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वितान पाठ, " सिल्वर वैंसिग, प्रश्न1- यशोधर बाबू अपने बच्चों से क्या अपेक्षा करते है?, यशोधर चाहते है कि बच्चे उनका सम्मान करे । प्रत्येक बात में वैसे ही सलाह को जैसे वे किशनदा से लिया करते, थे । यशोधर अनुभव का कोई विकल्प नही मानते थे । उनके बच्चे उनसे कहे कि दूध लाना, सदर बाजार जाकर दाले, लाना, पहाड़गंज से लाना जैसे काम आप छोड़ दे हम कर लिया करेगें बेटे वेतन उनके हाथ में लाकर दें ।, यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते है, ऐसा क्यों ?, यशोधर बाबू की पत्नी आधुनिका नही थी नही उनके संस्कार ऐसे थे । लेकिन मातृ सुलभ मजबूरी ने उनको आधुनिका, बना दिया था । साथ ही जब वह शादी के बाद आयी थी परिवार संयुक्त था वह ताई सास के बताये गये नियम कारयदो, में बंधकर रहती थी इसलिए वह नही चाहती कि उसके बच्चे, इच्छानुसार स्वतंत्र जीवन जीना चाहती थी। इसलिए वह पार्टी में वैसे ही सजती सवरती ही जैसी पार्टी की रौनक थी, इसके विपरित यशोधर घोर संस्कारी थे उन पर किशनदा के संस्कार हावी रहते थे । उनसे प्रभावित होने के कारण, यशोधर स्वयं को बदलना नही चाहते थे । कभी कभी परिस्थितियों उन्हें झुका देती थी लेकिन मन तो परम्परा में ही रमता, था समय के साथ परिवर्तन को स्वीकार नही करना किशनदा के संस्कारों का प्रभाव था ।, यशोधर, उ., प्र.2, उ., पुराना जीवन, जीयें । अब वह स्वयं भी बच्चों की, बाबू के विचार पूरी तरह से पुराने है और वे सहानुभूति के पात्र नही है । स्पष्ट कीजिए |, यह कथन सत्य है लेकिन यशोधर सहानुभुति के पात्र नही है । यह गलत है उनके विचार परम्परा व किशनदा के कारण, पुराने थे । वे नवीनता को अपनाने के पक्ष में भी थे उनका मानना था कि आना सब चाहिए लेकिन अपना नही छोडना, चाहिए जहाँ तक आधुनिकता का सरवाल है वह रहन सहन में सादगी पसंद करते थे केक काटना हमारी परम्परा नही, है । अतः यशोधर सहानुभुति के पात्र है।, सिद्ध कीजिए यशोधर किशनदा के पुत्र है।, प्र.3, उ., प्र.4, अथवा, सिद्ध कीजिए कि यशोधर किशनदा के पट्टशिष्य थे?, यशोधर बाबू हर छोटी बडी, मस्तिष्क में दिमाग किशनदा का ही था । वे मजाक करने फिकरा कसने हाथ मिलाने, चुटीली बात कहकर तनाव कम, करने आदि सभी किशनदा का अनुकारण करते थे । किशनदा के चले जाने के बाद उन्होने ही उनकी कई परम्पराओं, को जीवित रखने की कोशिश की, घर में होली गंवाना, जन्योपून्यू के दिन जनेऊ बदलने के लिए आमंत्रित करना, रामलीला, की पूर्व तैयारी के लिए अपने क्वार्टर में कमरा दे देना । इस प्रकार यशोधर बाबू ने किशनदा के चले जाने के बाद उनके, पट्टशिष्य व उत्साही कार्यकर्ता की भूमिका निभाई।, जो हुआ होगा से क्या अभिप्राय है।, किशनदा की मृत्यु जो हुआ होगा से हुई थी इसका तात्पर्य है कि उनकी मृत्यु कैसे हुई किसी को पता नही उनका अपना, कोई था नहीं, किसी ने नही जाना कि किशनदां की मौत कैसे हुई ।, सिल्वर वैंडिग कहानी का प्रमुख पात्र बार बार किशनदा को क्यो याद करता है ? इसे आप उसका सामर्थ्य मानते है या, कमजोरी क्यों ?, उ., में किशनदा का ही अनुकरण करते है । यशोधर का शरीर चाहे अपना हो किन्तु उनके, प्र.5, उ., प्र.6, मानव अपने जीवन में कुछ कमजोरियों को ही अपनी शक्ति समझ कर जीने लगता है यशोधर बाबू प्रत्येक छोटी बडी, समस्या पर किशनदा से ही सलाह लेना चाहते थे । इसलिए बार उनको याद करते थे । यह कमजोरी भी थी क्योकि, किशनदा के पुराने विचारो के सामने व आधुनिकता एवं परिवर्तन को स्वीकार नही कर सके जो परिवार को थोडी खुशिया, दे सके ।, सिल्वर वैडिंग' पाठ के आलोक में स्पष्ट कीजिए कि यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढ़ल सकने में सफल होती, है।, यशोधर की पत्नी अपने बीते हुए कल से असंतुष्ट थी । वह हर समय इस बात से असंतुष्ट रहती है कि शादी के बाद, उसका सारा जीवन परम्परा व पुरातन पंथी विचारों का पालन करने में ही बीता । घूँघट में जीवन बीता अब वह यह सब, अपने बच्चो के पर थोपना नही चाहती थी बल्कि स्वयं को बच्चो की जीवन शैली में ढालने में सफल हो जाती है। नये, उ., प्र.7, उ., 1
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फैशन का स्वीकार कर आधुनिकताओ सी वेश भूषा पहनने लगती है, क्या पीढी के अंतराल' को सिल्वर वैडिंग कहानी की भूल संवेदना कहा जा सकता है? तर्क सडित उत्तर दीजिए।, 8., अथवा, सिल्वर वैडिंग' कहानी की भूल संवेदना बताइये ।, अथवा, सिल्वर वैडिंग' कहानी के माध्यम से लेखक क्या संदेश देने का क्या प्रयास किया है?, "सिल्वर वैडिंग' कहानी की भूल संवेदना है। नई और पुरानी पीढ़ी के अंतराल को दिखाना । पुरानी पीढ़ी अपनी जीवन, शैली को छोडना व नवीन जीवन शैली को अपनाना नही चाहती । यशोधर सारी परम्पराओं सामाजिकता, रामलीला,, जनेऊपून्यो, रिश्ते नाते निभाना सब अच्छा लगता है । बडो के प्रति सम्मान, आत्मीयता, सादगी आदि, है।, उ., गुण, के पक्षधर, जबकि नयी पीढी केवल उन्नति करना चाहती है उनकी दृष्टि में रिश्तो का कोई महत्व नही है वे केवल आर्थिक, स्थिति को सुदृढ बनाना चाहते है पारम्परिक संस्कार उनको दक्ियानूसी बनना लगता है। अतः सिल्वर वैडिंग में दो, पीढ़ियो का अंतराल दिखलाया गया है।, 9., यशोधर बाबू का धार्मिक प्रवचन में मन क्यों नही लग पाया ?, यशोधर बाबू मन से बहुत धार्मिक या कर्मकांडी नही है वे किशनदा के कहने पर जांनबूझकर धार्मिक होने का प्रयत्न करते, है किन्तु उनका प्रवचन में नही रमता । वे मन को समझाते भी है कि अब आसक्ति त्यागकर पर लोक के विषय में सोचना, चाहिए लेकिन उनका मन पूरी तरह घर गृहस्थी, रिश्ते नाते, बच्चो से अपेक्षा पत्नी के बारे में सोचते रहना । किशनदा, के आदर्शों में डूबे रहने में उनका मन भ्रमित हो रहा था ।, 'जो हुआ होगा किस भावना का प्रतीक है?, 'जो, उ., 10., होगा परायेपन, असंबद्वता, अलगाव, फालतूपन का प्रतीक है लेखक कहना चाहते है कि प्रायः किशनदा जैसे, हुआ, लोग परिवार से मिली उपेक्षा और परायेपन के कारण मरते है । इससे उनका जीवन रस सुख जाता है।, उ., 2