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हि अििशिशशशश में प्रवेश लेने के, । को प्रार्थना है कि मुझे कद मुझे “विद्यालय छोड़ने का प्रमाण-पत्र आवश्यक है।, , । प्रवेश ले सकूँ। दरयालय छोड़ने का प्रमाण-पत्र प्रदान करने की कृपा करें ताकि मैं दूसरे विद्यालय में, द्यवाद, , आपका आज्ञाकारी शिष्य, , . ) कब्खन्ग>०, , पुह आ', अनु. ..., , | दा बा के प्रधानाचार्य को शुल्क-मुक्ति (फीस माफ) करने हेतु प्रारथना-पत्र लिखिए।, , नई दिल्ली, , 12 अगस्त, 202%, , प्रधानाचार्य जी, चछ«ज० स्कूल, नई दिल्ली |, * विषय-शुल्क-मुक्ति हेतु प्रार्यना-पत्र, महोदय, सविनय निवेदन है कि मैं इस विद्यालय की नौवीं-बी कक्षा का छात्र हूँ। मेरे पिता जी एक प्राइवेट फैक्ट्री में कंप्यूटर, ऑपरेटर हैं, जिनका वेतन कम है। घर में कुल छह सदस्य हैं, जिनका निर्वाह पिता जी की कमाई पर निर्भर है। मेरा एक, छोटा भाई भी इस स्कूल की छठी कक्षा का छात्र है। हम दो भाइयों की फीस देना पिता जी के लिए काफी मुश्किल हो, रहा है। मैंने पिछली कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। मैं विदुबालय की कबडूडी टीम का सदस्य हूँ।, आपसे प्रार्थना है कि मेरी फीस माफ करने की कृपा करें ताकि मैं अपनी पढ़ाई आगे भी जारी रख सकूँ। आपकी इस, कृपा के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।, धन्यवाद सहित, आपका आज्ञाकारी शिष्य, कब्खब्ग>, ए 'ब', अनु. ... फ्, $. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए, जिसमें कंप्यूटर-शिक्षण की व्यवस्था, परीक्षा भवन, नई दिल्ली, 5 अप्रैल, 202९:, , प्रधानाचार्य जी, च० छ« ज« विदूयालय, नई दिल्ली।, , विषय-कंप्यूटर-शिक्षण व्यवस्था के संबंध मे २, बेआप विदूयालय में पठन-पाठन, खेल-कूद तथा पुस्तकालय की उत्तम, , विद्यार्थी हूँ। इस विदूयाः हैं में कं ज्ञान कितना, मैं आपके विदृयालय की नौवीं कक्षा व्यवस्था नहीं है। आप ती जानते ही हैं कि साली न पर बिल, डक है कंयूल लव में इसका बढ़ता प्रयोग देखा जा सकता दा ' दिनों-दिन बढ़ता प्रयोग, इसके, पूर्ण हो गया है। हर कार्य कंप्यूटर हैं वांठनीय माना जाने लगा इसकी बढ़ती, बनाने, हिसाब-किताब रखने के चित है कंप्यूटर 'बोकरियों | में इसका ज्ञान का माना जाने लगा है। ई, ज्ञान के महत्व को और भी बढ़ा देता स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षण की व्यवस्था हो गई है!, उपयोगिता के कारण आसपास के स्कूलों मे पत्रलेखन 271, , , , करने का अनुरोध किया गया हो।, , 52८क्ा16९१ शांत 0आग56द्ोा।श
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. “जा, , अतः आपसे प्रार्थना है कि इस विद्यालय में भी कंप्यूटर करने की कृपा करें, , र के शिक्षण की व्यवस्था करे क्र । हम छात्र, इस कृपा के लिए आभारी होंगे। हि टप उपक्ी, सधन्यवाद, , भवदीय, कबखब्गडे “ब', अनु. ..., 4- आपके पिता जी का आगरा से दिल्ती स्थानांतरण हो गया है। आप डी०पी०एस० गुलाबीबाग, नई दिल्ली के प्रधानाचार्य, , को रत्नाकर आर्य की ओर से प्रार्थना-पत्र लिखिए, जिसमें 15 में प्रवेश लेने की प्रार्थना की गई हो।, परीक्षा भवन *, , नई दिल्ली, 10 अगस्त, 20905, , प्रधानाचार्य जी, डी-पी.एस«, गुलाबीबाग, नई दिल्ली।, विषय- प्रवेश के संबंध में, श्रीमान जी, सविनय निवेदन यह है कि मैं क-खनग० पब्लिक स्कूल आगरा में नौवीं कक्षा का विद्यार्थी था। मेरे पिता जी स्टेट बैंक, ऑफ इंडिया की आगरा-ज़िला शाखा में कार्यरत थे। गत सप्ताह उनका स्थानांतरण दिल्ली की शक्तिनगर शाखा में हो, गया है। अब मैं सपरिवार गुलाबीबाग के डी०डी-ए- फ्लैट में रह रहा हूँ। मेरे निवास से आपका विद्यालय निकटतम है।, मैं इस विदूयालय में अंग्रेज़ी माध्यम की नौवीं कक्षा में प्रवेश लेना चाहता हूँ।, आपसे प्रार्थना है कि मुझे इस विद्यालय की नौवीं कक्षा के अंग्रेज़ी माध्यम वाले सेक्शन में प्रवेश देने की कृपा करें। मैं, आपका आभारी रहूँगा। ह, धन्यवाद सहित, भवदीय, रत्नाकर आर्य, , 5. आप एक महीने से अधिक समय तक विद्यालय नहीं आए। कक्षा अध्यापक ने आपका नाम काट दिया है। पुनः प्रवेश, पाने के लिए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।, परीक्षा भवन, नई दिल्ली, 05 दिसंबर, 2020, , प्रधानाचार्य जी, , च-्छ-ज० विदूयालय, , नई दिल्ली, , विषय-पुनःप्रवेश के संबंध में, मान्यवर, , सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र था। दुर्भाग्य से दो नवंबर को मेरे पिता जी, का ऐक्सीडेंट हो गया। वे बाज़ार से सब्ज़ियाँ लेकर लौट रहे थे, तभी एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी। वे सड़क पर, गिरकर बेहोश हो गए। इस दुर्घटना में उनके पैर की हड्डी टूट गई। घर में उनकी देखभाल करने वाला कोई और न, था। मुझे उनकी देखभाल के लिए अस्पताल में रुकना पड़ता था; आज स्कूल आने पर वक्षाध्यापक से पता चला कि, लगातार अनुपस्थित रहने के कारण मेरा नाम कक्षा से काटा जा चुका है। अब मैं अपना नाम पुनः लिखवाना चाहता हूँ।, आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरी स्थिति पर सहाजुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मुझे कक्षा में पुनः प्रवेश देने की कृपा करें।, आपकी इस क्रेपा के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।, , , , 372 0) हिंदी-/ (कोर्स ४), , _+, , 564॥160 शा 0क1152टवाशहश
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धन्यवाद सहित, आपका आज्ञाकारी शिष्य, , क-खब्ग«, एे 'अ', अनु ..., « आपसे खिड़की का शीशा, , कराने, कै लिए विद्वालय के पक कर जल में आप पर दो सौ रुपये का जुर्माना कर दिया है। जुर्माना माफ, परीक्षा भवन, , नई दिल्ली, 09 मार्च, 20,८५८, , प्रधानाचार्य महोदय, च०्छ-ज- बाल विद्यालय, बरेली, उत्तर प्रदेश।, , विषय-जुर्माना माफ़ कराने के संबंध में, , महोदय, , मैं सत्मातित विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। कल मध्यांतर में खेलते समय एक अनचाही घटना हो गई। मैं अन्य, सहपाठियों के साथ क्रिकेट खेल रहा था, तभी एक बॉल को बल्ले से जोर से मार बैठा! यह बॉल सीधे कक्षा-कक्ष की, खिड़की से जा टकराई, जिससे उसमें लगा काँच गया। टूटा काँच देखकर मैं सन्न रह गया, पर क्या, कर सकता था। इन खिलाड़ियों के बीच कैप्टन भी मैं ही था। चपरासी की शिकायत पर वक्षाध्यापक ने मुझे बुलवाया, और दो सौ रुपये का जुर्माना कर दिया है।, , श्रीमान जी यह घटना अनजाने में हुई है। इसमें मेरा तनिक भी दोष नहीं, आपसे क्षमा प्रार्थी हूँ। मैं यह भी वचन देता हूँ कि भविष्य में ऐसी, काम करते हैं। उनकी आय कम होने के कारण इतना जुर्माना भरना, , आपसे प्रार्थना है कि अनजाने में हुई इस भूल के लिए मुझे माफ़, धन्यवाद सहित, , आपका आज्ञाकारी शिष्य ।, कं-ख-्ग«, ए 'आ', अनु. ..., - आपको चरित्र प्रमाण-पत्र की आवश्यकता है। चरित्र प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को, प्रार्थना-पत्र ।, परीक्षा भवन, क-ख.ग. विद्यालय, हाथरस, उ. प्र., 10 सितंबर, 2020, , है। अनजाने में हुई इस घटना के लिए मैं, गलती नहीं होने पाएगी। मेरे पिता जी एक फैक्ट्री में, ना उनकी सामर्थ्य के बाहर है।, , करते हुए अर्थदंड से मुक्त करने की कृपा करें।, , प्रधानाचार्य महोदय, , क-ख-ग. विद्यालय, , हाथरस, उत्तर प्रदेश । ., , विषय-चरित्र प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के संबंध में, , जा ञा हूँ »०« में एक छात्रवृत्ति परीक्षा दी थी,, मैं व्िदूयालय की नौवीं 'अ' की छात्रा हूँ। मैंने मई 20 |;, , पक सफल के किया गया है इसमें अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्रों के साथ चरित्र प्रमाण-पत्र भी माँगा पुस्का, , मैंने गत वर्ष अपनी कक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इसके अलावा वाद-विवाद में जोनल स्तर पर प्रथम पुः, , 'इल्हाएठ्त ज़ा्त पत्र लेखन [1 373, ट्ब्या65 शांत (द्या156व1गहश
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््््््रः झश्, , प्राप्त किया था। मैं गरीब परिवार की छात्रा हूँ। पिता जी किसी तरह से मेरी पढ़ाई का खर्च वहन कर रहे हैं। यह, , छात्रवृत्ति मिलने से मेरी पढ़ाई का खर्च सुगमता से पूरा हो जाएगा।, , आपसे प्रार्थना है कि मेरे भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुझे चरित्र प्रमाण-पत्र प्रदान करने की क्ृपा करें। मैं आपकी, , आभारी रहूँगी।, , धन्यवाद सहित, , आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या, , च.छ.ज, एह अ, अनु. ........., 8. आपके विद्यालय में खेल-कूद संबंधी सुविधाओं की कमी है। इस ओर ध्यानाकर्षित कराते हुए कक्षा मॉनीटर की ओर से, , अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र।, , परीक्षा भवन, , क-ख-ग. विद्यालय, , नई दिल्ली, , 15 सितंबर, 20%%, , , , प्रधानाचार्य जी, , क-ख-ग- विदूयालय, , नई दिल्ली, , विषय- खेल-कूद संबंधी सुविधाओं के अभाव के संबंध में, , महोदय, , विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की नौवीं “स” कक्षा का मॉनीटर हूँ। यह विदूयालय पठन-पाठन की उत्तम, , व्यवस्था एवं उच्च शिक्षण व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है, जिसका प्रमाण विगत कई वर्षों का उच्च परीक्षा परिणाम है।, , श्रीमान जी, विद्यालय में यदि किसी चीज़ की कमी खटकती है तो वह खेल-कूद संबंधी सुविधाओं की। हम छात्र, , प्रतिवर्ष खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेते हैं पर कोई पुरस्कार या उपलब्धि अर्जित नहीं कर पाते हैं। कई साल पहले हमारा, , विद्यालय खेलों में भी पदक जीता करता था। खेल-कूद के लिए जो सामान हमें दिए जाते हैं वे पुराने तथा टूटे-फूटे होते, , हैं, जिनसे अभ्यास नहीं हो पाता है। इसके अलावा इस विद्यालय में दो साल से क्रीड़ा अध्यापक भी नहीं हैं, जिससे, प्रभावित होता है। के, , ( आपसे आता है कि खेलों के नए सामान खरीद कर खेल-कूद संबंधी सुविधाएँ बढ़ाने की कृपा करें ताकि खेल-कूद में, , | भी हम छात्र पदक जीतकर विद्यालय का गौरव बढ़ाएँ।, , धन्यवाद सहित, , आपका आज्ञाकारी शिष्य, , च-छ-ज, मॉनीटर नौवीं 'स', , ः एऋ अ. अन. ...«« 1 _ जल, , , , 564॥160 शा 0क1152टवाशहश