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हि 5. है। प्राचीन कफ |, साधनों को अपनाता रहा है। आदिकाल में ढोल ब, श्रीरे समाचार पत्र, पिलने लगे।, , , , , , ग़कर या ढिंढोश पीटकर यह व, , , , , , , , , , , , , , , , , रैडियो, टी०वी०, टेलौफोन आटि की, , , , सहायता सं <, , गन, माॉबाइल, , , , आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी युग है। कंप्यूटर व इंटरनेट के विकास ने, शिक्षा, व्यापार, विज्ञान, युद्ध, अंतरिक्ष यान-सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर न महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। आज, , , , , छोटे-बडे सभी इसका प्रयोग कर रहे हैं। विद्यालयों, , प॒, , सहायता से विदयार्थी नई से नई जानकारी प्राप्त करते हैं, , , , अब तो शादी-ब्याह भी इंटरनेट पर तय होने लगें, आज इसी तकनीक, जानकारी प्राप्त होती हैं।, , , , कारण मौसम विज्ञान, , , , लिया है, जो एक संकड़ म॑ 3, , , , आज हमारे वैज्ञानिकों ने 'सुपर कंप्यूटर' का निर्माण कर, सकता है। आज भारतीय विशेषज्ञों की दुनिया भर में माँग हैं, व विदशा, हमारी अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। इसी सूचना क्रांति के कारण, जैसे -टाटा, विप्रो, रिलायंस, इंफोसिस आदि विश्व के साथ कदम-से-कदम मिला कर चल पा रही हें, , ५ |, , , , , , , , , , , ड्स तकनीक के कारण आज विश्व बहुत छोटा हो गया हैं। गम, सूचनाओं को इंटरनेट की सहायता से पूर विश्व में पहँँचाया जा सकता, फिल्में देख सकते हैं। दुनिया में कहीं भी बैठ अपन मित्रों रिश्तेदारों से ड़, , , , मानों आमने-सामने बैठ हा, आज इस सुचना क्रांति के कारण भारत को विश्व में गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ, युग का विकास संभव नहीं। अत: हमें निरंतर इस क्षेत्र में नई, , , , ई खोजें कर अग्रसर होना है, , , , ठषि गरीयसी अथवा स्वदेए, , , , 1. जननी जन्मभूमिश्च, ___ संकेत बिंदु, देश-प्रेम का अर्थ, देश-प्रेम स्वाभाविक गुण, देश-प्रेम का महत्त्व, देश-प्रेम के विविध रूप, , , , , , उपसंहार।, , , , जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है।, चह नर नहीं, नर पशु निरा है और मृतक समान हैं।