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>न्नें, , , , , , , , तथा देश के आम नागरिक उपस्थित होते ह रब, , लि " नयों का स्मरण कराता (आर हमारे देशवासी ७., , बा हा हम आताद करान "पानी जाएगी जब हमारे सभी देशबासी खुशहालल, , आबोहवा में साँस तो ले रहे हैं परंतु संपूर्ण आज़ादी उस दिन मा हल वह देश से गरीबी , भुखमरी ,शोषण ..., , स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें इस बात का 210 “कक (एगी,हम लोग चैन कौ साँस नहीं लेंगे..., अशिक्षा, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक एवं जातिगत विद्वेष की समाप्ति नहीं हो जाएगा, (६ हीं लेंगे।, , 7. भ्रष्टाचार, , + देश की ज्वलंत समस्या है। आज जीबन का कोई, , बजाए को वो है प्रोट आचरण। भ्रष्टाचाा आज हमार हा कं त् 20004 है। नेट के, , क्षेत्र नहीं बचा है जहाँ भ्रष्टाचार का बोलबाला न हो। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार चः कि सिम हे हा ' 1त्री ओर अफ़साः., , नहीं, कार्यालय का चपरासी तक भ्रष्ट है। इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का नैतिक पतन और लोभ है। जिसे जब, , गम अ३2 और रिश्वतखोरी पर उतर आता है। ऐसे में देश का ईश्वर ही मालिक हैं। जो रक्षक है वही, , और 30६ | ४ मज़बः तल दाह ट ! रद, , मौका मिलता है बेईमानी और रिश्व समाज ऊपर से मज़बूत दिखाई देता है, परंतु भीतर मे, , जेठे है इसके चलते देश का बेड़ा गर्क हो रहा है। समाज के गा हो गई है जिसके रत, भ्क्षक बने बैठे हैं। इसके चलते दे मुट्ठी भर लोगों के हाथों में ज़मा हो गई है जिसके चलते सामाजिक, , ! तरदयालय के बच्चे, यहाँ गणमान्य नेतागण , विदेशों क राजदूत, बिद्याल य॒ > | 5, 1 के लिए लब॑ संत्र्ष एव कु ब, , प्रण लेना, , १ ग्मा, , वि कक किलीदा:, , खोखला हो रहा है। देश की अधिकांश संपत्ति कुछ मुद हे उ कर गम, असंतोष हो भावना पनप रही है। अत: आवश्यक हे कि भ्रष्टाचार का जद: हे सलाद ते) दिया ीए। भ्रष्टाचार के, विरुद्ध जन आंदोलन चलाया जाए। साथ-ही-साथ आम लोग भी इसका प्रणल किवेनतो भ्रष्टाचार में लिप्त होंगे और, न ही भ्रष्टाचारियों को किसी प्रकार का प्रोत्साहन ही देंगे। ह, , है, रु, , अल ककिििनिल- 8. प्रातःकाल की सैर +'कबककडस, प्रात:काल को सैर का आनंद अनूठा होता है। इस समय वातावरण शांत एवं स्वच्छ होने से तन-मन को अद्भुत, ४ शांति एवं राहत मिलती है। प्रात:काल की सैर से व्यक्ति निरोगी रहता है। दिन भर कार्य करने की ताकत एवं स्फृर्ति मिल, ॥ जाती है। कार्य करने में मन लगता है और थकावट नहीं होती है। यदि सेर करने के लिए किसी बगीचे या पार्क में जाया, 1 जाए तो आनद दुगुना हो जाता है। बाग में पक्षियों के कलरव सुनाई देते हैं। साँस लेने के लिए सुगंधित एवं ताज्ञी वायु, 1 मिलती है। प्रकृति को हरियाली एवं सौंदर्य के दर्शन होते हैं। मखमली घास पर चलने का अद्भुत आनंद प्राप्त होता हे।, सैर करने से शरीर का व्यायाम हो जाता है। उच्च रक्तचाप, तनाव, थकान, मोटापा , मधुमेह इत्यादि बीमारियों से मुक्ति, मिल सकती है। अतः प्रातःकाल की सैर अनेक रूपों में लाभदायक सिद्ध होती है। हमें प्रातःकाल की सैर का आनंद, अवश्य उठाना चाहिए।, , ... डकिकशिल -॥ 9, स्वास्थ्य ही धन है, , स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे बड़ा धन है। यदि किसी के पास धन हो तो वह जीवन के कुछ सुखों से वंचित रह, सकता है, लेकिन स्वास्थ्य न हो तो उसे किसी भी प्रकार का सुख नहीं मिल सकता। स्वास्थ्य अच्छा न होने पर मन हर, समय खिनन रहता हैं, अच्छे-से-अच्छा खाना भी अप्रिय लगता है। व्यक्ति सैर-सपाटे का आनंद नहीं उठा सकता। बीमार, व्यक्ति को अच्छी बातें भी बुरी लगती हैं। अत: अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए संतुलित भोजन,, अच्छी गहरी नींद, समय पर शयन एवं जागरण इत्यादि का ध्यान रखना चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य के इच्छक व्यक्ति को, नियमित व्यायाम करना चाहिए। उसे चिंता से दूर रहना चाहिए तथा हर समय प्रसन्न रहना चाहिए। चित्त की प्रसन्नता सो, तरह की व्याधियों से बचाती है और संयमित जीवन व्यक्ति को स्वस्थ बनाने में अहम योगदान देता है। इसलिए सच ही, कहा गया है कि स्वास्थ्य कीमती है, इसकी हर प्रकार से रक्षा करने का उपाय करना चाहिए।, , . झ ज जोकमबओ-. 10. साक्षरता असाक+क:.., , विज मी रा का ही. भिन्न है कि उसके पास विबेक और ज्ञान है। मनुष्य अपने ज्ञान एवं विचारों को व्यक्त, कर सकता है। इसके लिए वह भाषा का प्रयोग कर सकता है। भाषा का ज्ञान पढने-लिखने से प्राप्त होता है। अतः प्रत्येक, , हैँ चित ड्ि 7 व्याकरण पराग-0, हा रे हर का छा, भ्ः नह, , 12728, की, , 3 3 1 2 0:, , नेक कआ4+ 23...