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17. चीचे दिए 7ए संकेत-बिंदुओं के आधार पर 80-100 शब्दों पं, ( क ) कंप्यूटर ; बिज्ञान का पक एक अनुच्छेद लिखिए।, बिंदु : " भूमिका * कम्प्यूटर की विशेषताएँ « कम्प्यूटर की आवश्यकताएँ « हे, , _ विज्ञान के अत्याधुनिक उपकरणों में कंप्यूटर का विशेष स्थान है। सका कप उपयोग « उपसंहार।, है जो कठिन से कठिन गणनाएँ, गुणा, भाग, जोड्, घटाना आदि पलक झपकते ही करने मेँ समर्थ हा कब, हद कंप्यूटर युग कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी क्योंकि जीवन के प्राय: हर क्षेत्र में कंप्यूटर का /। आज के या को, 1 (क्या जा रहा है। बैंकों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों के अलावा वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, इंजीनियरों रकण मी ऋष्य प्रयोग, प्रयोग किया जाता है। बायुयान, जलयान आदि के संचालन, युद्धों के संचालन तथा रक्षा सामग्री के उत्पादन में भा मजा, को सहायता ली जाती है। आजकल तो कंप्यूटर पर इंटरनेट की सुविधाएँ उपलब्ध होने से कुछ ही क्षणों में विश्व की, $ ऊोई भी सूचना या समाचार उपलब्ध हो जाता है। अनेक विषयों की पढाई में भी कंप्यूटर सहायक हो रहा है। भारत मेँ, कप्यूटः ने सूचना क्रांति ला दो है। पुस्तकों की छपाई में भी कंप्यूटर क्रातिकारी साबित हुआ है। इस प्रकार कंप्यूटर, अलादीन का चिराग बन गया है। कंप्यूटर | के इतना सब कुछ कर सकने के बाद भी उसकी सीमाएँ हैं। यह मनुष्य की, | शत सोच-विचार नहीं सकता। केवल मनुष्य के द्वारा दिए निदेशों का पालन करता है। वर्तमान में कंप्यूटर-साक्षर को, | है साक्षर कहा जाने लगा है। इसी से स्पष्ट है कि कंप्यूटर की उपयोगिता कितनी अधिक है।, , (६६81, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , ढ (ख) बाल मज़दूरी - समाज का कलंक, , . संकेत-बिंदु : * अभिभावकों की गरीबी और अशिक्षा * शिक्षा के साधनों का अभाव * मुफ़्त एवं अनिवार्य शिक्षा, का उपाय।, उत्तर - 'बाल मज़दूरी' शब्द सुनते ही आँखों के सामने ढाबे पर बर्तन धोता या चाय की प्याली हाथ में थामे, गमछा, कंधे पर रखे एक आठ-दस साल के बालक का चेहरा आ जाता है। छोटे-बड़े सभी शहरों में ऐसे चेहरे बड़ी आसानी, ः से दिखाई देते हैं। बाल मज़दूरी का मुख्य कारण गरीबी और अशिक्षा है। गरीबी के कारण बच्चों का पेट भरने में असमर्थ, मौ-बाप गाँव के हों या शहरों के, अपने दुधमुँहे बच्चों को काम पर लगा देते हैं उनके खेलने-खाने और पढ़ने-लिखने, के दिन दूसरों की धौंस और मार के हवाले हो जाते हैं। बेचारे 'बचपन' क्या है - समझने से पहले ही कोल्हू के बैल, , की तरह दिन-रात काम करते रहते हैं। वास्तव में यह हमारे समाज का कलंक है। समाज और देश का कर्तव्य है कि, जी मपराप्त कर बच्चों के खाने और पढ़ने-लिखने को व्यवस्था करे। सौभाग्य से अभी हाल में ही 'शिक्षा का, अधिकार' संबंधी कानून पारित हुआ, जिसके तहत चौदह वर्ष से कम सभी बच्चों की मुफ़्त अनिवार्य शिक्षा कौ सिफ़ारिश, , इनके भविष्य सँवारने, , ये गई है। अब हम सभी लोगों का कर्तव्य है कि इन छोटे-छोटे बच्चों को काम पर न लगाकर इन, _$ प्रवल करें।, । (ग) पहला सुख निरोगी काया, , पके बिंदु : « आधुनिक जीवन शैली * सुख और दुख का उहु आधार है। स्वास्थ्य, उत्तर - स्वस्थ शरीर सभी प्रकार के आनंदों और सुखों का आगार है। स्वान से सदैव अन्यान्य रोगों, हा वरदान है जिससे मनुष्य जीवन का वास्तविक आनंद ले १३०४९ #280 70: सकता है। शरीर की स्वस्थ रखने, को चपेर में रहने के कारण न तो गहरी नींद सो सकता है, न खाने- र प्रफुल्लित रहता है, का, , संजीवनी बूटी है, जिसके नियमित हज लड़ना, तैरता, दौई, , कै लिए नियमित व्यायाम आवश्यक जीव, क ववश्यक है | व्यायाम वह सर्जिति', के हैं। पैसे - पंड-जौैदश कर न क्ाभाम शा शा, , “गे को प्रवृत्ति एवं क्षमता बढ़ती है। व्यायाम अनेक शरेगअपराण। डचि, हे ध्यान में रखकर, ') मुग्दर घुमाना, खेलना-कूदना आदि । मनुष्य को अपने शरीर और शा | + 3, , व्यायाम और स्वास्थ्य * स्वस्थ शरीर