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3 हिन्दू और इस्लाम धर्म में व्याप्त कुरीतियों की आलोचना की।, , 4. प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर के प्रति प्रेम-भाव रखना चाहिए।, , 5 हिंद्व और मुसलमान एक ही ईश्वर की संतान हैं।, , 6. घर्मों का अंतर अथवा मेदभाव मानव द्वारा बनाया गया है। आइए समझें।, , 5. सूफियों के प्रमुख आचार-व्यवहार क्या थे ?, उत्तर सूफी पंथ के आचार-विचार, , 1. सूफी पंथ धर्म के बाहरी आडम्बरों को अस्वीकार करते हुए ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति तथा सभी मनुष्यों के प्रति दयाभाव, रखने पर बल देते थे।, , 2 सूफी संत ईश्वर के साथ ठीक उसी प्रकार जुड़े रहना चाहते थे, जिस प्रकार एक प्रेमी दुनिया की। परवाह किए बिना अपनी, प्रियतम के साथ जुड़े रहना चाहता है।, , 3. ईश्वर एक है, उसे प्रेम-साधना और भक्त द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।, , 6. आपके विचार से बहुत-से गुरुओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रथाओं को अस्वीकार क्यों किया ?, उत्तर बहुत से गुरुओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रथाओं को निम्न कारणों से अस्वीकार कर दिया, , 1. प्राचीनकाल से चले आ रहे ऐसे धार्मिक कर्मकांड जिसमें कई तरह की कुरीतियाँ व्याप्त हो गई थीं।, , 2 प्राचीन काल से चली आ रही धार्मिक रीति-रिवाज एवं प्रथाओं में काफी जटिलताएँ आ गई थीं।, , 3 उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वास तथा प्रथाएँ समानता पर आधारित नहीं थीं। कई वर्गों के साथ काफी भेदभाव किया, जाता था।, , 7. बाबा गुरुनानक की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?, उत्तर बाबा गुरुनानक की प्रमुख शिक्षाएँ निम्न हैं, , 1. एक ईश्वर की उपासना करनी चाहिए।, , 2 जाति-पाति और लिंग-भेद की भावना से दूर रहना चाहिए।, , 3 ईश्वर की उपासना करनी चाहिए, दूसरों का भला करना चाहिए तथा अच्छे आचार-विचार अपनाने चाहिए।, 4 उनके उपदेशों को नाम-जपना, कीर्तन करना और वंड-छकना के रूप में याद किया जाता है।, , आइए विचार करें, , 8. जाति के प्रति वीरशैवों अथवा महाराष्ट्र के संतों का दृष्टिकोण कैसा था ? चर्चा करें।, , उत्तर, , जाति के प्रति वीरशैवों के विचार - वीरशैवों ने सभी प्राणियों की समानता के पक्ष में और जाति तथा नारी के प्रति व्यवहार के बारे, मैं ब्राह्मणवादी विचारधारा के विरुद्ध अपने प्रबल तर्क प्रस्तुत किए। इसके अलावा वे सभी प्रकार के कर्मकांडों और मूर्तिपूजा के, विरोधी थे।, , जाति के प्रति महाराष्ट्र के संतों के विचार - महाराष्ट्र के संतों में जणेश्वर, नामदेव, एकनाथ और तुकाराम आदि महत्त्वपूर्ण थे। इन, संतों ने सभी प्रकार के कर्मकांडों, पवित्रता के ढोंगों और जन्म पर आधारित सामाजिक अंतरों का विरोध किया।, , 9. आपके विचार से जनसाधारण ने मीरा की याद को क्यों सुरक्षित रखा?, उत्तर हमारे विचार से जनसाधारण ने मीराबाई की याद को निम्न कारणों से सुरक्षित रखा, , 1. मीराबाई एक राजपूत राजकुमारी थीं और उसका विवाह मेवाड़ के राजपरिवार में हुआ था, फिर भी उन्होंने रविदास जो, अस्पृश्य जाति से संबंधित थे, को अपना गुरु बनाया।, , 2 उन्होंने भगवान कृष्ण की उपासना में अपने-आप को समर्पित कर दिया था। उन्होंने अपने गहरे भक्ति-भाव को कई भजनों में, अभिव्यक्त किया है।, , 3 उनके गीतों ने उच्च जातियों के रीतियों-नियमों को खुली चुनौती दी तथा ये गीत राजस्थान व गुजरात के जनसाधारण में बहुत, लोकप्रिय हुए।, , आइए करके देखें