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सुनीता बाजपेयी, , एम.ए., बी.एड., , सहायक शिक्षिका (हिन्दी), , जमशेदपुर उच्च विद्यालय, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम, झारखंड, , कक्षा: 10 (हिंदी व्याकरण), , क्रिया, , परिभाषा : - जिन शब्दों से किसी काम के करने या होने का बोध होता, है उसे क्रिया कहते हैं ।, , जैसे - लिखना, सोना, खेलना, पढ़ना, आदि ।, कुछ अन्य उदाहरण, 1. मोहन फल खाता है।, , 2. वर्षी हो रही है।, , 3. मां खीर बना रही है।, , इन वाक्यों में खाता है, हो रही है, बना रही है, क्रिया हैं।
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धातु- क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है। जैसे: पढ़, लेख, चल, सो, आदि।, , धातु मैं प्रत्यय त्रगाकर अन्य क्रियाओं का निर्माण किया जाता है।, , जैसे- पढ़ +ना (प्रत्यय) 5 पढ़ना।, , क्रिया के भेद :, कर्म के अनुसार क्रिया के दो भेद होते हैं(1) सकर्मक क्रिया (2) अकर्मक क्रिया, , 1) सकर्मक क्रिया: जिस क्रिया के साथ कर्म रहता है अथवा उसके रहने, की संभावना रहती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।, , जैसे : मां पत्र लिखती है। रेखा खाना बनाती है।, इन वाक्यों में क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है।, सकर्मक क्रिया के दो भेद हैं:, , क) एककर्मक क्रिया- वे सकर्मक क्रिया जिन्हें केवल एक ही कर्म की, आवश्यकता होती है, एककर्मक क्रिया कहलाती है।
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जैसे- अमित कविता लिखता है।, , ख) दविकर्मक क्रिया- जिनकी क्रियाओं में दो कर्मों की आवश्यकता होती, है- एक कर्म से वाक्य में अधूरापन रहता है- ऐसी क्रियाओं को द्विकर्मक, क्रिया कहते हैं।, , जैसे- रेखा शिक्षिका से हिंदी पढ़ती है।, , 2) अकर्मक क्रिया- जिस क्रिया के साथ कर्म ना रहे, अर्थात जिस की, क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़े उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।, , जैसे- सचिन दौड़ रहा है। मां हंस रही है।, , इन वाकयों में क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ रहा है।, रचना के अनुसार क्रिया के पांच भेद:, , रचना की दृष्टि से क्रिया के पांच भेद होते हैं, 1) संयुक्त क्रिया 2) नामधातु क्रिया 3) प्रेरणार्थक क्रिया 4) पूर्वकाल्षिक, क्रिया 5) कृदंत क्रिया
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1. संयुक्त क्रिया- जिस वाक्य में दो या अधिक क्रियाएं मिलकर एक ही, कार्य को संपन्न करती हैं उन्हें संयुक्त क्रिया कहते हैं। जैसे:- रेल गाड़ी, चल पड़ी। मैंने स्वेटर पहन लिया।, , 2. नामधातु क्रिया- जो क्रियाएं संज़ा, सर्वनगाम और विशेषण आदि से, बनती हैं उन्हें नामधातु क्रिया कहते हैं। जैसे:- हाथ- हथियाना, पकापकाना, अपना- अपनाना आदि।, , 3. प्रेरणार्थक क्रिया- जिस क्रिया से इस बात का बोध हो कि कर्ता स्वयं, कार्य न कर किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है वह, प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है। जैसे:- पढ़ना- पढ़वाना, पढ़ाना, चलना-चलाना,, चलवाना आदि।, , 4. पूर्वकाल्िक क्रिया- मुख्य क्रिया से पहले आकर पूरी हो जाने वाली, क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है।, , जैसे :- रेखा पुस्तक लेकर पढ़ने लगी।, , पूर्वकालिक क्रिया धातु (मूल क्रिया) के साथ 'कर' प्रत्यय लगाकर बनाई, जाती है।, , 5. कृदंत क्रिया- मूल क्रिया के अंत में प्रत्यय लगाकर बनने वाली क्रियाएं, कृदंत क्रिया कहलाती हैं।
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जैसे:- उठ + आर उठा, पा+ या> पाया, जाग+ ताऊ जागता, गा + कर, गाकर।, , मॉडल प्रश्न:, , 1. निम्नलिखित वाकयों में प्रयुक्त क्रिया पद छांटकर उनके भेद बताएं1) सुरेश बच्चों को सुला रहा है।, , 2) वह प्रतिदिन कई किलोमीटर दौड़ता है।, , 3) विक्रम उपन्यास पढ़ता है।, , 4) पक्षी आकाश में उड़ रहे थे।, , 5) माली ने पके- पके आम तोड़े।, , 6) सृष्टि समाचार- पत्र पढ़ती है।, , 7) मां भोजन बना रही है।, , 8) बच्चा जोर- जोर से हंस रहा है।, , 9) राजू को दवा पिल्लाओ।, , 10) मैंने उससे खत लिखवाया।