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विलयन को एक शंक्वाकार फ्लास्क में लीजिए, एवं X के विलयन को एक छोटी परख नली, में लीजिए।, छोटी परख नली को विलय युक्त फ्लास्क में इस, से निर्मित होता है। इस प्रकार प्राप्त यौगिकों में, इन, तत्वों का अनुपात स्थिर होता है चाहे इसे किसी स्थान, से प्राप्त किया गया हो अथवा किसी ने भी इसे बनाया, हो।, प्रकार लटकाइए ताकि दोनों विलयन परस्पर, मिश्रित न हों। तत्पश्चात् फ्लास्क के मुख पर एक, कार्क चित्र 3.1 की भाँति लगाइए।, यौगिक जल में हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के, द्रव्यमानों का अनुपात सदैव 1:8 होता है चाहे जल का, स्रोत कोई भी हो। इसी प्रकार यदि 9 g जल का, अपघटन करें तो सदैव 1 g हाइड्रोजन तथा 8g ऑक्सीजन, ही प्राप्त होगी। इसी प्रकार अमोनिया (NH.) में, नाइट्रोजन, एवं हाइड्रोजन द्रव्यमानों के अनुसार सदैव 14:3 के, अनुपात में विद्यमान रहते हैं, चाहे अमोनिया किसी भी, प्रकार से निर्मित हुई हो अथवा किसी भी स्रोत से ली, गई हो।, उपरोक्त उदाहरणों से स्थिर अनुपात के नियम की, व्याख्या होती है जिसे निश्चित अनुपात का नियम भी, कार्क, डोरी, -शंक्वाकार फ्लास्क, -छोटी परख नली, -X का विलयन, -Y का विलयन, चित्र 3.1: Y के विलयन युक्त शंक्वाकार फ्लास्क में डूबी कहते हैं। प्राउस्ट ने इस नियम को इस प्रकार से व्यक्त, हुई x के विलयन युक्त छोटी परख नली।, किया था "किसी भी यौगिक में तत्व सदैव एक, निश्चित द्रव्यमानों के अनुपात में विद्यमान होते हैं"।, अंर्तवस्तु युक्त फ्लास्क को सावधानीपूर्वक तौल, लीजिए।, जॉन डाल्टन का जन्म सन् 1766, अब फ्लास्क को झुकाकर इस प्रकार घुमाएँ, जिससे X एवं Y के विलयन परस्पर मिश्रित हो, जाएँ।, अब इस फ्लास्क को पुन: तौल लीजिए ।, शंक्वाकार फ्लास्क में क्या अभिक्रिया हुई?, क्या आप सोचते हैं कि कोई रासायनिक अभिक्रिया, हुई?, फ्लास्क के मुख पर कार्क क्यों लगाते हैं?, क्या फ्लास्क के द्रव्यमान एवं अंतर्वस्तुओं में, कोई परिवर्तन हुआ?, में इंग्लैंड के एक गरीब जुलाहा, परिवार में हुआ था। बारह वर्ष, की आयु में उन्होंने एक शिक्षक, के रूप में अपनी जीविका शुरू, की। सात साल बाद वह एक, जॉन डाल्टन, स्कूल के प्रिंसिपल बन गए।, सन् 1793 में जॉन डाल्टन एक कॉलेज में गणित,, भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने के लिए मैनचेस्टर, चले गए। वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश, समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। सन्, 1808 में इन्होंने अपने परमाणु सिद्धांत को प्रस्तुत, किया, जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण, सिद्धांत साबित हुआ।, द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार किसी, रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन, किया जा सकता है न ही विनाश ।, 3.1.2 स्थिर अनुपात का नियम, वैज्ञानिकों की अगली समस्या इन नियमों की उचित, लवाइजिए एवं अन्य वैज्ञानिकों ने इस बात पर प्रकाश, डाला कि कोई भी यौगिक दो या दो से अधिक तत्वों, व्याख्या करने की थी। अंग्रेज रसायनज्ञ, जॉन डाल्टन ने, परमाणु एवं अणु, 35, 2020-21
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224 कार्वन डाइऑक्साइड, 8.2 सोडियम ।, द्रव्यों की प्रकृति के बारे में एक आधारभूत सिद्धांत प्रस्तुत, किया। डाल्टन ने द्रव्यों की विभाज्यता का विचार प्रदान, एसीटेट एवं 0.9 g जल उत्पाद के रूप में, प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया द्वारा दिखाइए, कि यह परीक्षण द्रव्यमान संरक्षण के नियम, किया जिसे उस समय तक दार्शनिकता माना जाता था।, के अनुरूप है।, सोडियम कार्बोनेट + एसीटिक अम्ल, ग्रीक दार्शनिकों के द्वारा द्रव्यों के सूक्ष्मतम अविभाज्य, कण, जिसे परमाणु नाम दिया था, उसे डाल्टन ने भी, परमाणु नाम दिया। डाल्टन का यह सिद्धांत रासायनिक, संयोजन के नियमों पर आधारित था। डाल्टन के परमाणु, सिद्धांत ने द्रव्यमान के संरक्षण के नियम एवं निश्चित, अनुपात के नियम की युक्तिसंगत व्याख्या की ।, सोडियम एसीटेट + कार्बन डाइऑक्साइड +, जल, के, 2. हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन द्रव्यमान, के, अनुसार, में संयोग करके जल निर्मित, अनुपात, करते हैं। 3 g हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण, रूप से संयोग करने के लिए कितने ऑक्सीजन, 1:8, के, परमाणु, सिद्धांत के अनुसार सभी द्रव्य, डाल्टन, गैस के द्रव्यमान की आवश्यकता होगी?, चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हो, सूक्ष्म कणों से बने, होते हैं जिन्हें परमाणु कहते हैं। डाल्टन के सिद्धांत, की विवेचना निम्न प्रकार से कर सकते हैं :, () सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं, जो, कि रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं ।, (ii) परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो, रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं।, न ही उनका विनाश होता है।, (iii) दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान, एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं ।, (iv) भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान, एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं ।, (v) भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी, पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक, निर्मित करते हैं।, 3. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा, अभिग्रहीत द्रव्यमान के संरक्षण के नियम, का परिणाम है?, 4. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा, अभिग्रहीत निश्चित अनुपात के नियम की, व्याख्या करता है?, परमाणु क्या होता है?, क्या आपने कभी किसी इमारत की दीवार बनते देखी, है? इन दीवारों से एक कमरा एवं कई कमरों के, समूह से एक इमारत निर्मित होती है। उस विशाल, इमारत की रचनात्मक इकाई क्या है? किसी बाँबी, (Ant-Hill) की रचनात्मक इकाई क्या होती है? यह, रेत का छोटा-सा कण होता है। इसी प्रकार,, सभी, द्रव्यों की रचनात्मक इकाई परमाणु होती है।, (vi) किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष परमाणु कितने बड़े होते हैं?, संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं ।, आप अगले अध्याय में यह अध्ययन करेंगे कि, परमाणु बहुत छोटे होते हैं। ये किसी भी वस्तु,, जिसकी हम कल्पना या तुलना कर सकते हैं, से भी, छोटे होते हैं। लाखों परमाणुओं को जब एक के ऊपर, एक चट्टे के रूप में रखें, तो बड़ी कठिनाई से कागज, की एक शीट जितनी मोटी परत बन पाएगी ।, परमाणु में और भी छोटे-छोटे कण विद्यमान होते हैं।, प्र, श्न, परमाणु त्रिज्या को नेनोमीटर (nm) में मापा जाता है।, 1. एक अभिक्रिया में 5.3 g सोडियम कार्बोनेट, एवं6.0g एसीटिक अम्ल अभिकृत होते हैं।, कार्बन डाइऑक्साइड, 8.2 g सोडियम, 10-9 m, Inm, 2.2 g, 1m, 10° nm, %3D, विज्ञान, 36, 2020-21
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उन्होंने किसी तत्व के प्रतीक का प्रयोग किया, तो यह, प्रतीक उस तत्व की एक निश्चित मात्रा की ओर, इंगित करता था अर्थात् यह प्रतीक तत्व के एक, परमाणु को प्रदर्शित करता था। बर्जिलियस ने तत्वों के, ऐसे प्रतीकों का सुझाव दिया, जो उन तत्वों के नामों, के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होता था।, सापेक्ष आकार, त्रिज्या (मीटर में), उदाहरण, 10-10, हाइड्रोजन परमाणु, 109, जल अणु, 10-8, हीमोग्लोबिन अणु, 104, रेत कण, 10-3, चींटी, हाइड्रोजन, कार्बन, ऑक्सीजन, 10-1, सेब, फॉस्फोरस, सल्फर, आयरन, जब परमाणु का आकार इतना सूक्ष्म है कि हम, इसे नगण्य मान सकते हैं, तो हम इसके बारे में क्यों, सोचें? हम इसके बारे में इसलिए सोचते हैं क्योंकि, हमारा पूरा विश्व ही परमाणुओं से बना है। चाहे हम, उन्हें देख नहीं सकें, फिर भी वे यहाँ विद्यमान हैं तथा, हमारे प्रत्येक क्रियाकलापों पर उनका प्रभाव पड़ता, रहता है। अब हम आधुनिक तकनीकों की सहायता से, तत्वों की सतहों के आवर्धित प्रतिबिंबों को दिखा, सकते हैं, जिनमें उपस्थित परमाणु स्पष्ट दिखाई देते हैं।, कॉपर, सीसा, सिल्वर, गोल्ड, P, प्लैटिना, पारा, चित्र 3.3: डाल्टन द्वारा सुझाए, कुछ तत्वों के प्रतीक, प्रारंभ में तत्वों के नामों की व्युत्पत्ति उन स्थानों, के नामों से की गई, जहाँ वे सर्वप्रथम पाए गए थे।, उदाहरणस्वरूप, कॉपर (Copper) का नाम साइप्रस, व्युत्पन्न हुआ। कुछ तत्वों के नामों को, स्वर्ण, विशिष्ट रंगों से लिया गया। उदाहरणस्वरूप,, (Суprus), से, (gold) का नाम अंग्रेजी के उस शब्द से लिया गया,, जिसका अर्थ होता है पीला ।, इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री, (IUPAC) एक अन्न्तराष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था है जो, तत्वों के नामों, प्रतीकों और मात्रकों को स्वीकृति, प्रदान करती है। अधिकतर तत्वों के प्रतीक उन तत्वों, के अंग्रेजी नामों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं।, किसी प्रतीक के पहले अक्षर को सदैव बड़े अक्षर, (capital letter) में तथा दूसरे अक्षर को छोटे अक्षर, (small letter) में लिखा जाता है।, चित्र 3.2: सिलिकॉन सतह का प्रतिबिंब, 3.2.1 विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के आधुनिक उदाहरणार्थ, प्रतीक क्या हैं?, डाल्टन ऐसे प्रथम वैज्ञानिक थे, जिन्होंने तत्वों के, प्रतीकों का प्रयोग अत्यंत विशिष्ट अर्थ में किया। जब, () हाइड्रोजन, H, (ii) ऐलुमिनियम, AI न कि AL, (iii) कोबाल्ट, Co न कि CO, परमाणु एवं अणु, 37, 2020-21