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प्रश्न : निम्नलिखित, लिखित विषयों पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए :, [रूपरेखा 1. एक फटी पुस्तक की आत्मकथा, : (1) प्रस्तावना 5 न निया, बहुत दिनों से हक इच्छा थक हक 6) जीवनयात्रा (4) कुछ अनुभव (5) अंतिम अभिलाषा। |, गी 1 किसी खोलूँ अच्छा मे, अपने मन की बातें कहने का मौका मिला। गंध । अच्छा हुआ, मैं आप जैसे, एक विद्वान, प्रेस में भेजा। न कक ने बहुत परिश्रम से मुझे लिखा था। इसके बाद लेखक महोदय मुझे एक प्रकाशक के पास ले गए। प्रकाशक ने मुझे अपने, में मुझपर सुंदर जाने कितने अक्षरों को जोड़-जोड़कर मुझे नया रूप दिया गया। इसके बाद मुझे मशीनों में डाल कर कागज़ पर छापा गया। अंत, आखिर र मुखपृष्ठ लगाया गया। इसके बाद मेरे रूप का कहना ही क्या ! फिर मुझे एक दुकान की अलमारी में रखा गया।, पढ़ते और पल मेंने उस दुकान से बिदा ली। एक सज्जन ने मुझे खरीद लिया था। उन्होंने मुझे बड़े यतन से रखा। मुझे बड़े ध्यान से, मुझे बस में भूल बवा। कुछ निशान करते। कुछ दिन उनके पास रहने के बाद में उनके एक मित्र के पास पहुँच गई। पर दुर्भाग्य से एक दिन वह, फिर, पहुँच गा है उसने ४ बुद्ध के पल्ले पड़ी। उसने मेरे दो-चार पन्ने पढ़े और मुझे एक ओर पटक दिया, हि । उसने मेरा सुंदर मुखपृष्ठ फाड़कर अलग कर दिया और बिकने के लिए रख दिया। पर, , सहदय व्यक्ति के हाथों में आई और मुझे, , । एक दिन दुर्भाग्य से में एक रदूदीवाले के यह, र मेरी किस्मत जोरदार थी, इसलिए मैं आपवे, , , , पास पहुँच गई।, पक में बहुत खुशनसीब हूं। पर अब मेरी हडडियाँ ठौली हो गई है।इस स्थिति मे भी यदि मैंने लोगों की कुछ सेवा की, तो मैं स्वयं को घना, समझूँगी।, “नेसिलल सोशल 281, 2. विज्ञान के चमत्कार अथवा विज्ञान : वरदानया अभिशाप ?, 1मुददे : (1) प्रस्तावता (2) प्रत्येक क्षेत्र पर आधिपत्य (3) बिजली का आविष्कार (4) आकाश और समुद्र पर अधिकार (5। चिक्रित्मा, जाति के विनाश की आशंका। /10॥ निष्कर्ष], , क्रांति (8) अद्भुत वरदान (9) मानव, , पत्र में प्रगति (6) मनोर॑जन के आधुनिक साधन (7) हरित क्रां, पर विज्ञान का आधिपत्य दिखाई देता है। विज्ञान ने अपने अनेक आविष्कार ६, , आज का युग विजान का युग है। हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र, / जीवन को सुख-सुविधा से संपन्न बना दिया है।, हैं। उत्पादन के क्षेत्र में तो बिजली ने चमत्मा, , बिजान की सर्वाधिक सुपरिचित देन बिजली है। हमारे अधिकतर देनिक काम बिजली पर ही निर्भर, , हर दिया है। हमारी सभी मशीर्नें बिजली से चलती है।, , प्ह विज्ञान का ही चमत्कार है कि मनुष्य आकाश और समुद्र पर अधिकार, , जे सहायता से आज बहरा सुनने लगा है और अपंग चलने-फिरने तथा, , यम से विस्मयकारी प्रगति हुई है। आज अनेक भयानक और जटिल रोगों का निदान तथा उपचार संभव हो, , उनोरंजन के आधुनिक साधन भी विज्ञान की ही देन हैं। रेडियों, दूरदर्शन, सिनेमा, वीडियों आदि से न केवल मनोरंजन एवं ज्ञान प्राप्त होता है, इनसे समाज-सुधार भी होता है। भारत में विज्ञान के प्रताप से ही हुई है ओर देश अन्न-उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है, , [कार जमाए हुए है। विज्ञान द्वारा ऐसे यंत्रों का आविष्कार हुआ है हि, हर प्रकार के काम करने लगा है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान +, गया है।, , तु हरित क्रांति ह॒ः, उंगणक विज्ञान का अदभुत वरदान है। उसी ने यंत्रमानव बनाए है। इन उपकरणों से मानव-जीवन में एक नई क्रांति आ गई है।, शस्त्रास्त्रों के दुरुपयोग से समस्त मानव जाति का विनाश हो सकता है।, , की ही देन हैं। इन शस्त्रा, कल्याण करने की दिशा में प्रयत्तशील, , केंतु अणुबम जैसे भयानक शस्त्रास्त्र भी विज्ञान, मनुष्य को विज्ञान के सदुपयोग दूवारा मानव जाति का कल्या, , उभी अनर्थों की जड़ मनुष्य की दुर्बुद्धि है। अतः म, चाहिए।, , मम लाम्नल्नवितगिव्ननवोन जनम, , 3. नदी-किनारे एक शाम अथवा नदी 1 ॥ ।॥ |॥ ।॥ ॥॥ दो घंटे, दृश्य(4) खोमचेवाले, फेरीवाले आदि (5) नौकाविहार का, , मुद्दे : (7) प्रस्तावना (2) प्राकृतिक वातावरण (3) नदी-किनारे के दूं:, , द (6) मंदिर में भगवान विदृठल दर्शन (7) उपसंहार॥, , | दिपावली की छुट्टियों में अपने चाचा के यहाँ पंढरपुर, रे निकल पढ़े।, , बंद्रभागा महाराष्ट्र की प्रसिद्ध नदी है। जब हम वहाँ पहुँचे, तब, 1 अपनी तेजस्विता खो चुकी थीं। नदी का पानी सुनहरे लाल, , दी के तट पर काफी चहल-पहल थी। पक्षी अपने घोंसलों की |, नी पिला रहे थे। कुछ लड़के नदी में तेर रहे थे। नौकाविहार करने वालों का आनंद देखते ही बनता, , में दीपदान कर रही थी।, दी-किनारे पर दूर तक खोमचेवालों की धूम मची हुई थी। पेल-पूड़ीवालों के पास, , २ और खिलौनेवालों के पास ही जमे हुए थे।, मने एक नाव तय की। नाववाला बहुत दिलचस्प आदमी, एूँ सुनाई। चंद्रभागा के तट पर ही महाराष्ट्र के सुप्रसिद, , । था। चाँदनी चारों ओर फैल चुकी थी।, , गया था। वहाँ मेरे कई मित्र थे। एक दिन शाम को हम कुछ मित्र चंद्रभागा नदी के, , ब सूर्य पश्चिम दिशा में पहुँच चुका था। अस्ताचल की ओर बढ़ते हुए सूर्य की, रंग की छटा बिखेर रहा था। शीतल मंद पवन बह रहा था।, , ओर लौट रहे थे। चरवाहे गाँव की ओर लौट रहे थे और अपने मवेशियाँ को नदी, 1 था। रंगबिरंगी पोशाकों में सजी महिलाएँ, , काफी भीड़ थी। कुल्फी-मलाई और फलवाले भी थे। बच्चे, , जलविहार कराते-कराते उसने हमें चंद्रभागा के संबंध में पुराणों ' ६, , [दमी था। जलवि', । तब तक आकाश में चाँद पूरी तरह नरक:, , ध संत तुकाराम ने स्वर्गरिहण किया था, , हमने मंदिर में जाकर भगवान का दर्शन किया और घर +, , इनमें भगवान विदृठल का मंदिर मुख्य है।, , है ० | पावन तट पर कई मंदिर हैं।, , __...... 7 +, , मुद्दे : (1) प्रस्तावना (2) व्यक्तित्व में 4. मेरे प्रिय नेता अथवा मेरे आदर्श नेता, , ः आकर्षण, , जा सता (7) आधुनिक भारत के करत अदाय साहस (4) देशवापियों में नए प्राण का संचार (5) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, ता /8) बच्चों, , अनेक आदरणीय व महान नेता (8) बच्चों के प्रिय "चाचा नेहरू' (0) विष्कर्षी|, , काफी कुछ सुना और ग हुए हैं, कुछ सुना और पढ़ा है। हुए हैं, किंतु मेरे सर्वाधिक प्रिय नेता तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ही हैं। मैंने नेहरू जी के बारे में, , पंडित जवाहरलाल व्यक्तित्व, भाग में जाते थे, तो लोग में निराला आकर्षण था। उन्हें देखने के लिए लाखों की भीड़ बरी थे -े, जंदित जी की सड़क के दोनों ओर खड़े होकर कहो की भीड़ उमड़ पढ़ती थी। जब कभी चे देश के किसी, बल भय नाम की चीज त्क नही हाँ से उनके गुजरने की प्रतीक्षा करते थे।, ल रहा था। सर्वत्र आतंक £ तक नहीं सकी थी। सन 1942 में 'भारत छोडो' आंदोलन ंग्र ी, रे है छाया हुआ था। स्वतंत्रता आंदोलन दोलन चल रहा था। अंग्रेज सरकार का दमनचक्र भी, ऐसे वातावरण में जवाहरलाल जे, स्वत दोलन दबाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे।, वाली स्वत संदेश लाल नेहरू जेल से छूटे। उन्होंने देश कोने, का संदेश उन्होंने टै॥ उ देश भर दौरा किया। भारत के कोने-कोने में पहुँचकर लोगों को में, | दा का बल दिया। उन्होंने देशवासियों में नए प्राण पएके। कोने में पहुँचकर लोगों को निकट भविष्य में आने, है ४ का जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो पंडित हे, भी उनकी कार्यक्षमता अदूधुत थी । वे प्रतिदिन हुआ, तो पंडित जी देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उस समय वे 58 वर्ष के हो चुके थे। इस उम्र में, विचलित नहीं हुए। उन्होंने देश के विकास के 16 से ५ न घंटे काम करते थे। उस समय देश अनेक समस्याओं से घिरा हुआ था, परंतु पंडित जी, लिए पंचवर्षीय योजनाएँ प्रारंभ कीं। कृषि-विकास के लिए बाँध बनवाए। उन्होंने महात्मा गांधी के, , सपनों के भारत की मजबूत, पंडित जबूत नींव डाली। इसीलिए पंडित जी ', पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर पंडित जी 'आधुनिक भारत के निर्माता' कहे जाते हैं।, , बच्चे अपने प्यारे 'चाचा नेहरू' को याद करते हैं।, , पंडित जी युवकों के हृदय-सम्राट थे। उनकी गिनती विश्व के चोटी के नेताओं में होती थी। पंडित जी इतिहास में अमर, शीट थे। ः टी ं, यह भारतमाता धन्य हे, जिसने जवाहरलाल जैसे सपूत को जन्म दिया। ' ' हे को, , 188 ' वे म, 19 को हुआ था। उनका जन्मदिन आज भी 'बाल-दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, , , , कि 5. यदि मोबाइल न होता तो..., ४ 0) ः, किशन का और बल म्जी सहज जुड़ाव (3) ढ़ेरों सुविधाएँ (४) दूसरों के लिए खतरा (5) सही रूप में उपयोग आवश्यक।], के किसी कॉने में फे हपर विस. मा हा आज पा के के जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। आज मोबाइल के कारण हम दुनिया, ड़ गत कर सः गा, लोग इसकी सहायता से 2 पआ सके कते हैं। आज हर कोई चाहे वह छोटा हो या बड़ा, मोबाइल फोन अपने पास रखता है। सभी, विक। कपीआआ का न जा पा रहा बह कोई बीमार हो गया है, कोई दुर्घटना हो गई है, तो फोन द्वारा घरवालों को सूचित किया जा, बात करने की ही सुविधा नहीं दी है, बल्कि इसके मनोरंजन हि, , कैलेंडर, अलार्म, गेम, फेसबुक, समाचार आदि की सुविधा भी मोबाइल ने हमें दी है। मसल आता सोयन भ का उन ताप, , आजकल मोबाइल से हम रेलटिकट, हवाई जहाज का टिकट, होटेलों में कमरे, , ५, है आदि भी बुक करा सकते हमें की, , सुविधा भी देते हैं। आज मोबाइल की सहायता से आनलाइन बिल भी अदा कल हैं। जमा पााप जज 5, , यदि मोबाइल न होता तो हमें उपर्युक्त सुविधाएँ, जो आज मिल रही हैं, वे, , , वे न मिलती। मोबाइल फोन के न होने से, , लोग कार चलाते समय, पैदल चलते समय, मोबाइल का उपयोग कर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। आजकल लोग कल लेते की हे!, जान गँवा रहे हैं। यह दोष मोबाइल का नहीं हे, यह तो हमारा दोष हैं, क्योकि हम मोबाइल का गलत उपयोग करते है। हमें मोबाइल का समुचित, , उपयोग करना चाहिए।