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आलेख की भाषा सहज, सरल एवं रोचक होनी चाहिए।, आलेख का आमुख (प्रस्तावना) वाला अंश तथा समाप्ति वाला अंश रोचक एवं निष्कर्षपरक होना चाहिए।, अध्याय 05, आलेख व, फीचर लेखन, इस अध्याय में..., * आलेख, * फीचर लेखन, चैप्टर प्रैक्टिस, आलेख, आलेख गद्य-लेखन की एक विधा है। आलेख वैचारिक गद्य-रचना को कहते हैं, जिसमें किसी विषय विशेष पर विचारों की, মূखलाबद्ध, तर्कपूर्ण एवं विश्लेषणात्मक प्रस्तुति की जाती है। आलेख में किसी वस्तु, विचार, घटना अथवा स्थिति की समीक्षा, एवं उसका विवेचन किया जाता है।, आलेख लिखने हेतु ध्यान रखने योग्य बातें, आलेख लिखने वाले व्यक्ति का संबंधित विषय पर सम्यक् चिंतन होना चाहिए।, आलेख से जुड़े तथ्यों एवं आँकडों आदि का उल्लेख पूर्ण-स्पष्टता के साथ करना चाहिए।, आलेख लिखने हेतु एक वैचारिक एवं तकनीकी कुशलतायुक्त भाषा का प्रयोग करना चाहिए।, ख के प्रस्तुतीकरण में भ्रामक एवं संदिग्ध जानकारियों का उल्लेख नहीं करना चाहिए।
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2. 'बच्चों में दृष्टि-दोष की समस्या' विषय पर एक आलेख तैयार, कीजिए।, Al 2019, बच्चों में दृष्टि दोष की समस्या, त्तर, वर्तमान समय में बच्चों में दृष्टि दोष की समस्या बढ़ती जा रही है।, आजकल स्कूल से आते ही बच्चे टीवी में कार्टून देखने के लिए, कई-कई घंटों तक बैठे रहते हैं तथा वीडियो गेम व मोबाइल में लगे, रहते हैं। इन सब के कारण टीवी व मोबाइल से निकलने वाली, अल्ट्रावाइलेट किरणें सीधे आँखों को प्रभावित करती हैं। बच्चे अगर, अच्छे से पौष्टिक त्त्व, भरपूर भोजन का सेवन न करें तो भी आँखों से, संबंधित बीमारियाँ होती हैं। बच्चों में दृष्टि दोष की समस्या के लिए, माता-पिता को ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। बच्चों की आँखें, नाजुक होती हैं इसलिए उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है। बच्चे, बार-बार आँखों पर हाथ लगाते हैं, जिसकी वजह से ऑँखों में संक्रमण, की आंशका बढ़ जाती है। कभी-कभी यह संक्रमण बच्चों की आँखों के, लिए काफी नुकसानदेह जो जाता है, इसलिए इसका तुरन्त उपचार, आवश्यक है।, 1.
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फीचर लेखन, मूलत: लैटिन भाषा के 'फैक्ट्रा' शब्द से निर्मित 'फीचर' शब्द का अर्थ, 'स्वरूप' या 'रूपरेखा' है।, अखबारों में समाचारों के अतिरिक्त फ़ीचर भी प्रकाशित किए जाते हैं।, फ़ीचर एक विशेष पत्रकारीय लेखन होता है। यह समाचार लेखन से, बिल्कुल अलग होता है। फ़ीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक तथा, आत्मनिष्ठ लेखन होता है। इसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने के, अतिरिक्त उन्हें शिक्षित व मनोरंजन करना होता है। यह तात्कालिक, घटनाक्रम से अवगत नहीं कराता। इसमें लेखक की अपनी राय, दृष्टिकोण, या भावनाएँ सम्मिलित होती हैं। फ़ीचर लेखन में उल्टा पिरामिड शैली की, अपेक्षा कथात्मक शैली (सीधा पिरामिड) का प्रयोग होता है। फ़ीचर, साधारण रूप से घटनाओं, तथ्यों, सूचनाओं तथा विचारों पर आधारित, कथात्मक विवरण व विश्लेषण होता है। उसकी एक अपनी ही थीम होती, है। फ़ीचर के कई प्रकार होते हैं; जैसे-समाचार बैकग्रांउडर, खोजपरक, फ़ीचर, साक्षात्कार फ़ीचर, जीवनशैली फ़ीचर रूपात्मक फ़ीचर, व्यक्तिचित्र, फ़ीचर, यात्रा फ़ीचर, विशेष रुचि के फ़ीचर आदि।