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2. भारतीय कृषक, देश है और कृषि इसकी रीढ़ है। देश की एक बड़ी आबादी आज भी अपनी 1, , हमारा देश ग्रामीण अर्थव्यवस्था बाला द +] ् री, रोज़ो-रोटी कृषि से ही प्राप्त करती है। इसलिए किसानों की यहाँ बड़ी महत्त्वपूर्ण भर बीज रे यह, अत्यंत दुर्भाग्य की बात हैं कि आज्ञादी के छह दशक बाद भी भारतीय कृषकों को दशा ४ आ « या हैं।, , स्वतंत्रता से पूर्व भारतीय कृषकों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उस समय देश में अंग्रेज़ों का पूरी त्तरह नियंत्रण, धा। अंग्रेज़ों का तो मूल उद्देश्य व्यापार या शासन के दूवारा भारतीयों का पूर्ण शोषण करना ही था, अतः उन्होंने किसानों, की हालत में सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किया। कृषकों की स्थिति सुधारने के लिए अंग्रेज्ञों ने कई बार कानून पारित, किये, परंतु वास्तविक रूप में उनका कभी भी पूरी तरह पालन नहीं किया। किसानों को अपने उत्पाद का एक बड़ा भाग, कर के रूप में सरकार को देना पड़ता था। सूखा तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय उनका स्थिति अत्यंत दयनीय, हो जाती थी। कर अदायगी के लिए वे सेठ-साह॒कारों से कर्ज लेकर उसका बोझ जीवनभर ढोते रहते थे। उन्हें व उनकी, संतानों को बंधुआ मज़दूरी करनी पड़ती थी।, , स्वतंत्रता के बाद कृषकों की दशा में सुधार के लिए अनेकों योजनाएँ कार्यान्वित की गईं। समय-समय पर विभिन्न, सरकारों द्वारा किसानों को अनेक सुविधाएँ दी गईं मगर अनेक कारणों से इन सुविधाओं का लाभ पूर्ण रूप से उन तक, नहीँ पहुँच पाया है। देश के विभिन क्षेत्रों के किसानों में भारी असंतोष है क्योंकि उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में न, तो बिजली मिल पाती है और न ही उन्नत किस्म के बीज आदि समय पर उपलब्ध होते हैं।, , भारतीय कृषक कौ सामान्य दशा का यदि अवलोकन करें तो हम पाते हैं कि हमारे कृषक निरक्षर हैं। यह कृषकों, के पिछड़ेपत का एक प्रमुख कारण है। निर्धनता एवं अशिक्षा के कारण वे सरकार की कृषि संबंधी विभिन्न योजनाओं का, लाध तहीं उठा पाते हैं। शिक्षा के अभाव में बे उन्नत बीज, कृषि के आधुनिक उपकरणों तथा उच्च वैज्ञानिक तरीकों से, वंचित रह जाते हैं।, , पिछले कुछ वर्षों में विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भारत ने विशेष प्रगति को है। संचार माध्यमों के विशेष प्रचार, एवं प्रसार का सकारात्मक प्रभाव हमारी कृषि पर भी पड़ा है। दूरदर्शन तथा रेडियो आदि के माध्यम से हमारी सरकार एव, अन्य संस्थाएँ कृषकों को कृषि संबंधी जानकारियाँ दे रही हैं तथा उन्हें उन्नत बीजों व विभिन्न वैज्ञानिक तरीकों से अवगत, करा रही हैं। इसके अतिरिक्त बैंकों आदि के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर कर्ज़ उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे बे आधुनिक उपकरण तथा सिंचाई आदि का प्रबंध कर सकें।, , ढ, 1