Page 1 :
बाल्यावस्था | 165, , बुद्धि परीक्षणों के बाद अनेकों मनोवैज्ञानिकों ने वयस्कों की बद्धि मापने के, पा बनाई हैं। बेशलर बेलबू नि ने व मे, , बू (॥/८०४७० 8०॥०श॥०) बुद्धि परीक्षा भी, (री दें पर है जिसमें बुद्धि के विधिन पहलुओं को मापने के लिए विभिन उप, 1 है। इस बुद्धि पक्ष में हमें दो प्रकार के बुद्धि अंक प्राप्त होते हैं। एक अंक शाब्दिक, (बल उप परीक्षण समूह के लिए प्राप्त का सकते हैं और एक अन्य अंक उस उप, श्प मूह का तक मम को हस्तादि प्रयोग पर अधिक बल दिया जाता है |, बाल मापन े, # वेश पे किन लिए प्रधक परीक्षण तैयार किया जो बेशलर , हेतिस चांद पााए०8. $०व६.. 0, 010 (0) के नाम से जाना जाता है। इसके द्वारा 5 वर्ष तक के बालकों की बुद्ध, पध्षाकी जा सकती है।, , परत में बुद्धि परीक्षण, , भरातवर्ष में बुद्धि परीक्षणों का इतिहास अधिक पुराना नहीं है। कुछ मनोवेज्ञानिकों ने, सके बुद्धि परीक्षाओं के भारतीयकरण एवं मानक तैयार कले का कार्य किया है। स्वतंत्रता, प्राण के पश्चात् से मनोवैज्ञानिकों ने भारतीय बालकों की बुद्धि की जाँच के लिए विश्वसनीय, पं ैध बुद्धि परक्षायें निर्माण करने की दिशा में प्रयल किया है। देश के अनेक मनोवैज्ञानिक ;, पं सदन ब्य दवा सामान्य बुद्धि परीक्षण तैयार किये गये हैं चर द्वारा सामान्य बुद्धि परीक्षण तैयार किये गये हैं।, , सामूहिक बुद्धि परीक्षण, (67079 1स्018श1८९ 1९४0), भर्पी अल्पा एवं बीटा परीक्षायें, (गाए 81018 भा0 86७ छि्थायं।नाणा) ”्, , व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षणों की निरन्तर बढ़ती सफलता के कारण उनकी माँग में बहुत, अधिक वृद्धि हो गई। साथ ही साथ 1917 में जब अमेरिका प्रथम विश्व युद्ध में शामि शामिल हुआ, भामूहिक बुद्धि परोक्षणों की आवश्यकता अनुभव की गई। इसके साथ ही अमेरिकन, फेर रन (#॥लांटथा 75ए०0ट्टवा20 8550 ८41०7) ने इन बुद्धि, पके निर्माण के लिए एक एक समिति बनाई, जिसके अध्यक्ष यर्कीस (2. ४. ४७1०8), थग तने 1921 में “आर्मी अल्फा” परीक्षण तैयार किया। इस परीक्षण में प्रात अंकों के, है. सैनिकों की भर्तों, आफिसर ट्रेनिंग के लिये चुनाव तथा विभिन प्रकार के कार्यों के, हे के चुनाव में सहायता ली जाती थी। आर्मी अल्फा में परीक्षण के 8 भाग थे, न सब परीक्षणों के आधार पर 1 अंक प्राप्त किया जाता था जो व्यक्ति की बुद्धि का लायक माना जाता था। इस परीक्षण में निहित सब परीक्षायें अधिकांशतया शाब्दिक एवं, कि थीं। अशिक्षित एवं अंग्रेजी भाषा न जानने वाले व्यक्तियों का परीक्षण करने के, पके थी बीटा” परीक्षण तैयार किया गया। इस परीक्षण में क्रियात्मक तथा अशाब्दिक, ॥, , कह ते समूह परीक्षा का सर्वाधिक प्रयोग किया गया है । चाहे कितना बड़ा व्यक्तियों, स्का यों न, , , उसकी बुद्धि का मापन इन परीक्षणों की सहायता से सरलता से किया जा, | इसी कारण आजकल वैयक्तिक बुद्धि परीक्षाओं की अपेक्षा इन परीक्षाओं का
Page 4 :
188 | मानव विकास की प्रगति का अध्ययन, , । इस परीक्षण, , हे, फिर कुल प्राप्तांकों की सहायता से का बात शा ह कण, का उपयोग 11 से 16 वर्ष की आयु स्तर तक किया ज, (6) संस्कृति मुक्त बुद्धि कक पक: वी. का 8, 0४०1), , ((पप्ा७ 166 (65६ 01 1॥0100108- ९.8., , शतक हम शत में 3 परीक्षायें हैं। प्रथम परीक्षा 4 से कम बा, तथा मानसिक रूप से दुर्बल वयस्कों के लिए है | दूसरा 1253 हे परीक्षण केवल संस्कृति, लिए तथा तीसरा 13 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए है। थह भाषाओं से भी मुक्त, मुक्त ही नहीं है, वरन् विधिन सामाजिक स्तरों, शिक्षा स्तरों और राष्ट्रीय भ है! हाजकर, , । प्रथम परीक्षण में 8 उप परीक्षण हैं और प्रत्येक उप परीक्षण में 12 पद है, , म्रथम परीक्षण में कुल 96 पद हैं। इसके प्रशासन का कुल समय 22 मिनट है।, , दूसरे परीक्षण में 46 पद हैं और प्रशासन का समय 12.5 मिनट है।, तीसरे परीक्षण में कुल 50 पद हैं और प्रशासन का समय 12.5 मिनट हे ।, (स) बुद्धि परीक्षणों की उपयोगिता., (0565 0 /थाएथा०ठ 1689), , बुद्धि परीक्षणों का आधुनिक युग में विभिन क्षेत्रों में प्रयोग किया जा रहा है। उनका, वर्गीकरण हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं-, (1) सेना के क्षेत्र में-बुद्धि परीक्षणों का सर्वप्रथम विस्तृत उपयोग प्रथम विश्व युद्ध के, समय से ही सेना में किया जा रहा है। इन बुद्धि परीक्षणों की सहायता से सैनिकों का चुनाव,, वर्गीकरण, सैनिकों एवं अधिकारियों की पदोनति आदि कार्यों को किया जा रहा हे ।, , परीक्षणों की सहायता से प्रतिभाशाली, , ( ओं में--व्यवहार के, भिनताएँ पाई जाती हैं। बुद्धि परीक्षणों की सहायता से वर्गकिरण कर 58०५., , है कि विद्यार्थियों को शित हक भर गई है। अनुशासनहीनता का एक मुख्य कार. ५, क्षा और प्र मानसिक नहीं, मिलता है। जब एक ही कक्षा में उच्च मध्य न योग्यताओं के आधार पर नहीं, , उन्हें शिक्षण प्रदान काले में पनाह और निम्न-तौनों बुद्ध स्तरों के विद्यार्थी होते, , मध्यम श्रेणी का होता है तो भी निम्न और ने शेर जब अध्यापक के ध्यापन का स्वर, , नहीं ले पाते तथा अनुशासनहीनता की समा वाले विद्यार्थी कक्षा के कार्यक्रम में रुचि, , उत्पन करते, (5) व्यवसाय में--शिक्षा के अतिरिक्त |, , अधिक उपयोग है। मायके क्षेत्र में भी बुद्धि परीक्षणों का बहुत, , कर्मचारियों और अधिकारियों के 'जगाव में, उनकी पदोन्नति, अधिक व में, उनके, व किलर रा उनके समायोजन सम्बन्धी समस्याओं के अध्ययन में बुद्धि परीक्षाओं का .
Page 5 :
बाल्यावस्था | 189, , (6) अच्य क्षेत्रों में--उपरोक्त वर्णित क्षेत्रों के अतिरिक्त बुद्धि परीक्षणों का उपयोग, नि क्र में भी है; जैसे--अपराधी बालकों के अध्ययन में, निदान, उपचार और चिकित्सा के, क्षेत्र में व्यावहारिक क्षेत्र में एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में।, , (द मानसिक आयु एवं बुद्धि लब्धि, , (ए४०5 एण एराणाएशा०ड है], , मानसिक आयु का भ्रत्यय बिने ने प्रदान किया था। मानसिक आयु के प्रत्यय के द्वारा, , हम बुद्धि परीक्षणों से भ्राप्त होने वाले अंकों को अर्थपूर्ण बना देते हैं। मानसिक आयु व्यक्ति, की क्रियाओं के रूप में'उपलब्ध विकास की सीमा है जिसे व्यक्ति एक निश्चित आई आप्त, कर लेता है। मानसिक आयु वास्तव में बालक की उस मानसिक परिपक्वता को दर्शाती है जो, कि बालक किसी दी गई आयु में प्राप्त करता है अर्थात् जिस बालक की मानसिक आयु 5 वर्ष, है, वह 5 वर्ष के लिए निश्चित परीक्षण की सफलता को पूर्ण कर लेता है, भले ही उसकी, शारीरिक आयु 5 वर्ष से अधिक या कम हो, इसी प्रकार यदि कोई बालक 8 वर्ष की आयु, का है और वह 9 वर्ष के बालकों के लिए निर्धारित परीक्षा को पूर्ण कर लेता है तो उसकी, मानसिक आयु 9 वर्ष की समझी जाती है। उसी प्रकार यदि 9 वर्ष का बालक 8 वर्ष के, बालकों के लिए निर्धारित बुद्धि परीक्षाओं को हल कर पाता है तो उसकी मानसिक आयु 8 वर्ष, मानी जाती है। ह, हू ज्यों-ज्यों बालक की शारीरिक आयु में वृद्धि होती जाती है, उसकी मानसिक परिपक्वता, , में भी वृद्धि होती जाती है। बिने मानसिक योग्यता को निरन्तर एवं लगभग एक समान गति, से पूर्ण परिपक्वता तक विकसित होने वाली योग्यता मानते हैं। पूर्ण परिपक्वता की निश्चित ., आयु के संम्बन्ध में विभिन्न मनोवैज्ञानिकों में मतभेद हैं। विभिन्न मनोवैज्ञानिक 14 से 22 वर्ष, के बीच परिपक्वता कीं सीमा मानते हैं । ४, , (य) बुद्धि लब्धि, (171७॥8०1०8 (00०67) ह, सर्वप्रथम 1912 में स्टर्न ने मानसिक. लब्धि (७४४ (070०1७॥) शब्द का प्रयोग, , किया था। व्यक्ति की शारीरिक आयु (007070०ट्टॉं८०॥ 48०) वथा बुद्धि परीक्षाओं द्वारा, ज्ञात की गई व्यक्ति की मानसिक आयु का अनुपात बुद्धि लब्धि का अंक प्रदान करता है।, , बुद्धि लब्धि का सूत्र निम्नलिखित है-, बुद्धि लब्धि - मानसिक आयु, , वास्तविक आयु, , टर्मन ने सर्वप्रथम बुद्धि के फलांकन की यह विधि बताई थी। साधारणतया गणित में, दशमलव बिन्दु को हटाने एवं सुगमता को दृष्टि में रखते हुए इसमें 100 का गुणा कर दिया, जाता है। अतः ः, , _ )/. ४., बुद्धि लब्धि 0.0.) + है| २ 100, जबकि 1. 0. + 1720192०106 0एणांथा (बुद्धि लब्धि), , 1७.७.. + |४०॥४। 32० (मानसिक आयु), 0.6. ((४7०7००ष०० 28० (वास्तविक आयु)