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. व्याकरण एवं लिपि का परिचय, व्याकरण,, SHARAZECTUREUeNGSSS ŞINER,SIWANA), भाषा के दो प्रकार (भेद) होते है।, अंक), 1. भाषा, व्याकरण एवं लिपि का परिचय ( 2 अंक), 2. पद-परिचय (2 अंक), 3. शब्द शक्ति (2 अंक), 4. अलंकार (2 अंक), अनुप्रास, यमक, श्लेष, उपमा,, ूपक, उत्प्रेक्षा, विरोधाभास एवं, उदाहरण, 5. पारिभाषिक शब्दावली (2 अंक), 6. पत्र लेखन - अ्द्धशासकीय पत्र, निविदा, विज्ञप्ति, ज्ञापन अधिसूचना - ( 2 अंक), 7. निंबंध (4 अंक), भाषा, व्याकरण, लिपि का परिचय, (2, अंक), भाषा-मानव जॉति, |, विकास के सुदीर्घ इतिहास में सर्वाधिक महत्व सम्प्रेषण के माध्यम का, रहा है और वह माध्यम, है-भाषा। भाषा वह साधन हैं जिससे हम अपना इतिहास, संस्कृति संचित, ज्ञान-विज्ञान तथा, पनी महान परम्पराओं को जान पाते हैं।, किसी बोली का संरक्षण तथा अन्य कारणों से यदि क्षेत्र विस्तृत होने लगता है तथा उसमें साहित्य, लिखा जाने लगता है एवं उसका व्याकरण निश्चित होने लगता है, तो वह भाषा बनने लगती है।, -, जो भाषा आपस में बातचीत के द्वारा, भाषणों तथा उद्बोधनों के द्वारा प्रयोग में, 1. मौखिक भाषा, लाई जाती है, मौखिक भाषा कहलाती है ।, जो भाषा लिखित लिपि के माध्यम से लिखकर प्रयोग में लाई जाती है।, 2. लिखित भाषा, नोट: संस्कृत हमारी सभी भारतीय भाषाओं की सूत्र भाषा तथा जननी है एवं वर्तमान में हिन्दी हमी, राजभाषा(राजकार्य भाषा) है।, 1.
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भाषा के दो रूप होते है।, (1) मौखिक (2) लिखित।, * मौखिक भाषा का लिखने के लिए जिन लेखन-चिहनों का प्रयोग किया जाता है, उसे 'लिपि,, कहते है।, * भाषा क सीमित क्षेत्र में बोले जाने वाले स्थानीय रूप को 'बोली' या 'उपभाषा' कहते हैं।, हिन्दी की 18 से 22 बोलियाँ पाँच वर्गों में विभाजित की गई है।, बिहारी तथा पहाड़ी।, पश्चिमी, पूर्वी, राजस्थानी,, * भाषा को शुद्ध रूप से लिखने व बोलने संबंधी नियमों की जानकारी देने वाला शास्त्री को, व्याकरण कहते है।, * हिन्दी भाषा की लिपि 'देवनागरी' है ।, पद -, परिचय ।, अंक), परिभाषा, तब ' पद ' कहलाता है और, परिचय ' कहलाता है।, - सामान्तया एक स्वतंत्र शब्द, जब वाक्य में प्रयुक्त होता, वाक्य में उस शब्द की सभी भूमिकाओं का परिचय देना ही, पद- परिचय, 1., 2., 3., 4., 5., सर्वनाम शब्द, का पद परिचय, संज्ञा शब्द का, शब्द, क्रिया शब्द, अव्यय शब्द, पद परिचय, का पद परिचय, का पद परिचय, विशेषण, 2. संबंध बोधक, 3. समुच्चय बोधक, 4. विस्मयादि, संज्ञा श, ARANECTURER HINDI(GSSSINERANA), पद- परिचय, संज्ञा शब्द के पद परिचय के लिए संज्ञा का भेद, लिंग,, वचन, कारक तथा उस शब्द के क्रिया से संबंध को व्यक्त किया जाता है।, संज्ञा के भेद, व्यक्तिवोचक संज्ञा, व्यक्ति- रमेश, सीता, चेतक, प्रताप, कामधेनू।, किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान के नाम का बोध हो -, उषा पंखा, राजस्थान पत्रिका, इतिहास की पुस्तक,, भारत, जयपुर, दिल्ली, उदयपुर ,चीन, (Board Exam 2018) लक्षद्वीप,, वस्तु, स्थान -, किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की जाति का बोध हो, जातिवाचक संज्ञा, व्यक्ति- शिशु, मित्र, पशु, लड़का, बच्चा, सज्जन, दानव, बूढा, व्यक्ति, स्त्री, आदमी मनुष्य, इंसान पुरूष,, सेवक.., वस्तु, पुस्तक, फल, सब्जी, धातु, चीनी, चाय, खाना, भोजन,