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५, । हीं, 147४ + 5 अं आ हर, , मुहावरे ऐसे वाक्यांश होते हैं जो अपने साधारण अर्थ में प्रयुक्त न होकर विशेष अर्थ में गे, , है। महा हीं जैसे, होते हैं। मुहावरों का कोशीय अर्थ नहीं होता। जै, “अंगूर खट्टे होना' में अंगूर के खट्टे होने का अर्थ 'प्राप्त न हो सकने वाली चीज़' से |, , *अंधे के हाथ बटेर लगना' मुहावरे में भी “अंधे व्यक्ति के हाथ में बटेर पक्षी का ह, जाना' अर्थ नहीं है बल्कि “बिना प्रयास के कोई चीज़ मिलना! है।, , मुहावरों के प्रयोग से भाषा में एक विशेष प्रभाव आ जाता है। मुहावरों में प्रयुक्त शब्, के अर्थ कोश से भिनन होते हैं। ये लाक्षणिक अर्थ होते हैं। जैसे, नौ दो ग्याह होना - भाग जाना, नाक रगड़ना - खुशामद करना, , अधिकांश मुहावरे क्रिया शब्दों (-ना)से समाप्त होते हैं और वाक्य में प्रयोग करते हुए सामाय, क्रिया की तरह उनमें भी कर्ता या कर्म के लिंग, वचन, पुरुष के कारण विकार आता है।, , लोकोक्ति- दो शब्दों के मेल से बनी है- “लोक' और “उक्ति!| इसका अर्थ है- लोक, में प्रचलित उक्ति या बात। जीवन के अनुभवों के आधार पर लोकोक्तियों का निर्माण होता, है। इनका प्रयोग अपने कथन को सिद्ध करने के लिए या प्रमाण के तौर पर किया जाता है।, लोकोक्ति को 'कहावत' भी कहा जाता है।, , “मुहावरे' और “लोकोक्ति' में अंतर, * मुहावरे का अंत क्रिया शब्द से होता है।, , * मुहावरे वाक्यांश होते हैं जबकि लोकोक्तियाँ पूरा कथन होती हैं।, , * मुहावरे का प्रयोग वाक्य के अंग के रूप में किया जाता है। लोकोक्ति |, स्वतंत्र रूप से होता है।, , * कह पदों का सामान्य अर्थ बदल जाता है जबकि लोकोक्ति में मूल अर्थ, रहता है। द, , हर बल ब् हल
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कहुपरचलित मुहावरे उनके अर्थ तथा प्रयोग, दिखाना- साफ़ इनकार करना, , जब मैंने राधा से सहायता माँगी तो उसने मुझे, दिखा, भ्रंधे की लकड़ी होना- एकमात्र सहारा होना 5५ 9४, , बेटे प्रायः अपने माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी होते हैं।, ग! लू सीधा करना- अपना मतलब निकालना, अकसर पैसेवालों से दोस्ती अपना उल्लू सीधा करने के लिए की जाती है।, पने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना- अपना ही नुकसान करना, उसने अच्छी-भली नौकरी छोड़कर अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारी है।, या मिट्ठू बनना- अपनी बड़ाई करना, कुछ लोगों को अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने कौ आदत होती है।, अक्ल पर पत्थर पड़ना- बुद्धि का काम न करना, परीक्षा के दिनों में तो फ़िल्में देख रहे थे, क्या तुम्हारी अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे!, आँखें दिखाना- क्रोध करना, पहले तो उधार ले लिया, अब माँगने पर आँखें दिखाते हो!, आँखों में धूल झोंकना- धोखा देना, जेबकतरा पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग गया।, आँखें खुलना- होश आना, पता चलना, उसकी करतूतें देखकर अब उसके माता-पिता की आँखें खुलीं।, 0. आसमान सिर पर उठाना- बहुत शोर करना, आज छठी कक्षा में अध्यापक नहीं हैं, सारी कक्षा ने आसमान सिर पर उठा रखा है।, अन्य मुहावरे और उनके अर्थ* अंग-अंग ढीला होना - “बहुत लाने जुआ हा, 2. आँखें फेर लेना - प्रतिकूल हो जाना, बहुत अधिक अंतर होना, , ॥, , 3. आकाश-पाताल का अंतर होना, करुर सम बहुत ऊँचा होना, 4. शश से बातें करना एम, 6 |
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ईंट का जवाब पत्थर से देना, ईद का चाँद होना, उँगली उठाना, , उल्लू बनाना, एडी-चोटी का ज़ोर लगाना, , .. कान भरना, . कानों-कान खबर न होना, , खून-पसीना एक करना, , . गागर में सागर भरना, , गिरगिट की तरह रंग बदलना, , . घडों पानी पड़ना, . घी के दीए जलाना, . चार चाँद लगाना, , चुल्लू भर पानी में डूब मरना, , . छक्के छुड़ाना, , टस से मस न होना, , . दाँतों तले उँगली दबाना, . दाल न गलना, 23. दिल पसीजना, , नमक-मिर्च लगाना, , . नौ दो ग्यारह होना, , पीठ दिखाना, , . फूला न समाना, .. भीगी बिल्ली बनना, , मक्खियाँ मारना, , . मुँह ताकना, , . मुँह में पानी भर आना, * मुट्ठी गरम करना, , « लाल-पीला होना, , दोष लगाना, , मूर्ख बनाना, , भरसक प्रयत्न करना, चुगली करना, , किसी को पता न चलना, बहुत मेहनत करना, संक्षेप में अत्यधिक कह देना, कोई सिद्धांत न होना, शर्मिंदा होना, , खुशियाँ मनाना, , इज्ज़त बढ़ाना, , शर्म महसूस करना, बुरी तरह हरा देना, ज़रा भी न हटना, आश्चर्यचकित होना, सफल न होना, , दया आना, बढ़ा-चढ़ाकर कहना, भाग जाना |, युद्धभूमि छोड़कर भाग जाना..., अत्यधिक प्रसन्न होना, डर जाना, , बेकार समय बिताना, दूसरों पर आश्रित होना, खाने को ललचाना, रिश्वत देना, , बहुत गुस्सा करना
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५ लोहा" नैना मुकाबला करना, , | बीरातिं क्रो प्राप्त होना युदूध में लड़ते हुए प्राण देना, हवा से बातें करना बहुत तेज़ भागना, , (ध-पाँव फूलना घबरा जाना, , हाथ-पैर मारना - बहुत प्रयास करना..., , शथ मलना - पछताना, , 'थ साफ़ करना - चोरी करना, , लोकोक्तियाँ (7070%2105$), , बहुप्रचलित लोकोक्तियाँ, उनके अर्थ तथा प्रयोग।, आंधों में काना राजा- मूर्ख लोगों में थोड़ा बुद्धिमान, पूरी बिरादरी में वह पहला लड़का है जो आठवीं पास है, इसीलिए लोग उसे सम्मान देते हैं।, ठीक ही कहा है- आंधों में काना राजा।, , आ बैल मुझे मार- अपने-आप मुसीबत मोल लेना, अपने विरोधियों को घर में बुलाकर तुम निश्चित हो। यह तो वही हुआ- आ बैल मुझे मार।, , एक अनार सौ बीमार- किसी एक वस्तु के बहुत चाहनेवाले होना, आजकल एक नौकरी होती है और सैकड़ों प्रत्याशी। इसे कहते हैं- एक अनार सौ बीमार।, एक पंथ दो काज- एक ही समय पर दो काम कर लेना, मैं चेननई गया था दफ़्तर के काम से, वहाँ से चांडिचेरी भी घूमता आया। यही होता हैएक पंथ दो काज।, 5. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता- अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर तुम सारी सामाजिक बुराइयों को दूर करना चाहते हो, लेकिन अकेला चना भाड़, , , , , , , फोड़ सकता।, , 6. एक करेला दूजे नीम चढ़ाराम का बड़ा भाई पहले सिगरेट पीता था, अब जुआ भी खेलने, , एक करेला दूजे नीम चढ़ा।, , 7. कोयले की दलाली में मुँह कालातुमने उससे मित्रता करके अच्छा नहीं किया, इससे तुम भी बदनाम, ने कहा है- कोयले की दलाली में मुँह काला।, , एक दोष के साथ दूसरा भी आ मिलना, लगा है। इसे कहते हैं:, , बुरा काम बदनामी का कारण बनता है, हो जाओगे।
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8., , चोर की दाढ़ी में तिनका- दोषी को आंदर आर, राजेश लिन पूछे ही सफ़ाई देने लगा, हम सब समझ गए कि चोर की दाढ़ी में 5, , दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँककर पीता हैं: एक बार, , सावधान होना |, , जेब में |, एक बार जेब कट जाने पर वह इतना चौकन्ना हो गया है कि हे पर्स ही हे, रखता ठीक हो कहा है-- दूध का/जला छाछ भी पक पक है। |, दूध का दूध पानी का पानी- निष्पक्ष न्याय करना, , विक्रमादित्य का न्याय जगप्रसिद्ध है। उसी प्रकार के न्याय को कहते हैं-- दूध का दूं, पानी का पानी।, , कुछ अन्य लोकोक्तियाँ और उनके अर्थ, ड़, , दि छ कध्य 90 ७ कफ 0०7७ (६, , थोथा चना बाजे घना - अज्ञानी व्यक्ति खूब बढ़-चढ़कर बातें करता है।, कंगाली में आटा गीला - मुसीबत में और मुसीबत आ पड़ना, , खोदा पहाड् निकली चुहिया - कोशिश अधिक करना किंतु सफलता कम मिलना, नाम बड़े दर्शन छोटे - प्रसिदधि के अनुरूप गुण न होना, , बंदर कया जाने अदरक का स्वाद - किसी वस्तु के महत्त्व को न समझना, , मुँह में राम बगल में छुरी - ऊपर से मित्र, भीतर से शत्रु, , बिल्ली के भाग से छींका टूट - जैसा चाहा, वैसा हो गया, , अपना-अपना कमाना, अपना-अपना खाना - साझा करना अच्छा नहीं होता, , अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है - अपने घर में कमज़ोर भी शक्तिशाली होता है।, सीधी उँगली से घी नहीं निकलता - कोई काम सरलता से नहीं होता, , अब हम जान गए, , # मुहावरे और लोकोक्तियों का प्रयोग भाषा में रोचकता और प्रभाव, के लिए किया जाता है।, , # मुहावरे का प्रयोग स्वतंत्र नहीं होता जबकि लोकोक्तियों हा, रूप से हो सकता है।, , , , मुहावरा वाक्य में प्रयुक्त होकर वाक्य का अंग बन जाता है, किंतु, का प्रयोग वाक्य के अंत में होता है। पु