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अध्याय, 1, परिचय, (Introduction), 1.1 परिचय, भारत जैसे कृषि प्रधान देश में, सूखे के हालात में, भारतीय किसान भयंकर दोपहर में जब आकाश की ओर देखते हैं,, तो मानो पानी की माँग कर रहे हों। सिंचाई के उपयुक्त साधन न होने पर, किसानों को सिंचाई के लिए वर्षा पर ही निर्भर, होना पड़ता है।, भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि कार्य करने के लिए बहुत -से कृषि सम्बन्धी उपकरण, हानिकारक कीटों व, खरपतवार को नष्ट करने के लिए कीटनाशक दवायें एवं उर्वरकों के अतिरिक्त श्रेष्ठ किस्म का बीज, उपजाऊ भूमि तथा, धूप, पानी व वायु की आवश्यकता होती है। आदिकाल से सिंचाई का प्राकृतिक साधन वर्षा ही रहा है और अभी भी है ।, लेकिन उत्तम कृषि कार्य के लिए सिंचाई के लिए केवल वर्षा पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। आधुनिक युग में सिंचाई के, लिए अब कृत्रिम साधनों का भी प्रयोग होने लगा है।, परिभाषा (Definition), सिंचाई अभियांत्रिकी, इन्जीनियरिंग की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत जल स्रोतों से पानी लेकर खेतों तक पहुँचाने, वाले माध्यमों का निर्माण, अभिकल्पन, नियंत्रण व मरम्मत का अध्ययन किया जाता है । खेतों पर फसलों को उनकी माँग, के अनुरूप व्यवस्थित ढंग से पानी देना, सिंचाई कहलाती है ।, सिंचाई अभियांत्रिकी का क्षेत्र काफी विस्तृत है। सिंचाई इन्जीनियरी कृषि से घनिष्ठतापूर्वक सम्बन्धित है क्योंकि जिस, प्रकार कृषि का क्षेत्र विस्तृत है, उसी प्रकार सिंचाई इन्जीनियरी का क्षेत्र दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।, सिंचाई अभियांत्रिकी के अन्तर्गत नहरों का निर्माण, नदियों पर बनाये गये बाँध, बाढ़ नियन्त्रण, जललग्नता, ऊसर, भूमि सुधार, उद्वाहन सिंचाई, नलकूप आदि आते हैं।, सिंचाई की आवश्यकता (Necessity of Irrigation), पौधों के लिए पानी के अतिरिक्त कोई भी ऐसा अन्य तत्व नहीं है, जो पानी की आवश्यकता को पूर्ण कर सके,, क्योंकि फसल बुवाई से पहली सिंचाई (पलेवा) से लेकर, बीजों के अंकुरण , पौधों की उत्पत्ति, पोषक तत्तवों की माँग -पूर्ति,, बढ़ोत्तरी तथा बीजों के पकने तक, समय-समय पर खेतों को पर्याप्त मात्रा में पानी देने की आवश्यकता पड़ती है।, भारत एक ऐसा देश है, जहाँ पर कई प्रकार की जलवायु, बहुत सी स्थलाकृति पायी जाती है, जो एक-दूसरे से पूर्णतः, भिन्न होती है। देश के किसी हिस्से में भयंकर वर्षा होती है, तो किसी अन्य भाग में सूखे के हालात होते हैं। सामान्यत:, वर्षा का मौसम मात्र चार महीने (June to September) का होता है बाकी आठ महीने वर्षा नाममात्र की हो सकती है।, अतः किसान फसलों की अच्छी पैदावार के लिए सिंचाई हेतु वर्षा पर निर्भर नहीं रह सकता है। उपरोक्त तथ्यों का सारांश, यह है कि सिंचाई की निम्नलिखित परिस्थितियों में आवश्यकता होती है जब-, (i) वर्षा का उचित मात्रा में न होना।, (ii) फसल की आवश्यकता के समय पानी का न होना।