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बेटी के नाम..., निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें।, 1.बहादुर शाह ज़फ़र को कहाँ कै दी बनाकर रखा है?, (रंगून में), 2.रंगून के कै दखाने में बादशाह को किसका पत्र मिला था?, (बेटी कु लसुम जमानी बेगम का), 3. बेटी का खत बादशाह को कै सा लगा?, (आँसुनामा लगा), 4.बेटी के खत का बादशाह पर कै सा असर पड़ा था?, (खत पढ़कर बादशाह की आँखें भीग गयी और तीन बार पढ़ने पर भी उनके मन को करार नहीं, आया। ), 5. ‘ कै दी बाप को अपनी बेटी का पत्र आँसुनामा था '-क्यों?, (बादशाह के अभाव में बेटी को दिल्ली में क्या-क्या परेशानियाँ भोगनी पड़ी थी, इसका जिक्र खत में, था। इसलिए खत पढ़कर बादशाह को आँसुनामा जैसा लगा), 6. ‘ दिल्लीवाले मुझको रोते होंगे...मैं भी उनको रोता हूँ '-यहाँ शासक का कौन-सा गुण प्रकट, होता है?, (बादशाह के कथन से दिल्लीवासियों के प्रति उनका प्रेम प्रकट होता है। यहाँ न्याय एवं प्रजा के हित, के लिए समर्पित शासक का गुण व्यक्त है।), 7.‘ वे तो बिना आई मौत मर गए '– बादशाह के इस कथन का तात्पर्य क्या है?, (दिल्ली की जनता देश के लिए शहीद हो गये थे। चाहे तो वे अंग्रेज़ों के पक्ष में रहकर मृत्यु से बच, सकते थे। लेकिन उन्होने एेसा नहीं किया। यही बादशाह के कथन का तात्पर्य है।), 8.लडाई में बादशाह का समर्थन करने से दिल्लीवासियों को क्या-क्या नुकसान हुए?, (युद्ध में बादशाह के समर्थन करने से कई बच्चे यतीम हो गये, औरतें बेवा हो गयी और कई लोगों को, फाँसी की सज़ा भोगनी पड़ी। )
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9.‘ यहाँ आ जाने के बाद , पता नहीं और क्या-क्या परेशानियाँ शहरवालों पर पड़ी होगी ' -बादशाह, के इस कथन से क्या तात्पर्य है?, (जब दिल्ली में बादशाह के विरुद्ध मुकदमा चल रहा था, उस समय पर ही दिललीवासियों पर अंग्रेज़ों, के अत्याचार चल रहे थे। अब बादशाह रंगून में कै द है। इसलिए वे सोचते हैं कि उनके आभाव में, दिल्लीवासियों को कई अत्याचार भोगने पड़े होंगे।), 10.अपने देश से सैकड़ों दूर, रंगून में रहकर बादशाह के मन में किसकी आशा नहीं है ?, (अपनी बेटी और देशवासियों से मिलने की आशा), 11.पत्र में किसकी शादी का ज़िक्र हुआ है?, (बेटी कु लसुम जमानी का), 12. बारात की अगवानी के सेहरे किसने लिखे थे?, (गालिब और ज़ौक ने), 13.गालिब और ज़ौक कौन थे?, (गालिब और ज़ौक उर्दू के महान शायर एवं बहादुर शाह ज़फर के दरबारी कवि थे।), 14.रंगून में बादशाह को कै दी बनाकर रखे गए मकान की अवस्था क्या थी?, ( एक पुराना-सा मकान है जो बारिश में टपकता है ओर उसमें सिर्फ तीन-चार कमरे हैं।), 15. ईद के समय कौन तोहफ़े लेकर आये थे?, (कु छ मुसलमान भाई), 16.‘ मैंने उनसे बहुत कहा,भाई ये तोहफे मैं नहीं ले सकता '-बादशाह ने एेसा क्यों कहा ?, (वे जानते थे कि यह अंगेज़ों की नज़र में पड़े तो उन्हें दिक्कत ज़रूर होगी।), 17.दूसरे दिन क्या हुक्म आया था?, (कै दियों को दिए जानेवाले खर्चा को आधा करने का हुक्म आया।), 18.‘ यह खत तुमको मिलेगा भी या नहीं '-बादशाह के मन में एेसा शक क्यों उभरा होगा?, (उन्हें कई बार एेसा अनुभव हुआ था कि जिसपर उन्होने भरोसा किये था, वे अंग्रेज़ों के जासूस, बनकर उन्हें धोखा दिए। इसलिए बादशाह के मन में एेसा शक उभर आया।), 19.‘ इस खत में मैंने एेसा लिखा ही क्या है, जिसकी मुझे फि़क्र हो '-इस कथन से क्या तात्पर्य है?
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(बादशाह जानते हैं कि इस खत पर उन्होने अपने मुल्क या गैर मुल्क की बातें नहीं कही है। यह, तो सिर्फ बेटी के नाम पर लिखा गया बाप का पत्र है। इसलिए यह खत अंग्रेज़ों के हाथ में आ जाए तो, भी उन्हें कोई फिक्र नहीं।), 20.बादशाह को लगता है उनका कब्र कहाँ बनेगी?, (रंगून में), चरित्र चित्रण, बादशाह के खत के निम्नलिखित वाक्य़ पढ़े।, . तीन दफ़ा सुनने के बाद भी दिल को करार नहीं आया।, . दिल्लीवाले मुझको रोते होंगे। वे क्या यह नहीं जानते कि मैं भी उनको रोता हूँ ।, . मेरे यहाँ आने के बाद, पता नहीं और क्या-क्या परेशानियाँ शहरवालों पर पड़ी होगी।, उत्तर, बादशाह अपने परिवारवालों से बहुत प्यार करते हैं। दिल्ली के अपने देशवासियों के प्रति उनके मन में, प्रेम और सहानुभूति है। कै दखाने में रहने पर भी उनके मन में देशप्रेम की भावना हम देख सकते हैं।, प्रजा हित के लिए अपने को समर्पित करनेवाले शासक के रूप में बहादुर शाह का चित्र हमारे सामने, आते हैं।, -------------------------Prepared by, Prasanth.K.V, St.Joseph’s Bhss, Kozhikode