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5 सस्ता /::८ा, , (4,, , परिवार संरचना : परम्परागत/ संयुक्त परिवार, ___[#गा १एएलशए : गः/््ि्ि---- पए कञापलापा6 ; 1301019॥/30717 घ्द्या119], , भारतीय परिवार का मुख्य प्रतिरूप है--संयुक्त परिवार | यह भारतीय संस्कृति का प्रतिमान, , है। यह प्राचीन समय से चली आ रही है । भारत के प्राचीन ग्रन्थों में भी इसका उल्लेख मिलता, , है । संयुक्त परिवार की प्रणाली में व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं होता और सामूहिक हित को महत्व दिया, जाता है। छोटे रूप में यह एक समाजवादी संगठन के समान होती है|, भारतीय संयुक्त परिवार की परिभाषा, (ऐलीपांतणा त॑ पातंशा उ्ा। 1051 ।1॥॥॥ ॥|, , भारतीय परिवारों में केवल पति-पली तथा उनके बच्चे ही नहीं होते बल्कि उनके चाचा,, ताऊ, उनके बच्चे और पौत्र भी होते हैं। संयुक्त परिवार का शाब्दिक अर्थ ही यही है-ऐसे, परिवार जो संयुक्त हों । सामान्य अर्थों में एक से अधिक एकाकी परिवार जब संयुक्त रूप से, रहते हैं तब उन्हें संयुक्त परिवार या भारतीय परिवार कहा जा सकता है।, , (1) डॉ. इरावती करवें के अनुसार, संयुक्त परिवार उन व्यक्तियों का समूह हे ,जो सामान्यतः, एक घर में रहते हैं,एक चौके में बना भोजन ग्रहण करते हैं,जो सामान्य सम्पत्ति के अधिकारी होते, हैं तथा जो सामान्य पूजा में भाग लेते हैं और जो परस्पर एक-दूसरे से विशिष्ट नातेदारी से सम्बन्धित, है।” इस परिभाषा में डॉ. इरावती करें ने संयुक्त परिवार की विशेषताओं का उल्लेख किया हे ।, ये विशेषताएँ निम्नलिखित हैं--()) संयुक्त परिवार में व्यक्ति समूह के रूप में एक घर में रहते, हैं। (#) सभी व्यक्तियों का भोजन एक चौके में तैयार होता है । (18) सभी सदस्य परिवार की, सम्पत्ति के अधिकारी होते हैं। (1४) सभी एक धर्म का पालन करते हैं। (४) परिवार के सभी, सदस्य एक-दूसरे से विशिष्ट नातेदारी से सम्बन्धित होते हैं। ., , , (2) डॉ. पंठरीनाथ प्रभु के अनुसार, सामान्यतः हिन्दू परिवार में चार पीढियों के लोग हो, सकते हैं तथा सदस्यों की संख्या कुछ भी हो सकती है । ये समस्त सदस्य एक ही घर में रहते हें, , 1... “068 [णा। शित्रीए 158 87009 ए॑ 9९०७ ज्या0 हथालाव३ 1४९ पराप॑श' 00९ 70061, ए10 €्वा 006, , ९०00८ 01 916९ ॥6बा॥॥ 90 1010 [10८५ | 09:८6 ४ 9फ5ण10 एकबाीत॑936 1 ९000:, रणाजञञाए. भाव ब्राढ 1ढ[वाल्व 10. ढाली 0०1९1. 5016. छ्बागट्पा्ा , छए८ ण, , पा1ठा29." -1रश्ती-दिकारल, 601 0/इदारियांणि 1 गांव." 9. 10.
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परिवार संरचना : परम्परागत/संयुक्त परिवार | 19, , सम्बन्धियों को भी संयुक्त परिवार के अन्तर्गत माना है व संयुक्त परिवार या गा साय ये माप है व संयुक्त पवार की सुख्ण विशेषता मुख्य विशेषता, , सामान्य सम्पत्ति को माना है| है |, इस प्रकार इन परिभाषाओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि संयुक्त परिवार में तीन से, , अधिक पीढ़ी के सदस्य सम्मिलित होते हैं, सामान्यतः एक ही घर में रहते हैं,एक साथ आर्थिक, , क्रियाएँ सम्पन्न करते हैं व एक-दूसरे से स्नेह, विश्वास व कर्तव्य की भावना से जुड़े रहते हैं |, , भारतीय संयुक्त परिवार की विशेषताएँ, (एात्नाइ्नटालपंडां८5 रण जता: पा), , संयुक्त परिवार भारतीय परिवार के रूप में आज भी कई विशेषताओं के साथ देखा जाता, है कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं-- ;, , (1) विशाल आकार (1,08० 912०) - महें संयुक्त परिवार की मुख्य विशेषता है | संयुक्त, परिवार एक से अधिक प्राथमिक परिवारों से मिलकर बनता है जिसमें कई सदस्य होते हैं । कई, बार चार पीढ़ियों तक के सदस्य एक साथ रहते हैं। ०, , (2) संयुक्त सम्पत्ति (107 00५५) -- संयुक्त परिवार में सभी आर्थिक क्रियाएँ जैसे, आय प्राप्ति, सम्पत्ति की देख-रेख,उपभोग आदि संयुक्त रूप से होगी है । यह एक सहकारी संस्था, के समान होता है जिसमें परिवार का मुखिया एक ट्रस्टी के समान होता है और वह सम्पत्ति का, प्रबन्ध परिवार के सदस्यों के हित के लिए करता है । मैले, (४9१॥०५) ने इस सम्बन्ध में लिखा है-, न “यह ज्वाइन्ट स्टॉक कम्पनी.(107 505८६ (०ग्रएथा)) के समान एक सहकारी संस्था ., है जिसमें एक संयुक्त सम्पत्ति है।” परिवार के सभी सदस्यों की आय एक संयुक्त कोष में रखीं, , जाती है।, , (3) संयुक्त निवास ((०णरपाणा ए२८कं१०१८८) - यह संयुक्त परिवार की एक आवश्यक, विशेषता २ कि सभी सदस्य एक ही निवास में रहें । आधुनिक युग में कई संयुक्त परिवार ऐसे, हैं जिनके सदस्य जीविकोपार्जन हेतु बाहर जाते हैं, किन्तु समय-समय पर जैसे किसी.पर्व या, शादी-ब्याह के अवसर पर एकत्र होते हैं। ._, , (4) सामान्य पूजा तथा धर्म-कर्म ((0प्रा07 फ्ेणरआंफ भाप ८४४०1) - यह संयुक्त, परिवार कौ एक आवश्यक विशेषता है । सामान्य पूजा के कारण सब संदस्य एक दूसरे से बंधे, होते हैं। त्यौहारों के अवसर पर पूजा, संस्कार तथा श्रद्धा इत्यादि के कारण परिवार के सदस्य, एक-दूसरे से बंधे होते हैं | परिवार के सदस्य विवाह मृत्यु एवं पारिवारिक शोक तथा खुशियों के, लिए समान रूप से उत्तरदायी हीते हैं । ", , (5) संयुक्त भोजन (1011 6004) - डॉ. इरावती करवें ने संयुक्त परिवार की परिभाषा, में इस विशेषता का उल्लेख किया है । उनके अनुसार संयुक्त परिवार के सदस्य एक ही चौके में, बना भोजन खाते हैं। आजकल कई परिवारों में सदस्य एक ही मकान में निवास करते हैं किन्तु, भोजन अलग पकाते हैं । यह संयुक्त परिवार की एक कमी को दर्शाता है।, , (6) सहकारी संगठन ((:०-०7९७४५४९ (3 100118010॥) -सँयुक्त परिवार प्रणाली का, आधार सहकारिता है। सभी सदस्य एक-दूसरे को सहयोग प्रदान करते हैं व एक-दूसरे के हित, , का ध्यान ॥ ।
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परिवार संरचना : परम्परागत/संयुक्त परिवार | 21, , “भारतीय संयुक्त परिवार की आर्थिक पृष्ठभूमि, , (#लणात्ाांट छाल॑क्हा/णपरा0 ० पाताज्ा उणा। था) ; न, भारतीय संयुक्त परिवारों में जहाँ एक ओर आर्थिक लाभ हैं वहाँ आर्थिक हानियाँ भी हैं |, हम दोनों की अलग-अलग चर्चा करेंगे-- हे, आर्थिक लाभ (2001070 20४व1182०७), , (1) अपखण्डन से भूमि का बचाव (5०८ए1७ 88415 गिब्वष्ठाशा(क्षाणा ०, 1.70) - चूँकि संयुक्त परिवारों में सम्पत्ति का बँटवारा नहीं होता अतः भूमि के भी टुकड़े होने, सेबच जाते हैं । टुकड़ों में बँटने से जमीन अनुपयोगी जोत ([710007णग्रांए 10141) बन जाती, है। सभी सदस्यों द्वारा मिलकर बड़ी भूमि पर कार्य करने से फेसल की पैदावार भी अच्छी होती है ।, , (2) श्रम विभाजन (1)शं्र० ०1 1,80007) - संयुक्त परिवार का दूसरा आर्थिक लाभ, है--सब सदस्यों में योग्यतानुसार श्रम विभाजन ।, परिवार के सभी सदस्य अपनी योग्यतानुसार, मिलकर कार्य करते हैं | कृषि कार्य में महिलायें व बच्चे भी हाथ बँटते हैं | व्यवसाय में परिवार, के सदस्य काम में सहयोग देते हैं जिसमें विश्वस्त कार्यकर्ता प्राप्त हो जाते हैं। इसी प्रकार, रंगाई, बढ़ई, हलवाई आदि कार्यों में परिवार के सभी सदस्य मिलकर आर्थिक सहयोग प्रदान, , ' करते हैं ।, , (3) आर्थिक समृद्धता (800707ं८ 7057०709) - परिवारके सब सदस्यों का सहयोग, होने से वह आर्थिक दृष्टि से सम्पनन होता है | परिवार के सब सदस्य मिलकर मुखिया के पास, धन एकत्र करते हैं ओर मुखिया या कर्त्ता सबकी आवश्यकतानुसार व्यय कर घर का प्रबन्ध, करता है ।, , (4) अधिक उत्पादन (प्रांह्ठाआ 77007८४०॥) - संयुक्त परिवार में सब सदस्यों के, , मिल-जुल कर कार्य करने से अधिक उत्पादन होता है । किसी भी सदस्य को अकेलेपन की भावना, नहीं रहती । अधिक उत्पादन से उत्पादन क्षेत्र में विशिष्टीकरण भी स्थापित हो जाता है।, , (4) खर्च में बचत (7007ण79 17 +»79०101७) -परिवार में सभी सदस्य एक ही, मकान में रहते हैं व एक हो चूल्हे पर बना खाना खाते हैं, इससे खर्च में बचत होती हे । साथ ही, सब सदस्य मिल-जुलकर श्रम करके पूँजी एकत्र करते हैं और बची हुयी पूँजी को जमा करके, उसका उपयोगी कार्य में विनियोग किया जाता है । शादी ब्याह, त्यौहार आदि भी मिलकर मनाने, से खर्च में बचत होती है | *, , (6) आय व सम्पत्ति का समान बँटवारा (8408 15110 ण प्रल्णगा6 क्षात, ?707०/9) - संयुक्त परिवार का यह मुख्य उद्देश्य है कि सबको समान दो । चाहे कोई व्यक्ति, कम आय अर्जित करता हो, चाहे वृद्ध हो,बच्चा हो,सत्री हो,विधवा हो सभी सदस्यों में आय व, सम्पत्ति का समान बँटवारा होता है । , (7) आर्थिक उनति को निश्चित करता है (1800 (80010170 17०0, ६ 27055) - यह, देश की आर्थिक उनति में योगदान करती है, क्योंकि यह परिवार के प्रत्येक सदस्य तो रोजगार, दस 0501४ ! गा ४३ ना है । राष्ट्र की प्रगति के लिए आवश्यक है, ष्टू के निवासियों को भरपेट भोजन मिले । संयुक्त परिवार अपने सदस्यों के लिए यह, है, जिससे वे राष्ट्र के उत्थान में तत्पर होते हैं । व क