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2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?, , उत्तर:- पक्षी उन््मुक्त होकर नीम के पेड़ से कड़वी निबोरियाँ खाना, खुले और विस्तृत आकाश, में उड़ना, नदियों,झरनों का बहता हुआ शीतल जल पीना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना, और क्षितिज से मिलन करने की होड़ करते हुए अन्य पक्षियों के साथ उड़ान भरना इत्यादि, इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।, , 3 कवि ने इस कविता के माध्यम से हमें क्या संदेश देना चाहा है?, , उत्तर- कवि ने इस कविता के माध्यम से संदेश देना चाहा है कि पराधीन सपनेहूँ सुख नाहीं।, यानी स्वतंत्रता सबसे अच्छी है। स्वतंत्र रहकर ही अपने सपने और अरमान पूरे किए जा, सकते हैं। पराधीनता में सारी इच्छाएँ खत्म हो जाती हैं। पराधीन रहने से हमें अपनी, मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी दूसँरों पर निर्भर हो जाना पड़ता है। अतः कवि ने इस, कविता के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्त्व को दर्शाया है। अतः हमें पक्षियों को बंदी बनाकर, नहीं रखना चाहिए। उन्हें आजाद कर आसमान में उड़ान भरने देना चाहिए।, , 4 पक्षी को पिंजरे में क्या सुख-सुविधाएँ मित्र रही थी ?, उत्तर - पक्षी का पिंजरा सोने का बना हुआ था | उस पिंजरे में उसे सोने और चाँदी, की कटोरियों में दाना-पानी सब मित्रता था |, , , , 5. भाव स्पष्ट कीजिए , "या तो क्षितिज मिल्नन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।", , उत्तर:- प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कि पक्षी क्षितिज के अंत तक जाने की चाह रखते हैं, जो, कि मुमकिन नहीं है परन्तु फिर भी क्षितिज को पाने के लिए पक्षी किसी भी स्थिति का, सामना करने के लिए तैयार है यहाँ तक कि वे इसके लिए अपने प्राणों को भी न्योछावर कर, सकते हैं अर्थात स्वतंत्रता की कीमत उसके प्राणों से बढ़ कर है।, , 1४01॥॥९७ .॥8॥५, , ५4