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मेघ आए (प्रश्नों के हल), , (9)आकाश में बादल - बादल बन -ठन कर आ पहुँचे।उनके आने पर हवा सनसनाती हुई चली तो दरवाजे खिड़कियाँ खुलने, लगी। आँधी चली धछल उड़ने लगी।पेड़ हिलने लगे। तालाब में खुशी की लहर दौड़ गई। नदी भी प्रसन्न हुई। लता बहुत, व्याकुल थी।उसे लगता था कि बादल न आएँगे तो वह मर जाएगी।उनका भ्रम दूर हुआ। क्षितिज पर बादल गहराए,बिजली, चमकी और वर्षा होने लगी।, , गाँवो मे मेहमान -शहर से दामाद गाँव में बन-ठन कर पहुँचे।उ,के आने की खबर हवा की तरह फैली।परूष झुककर उसे देखने, लगे स्त्रियाँ घूँघट सरकाकर तिरछी नजरों से देखने लगी।लोग दरवाजे खिड़कियाँ खोल उसे देखने लगे। किसी ने अभिनंदन, किया तो कोई पानी भरकर लाया।उसकी नवविवाहिता पत्नी को शिकायत थी।सबके सामने नहीं मिली। किवाड़ की ओट से, देखती रही।एकांत मे उससे क्षमा मांग ली और मिलन की बेला मे आँसू झरने लगे।, , (10) भाव सौंदर्य-गाँव में मेहमान के आने की तुलना बादलों के आने से की गई है।दामाद शहर से गाँव आया है और बन-ठन, कर आया है।, , शिल्प सौंदर्य , प्रस्तुत काव्यांश मे मेघै का मानवीकरण किया गया है।, , “बड़े बन-ठन के” मे “ब”"वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।, “पाहुन ज्यों आए हो' मे उत्प्रेज्षा अलंकार है।, , “शहर के'और सँवर के मे तुकांत शब्द का प्रयोग है।, , भाषा सहज प्रभारी तथा ग्रामीण जीवन की महक लिए हुए है।, , (11)वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही चारो ओर हरियाली छा जाती है। प्रकृति पूरी तरह धुली-धुली एवं सजी दिखाई पड़ती है।, नदी-नाले, तालाब-पोखर ,भी पानी से लबालब भर जाते हैं और रात में मेढकों एवं झींगुरों की आवाज खछब सुनाई पड़ती है।, इस मौसम का इंतजार सबसे अधिक देश के किसानों को रहता है, जिनकी फसलों के लिए वर्षा अत्यधिक आवश्यक होती है।