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26: भारतीय संविधान समर्पित है(७) संविधान सभा को (७) संसद को, (०) संपूर्ण मानव समाज को (9) भारत के लोगों को, , शत (द गर्ग ए.०. (01) 2घ2 नश्ये| (0) राज्य का एक नीति निदेशक तत्व है, (व), , 30. “व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता, करना"- पे, , (४) भारत के प्रत्येक नागरिक का मूल कर्तव्य है, , ॥, , ला छे, , , , , , व्याख्या - उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।, , , , , , 27. भारत के संविधान की उद्देशिका के पाठ का उद्देश्य(७) सभी व्यक्तियों को मूल अधिकार प्राप्त कराना है, (७) भारत के नागरिकों को मूल कर्तव्य प्राप्त कराना है, +-(० व्यक्ति की गरिमा तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित, , करा है, _(9) सरकारी सेवकों को सेवा की सुरक्षा की प्रतिभूति प्रदान करना है, , है ए.०. ए,८.5. 2003, 2007, उत्तर - (९0), , , , व्याख्या - भारत के संविधान की उद्देशिका के पाठ का उद्देश्य, व्यक्ति की गरिमा तथा झक्ति की गरिमा तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित, के न न, , करना है, है, जिसमें समाजवादी, पंथ निरपेक्ष और अखण्डता शब्द, 42 वें संविधान संशोधन, 1976 वें सं पृ 1976 द्वारा जोड़ा गया है।, , 28. भारत के संविधान की उद्देशिका के पाठ का उद्देश्य(०) सभी व्यक्तियों को मूल अधिकार प्राप्त कराना है, (9) -सरकारी सेवकों को सेवा की सुरक्षा की प्रतिभूति प्रदान करना है, (०) भारत के सभी नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, और उपासना की स्वतंत्रता प्राप्त कराना है, (७) भारत के नागरिकों को मू को मूल कर्तव्य प्राप्त कराना है, एआरभां2्शता ?,८.5 2005, , , , , , , , , , उत्तर - (०0, , , , व्याख्या - भारतीय संविधान की- प्रस्तावना का-उद्देश्य भारत के., समस्त नागरिकों को-विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना, की स्वतंत्रता स्वतंत्रता उपलब्ध कराना है कराना है। सूंविधान की उद्देशिका संविधान, का अंग तथा संविधान निर्माताओं के विचारों का दर्पण है,, , , , , , , , 29. निम्नलिखित में से कौन-सा कथ, <_€6 उद्देशिका, संविधान निर्माताओं के विचारों को जानने की कुंजी है, >> उद्देशिका, जनता के आदर्शों, आशाओं, निष्ठा और आकांक्षाओं, को सम्मिलित करती है, उद्देशिका, संविधान निर्माताओं के आशय एवं संविधान के, , उद्देश्यों को सम्मिलित करती है, , 92९9) संविधान की उद्देशिका का कोई महत्व नहीं की उद्देशिका का कोई महत्व नहीं है। यह संविधान, , के परिचय से अधिक कुछ नहीं है, परिचय से अधिक कुछ नहीं, , पावन ए,९.5. (7) (शा) 2009, उत्तर - (0), , , , 1 > संविधान की उद॒देशिका का कोई महत्व नहीं है। यह ., संविधान के परिचय से अधिक कुछ नहीं है' असत्य है| संविधान,, को प्रस्तावना उन मौलिक मूल्यों व दर्शन पर आधारित + प्रत्तावना उन मौलिक मूल्यों व दर्शन पर आधारित है तथा, उन लक्ष्य व उद्देश्यों के प्रति प्रेरित हैं जिनको संविधान लक्ष्य व | के प्रति प्रेरित है जिनको संविधान के, , संस्थापक पिता भारतीय शासन व्यवस्था में प्राप्त करना चाहते थे।, उत्तम न्यायालय ने भी उद॒देशिका को बहुत महतवपर्ण व उपयोगी, , उच्चतम न्यायालय ने भी, , कहा है।, , , , , , , (०) भारत के संविधान की प्रस्तावना के अंतर्गत एक न अंतर्गत एक संकल, (0) भारत में प्रत्येक व्यक्ति का एक मूल कर्तव्य है, , ए.ए,1.07छ (श्छे %२, उत्तर - (०), , आशय - “व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता एवं अख्ण्डता, सुनिश्चित करना” भारत के संविधान की प्रस्तावना के अंतर्गह, एक संकल्प है।, , , , , , 31. भारत के संविधान की प्रस्तावना के अंतर्गत निम्न में से कौनः, क्रम सही है- /, (७) प्रभुसत्ता संपन्न, लक धर्मनिरुदठा (पंथनिरऐे पंथनिरपेक्ष),, प्रजातांत्रिक गणतंत्र &2, (0) प्रमुसत्ता संपन्न, धर्मनिरपेक्ष (पंथनिरपेक्ष), समाजवादी,, प्रजातांत्रिक गणतंत्र, (०) प्रभुसत्ता संपन्न, समाजवादी, प्रजातांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, (पंथनिरपेक्ष) गणतंत्र, (0) प्रभुसत्ता संपन्न, धर्मनिरपेक्ष (पंथनिरपेक्ष), प्रजातांत्रिक,, समाजवादी गणतंत्र, ए.ए. 1.0०एछकः (59) 21, उत्तर - (9) ., , , , नल - भारतीय संविधान की उद्देशिका में शब्दों का सही क्र, इस प्रकार है- "हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष (पंथनिरपेक्ष), लोकतांत्रिक गणराज्य बनाः, के लिए...।' ज्ञातव्य है कि प्रस्तावना में समाजवाद्ी, पंथनिरपेद, और अखण्डता शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 197, द्वारा जोड़े गए हैं। इन जोड़े गए शब्दों की धारणाएं संविधान 1, पहले से ही निहित थीं। प्रस्तुत संशोधन द्वारा उन्हें स्पष्ट क, , , , दिया गया है।, , , , 32. हमारे संविधान की उद्देशिका में पद “मारतीय गणतंत्र" का संदर्म, (9) एक संप्रभु तथा समाजवादी गणतंत्र से, (७) एक संप्रभु, समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र से, (०) एक समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र से, (0) एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष प्रजातांत्रिक गणतंत्र रं, या 7 एफएट5.:, उत्तर - (0), , , , [खासा -उर्पुक्तप्रलकी बाध्य देखी... - उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।, , , , , , 33. संविधान के निर्वचन में उद्देशिका(0) पूर्णतः असुसंगत है, (0) सुसंगत है किन्तु वहीं जहां मूल संरचना के तत्वों को जा, (०) सुसंगत है किन्तु केवल संविधान की भावना जानने के, ०(0) जहां भी किरी उपबंध का अर्थ संदिग्ध है, वहां सुसंग, ए. ९८.5., उत्तर - (0)