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लेखिनी से, 1. क. श्रोता पासपोर्ट ऑफ़िस का बाबू है। उसने लेखक की फ़ीस जमा नहीं की। मगर कर लेता तो, लेखक उसका अहसान मानता पर उसने वह मौका छोड़ दिया।, , ख. लेखक ने पूरा दिन पासपोर्ट ऑफ़िस में पासपोर्ट बनवाने के लिए लगाया था। केवल फ़ीस जमा, , करना रह गया था। जैसे ही उनकी बारी आई बाबू ने खिड़की बंद कर दी। अगर उस समय, वह उनका काम कर देता तो लेखक उनका अहसानमंद होता।, , ग. लेखक की बातों का बाबू पर बहुत प्रभाव पड़ा खाना खाकर वह आया और फ़ीस जमा की।, , 2. क. & ख. ४, , ग. < घर. ड़, ४, 3. क. तत्काल ख. फ़ीस ग. अधिकारियों घ. बहाल, डा. भावनाओं, कारणों, कुछ शब्दों में, , 1. लेखक ने बाबू से प्रार्था की कि उनका सारा दिन पासपोर्ट बनवाने में निकल गया। केवल फ़ीस, जमा करनी रह गई है। वह कृपया जमा कर दें।, 2. बाबू बड़े-बड़े अधिकारियों से, आई०ए०एस०, आइ०्पी०एस० अफ़सरों से, विधायकों से मिलता था।, 3. बाबू कौ पत्नी झगड़ा करके मायके चली गई। माँ भी ज़्यादा बात नहीं करती। इसलिए घर जाने का, मन नहीं करता।, कुछ वाक्यों में, , 1. लेखक का शुरू में अनुभव अच्छा नहीं रहा। सार दिन वह तत्काल पासपोर्ट के चक्कर में घूमता रहा।, ससारा काम पूरा होने पर अंत में फ़ीस जमा करते समय बाबू ने खिड़की बंद कर दी क्योंकि समय, , समाप्त हो गया था। बाद में जब बाबू से बातचीत की तो उसे अपनी कमज़ोरियाँ समझ आई। उसने स्वयं, लेखक से कहा कि चलें और उनकी फ़ीस जमा की।, , ही
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2. लेखक ने समझाया कि अपने पद की इज्जत करना सीखें। अहसानमंद बनाने का मौका न चूकें। जैसा, उन्होंने तब किया था। उनसे कहा कि पैसे तो बहुत कमा लेंगे पर रिश्ते नहीं कमाए तो सब बेकार, है। खुद लोगों से जुड़ें। किसी की मदद कर सकते हैं तो करें।, , 3. बाबू के स्वभाव में बहुत बदलाव आ गया। उसे पैसों की तुलना में रिश्तों की अहमियत का पता चल, गया। वह पत्नी के मायके गया पत्नी को मनाया तो वह वापस आ गई। बच्चे भी आ गए। अब वह, रिश्ते कमाता था। जो आता उसका काम कर देता।, , मेरे विचार से, 1. » रूखा-सूखा व्यवहार है दूसरों की परवाह न करना।, ० अपमान करना, मदद न करना।, ० बातों में नम्नता न होना।, ० विद्यार्थी अपना अनुभव लिखें।, 2. ७» रूखे व्यवहार की प्रतिक्रिया में विनम्रता होनी चाहिए।, » जैसा लेखक ने किया।, ० रूखे व्यवहार की रूखी प्रतिक्रिया से झगड़ा बढ़ता है।, 3. ० काम पूरे होते हैं। न करने वाले भी मान जाते हैं।, ० रिश्ते बनते हैं।, ० सब आपको पसंद करते हैं। आप कभी अकेले नहीं होते।, , भाषा और व्याकरण, , 1. क. मेरे पास तो पासपोर्ट है।, ख. उसकी ज़िंदगी में भी पैसों पर रिश्ता भारी पड़ेगा, ग. आपका दोस्त भी नहीं है।, 2. क. एक स्त्री उसकी बेंच पर जाकर बैठ गई। ख. पिता मंदिर जा रहे हैं।, ग. रोज़ एक चुहिया रसोई में घुस जाती थी।, घ. सब देख रहे थे और मोरनी नाच रही थी। छा. सेठानी जी बाज़ार गई हैं।, 3. क. व्यवहार ख. स्वादिष्ट ग. कोशिश घ. खिड़की, ड॑. पढ़ाई च. बॉक्स छ. ऑफ़िस ज. कृपया