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ज. चि1079लागबा। राव नाता, , . ४०.-1. अनौपचारिक पत्र की महत्वपूर्ण बातें , - इसमें व्यक्तिगत सुख-दुख और अनुभव का विवरण होता है।इसमें तथ्यों के साथ साथ आत्मिक भावों को, भी महत्व दिया जाता है।, , . यह पत्र प्रेम भाव और विचार विमर्श के लिए भी लिखा जाता है।इसकी भाषा शैली अनौपचारिक होती, है।अनौपचारिक पत्र के तीन भाग होते है -पहला भग - प्रथम भाग पत्र के सबसे ऊपर बाई तरफ लिखा जाता, है, इसमें पत्र लिखने वाले का पता, तिथि और पत्र-प्रापक के लिए उचित संबोधन तथा अभिवादन होता है।, , - दूसरा भाग - दूसरा भाग पत्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है इसके अंदर पत्र लिखने का विषय मुख्य संदेश, और इत्यादि विचार विमर्श की बातें लिखी जाती हैतसरा भाग - यह अनौपचारिक पत्र का अंतिम भाग होता, है इसमें पत्र लिखने वाले का नाम और हस्ताक्षर होते है।, , .. 19785 ए॥6174| |शा९15५, , ॥४०.-2. अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार , - पूज्य- पिता जी, माता जी, गुरु जी इत्यादि।, , .. आदरणीय - चाचा जी, मामा जी, भाई साहब, दीदी, भाभी जी इत्यादि।, , 10. श्रद्धेय - चाचा जी गुरुवर इत्यादि।
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24., , *5, , 26., डी, , 28., , 29,, , 30., , 31., , 32., , 33., , 34., , 35:, , प्रत्येक विषय में तुम्हारी क्या स्थिति है? कितने अंक पाने की संभावना है, पूरा विवरण दो। पत्र का उत्तर शीघ्र, देना। (मुख्य संदेश), , (समापन) तुम्हारा बड़ा भाई, , [101113| |श(हा 30001 (19165 (0 [16 ७॥८॥९, 1५०.-5.चाचाजी को पत्र लिखकर उनके द्वारा आपके जन्म-दिवस पर भेजे गए ऊपहार के लिए कृतज्ञता, , व्यक्त कीजिए।, , ललित, , न्यू इंडियन पब्लिक स्कूल, , सेक्टर - 12, इंद्रा कॉलोनी,, , दिल्ली, , मार्च 15, 2020, , पूज्य चाचाजी, , सादर चरण-स्पर्श !, , आपके द्वारा भेजा गया बधाई-पत्र तथा हाथ-घड़ी का उपहार प्राप्त हुआ। उपहार पाकर अत्यधिक प्रसन्नता, हुई। यह प्यारी-सी घड़ी मुझे बहुत अच्छी लगी।
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36., , 37., , 38., , 39, , 40., , 41., 42., , 43., , 44., , 45., , 46., , 47., , सच कहूँ, मैं सोचता था कि काश ! मुझे मेरे जन्म दिवस पर कोई घड़ी दे दे। आपने न जाने कैसे मेरी यह, इच्छा पढ़ ली आपका दिया हुआ उपहार मुझे मेरे अध्ययन में बहुत सहायता देगा इसकी टिक टिक मुझे, प्रतिपल बीतते हुए समय की याद दिलाएगी।, , इसकी सहायता से मैं समय का और अधिक अच्छा और नियमित उपयोग कर सकूंगा इस हार के लिए एक, बार पुनः धन्यवाद !, , आदरणीय चाचीजी को सादर नमस्कार तथा टिंकु, पिंकी को स्नेह !, , भवदीय, , ललित, , [शा€/ 300प (16 <गा8श 0 ५0०फप्राहइश 90160, , 1३०.-6. बारहवीं के बाद कोर्स चुनने संबंधी सलाह देने का आग्रह करते हुए अपने बड़े भाई को पत्र।, , परीक्षा भवन, , नई दिल्ली-0005, , दिनांक- 8 मई 2020, , . आदरणीय भाई साहब, , सादर चरण स्पर्श!
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48., , 49., , 50., , 51., , 52., , ऊँ, , 54., , 55., , 56., 5., , 58,, , . मेरी बारहवीं की परीक्षाएँ समाप्त हो गई हैं। इस मास के अंत में परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। मुझे इन, परीक्षाओं, , में अच्छे अंक मिलने की उम्मीद है।, , भैया, जैसा कि आप जानते हैं, मैंने कला विषय में बारहवीं की परीक्षाएँ दी हैं और मेरा पसंदीदा विषय हिंदी, एवं इतिहास है। मैं आपसे सलाह लेना चाहता हूँ कि मुझे कॉलेज स्तर पर किस कोर्स अथवा विषय का चुनाव, करना चाहिए।, , मेरे कई मित्र इतिहास (आनर्स) विषय में ज़्यादा रुचि दिखा रहे हैं। क्या मुझे भी इसी विषय का चयन करना, चाहिए।, , . आप यह भी जानते हैं कि मेरा सपना भविष्य में बेहतर नौकरी करने का है इसलिए आप मुझे खिलाने की में, स्नातक स्तर पर कौन-कौन सा कोर्स अथवा विषय का चुनाव करूं जो आगे कि मेरी प्रतियोगी परीक्षाओं में, उपयोगी हो।, , माता जी पिता जी को प्रणाम!, , आपके पत्र के इंतजार में, , आपका सुमित, , [शा 300प (16 501५910 विश, 1३०.-7. अपनी भूल के लिए क्षमा याचना करते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए, , विशाल नगर, जयपुर