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मुहावरे /लोकोक्तियों के अर्थ लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें:, , 4) दिल बल्लियाँ उछलना (बहुत खुश होना) न्सर्कस में हाथी के करतब देखकर बच्चों का दिल बल्लियों, उछलने लगा।, , 2) दंग रह जाना (हैरान रह जाना)- मैट्रो स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था देख कर बच्चे दंग रह गए।, , 3) खुशी से झूम उठना (बहुत प्रसन्न होना) मेट्रो रेल की यात्रा करके बच्चे खुशी से झूम उठे।, , 4) मन बहलाना (मनोरंजन करना) छात्र शाम के समय खेलकूद कर अपना मन बहलाते हैं।, , , , 5) फूले न समाना:- (बहुत खुश होना) -राखी के दिन बहन फूले न समाती है ।, , 6) धूनी तपना:- (कष्ट झेलना)- बहन का भाई जेल में धूनी तप रहा है।, , 7) खुशी दोगुनी होना:- (बहुत खुश होना) - अपने मित्र के पास होने पर मेरी खुशी दोगुनी हो गई।, , 8) जहाँ चाह वहाँ राह (इच्छा से ही रास्ता निकलता है) कल्पना ने बचपन में अन्तरिक्ष यात्री बनने का, सपना देखा और पूरा कर लिया। इसे कहते हैं जहाँ चाह वहाँ राह।, , 9) दुःख के सागर में डूब जाना (बहुत दुखी होना) कल्पना चावला की मृत्यु से संसार दुःख के सागर में, डूब गया।, , 10) दिलों पर राज करना (सबको अच्छा लगने वाला) कल्पना चावला सबके दिलों पर राज करती है ।, , 11) खुशी का ठिकाना न रहना (बहुत खुश होना) निधि राज्य में प्रथम आई तो उसकी खुशी का ठिकाना, न रहा।, , 12) दित्र दहल्ला देना (भयभीत करना) जापान की सुनामी ने सब का दिल्र दहल्ला दिया था |, , 13) आज़ाद (चन्द्रशेखर आज़ाद )(एक नाम) आज़ाद ने क्रांतिकारियों में जोश भर दिया।, , 14) आज़ाद (स्वतन्त्र) भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ।, , 15) माँ (जन्म देने वाली) मेरी माँ मुझे हर रोज़ सुबह-सवेरे उठाती है।, , 16) माँ (भारत माँ ) मुझे अपनी माँ पर गर्व है जिस का दिया हुआ अन्न-जल पा कर ही हम जीवित हैं।, , 17) बाँध (बाँधना, समेटना) इस सामान को बाँध लो।, , 18) बाँध (जलाशय का जल रोकने हेतु सीमेंट, रेत, पत्थर आदि का बनाया गया अवरोध) भाखड़ा बाँध, विश्वभर में बहुत प्रसिद्ध है।, , 19) बदला (बदलना) हमने अपने देश को बदल डाला।, , 20) बदला (बदला लेना) चंद्रशेखर आज़ाद ने लाला लराजपत राय की मृत्यु का बदला लिया।, , 21) सबक (पाठ ) हमें कठोर परिश्रम का सबक पढ़ना चाहिए।, , 22) सबक (सबक सिखाना ) भारतीय वीरों ने आक्रमणकारियों को अच्छा सबक सिखाया।, , 23) कान में सीसा भरा होना (सुनाई न देना) तम्हारे कान में सीसा भरा है जो इसकी चीख नहीं सुन रहा।, , 24) खिसियानी बिल्ली-सा मुँह लेकर जाना (उदास होकर जाना ) जब मैंने हरि को डॉटा तो वह खिसियानी, बिल्ली-सा मुँह लेकर चला गया।, , 25) जले पर नमक छिड़कना (दुःख याद करना ) उसने मुझे स्कूल की याद करा कर जले पर नमक छिड़क, , दिया।
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26) नींद हराम होना (परेशान हो जाना) नीटू के फेल होने पर उसके माता-पिता की नींद हराम हो गई थी।, , 27) जान बचाकर भागना (अपनी जान बचाना) चोर चलती गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाकर भाग, निकला।, , 28) मौत के मुँह में जाना (जान बूझकर ख़तरा उठाना) जानबूझ कर अमर सिंह मौत के मुँह में चला, गया।, , 29) कुत्ते की दुम सीधी न होना (कभी न सुधरना) रवि कुत्ते की दुम है जो कभी तुम्हारी बात नहीं, समझेगा।, , 30) परखचे उड़ाना (नष्ट करना) आज़ाद ने बम विस्फोट से शत्रुओं के परखचे उड़ा दिए।, , 31) मौत की नींद सुलाना(मौत के घाट उतारना)सैनिकों ने दुश्मनों को मौत की नींद सुला दिया।, , 32) सीना छलनी करना (गहरा घाव देना) सैनिकों ने दुश्मनों का सीना छलनी कर दिया।, , 33) गौरवान्बित करना(गौरव महसूस करना) अनिल शर्मा ने अपनी बुद्धिमता और निर्णय लेने की क्षमता, से देश को गौरवान्वित किया।, , 34) होनहार बिरबान के होत चिकने पात (बचपन से ही प्रतिभा दिखाई देना) सुभाष चंद्र बोस तो बचपन, से ही अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने का खेल खेलते थे। सही ही कहा है होनहार बिरवान के होत, चिकने पात।, , 35) सुध लेना (हाल-चाल पूछना/खबर लेना) आजकल बच्चे अपने आप में व्यस्त रहते हैं कि अपने, माता-पिता की सुध भी नहीं लेते।, , 36) ताकते रह जाज्ना(हैरान रह जाना) राम के घर सुंदरता देखकर मैं तो ताकता ही रह गया।, , 37) मंत्रमुग्ध होना (ध्यान लगाना, लीन होना)पढ़ाई में मंत्रमुग्ध होकर ही तुम दसवीं की परीक्षा पास कर, सकते हो।, , 38) फूला नहीं समाना (बहुत खुश होना) मैं अपना परीक्षा परिणाम देखकर फूला नहीं समाया।, , 39) धाबा बोलना (आक्रमण करना) सिपाही ने शत्रुओं पर धाबा बोल दिया।, , 40) मन गद्गद् हो जाना (खुश होना) प्रान्त में प्रथम आने पर मेरा मन गद्गद् हो गया।, , 41) दिल धक से रह जाना (घबराना) इस दुर्घटना को देखकर माँ का दिल धक से रह गया था।, , 42) पारखी आँखों वाला(पहचानने वाला) रोहित सब कुछ जानता है क्योंकि वह पारखी आँखों वाला हैं।, , 43) जीवन की पहली ज़रूरत(भोजन) मनीष को देखकर यही लगता था कि यही उसके जीवन की पहली, ज़रूरत है।, , 44) जीवन-बसर करना(जीवन चलाना) वह दुकान चला कर जीवन-बसर कर रहा था।, , 45) सपने दिखाना (प्रेरणा देना) लेखिका ने मनीष को सपने दिखाए।, , 46) हरी झण्डी मित्रना (आज्ञा मिलना) रवि को पढ़ने की हरी झण्डी मिल्र गई।, , 47) धावा बोलना(हमला करना) शत्रुओं ने अचानक धावा बोल दिया |, , 48) पैरों में पर लगना (बहुत तेज़ चलना या भागना) हामिद इतना तेज़ चल्र रहा था मानो उसके पैरों में, पर त्रग गए हों ।, , 49) दिल बैठ जाना (हताश होना , घबराना) परीक्षा में असफल होने पर नरेश का दिल बैठ गया।, , 50) राई का पर्वत बनाना (छोटी सी बात को बढ़ा चढ़ा कर कहना) राई का पर्वत बनाना हो तो कोई, मोहन से सीखें ।
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54) गद गद होना ( मन खुश होना ) महीनों बाद माता जी को देखकर मेरा मन गद गद हो गया |, , 52) बाल भी बाँका न होना (कुछ भी न बिगड़ना ) जिसके रक्षक भगवान हैं उसका बाल भी बाँका नहीं, हो सकता |, , 53) गले मित्रना ( ख़ुशी जाहिर करना ) रवि विदेश से आते ही सबके गले मिलने लगा |, , 54) रंग जमाना ( प्रभाव डालना ) हामिद के घर चिमटा आते ही रंग जम गया |, , 55) नाम रटना (बार बार नाम लेना ) जग्गी फेल होकर प्रभु का नाम रटने लगा |, , , , , , 56) दिन कचोटना (ठेस पहुँचाना ) उसने ऐसा कहकर मेरा दिन कचोट दिया ।, , 57) देखते ही रह जाना (बार बार देखना ) खली को देखकर बच्चे देखते ही रह गए |, , 58) रोज़ा- हामिद ने आज रोज़ा रखा था |, , 59) दुआएँ- बुज़ुर्ग ने बच्चों को दुआएँ दी ।, , 60) गत वर्ष- गत वर्ष हमने कबड्डी का मैच जीत लिया था |, , 61) ग्रामीण - ग्रामीण महिलाएँ कुएँ से पानी भर रहीं थीं |, , 62) फौरन - चालक ने सड़क पर गाय देखकर फौरन गाड़ी रोक ली ।, , 63) व्यवस्था- हमारे स्कूल की व्यवस्था देख कर मंत्री जी प्रसल्न हो गए |, , 64) नाकों चने चबाना (परेशान करना) शिवाजी ने मुग़ल सेना को अनेक बार नाकों चने चबवा दिए।, , 65) करारा जवाब देना (उल्टा जवाब देना) रवि ने विवेक को थप्पड़ मारकर करारा जवाब दिया |, , 66) छक्के छुड़ाना (बुरी तरह हराना) भारत ने क्रिकेट का विश्व कप जीतकर अन्य सभी देशों के छक्के, छुड़ा दिए।, , , , , , सर्वनाम, गोपू एक ग्वाल्रा था। उसकी कुटिया के पिछवाड़े गोबर के उपले पड़े हुए थे। उसने बड़ी मेहनत से उन्हें, बनाया था। एक दिन वह घर पर नहीं था। उसके उपले गाँव के शरारती बच्चों ने उठा लिये।, ऊपर के गद्यांश में 'गोपू' एक व्यक्ति तथा 'उपले' एक वस्तु के नाम हैं। अतः “गोपू' और, उपले संज्ञा शब्द हैं। उपरोक्त पंक्तियों में रेखांकित किए गए शब्द 'उसकी', 'उसने', 'वह' तथा, 'उसके' गोपू के लिए तथा 'उन्हें' उपल्रों के लिए प्रयोग में आये हैं।, अतः ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा के स्थान पर प्रयोग में आते हैं, सर्वनाम कहलाते हैं।, (1) () गोपू मुखिया से बोला, "मैं शहर गया हुआ था। मेरे उपले किसी ने चुरा, लिये।, यहाँ बोलने वाले (गोपू) ने अपने लिए 'मैं' और 'मेरे' सर्वनामों का प्रयोग किया है।, (1) मुखिया गोपू से बोला, "तुम चिंता न करो- तुम्हें न्याय मिलेगा।", यहाँ सुनने वाले (गोपू) के लिए 'तुम' और 'पुम्हें' सर्वनामों का प्रयोग हुआ है।, (1) मुखिया मन ही मन बोला, “गाँव के बच्चे शरारती हैं। यह शरारत उनकी ही है।, यहाँ बोलने वाले (मुखिया) ने अन्य (अनुपस्थित) व्यक्तियों (बच्चों) के लिए 'उनकी' सर्वनाम, का प्रयोग किया है।, अतएव बोलने वाला अपने लिए, सुनने वाले तथा अन्य (अनुपस्थित ) व्यक्ति के लिए जिन, सर्वनामों का प्रयोग करता है, वे पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। यह सर्वनाम का पहला भेद है।, (2) () देखो, बच्चे खड़े हैं, इन्होंने प्रायश्वित कर लिया है, (1) वह मेरी कुटिया है।