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कहानी के नाट्य रूपांतरण पर आधारित, उत्तर कहानी की परंपरा बहुत पुरानी है। मौखिक कहानी ।, ही कहानी कहना आदिम मनुष्य ने शुरू किया होगा ।, प्राचीन काल में मौखिक कहानियों की लोकप्रियत, इसलिए थी क्योंकि यह संचार माध्यम का बह, माध्यम थी। इस कारण धर्म प्रचारकों ने भी आ, सिद्धांत और विचार लोगों तक पहुँचाने के लिए, कहानी का सहारा लिया। शिक्षा देने के लिए भी, कहानी विधा का प्रयोग किया गया पंचतंत्र की, कहानियाँ लिखी गईं जो संसार में प्रसिद्ध हैं।, 1. कहानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए और उसके, इतिहास पर प्रकाश डालिए।, उत्तर किसी घटना, पात्र एवं समस्या का क्रमबद्ध वर्णन, कहानी कहलाता है जिसमें परिवेश हो, कथा का, क्रमिक विकास हो, कथा में चरम उत्कर्ष का बिंदु, हो - उसे कहानी कहा जाता है। कहानी का इतिहास, उतना ही पुराना है जितना पुराना मानव इतिहास है।, कहानी मानव स्वभाव की प्रकृति का हिस्सा है।, कहानी कहने की आदिम कला का धीरे-धीरे विकास, हुआ। आदिम समय में भी कथावाचक कहानी सुनाते, थे। कहानी सुनाते- सुनाते उसमें कल्पना का समावेश, होने लगा था।, 4. कहानी लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना, चाहिए?, उत्तर (i) कहानी का आरंभ आकर्षक होना चाहिए ताकि, 2. कहानी के तत्व लिखिए।, ्तर कहानी के तत्व हैं-, पाठक का मन उसमें पूरी तरह रम जाए।, (ii) कहानी में विभिन्न घटनाओं और प्रसंगों को संतुलित, विस्तार देना चाहिए। किसी प्रसंग को न तो संक्षित्, लिखा जाए और न ही अनावश्यक रूप से बिस्तृत, किया जाए।, (i) कथानक, (ii) द्वंद्व, (iii) देशकाल और वातावरण, (iv) पात्र एवं चरित्र-चित्रण, (v) संवाद, (vi) चरमोत्कर्ष, (vii) भाषा-शैली, (vi) उद्देश्य, ये सभी तत्व कहानी की रचना प्रक्रिया के आवश्यक, (iii) कहानी की भाषा सरल, सहज व स्वाभाविक होनां, चाहिए। उसमें कठिन शब्द व लंबे वाक्य नहीं होन, चाहिए।, 5. कहानी का नाट्य-रूपांतरण करते समय दृश्यों, को कैसे बाँटा जाता है?, तत्व हैं।, उत्तर कहानी की संपूर्ण पटकथा को समय और स्थान के, प्राचीनकाल में मौखिक कहानियाँ क्यों प्रसिद्ध, हुई थीं ?, आधार पर विभिन्न दृश्यों में बाँटा जाता है। कथावस्तु, के, आधार पर दृश्यों को ऐसे बाँटा जाता है कि कहानी आग, |24, | 24
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क करें कहानी का नाट्य रूपांतरण, 25, VBRARY, बढे। दृश्य का एक-दूसरे से संबंध आवश्यक है। एक, Vidya Mandir, M awati, उद्देश्य होता है। कहानी लिखने के लिए सबसे पहले, कथावस्तु की आवश्यकता होती है। कथा में मुख्य, पात्रों की भूमिका घटना के आधार पर लिखी जाती है।, घटनाओं की क्रमबद्धता कहानी को गति प्रदान करती, है। मानव संवेदनाओं के मिले-जुले मिश्रण में लिखी, कहानी सफल कहानी मानी जाती है जिसमें हास्य,, है।, को भाव अभिव्यक्ति के आधार पर भी ०., दृश्य, बाँटा जाना चाहिए। एक ही भाव की अभिव्यक्ति दर्शकों, में ऊब का कारक बन जातो है। हास्य, करुण नृत्य, करता, इत्यादि के दृश्यों से बना नाटक ही सफ़ल होता है।, 6. कहानी और नाटक एक ही सिक्के के दो पहलू, हैं। कैसे?, उत्तर नाटक और कहानी में कथावस्तु का विशेष महत्व, है। दोनों में भाषा करीब- करीब एक-सी होती है।, नाटक और कहानी में क्रम से विकास होता है; पहली, घटना दूसरी घटना से संबंधित होती है। कथावस्तु मूल, कथा के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। दोनों में ही पात्रों, का विशेष महत्व है। नाटक और कहानी के लिए, देशकाल, पात्र का भी विशेष महत्व है,, परिवेश में इनकी रचना होती है। कहानियों का मंचीय, प्रस्तुतिकरण संभव है इसलिए नाटक व कहानी एक, ही सिक्के के दो पहलू हैं।, व्यंग्य, करुणा, दर्द, उद्देश्य व संदेश निहित होता है।, ৪. कहानी का नाट्य-रूपांतरण करते समय दृश्य, विभाजन कैसे करते हैं ?, उत्तर कहानी का नाट्य-रूपांतरण करते समय दृश्य विभाजन, निम्न प्रकार से करते हैं-, (i) कहानी की कथावस्तु को समय और स्थान के आधार पर, विभाजित करके दृश्य बनाए जाते हैं।, |, एक, विशेष, (ii) प्रत्येक दृश्य कथानक के अनुसार बनाया जाता है।, (iii) एक स्थान और समय पर घट रही घटना को एक दृश्य, में लिया जाता है।, 7. कहानी लिखने के मुख्य चरणों पर प्रकाश, डालिए।, उत्तर कहानी किसी भी समाज का आइना होती है। किसी, विशेष परिस्थिति में, किसी विशेष घटना के साथ, (iv) दूसरे स्थान और समय पर घट रही घटना को अलग, दृश्यों में बाँटा जाता है।, (v) दृश्य विभाजन करते समय कथाक्रम और विकास का भी, ध्यान रखा जाता है।, एर्टेक 3 अंक
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बनती, कहानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए और उसके, कहानी कहलाता है जिसमें परिवेश हो, कथा का, 2. द्वंद्व, 3. देशकाल और वातावरण, शब्दों, 1., इतिहास पर प्रकाश डालिए।, किसी घटना, पात्र, समस्या का क्रमबद्ध वर्णन, 4. पात्र एवं चरित्र- चित्रण, उत्तर, 5. संवाद, कमिक विकास हो, कथा में चरम उत्कर्ष का बिंद, दो - उसे कहानी कहा जाता है। कहानी का इतिहास, 6. चरमोत्कर्ष, - शैली, 7. भाषा, उतना ही पुराना है जितना पुराना मानव इतिहास है।, कहानी मानव स्वभाव की प्रकृति का हिस्सा है ।, कहानी कहने की आदिम कला का धीरे-धीरे विकास, हुआ। आदिम समय में भी कथावाचक कहानी सुनाते, थे। कहानी सुनाते- सुनाते उसमें कल्पना का समावेश, 8. उद्देश्य, ये सभी तत्व कहानी की रचना प्रक्रिया के आवश्यक, तत्व हैं।, 3. प्राचीनकाल में मौखिक कहानियाँ क्यों प्रसिद्ध, हुई थीं ?, उत्तर कहानी की परंपरा बहुत पुरानी है। मौखिक कहानी से, ही कहानी कहना आदिम मनुष्य ने शुरू किया होगा।, प्राचीनकाल में मौखिक कहानियों की लोकप्रियता, इसलिए थी क्योंकि यह संचार माध्यम का बड़ा, होने लगा था।, 2. कहानी के तत्व लिखिए।, हैं। उत्तर कहानी के तत्व हैं-, 1. कथानक
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माध्यम थी। इस कारण धर्म प्रचारकों ने भी अपने, सिद्धात और विचार लोगों तक पहुँचाने के लिए, कहानी का सहारा लिया। शिक्षा देने के लिए भी, कहानी विधा का प्रयोग किया गया। पंचतंत्र की, कहानियाँ लिखी गईं जो संसार में प्रसिद्ध हैं ।
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की रचना की कल्पना भी नहीं की जा सकती।।, (प्रत्येक 3 अंक,, पाठक का मन उसमें पूरी, हानी की रचना प्रक्रिया पर आधारित लघूत्तरीय प्रश्नोतर, कहा, का होना अनिवार्य है। इसके अभाव में, 1. कहानी किसे कहते हैं?, र गद्य साहित्य की सबसे पुरानी व प्रसिद्ध विधाओं, में कहानी प्रथम पायदान पर है। जनजीवन से, संबंधित प्राचीनतम विधा है। कहानी का उद्देश्य, उपदेश देना, शिक्षा देना और मनोरंजन करना होता, है। कहानी में कथावस्तु होती है जैसे-जैसे घटनाओं, को आगे बढ़ाया जाता है, उसकी रोचकता भी, बढ़ती जाती है। आज कहानी मानवीय संवदेनाओं, व सामाजिक समस्याओं का दर्पण बन गई है।, उदाहरण-चंद्रकांत, तेनालीराम, पंचतंत्र आदि, कालजयी कहानियों के उदाहरण हैं।, दुवार, * कहानी का संचालन उसके पात्रों के, ही होता है तथा पात्रों के गुण दोष को, उनक।, चरित्र-चित्रण कहा जाता है। चरित्र- चित्रण, विभिन्न चरितरों में स्वाभाविकता उत्पन्न, जाती है।, संवाद कहानी का प्रमुख अंग होते हैं। इनके, द्वार, पात्रों के मानसिक अंतर्दवंद्व एवं अन्य मनोपात, को प्रकट किया जाता है।, कहानी में वास्तविकता का पुट देने के लिए देशका, कहानी में कथावस्तु की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हैं?, के बिना कहानी की कल्पना नहीं की जा, अथवा वातावरण का प्रयोग किया जाता है।, प्रस्तुतीकरण के ढंग में कलात्मकता लाने के लिए, उसको अलग-अलग भाषा व शैली से सजाया, = कथावस्तु, सकती। कथावस्तु जीवन की भिन्न दिशाओं और, क्षेत्रों से ग्रहण की जाती हैं। इसके स्तरोत हैं- पुराण,, इतिहास, राजनीतिक, समाज आदि। कथावस्तु कहानी, को रोचकता प्रदान करती है। अच्छी कथावस्तु ही, कहानी का आधार स्तंभ है। कथावस्तु घटनाओं के, आधार पर पात्रों को बाँधती है। पात्रों के मनोभावों को, दर्शाने वाली कथावस्तु की सर्वव्यापकता को झुठलाया, जाता है।, कहानी में केवल मनोरंजन ही नहीं होता अपिन, उसका एक निश्चित उद्देश्य भी होता है।, 4. कहानी लिखते समय किन बातों को ध्यान में, रखना आवश्यक है?, उत्तर कहानी लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान, रखना आवश्यक है-, (i) दी गई रूपरेखा अथवा संकेतों के आधार पर हो, कहानी का विस्तार करें।, (ii) कहानी में विभिन्न घटनाओं और प्रसंगों को संतुलित, विस्तार दें। किसी प्रसंग को न अत्यंत संक्षिप्त लिखें., नहीं जा सकता।, 3. कहानी के तत्वों का विश्लेषण कीजिए ।, तर रोचकता, प्रभाव तथा वक्ता एवं श्रोता या कहानीकार, एवं पाठक के बीच यथोचित संबद्धता बनाए रखने के, लिए सभी प्रकार की कहानियों में निम्नलिखित तत्व, महत्वपूर्ण माने गए हैं-कथावस्तु, पात्र, चरित्र -चित्रण,, कथोपकथन, संवाद, देशकाल, वातावरण भाषा-शैली, तथा उद्देश्य है।, कहानी के ढाँचे को कथावस्तु अथवा कथानक, कहा जाता है। प्रत्येक कहानी के लिए कथावस्तु, न अनावश्यक रूप से विस्तृत।, (ii) कहानी का आरंभ आकर्षक होना चाहिए ताकि पाठक, का मन उसे पढ़ने में रम जाए।, (iv) कहानी की भाषा सरल, स्वाभाविक तथा प्रवाहमयो, होनी चाहिए। उसमें क्लिष्ट शब्द तथा लंबे वाक्य न हो।, (v) कहानी को उपयुक्त एवं आकर्षक शीर्षक दें।