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६७४ ५शँ।॥ ४॥/?25 (10७, , प्रश्न], , उत्तर, , प्रश्न 2, , उत्तर, , प्रश्न, , उत्तर, , प्रश्न 4, , उत्तर, , जो देख कर भी नहीं देखते, , , , जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं - हेलेन केलर को ऐसा क्यों, लगता था?, , हेलेन केलर को ऐसा इसलिए लगता था क्योंकि जब प्रकृति की वस्तुओं को छूने से इतना, आनंद मिलता है तो देखकर ही मन मुग्ध हो जाना चाहिए, परंतु दुनिया के सुंदर रंग लोगों की, संवेदना को छू नहीं पाते हैं।, , 'प्रकृति का जादू' किसे कहा गया है?, , ऋतुओं का परिवर्तन, वसंत में फूलों का खिलना, कलियों की पंखुड़ियों की मखमली सतह,, कलकल करते बहते हुए झरने और कालीन के समान फैले हुए घास के मैदान आदि 'प्रकृति, के जादू' है।, , 'कुछ खास तो नहीं' - हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर, हेलेन को आश्वर्य क्यों नहीं हुआ?, , 'कुछ खास तो नहीं' - यह जवाब उसकी मित्र ने तब दिया जब वह जंगल की सैर करके लौटी, थी। हेलेन को आश्चर्य इसलिए न हुआ क्योंकि आँखें होने के बाद भी इन आाक बव क श्यों को, देखकर उसका मन मुग्ध न हुआ। प्राकृतिक दृश्यों की तरफ उसका ध्यान नहीं, हुआ था।, , हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ पढ़कर, इसका उत्तर लिखो।, , हेलेन केलर भोजपत्र की चिकनी छाल, चीड़ की खुरदरी छाल, कलियों व फूलों की पंखुड़ियों, की बनावट को छूकर तथा चिड़ियों के गीतों को सुनकर पहचान लेती थीं।
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६७४ ५शँ।॥ ४॥/?25 (10७, , प्रश्न 5, , उत्तर, , 'जबकि इस नियामत से ज़िंदगी को खुशियों से इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता, है।' - तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?, , 'जबकि इस नियामत से ज़िंदगी को खुशियों से इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता, है।' - का अर्थ है कि प्रकृति की इन अनेक सुंदर वस्तुओं को देखकर आनंद उठाया जा, सकता है, और अपने सारे दु:खों को भुलाया जा सकता है।, , निबंध से आगे, , प्रश्न], , उत्तर, , प्रश्न 2, , उत्तर, , कान से न सुनने पर आस-पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो।, , यदि हम अपने कान बंद करके स्थिरासन में कुछ देर के लिए ठहरें तो आस-पास की दुनिया, बड़ी शांत लगती है। हम अपने सम्मुख वस्तुओं को तो देखते हैं किन्तु आवाज़ नहीं सुनाई, देती है। इससे सारा कोलाहल समाप्त हो जाता है और हमारा चित्त स्थिर हो जाता है।, , हम अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का इस्तेमाल सबसे ज़्यादा करते हैं। ऐसी चीज़ों के, अहसासों की तालिका बनाओ जो तुम बाकी चार इंद्रियों से महसूस करते हो , , , , , , , , , , , क्रियाएँ इंद्रियाँ | अनुभव/अहसास, , सुनना कान संगीत, पक्षियों/नदियों की कलरव,, लोगों/मशीनों की आवाज़/शोरगुल आदि।, , [घखना. | जीभ [स्वाद - मीठा, तीखा, कड़वा, नमकीन आदि।, , सूँघना नाक गंध - सुगंधित, बदबूदार, सामान्य आदि।, , छूना त्वचा कठोर, नर्म, चिकना, खुरदरा, समतल इत्यादि।