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नवोदय विद्यालय समिति, जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा-2022 के लिए विवरणिका, कक्षा-6 में प्रवेश के लिए, नवोदय विद्यालय योजना, मेजञानि, परिचय, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 के अनुसार भारत सरकार ने जवाहर नवोदय विद्यालय ( ज.नवि.) प्रारम्भ किए थे। वर्तमान में जवाहर नवोदय, विद्यालय 27 राज्यों और 8 संघ शासित क्षेत्रों में संचालित हैं। ये सह -शैक्षणिक आवासीय विद्यालय भारत सरकार द्वारा पूर्ण क्त्तिय, सहायता प्राप्त एवं एक स्वायत्त संगठन नवोदय विद्यालय समिति के माध्यम से संचालित हैं। नवोदय विद्यालय में कक्षा - 6 के लिए, प्रवेश जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (JNVST) के माध्यम से किए जाते हैं| इन विद्यालयों में कक्षा 8 तक शिक्षा का माध्यम, मातृभाषा अथवा क्षेत्रीय भाषा है और इसके बाद से गणित और विज्ञान के लिए अंग्रेजी माध्यम तथा सामाजिक विज्ञान के लिए हिन्दी, माध्यम है। जनवि. के विद्यार्थी केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित होते हैं। इन विद्यालयों में छात्रों को, निशुल्क शिक्षा, भोजन, आवास, गणवेश (यूनीफार्म) एवं पाठ्यपुस्तकें प्रदान की जाती हैं, केवल कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों से, रु0 600/-प्रति माह विद्यालय विकास निधि के माध्यम से लिया जाता है, परन्तु अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के, विद्यार्थी, सभी बालिकाएं और वे विद्यार्थी जिनके अभिमावकों की आय गरीबी रेखा से नीचे ( बीपी.एल.) है, छूट दी गई है। छूट प्राप्त, वर्ग (कक्षा -6 से 8 के विद्यार्थी, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और बालिकाएं तथा गरीबी रेखा के नीचे ( BPL) परिवारों के, पाल्य ) के अतिरिक्त सरकारी कर्मचारियों के पाल्य से रू० 1500/ - प्रतिमाह की दर से विकास निधि के लिए अथवा माता -पिता, द्वारा प्राप्त वास्तविक पाल्य शैक्षणिक भत्ता, जो भी कम हो, देय होगा परन्तु विद्यालय विकास निधि रू० 600/- प्रतिमाह प्रति छात्र से, कम नहीं होगी।, योजना के उद्देश्य, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान बच्चों को श्रेष्ठ गुणवत्ता युक्त आधुनिक शिक्षा के साथ सशक्त, सांस्कृतिक घटक एवं मूल्यपरक शिक्षा, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक क्रियाओं एवं शारीरिक शिक्षा, प्रदान करना है।, (ii) विद्यार्थियों की उचित स्तरीय त्रिभाषा दक्षता प्राप्ति सुनिश्चित करना।, (ii) हिंदी से अहिंदी भाषी तथा अहिंदी से हिन्दी भाषी राज्यों में विद्यार्थियों के प्रवजन के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना।, (iv) अनुभवों और सुविधाओं की सहभागिता के द्वारा विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्रत्येक जनपद में, केन्द्र बिन्दु के रूप में सेवाएं देना ।, (i), राज्यवार जवाहर नवोदय विद्यालयों का वितरण, नवोदय विद्यालय योजना के अनुसार प्रत्येक जिले में एक विद्यालय चरणबद्ध ढंग से खोला जाएगा। वर्तमान में भारत में 27 राज्यों, और 08 संघ शासित प्रदेशों में कुल 661 नवोदय विद्यालय स्वीकृत हैं। राज्यवार स्वीकृत ज.नवि. निम्नवत् है।, आन्ध्र प्रदेश, 1.1, 13+2**, केन्द्रशासित लद्दाख, पंजाब, 02, 22+01**, केन्द्रशासित, और कश्मीर, जम्मू | 20+01**, केन्द्रशासित, आसाम, 27+01**, 04, पुद्दूचेरी, अरुणाचल प्रदेश, केन्द्रशासित, निकोबार द्वीपसमूह, बिहार, केन्द्रशासित चण्डीगढ़, छत्तीसगढ़, केन्द्रशासित दिल्ली, केन्द्रशासित, नागर हवेली और दमन एवं, दीव, गोवा, 18, झारखण्ड, 24+2**, राजस्थान, 33+02**, अण्डमान, 03, कर्नाटक, 30+01**, सिक्किम, 04, केरल, केन्द्रशासित लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, 38+01**, 14, 08, 01, 01, 09, 27+01**, 51+02**+01*, 75+01**, 09, महाराष्ट्र, 33+01**, उत्तराखण्ड, 13, दादरा, एवं | 03, मणिपुर, 09+2*, पश्चिम बंगाल, 19+1**, 02, मेघालय, 11+01**, Page | 1
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चयन तथा प्रवेश, केवल चयन परीक्षा में सफल होने मात्र से ही अभ्यर्थी जनवि में प्रवेश पाने का अधिकारी नहीं होगा स्थाई रूप से, प्रवेश के समय प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी को नवोदय विद्यालय समिति द्वारा निर्धारित सभी संबंधित प्रमाण पत्र प्रस्तुत, करने होंगे। प्रवेश होने तक चयन अस्थाई माना जाएगा । अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित जनवि, द्वारा प्रपत्रों के सत्यापन एवं प्रवेश की पुष्टि होने के पश्चात ही पूर्ववर्ती विद्यालय से स्थानांतरण प्रमाण पत्र के, लिए आवेदन करें।, किसी भी विवाद की स्थिति में नवोदय विद्यालय समिति का निर्णय अंतिम होगा एवं अभ्यर्थी पर बाध्यकारी होगा ।, परीक्षा में अभ्यर्थियों (चयनित अथवा जो चयनित नहीं हुए हैं ) द्वारा प्राप्त अंकों की सूचना नहीं दी जाती है ।, उत्तर पुस्तिकाओं के पुर्नमूल्यांकन एवं अंकों का पुनः योग का कोई प्रावधान नहीं है, चूंकि परिणाम कम्प्यूटर की, सहायता से तैयार किया जाता है और परिणाम तैयार करते समय विभिन्न स्तर पर जांच के माध्यम से परिणाम, को सटीक बनाने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती जाती है।, अभ्यर्थी तथा उनके माता-पिता / अभिभावक ध्यान दें कि नविस की योजना के अनुसार जब विद्यार्थी कक्षा 9 में, आयेगा तब उसे हिंदी भाषी राज्य के जनवि से अहिंदी भाषी राज्य के दूसरे जनवि और इसी तरह अहिंदी भाषी से, हिंदी भाषी जनवि में एक शैक्षणिक सत्र के लिए जाना पड़ेगा । इस प्रकार के प्रवजन हेतु चुने गये, विद्यार्थी/ माता-पिता द्वारा इंकार किये जाने पर उसको जनवि में अध्ययन जारी रखने की स्वीकृति नहीं दी, जाएगी।, अभ्यर्थी और उनके माता-पिता/ अभिभावक ध्यान दें कि परीक्षा के आधार पर चयनित बच्चों को उसी जिले के, ज.न.वि. में प्रवेश दिया जायेगा, जहां से कक्षा - 5 में पढ़ रहे हैं और ज.न.वि. चयन परीक्षा ( जे.एन.वी. एस.टी. ) में, सम्मिलित हो रहे हैं। किसी भी परिस्थिति में चयनित परीक्षार्थी को अन्य जनवि में प्रवेश नहीं दिया जाएगा ।, अभ्यर्थी को सम्बन्धित जनवि में पढ़ाई के माध्यम अथवा माता- पिता / अभिभावक के अन्य जिले / राज्य में बदलाव, की स्थिति में छात्र का विद्यालय बदलाव हेतु प्रार्थना पर कोई विचार नहीं किया जाएगा ।, चयन होने पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रवेश के समय जाति, प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ेगा । अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थी को केन्द्रीय सूची (प्रति संलग्न ) के, निर्धारित प्रारूप के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र जमा करना होगा। ऐसा प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी, से प्रवेश वर्ष की 30 मार्च से पहले प्राप्त करना होगा, ताकि वह प्रवेश के समय प्रमाण पत्र सत्यापन हेतु सम्बन्धित, जनवि के प्राचार्य को दिया जा सके। जैसे-यदि अभ्यर्थी सत्र 2022 - 23 में प्रवेश ले रहा है तो उसे 30 मार्च,, 2022 तक या इसके पूर्व का प्रमाण पत्र देना होगा ।, अभ्यर्थी ने ग्रामीण वर्ग में आवेदन किया है तो उसे इस आशय का प्रमाण पत्र प्रवेश के समय देना होगा कि, अभ्यर्थी ने जिस विद्यालय से कक्षा - 3, 4 एवं 5 में अध्ययन किया है, वह विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित है ।, अभ्यर्थी दिव्यांग वर्ग (अस्थि, श्रवण एवं दृष्टि सम्बन्धी दिव्यांगता) की श्रेणी में आता है, तो उसे चयनित होने पर, प्रवेश लेते समय निर्धारित प्रारूप में सम्बन्धित जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित, चिकित्सा-प्रमाण -पत्र प्रस्तुत करना होगा।, 3.10 ट्रांसजेन्डर वर्ग के अभ्यर्थियों को सम्बन्धित राज्य के सक्षम अधिकारी द्वारा अपने लिंग से सम्बन्धित प्रमाण पत्र, निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना होगा । इस श्रेणी हेतु अलग से कोई आरक्षण नहीं है ।, 3.1, 3.2, 3.3, 3.4, 3.5, 3.6, 3.7, 3.8, 3.9, कौन पात्र है।, सभी अभ्यर्थियों के लिए, केवल उसी जिले के अभ्यर्थी जहाँ जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित है, प्रवेश के लिए आवेदन के पात्र हैं लेकिन, उन जिलों के लिए जहाँ कि ज.न.वि. प्रारम्भ होने के बाद जिले का विभाजन हुआ है एवं यदि विभाजन से निर्मित, जिले में नवीन विद्यालय नहीं खोला गया है तो ज न.वि. चयन परीक्षा में प्रवेश हेतु जिले की पुरानी सीमा के, अनुरूप अभ्यर्थियों की पात्रता रहेगी ।, प्रवेश चाहने वाले अभ्यर्थी का जन्म 1.5.2009 से पहले तथा 30.4.2013 (दोनों तिथिया सम्मिलित) के बाद का नहीं, होना चाहिए। यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग समेत सभी अभ्यर्थियों पर समान, रूप से लागू होगा। अभ्यर्थी के प्रमाण पत्र में दर्ज आयु एवं अधिक उम्र के सन्देह होने पर उन्हें आयु की, प्रमाणिकता हेतु मेडिकल बोर्ड भेजा जा सकता है। मेडिकल बोर्ड का निर्णय अन्तिम होगा ।, निर्धारित चयन परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी को उसी जिले, जहाँ वह प्रवेश लेना चाहता / चाहती है, के किसी, सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त/अन्य मान्यता प्राप्त अथवा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से योग्यता 'प्रमाण, पत्र-ब' सहित पूर्ण शैक्षिक सत्र 2021- 22 के दौरान कक्षा 5 में अध्ययनरत् होना चाहिए। वह अभ्यर्थी जो कक्षा - 5, सभी पूर्ववर्ती शैक्षिक सत्रों में उत्तीर्ण / अध्ययन कर चुका है, चयन परीक्षा में बैठने के लिए पात्र नहीं है । सरकार, अथवा सरकार की ओर से अधिकृत किसी एजेन्सी के द्वारा मान्यता प्राप्त घोषित विद्यालय को ही मान्यता प्राप्त, 4.1, 4.2, 4.3, Page | 3
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माना जायेगा। वे विद्यालय, जिनके छात्र राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से योग्यता प्रमाण पत्र - 'ब' प्राप्त किये हों,, उन्हें एन0आई0ओoएस0 द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए। छात्र को सत्र 2021 -2022 में सफलतापूर्वक कक्षा 5 पूर्ण, किया होना चाहिए। कक्षा 6 में सत्र 2022-2023 में वास्तविक प्रवेश निर्धारित शर्तों के अधीन होगा।, ग्रामीण क्षेत्र के कोटे से प्रवेश चाहने वाले अभ्यर्थी ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सरकारी/ सरकारी सहायता प्राप्त/ मान्यता, प्राप्त विद्यालय से कक्षा-3, 4 और 5 में प्रत्येक वर्ष पूर्ण शिक्षा सत्र में अवश्य पढ़ाई की हो एवं उत्तीर्ण हुआ हो ।, अभ्यर्थी, जो राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से 'ब' प्रमाण पत्र दक्षता सहित 30 सितम्बर, 2021 तक या उससे पूर्व, उत्तीर्ण करेंगे वे भी इस परीक्षा में बैठने के पात्र हैं, अगर वे निर्धारित आयु सीमा में हों राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी, संस्थान' के प्राधिकृत केन्द्रों/ संस्थाओं के बच्चों की ग्रामीण स्थिति का निर्धारण उस जिले के तहसीलदार अथवा, जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर किया जायेगा जिसमें यह लिखा गया हो कि अभ्यर्थी पिछले, तीन वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र में निवास कर रहा है । नगरीय एवं अधिसूचित क्षेत्रों से पढ़ने वाले विद्यार्थी जो उपर्युक्त, योजनाओं में अध्ययन कर रहे हों, वे ग्रामीण कोटे के अन्तर्गत प्रवेश के पात्र नहीं होंगे ।, ऐसे अभ्यर्थी, जो प्रोन्नत नहीं किए गये हैं और पांचवी कक्षा में 15 सितम्बर, 2021 से पहले प्रवेश नहीं लिए हैं, वे, आवेदन के लिए पात्र नहीं होंगे।, कोई भी अभ्यर्थी किसी भी परिस्थिति में चयन परीक्षा में दूसरी बार बैठने के लिए योग्य नहीं है ।, 4.4, 4.5, 4.6, 4.7, ग्रामीण अभ्यर्थियों के लिए, प्रत्येक जिले, कम से कम 75 प्रतिशत स्थान ग्रामीण क्षेत्रों से चुने गये अभ्यर्थियों और शेष स्थान उस जिले के, (अ), शहरी क्षेत्रों से चुने गये अभ्यर्थियों द्वारा भरे जाएंगे।, ग्रामीण क्षेत्र के कोटे के अन्तर्गत प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थी को ग्रामीण क्षेत्र में स्थित किसी सरकारी/सरकारी, (ब), सहायता प्राप्त/सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय से तीसरी, चौथी तथा पांचवी कक्षा में पूर्ण शैक्षिक सत्र, अध्ययन किया हो। अभ्यर्थी ने कक्षा-5 में पूर्ण शैक्षणिक सत्र में उसी जिले में अध्ययन किया हो, जहां वह प्रवेश, चाहता है।, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान की योजना के तहत पढ़ने वाले अभ्यर्थी को जिलाधिकारी / तहसीलदार/ खण्ड, (स), विकास अधिकारी द्वारा निर्गत इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह ग्रामीण क्षेत्र का निवासी है |, शहरी अभ्यर्थियों के लिए, जिस अभ्यर्थी ने किसी शहरी क्षेत्र में स्थित विद्यालय में तीसरी, चौथी तथा पांचवी कक्षा के शिक्षा सत्र के दौरान, यदि एक दिन भी उस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की हो, वह शहरी अभ्यर्थी माना जायेगा शहरी क्षेत्र वे हैं जिन्हें, 2011 की जनगणना में अथवा उसके बाद किसी सरकारी अधिसूचना द्वारा निर्धारित किया गया हो। अन्य सभी, क्षेत्रों को ग्रामीण क्षेत्र माना जायेगा ।, ट्रांसजेन्डर श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए, ट्रांसजेन्डर श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए अलग से कोई आरक्षण उपलब्ध नहीं है और उन्हें आरक्षण हेतु बालकों की, श्रेणी में विभिन्न उप श्रेणियों जैसे-शहरी, ग्रामीण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और, दिव्यांग में सम्मिलित किया जायेगा ।, स्थानों का आरक्षण, (अ), प्रत्येक जिले के कम से कम 75 प्रतिशत स्थान ग्रामीण क्षेत्र से चयनित अभ्यर्थियों द्वारा तथा शेष स्थान जिले के, शहरी क्षेत्र से चयनित अभ्यर्थियों द्वारा भरे जाएंगे।, (ब), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए स्थान का आरक्षण सम्बन्धित जिले की जनसंख्या के, अनुपात में दिया जाता है। किन्तु किसी भी जनपद में राष्ट्रीय अनुपात (15 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 7.5, प्रतिशत अनुसूचित जनजाति) से कम तथा 50 प्रतिशत ( अनुसूचित जाति और जन जाति को जोडकर) से अधिक, नहीं होना चाहिए यह आरक्षण अन्तर परिवर्तनीय है और खुली वरीयता सूची के अन्तर्गत चयनित अभ्यर्थियों के, अतिरिक्त लागू होगा।, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के आरक्षण के अतिरिक्त 27 प्रतिशत आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के, (स), अभ्यर्थियों को दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण केन्द्रीय सूची जैसा कि समय समय पर जारी की जाती, है, के अनुसार लागू किया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के जिन अभ्यर्थियों को केन्द्रीय सूची में सम्मिलित नहीं किया, गया है वे सामान्य अभ्यर्थी के रूप में आवेदन कर सकेंगे ।, (द) कुल स्थानों के एक तिहाई स्थान बालिकाओं द्वारा भरे जायेंगे ।, (इ) **दिव्यांग बच्चों (अस्थि दिव्यांग, श्रव्य दिव्यांग एवं दृष्टि दिव्यांग) के लिए भारत सरकार के नियमानुसार आरक्षण, का प्रावधान है।, **दृष्टि दिव्यांगता" निम्न शर्तों में से किसी एक के होने पर ही मान्य होगी:-, (i) सम्पूर्ण दृष्टिहीनता : या, (ii) अपेक्षाकृत अच्छे नेत्र में ऐनक के साथ दृष्टि तीव्रता 6 / 60 या 20 / 200 ( Snellen) से अधिक न हो, (iii) दृष्टि के क्षेत्र परिसीमन का कोण 20 अंश या उससे खराब ।, Page | 4