Page 2 :
6., विज्ञान कक्षा-9 ( S.A.-I), पदार्थ- विश्व में प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी है, उसे पदार्थ कहा जाता है और हमारे आस- पास, विद्यमान हर वस्तु में पदार्थ है ।, पदार्थ स्थान घेरता है और इसका द्रव्यमान होता है ।, कणों के भौतिक गुण, पदार्थ कणों से बना है। यह सतत् नहीं है । पदार्थ के कण अत्यंत छोटे होते हैं ।, पदार्थ के कणों के अभिलाक्षणिक गुण-, पदार्थ के कण निरंतर गति करते हैं। यानि उनके पास गतिज ऊर्जा होती है ।, तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है क्योंकि कणों की गतिज ऊर्जा बढ़, जाती है।, पदार्थ के कणों के बीच में रिक्त स्थान होता है ।, 1., 2., पदार्थ के कण दूसरे तरह के, जब हम चाय, कॉफी या नीबू पानी बनाते हैं तो एक तरह, पदार्थ के कणों के बीच उपस्थिति रिक्त स्थान में समावेशित हो जाते हैं । इससे पता चलता है।, कि पदार्थ के कणों के बीच में पर्याप्त रिक्त स्थान होता है ।, लवण के साथ, चम्मच, जल, जल, जल, लवण डाला, हिलाया, लवण, लवण, लाख गुना आवर्धित, पानी के कण, चित्र-कण बहुत छोटे होते हैं और उनके बीच में रिक्त स्थान होता है, पदार्थ के कण एक- दूसरे को आकर्षित करते हैं।, जब हम पानी के नल को खोलते हैं और पानी की धार को अपनी अँगुली से तोड़ने की कोशिश, करते हैं। क्या वह धार टूट जाती है-नहीं । क्योंकि पानी की धार जुड़ी रहती है । इसका मतलब, यह है पानी के कण एक-दूसरे के साथ आकर्षण बल से जुड़े होते हैं।, पदार्थ के कणों के बीच का रिक्त स्थान और उनकी गतिज ऊर्जा ठोस पदार्थों में सबसे, कम होती है द्रव अवस्था में मध्यम और गैसीय अवस्था में अत्यधिक होते हैं ।, आकर्षण बल भी ठोस में अत्यधिक, द्रव में मध्यम और गैस में सबसे कम होता है ।, गैसीय अवस्था में कणों में गति मध्यम होती है । द्रव अवस्था में और न्यूनतम होती है ठोस, अवस्था में भी अधिकतम होती है।, 3.
Page 3 :
7, हमारे आस-पास के पदार्थ, ठोस, (a), द्रव, (b), (c), गैस, ठोस, द्रव, गैस, चित्र-तीनों अवस्थाओं के कणों का योजनाबद्ध आवर्धित चित्रण, पदार्थ की अवस्थाएँ, भौतिक रूप से पदार्थ तीन अवस्थाओं में पाया जाता है -, (i) ठोस अवस्था, (ii) द्रव अवस्था (ii) गैसीय अवस्था।, हम मानव शरीर को भी पदार्थ की तीन अवस्थाओं में विभाजित कर सकते हैं ।, (i) हड्डियों और दाँत-ठोस अवस्था, (ii) (Blood) रक्त और जल-द्रव अवस्था, (iii) फेफड़ों में हवा- गैसीय अवस्था और 70% पानी हमारे शरीर में मौजूद है ।, ठोस अवस्था, (1) एक निश्चित आकार होता है ।, (2) ठोस अवस्था में स्पष्ट सीमाएँ होती हैं ।
Page 4 :
विज्ञान कक्षा- 9 (S.A. - ), 8, (3) निश्चित या स्थिर आयतन होता है ।, (4) इनकी संपीड्यता नगण्य होती है । ये दृढ़ होते हैं ।, उदाहरण-, बल लगाने से रबड़ बैंड का आकार बदल जाता है, लेकिन बल हटा लेने से यह पुनः अपने, मूल आकार में आ जाता है। अगर अत्यधिक बल लगाया जाए तो रबड़ बैंड टूट जाता है।, ठोस पदार्थों में कणों की गतिज ऊर्जा न्यूनतम होती है इसलिए ठोस पदार्थों का एक निश्चित, और दृढ़ (rigid) आकार होता है ।, शर्करा और नमक जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं। लेकिन ये ठोस, पदार्थ हैं। क्योंकि क्रिस्टलों का आकार वही रहता है।, हाथ से दबाकर स्पंज को काफी हद तक संपीडित कर सकते हैं । लेकिन फिर भी यह ठोस, है। कारण यह है कि स्पंज के छिद्रों में हवा भरी होती है, दबाने से हवा बाहर निकल जाती, है।, द्रव अवस्था, (1) द्रव तरल होते हैं, उनमें बहाव होता है ।, (2) द्रव का कोई स्थिर आकार नहीं होता है । वे बर्तन का आकार लेते हैं ।, (3) द्रव का निश्चित आयतन होता है।, (4) द्रवों में बहुत कम संपीडन होता है ।, द्रव के करणों का आकर्षण बल, उसका आयतन निश्चित रखता है।, द्रव जिस बर्तन में रखे जाते हैं, वह उसी बर्तन का आकार ले लेते, * गैसें जैसे ऑक्सीजन (Oxygen) और कार्बन-डाइ-ऑक्साइड (CO,) पानी में विसरण करती हैं।, और यही जलीय पौधे व जीव (aquatic plants and animals) पानी में घुली ऑक्सीजन के कारण ही,, पानी में साँस ले पाते हैं।, द्रव अवस्था में विसरण अधिक होता है और ठोस अवस्था में कम होता है क्योंकि कणों में गति, द्रव में ज्यादा होती है, और ठोस में कणों की गति कम होती है ।, गैसीय अवस्था, (1) गैसों में बहाव होता है।, (2) गैसों में संपीडन अधिक होता है।, (3) गैसों में कोई निश्चित सीमाएँ नहीं होती हैं।, (4) गैसों में कोई निश्चित आकार नहीं होता है ।, (5) गैसों में कोई निश्चित आयतन नहीं होता है ।, गैस में कण इधर-उधर घूमने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होते हैं, उनमें आकर्षण बल कम, होता है इसलिए गैसों में बहाव होता है ।, गैस का कोई निश्चित आयतन नहीं होता है इसलिए गैस जिस भी बर्तन में रखी जाती है, वह, उसी बर्तन का आयतन घेर लेती है ।