में पूछा गया था। दरअसल हमें, राजनीतिक दलों की ज़रूरत इन्हीं कामों के, लिए है। पर हमें अभी भी इस सवाल को, पूछने की ज़रूरत है कि आधुनिक लोकतंत्र, राजनीतिक दलों के बिना क्यों नहीं चल, सकता? दलों के बिना क्या स्थिति होगी इसकी कल्पना करके ही हम उनकी ज़रूरत, को समझ सकते हैं। अगर दल न हों तो सारे, उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्दलीय होंगे। तब,, इनमें से कोई भी बड़े नीतिगत बदलाव के, बारे में लोगों से चुनावी वायदे करने की, स्थिति में नहीं होगा। सरकार बन जाएगी पर, उसकी उपयोगिता संदिग्ध होगी। निर्वाचित, प्रतिनिधि सिर्फ़ अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किए, , , , खिलाफ़ आम जनता को भी गोलबंद करते हैं।, छह. जनमत-निर्माण में दल महत्वपूर्ण भूमिका, निभाते हैं। बे मुद्दों को उठाते और उन पर, बहस करते हैं। विभिन्न दलों के लाखों, , गए कामों के लिए जवाबदेह होंगे। लेकिन,, देश कैसे चले इसके लिए कोई उत्तरदायी, नहीं होगा।, , हम गैर-दलीय आधार पर होने वाले, , , , कार्यकर्ता देश-भर में बिखरे होते हैं। समाज, के विभिन्न वर्गों में उनके मित्र संगठन या, दबाव समूह भी काम करते रहते हैं। दल, कई दफ़े लोगों की समस्याओं को लेकर, आंदोलन भी करते हैं। अक्सर विभिन्न दलों, द्वारा रखी जाने वाली राय के इर्द-गिर्द ही, समाज के लोगों की राय बनती जाती है।, , ज्व दल ही सरकारी मशीनरी और सरकार, द्वारा चलाए जाने वाले कल्याण कार्यक्रमों, तक लोगों की पहुँच बनाते हैं। एक साधारण, नागरिक के लिए किसी सरकारी अधिकारी, , पंचायत चुनावों का उदाहरण सामने रखकर, भी इस बात की परख कर सकते हैं। हालाँकि, इन चुनावों में दल औपचारिक रूप से अपने, उम्मीदवार नहीं खड़े करते लेकिन हम पाते हैं, कि चुनाव के अवसर पर पूरा गाँव कई खेमों, में बँट जाता है और हर खेमा सभी पदों के, लिए अपने उम्मीदवारों का 'पैनल' उतारता है।, राजनीतिक दल भी ठीक यही काम करते हैं।, यही कारण है कि हमें दुनिया के लगभग, सभी देशों में राजनीतिक दल नज़र आते हैं चाहे वह देश बड़ा हो या छोटा, नया हो या, , , , की तुलना में किसी राजनीतिक कार्यकर्ता से, , पुराना, विकसित हो या विकासशील।, , , , 2021-22
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राजनीतिक दलों का उदय प्रतिनिधित्व, पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार, के साथ जुड़ा है। हम पढ़ चुके हैं कि बड़े, समाजों के लिए प्रतिनिधित्व आधारित लोकतंत्र, की ज़रूरत होती है। जब समाज बड़े और, जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर, , ज़रूरत होती है ताकि एक ज़िम्मेवार सरकार, का गठन हो सके। उन्हें सरकार का समर्थन, करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ, बनवाने और नीतियों का समर्थन अथवा, विरोध करने के लिए उपकरणों की ज़रूरत, होती है। प्रत्येक प्रतिनिधि-सरकार की ऐसी, , , , अलग-अलग विचारों को समेटने ने और सरकार, की नज़र में लाने के लिए किसी माध्यम या, एजेंसी की ज़रूरत होती है। विभिन्न जगहों, से आए प्रतिनिधियों को साथ करने की, , > हे, ह चर, , 2 ड 1, , $ हे, फिजा? कब श्र राजनीतिक दलों की गतिविधियाँ दर्शाने वाली इन तस्वीरों का वर्गीकरण करें। ऊपर बताई गई गतिविधयों से, संबंधित अपने इलाके की कोई तस्वीर या खबर की कतरन ढूँढिए।, , थन, कि ्क, , चक्रवर्ती, द, , (1) पी.वी. सुब्रहमण्यम (2) के., (3) आर.आर. कोनवार (4) ए., , जो भी ज़रूरतें होती हैं, राजनीतिक दल, उनको पूरा करते हैं। इस तरह हम कह, सकते हैं कि राजनीतिक दल लोकतंत्र की, एक अनिवार्य शर्त हैं।, , , , , , , 1. भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता प्याज और रसोई गैस की कीमतें बढ़ने के विरोध में प्रदर्शन करती हुईं।, 2. जहरीली शराब पीने से मरे व्यक्तियों के परिवारों को एक लाख रुपए का चेक देते मंत्री।, 3. कोरिया की कंपनी पोस्को को ओडिसा से लौह अयस्क निर्यात करने की अनुमति देने पर राज्य सरकार के खिलाफ़, , माकपा, भाकपा, ओजी पी और जद (एस) के कार्यकर्ता जुलूस निकालते हुए।, , , , कितने राजनीतिक दल?, , लोकतंत्र में नागरिकों का कोई भी समूह, राजनीतिक दल बना सकता है। इस, औपचारिक अर्थ में सभी देशों में बहुत से, राजनीतिक दल हैं। भारत में ही चुनाव आयोग, में नाम पंजीकृत कराने वाले दलों की संख्या, 750 से ज़्यादा है। लेकिन, हर दल चुनाव में, गंभीर चुनौती देने की स्थिति में नहीं होता।, , चुनाव जीतने और सरकार बनाने की होड़ में, आमतौर पर कुछेक पार्टियाँ ही सक्रिय होती, हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि लोकतंत्र, की बेहतरी के लिए कितने दलों का होना, अच्छा है?, , कई देशों में सिर्फ़ एक ही दल को, सरकार बनाने और चलाने की अनुमति है।, , , , 2021-22