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कब्ज़ दूर करने के लिए रोजाना रात में सोने से पहले गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन करें।, पेट में गैस की समस्या (एसिडिटी) से राहत, , कब्ज़ के अलावा पेट से जुड़ी एक और समस्या है एसिडिटी जिससे अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। यह समस्या गलत, खानपान और अनियमित रहन सहन की वजह से होती है। त्रिफला चूर्ण पेट फूलने, पेट में गैस की समस्या, (हाइपरएसिडिटी) आदि सभी रोगों से आराम दिलाता है।, , उपयोग विधि :, आधे चम्मच त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ रोजाना सुबह दोपहर और शाम को लें।, आंखों के लिए फायदेमंद, , बहुत कम लोग इस बारे में जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण आखों के लिए भी फायदेमंद है। यह आंखों को स्वस्थ रखने के, साथ-साथ आंखों को अनेक रोगों से बचाता भी है।, , उपयोग विधि :, , एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर के लिए ठंडे पानी में भिगोकर रख दें। अगली सुबह इसे छानकर पानी अलग कर लें, और उस पानी से आंखों को अच्छी तरह धोएं। ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों से जुड़े अनेक रोगों, से बचाव होता है।, , वजन घटाने और मोटापा कम करने में सहायक, , अगर आप बढ़ते वजन और मोटापे से से परेशान हैं और इससे जल्दी निजात पाना चाहते हैं तो त्रिफला आपके लिए एक, कारगर औषधि हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण हैं जो पाचन शक्ति बढ़ाने और वजन घटाने में, सहायक है। इसलिए नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।, , उपयोग विधि :, , 200 एमएल पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर इसे रात भर के लिए रख दें। अगली सुबह इस पानी को तब तक, उबालें जब तक यह घटकर आधा ना रह जाए। अब इस बचे मिश्रण को 2 चम्मच शहद के साथ लें। नियमित रूप से, इसका सेवन करने पर कुछ ही हफ़्तों में मोटापा कम होने लगता है।, , पाचन शक्ति बढ़ाता है, , पाचन शक्ति कमजोर होने से कई बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण हैं जो पाचन, शक्ति को मजबूत बनाते हैं और पेट संबंधी रोगों का खतरा कम करते हैं। इसलिए अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है, तो चिकित्सक की सलाह लेकर त्रिफला का सेवन शुरू कर दें।, , बालों का झड़ना रोकता है
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आजकल अधिकांश लोग बाल झड़ने की समस्या से परेशान रहते हैं और रोज बालों को झड़ने से रोकने के नए तरीके, आजमाते रहते हैं। लेकिन अगर आप आयुर्वेद की मदद लें तो बाल झड़ने की समस्या से निजात पा सकते हैं। आयुर्वेदिक, विशेषज्ञों के अनुसार त्रिफला चूर्ण के सेवन से बालों का गिरना काफी हद तक कम किया जा सकता है।, , उपयोग विधि :, , 2-5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को 125 एमएल लौह भस्म में मिलाकर रोजाना सुबह और शाम को सेवन करें।, , भूख बढ़ाता है, , त्रिफला में आंवला, हरड़ और बहेड़ा होता है और ये तीनों ही फल पेट के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। यही वजह है कि, पेट से जुड़ी लगभग सभी समस्याओं के लिए त्रिफला चूर्ण सर्वोतम औषधि मानी जाती है। आयुर्वेद में इसके गुणों का, , उल्लख करते हुए लिखा गया है कि इसके सेवन से भूख और पाचन शक्ति बढ़ती है। इसलिए यदि आपको भूख कम, लगती है या कमजोर पाचन शक्ति है तो त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन करें।, , मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी, , त्रिफला चूर्ण मूत्र संबंधी समस्याओं में भी उपयोगी है। इसके सेवन से रूक-रूक कर पेशाब आना, पेशाब में जलन आदि, समस्याओं से आराम मिलता है।, , उपयोग विधि :, त्रिफला, अनार और चिरौंजी का साथ में सेवन मूत्र संबंधी समस्याओं में उपयोगी है।, गोनोरिया में उपयोगी, , गोनोरिया एक यौन संचारित बीमारी है जो बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होती है। यह बीमारी पुरुषों और महिलाओं दोनों, को हो सकती है। त्रिफला चूर्ण गोनोरिया के इलाज में उपयोगी है। हालांकि गोनोरिया के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन, चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें।, , कुष्ठरोग में फायदेमंद, , कुष्ठरोग त्वचा से संबंधित एक समस्या है जिसमें त्वचा पर सफ़ेद दाग , गांठे या घाव होने लगते हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों, के अनुसार कुष्ठरोग में त्रिफला का सेवन लाभकारी होता है। अगर आप कुष्ठरोग से पीड़ित हैं तो चिकित्सक की सलाह, अनुसार त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।, , मलेरिया में लाभकारी, , गर्मियों और मानसून के मौसम में मलेरिया का प्रकोप काफी बढ़ जाता है। मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी बच्चों में, बहुत ज्यादा होती है। त्रिफला चूर्ण मलेरिया में होने वाले बुखार से आराम दिलाने में सहायक है। इसका सेवन किसी भी, उम्र के लोग कर सकते हैं।, , उपयोग विधि
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त्रिफला से तैयार काढ़े की 20 एमएल मात्रा का सेवन करना मलेरिया में लाभकारी माना जाता है।, , अब आप त्रिफला के फायदों से भलीभांति परिचित हो चुके हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप त्रिफला का, इस्तेमाल किसी गंभीर बीमारी के इलाज में कर रहे हैं तो चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही इसका सेवन करें।