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भारत की, आजादी, 14, 15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत, आज़ाद हुआ।, इस समय जवाहर लाल नेहरू द्वारा एक भाषण दिया, गया जिसे ट्रिस्ट विद डेस्टिनी यानि भाग्यवधू से चीर, प्रतीक्षित भेट कहा जाता है ।, भारत को सामान्य रूप से आज़ादी नहीं मिली बल्कि, भारत को आज़ादी के बाद तीन अलग-अलग भागो में, बाँट दिया गया।, जिसमे से पहला हिस्सा था ब्रिटिश भारत, दूसरा हिस्सा, था पाकिस्तान तथा तीसरा हिस्सा था देसी रजवाड़े, (देसी रजवाड़ो का मतलब वो जगह जहाँ राजाओ का, शासन हुआ करता था)
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डस बटवारे की वजह था द्वि, राष्ट्र सिद्धांत, द्वि राष्ट्र सिद्धांत, इस सिद्धांत को मुस्लिम लीग ने पेश किया। इस सिद्धांत के, अनुसार भारत एक नहीं बल्कि दो अलग अलग कोमो का, देश था इसीलिए दो अलग अलग देशो की मांग की गई ।, जिसमे से पहला देश था भारत जो की एक हिन्दू राष्ट्र बना, तथा दूसरा देश था पाकिस्तान जो की एक मुस्लिम राष्ट्र, बना। इस बटवारे की कुछ समस्याएँ भी थी।, विभाजन की समस्याएँ, दो पाकिस्तान, इस सिद्धांत के अनुसार जिस जगह हिन्दू ज़्यादा थे उसे, भारत तथा जहां मुस्लिम ज़्यादा थे उसे पाकिस्तान बनाया, जाना था। पर समस्या यह हुई की उस समय भारत में दो, ऐसे क्षेत्र थे जहां मुस्लिम आबादी ज़्यादा थी। एक था पूर्व, में और दूसरा था पश्चिम में। इसी वजह से दो पाकिस्तान, (पूर्वी पाकिस्तान तथा पश्चिमी पाकिस्तान) का निर्माण, किया गया, राज्यों का विभाजन, पंजाब तथा बंगाल दो ऐसे राज्य थे जहाँ मुस्लिम तथा हिन्दू, दोनों ही सामान मात्रा में थे इस वजह से इन राज्यों का, विभाजन करना पड़ा ।
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राज्यों का विभाजन, पंजाब तथा बंगाल दो ऐसे राज्य थे जहाँ मुस्लिम तथा हिन्दू, दोनों ही सामान मात्रा में थे इस वजह से इन राज्यों का, विभाजन करना पड़ा ।, जनता की असहमति, बहुत से ऐसी लोग थे जो पाकिस्तान में नहीं जाना चाहते थे, जिसमे से प्रमुख थे खान अब्दुल गफ्फार खान, इन्हें, सीमान्त गाँधी भी कहा जाता था। इन्होने द्वि राष्ट्र सिद्धांत, का खुल कर विरोध किया । ऐसे सभी लोगो की आवाज़, को दबा दिया गया तथा उन्हें पाकिस्तान में शामिल होने के, लिए मजबूर होना पड़ा ।, अल्पसंख्यकों की समस्या, ऐसा नहीं था की पाकिस्तानी क्षेत्र में हिन्दू नहीं थे या, भारतीय क्षेत्र में मुसलमान नहीं थे । दोनों ही क्षेत्रों में, अल्पसंख्यक मौजूद थे । यह विभाजन की सबसे बड़ी, समस्या थी और इसी समस्या का कोई समाधान निकाला न, जा सका और यही समस्या आगे जाकर दोनों देशो में हुए, दंगो का सबसे बड़ा कारण बनी ।
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विभाजन के परिणाम, पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान बने, अत्यधिक हिंसा हुई, जान और माल दोनों का बहुत, ज़्यादा नुकसान हुआ।, पाकिस्तान तथा भारत दोनों में ही शरणार्थी समस्या, पैदा हुई।, विभाजन के कारण ही कश्मीर की समस्या भी पैदा, हुई, राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां, विभाजन और इस त्रासदी से निपटने के बाद नेताओ का, ध्यान उन समस्याओ की और गया जो अत्यंत महत्वपूर्ण थी, | यह वो मुद्दे थे जिन पर सभी नेता स्वतन्त्रता से पहले से, सहमत थे और अब इन्हे अस्तित्व में लाना था।, अखंड भारत का निर्माण, भारत तीन अलग अलग हिस्सों में बट गया था। जिसमे से, पहला हिस्सा था ब्रिटिश भारत, दूसरा हिस्सा था पाकिस्तान, तथा तीसरा हिस्सा था देसी रजवाड़े (देसी रजवाड़ो का, मतलब वो जगह जहाँ राजाओ का शासन हुआ करता था), ऐसी स्तिथि में देश में मौजूद 565 देसी रजवाड़ो को भारत, में शामिल कर अखंड भारत बनाना एक चुनौती बन गया
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लोकतंत्र स्थापित करना, आज़ादी के समय भारत में ज़्यादातर लोग अनपढ़ तथा, गरीब थे ऐसी स्तिथि में भारत में लोकतंत्र की स्थापना, करना किसी चुनौती से कम नहीं था।, विकास, आज़ादी के समय भारत में ज़्यादातर लोग गरीब और, अशिक्षित थे। देश को इस गरीबी तथा अशिक्षा की स्थिति, से बाहर निकलना ज़रूरी था इसीलिए विकास भी स्वतंत्र, के समय उपस्थित चुनौतियों में से एक था, रजवाड़ो की समस्या, + आज़ादी के समय अंग्रेज़ो ने ऐलान किया की भारत के, साथ ही सभी देसी रजवाड़े भी ब्रिटिश राज से आज़ाद, हो जायेंगे।, + सभी रजवाड़ो को अधिकार दिया गया की वह या तो, भारत या पाकिस्तान में शामिल हो सकते है या अपना, स्वतन्त्र अस्तित्व बनाये रख सकते है।, यह फैसला लेने का अधिकार रजवाड़ो के राजाओ को, दिया गया। यही से सारी समस्या शुरू हुई।, विभाजन से हुए विध्वंस के बाद मौजूद सबसे बड़ी, समस्या थी सभी 565 देसी रजवाड़ो का भारत का में, विलय करके अखंड भारत का निर्माण करना। इस, प्रक्रिया में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महत्वपुर्ण, भूमिका निभाई।