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वाक्य के भेद, वाक्य के दो भेद होते हैं है, (1) अर्थ के आधार पर, (2) रचना के आधार पर, , (1) अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं :, , (10 विधानार्थक वाक्य : जिस वाक्य में किसी क्रिया के होने या करने की सूचना हों, उसे विधानार्थक / विधानवाचक, वाक्य कहते हैं। जैसे , (1) लिखने के पहले मैंने पढ़ना शुरू किया था।, , (2) दो मिनट में गाड़ी आकर दरवाजे पर लग गई ।, , (3) यहाँ सरदी अच्छी है।, , (2) निषेधार्थक वाक्य : जिस वाक्य में किसी बात के न होने या न करने का बोध होता हों, ठसे निषेधार्थक /, निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे , (1) पहले हमें उदर की चिंता नहीं थी।, , (2) फूल अपना प्रतिबंध नहीं बेचेगा।, , (3) नागर जी के पिता जी सरकारी कर्मचारी नहीं थे।, , (3) प्रश्नार्थक वाक्य : जिस वाक्य में किसी प्रकार का प्रश्न किया गया हों, उसे प्रश्नार्थक / प्रश्नवाचक वाक्य, कहते हैं। जैसे , (1) आप किसको अपना आदर्श मानते हैं?, , (2) क्या ठंड भरे मोसम में आकाश के तारे धुँधले दिखाई देते हें?, , (3) क्या बाबूजी आ गए?, , (4) आज्ञार्थक वाक्य : जिस वाक्य में किसी भी प्रकार की आज्ञा या प्रार्थना का बोध होता हो, उसे, आज्ञार्थक /आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। जैसे , (1) दीन-दरिद्रों को रहने के लिए घर का इंतजाम करो।, , (2) मुझे हर सप्ताह एक पत्र मिलना ही चाहिए।, , (3) अब राजप्रथा मिटा दो।, , (5) इच्छार्थक वाक्य : जिस वाक्य में इच्छा, कामना, आशीर्वाद आदि का बोध होता हे, उसे इच्छार्थक /, इच्छावाचक वाक्य कहते हैं। जैसे , (1) ऐसा काम करों कि देखने वाले देखते ही रह जाएँ।, , (2) मानू दीदी, आप सदा सुखी रहें।, , (3) प्रभु आपकी कामना पूरी करे।