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से परिचित होती है।, _ भारत में स्थानीय शासन का विकास: प्राचीन भारत में अपना शासन खुद, चलाने वाले समुदाय, “सभा” के रूप में मैजूद थे। आधुनिक समय में |, निर्वाचित निकाय सन् 882 के बाद आस्तित्व में आए। उस वक्त उन्हें |, “मुकामी बोर्ड" कहा जाता था। 4949 के भारत सरकार अधिनियम के वनने, , पर अनेक प्रांतो में ग्य्म पंचायते बनी |, जब संविधान बना तो स्थानीय शासन का विषय प्रदेशों को सौंप दिया गया।, संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतों में भी इसकी चर्चा है |, , - स्वतंत्र मारत में स्थानीय शासन: संविधान के 73 वें और 74वें संशोधन के, बाद स्थानीय शासन को मजबूत आधार मिला। इससे पहले 4952 का, “सामुदायिक विकास कार्यक्रम” इस क्षेत्र में एक अन्य प्रयास था इस पृष्ठभूमि, में ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत एक त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था, की शुरूआत की सिफारिश की गई। ये निकाय वित्तीय मदद के लिए प्रदेश, तथा केन्द्रीय सरकार पर बहुत ज्यादा निर्भर थे। सन् 4987 के बाद स्थानीय, शासन की संस्थाओं के गहन पुनरावलोकन की शुरूआत हुई ।, , ख- कक शाल्त .. प्र्पन््पप्पतगेैान-जयया, , , , , , , , - सन् 989 में पी.के. थुृंगन समिति ने स्थानीय शासन के निकायों को, संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की सिफारिश की |, , - संविधान का 73वां और 74 वां संशोधन: सन् 4992 में ससंद ने 73वां और 74, वां संविधान संशोधन पारित किया।, , - 73वां संशोधन गांव के स्थानीय शासन से जुड़ा है। इसका संबंध पंचायती, राज व्यवस्था से है | 74वां संशोधन शहरी स्थानीय शासन से जुड़ा है।, , - 73वां संशोधन- 73वें संविधान संशोधन के कुछ प्रावधान, , () त्रि-स्तरीय ढांचा: अब सभी प्रदेशों में पंचायती राज व्यवस्था का., , ब्रि-स्तरीय ढांचा है।, तृतीय पायदान » जिला पंचायत, , द्वितीय पायदान ब्लाक समिति, , प्रथम पायदान ग्राम सभा, (2) चुनावः पंचायती राज संस्थाओं के तीनों स्तरों के चुनाव सीधे जनता, करती है | हर निकाय की अवधि पांच साल की होती है।, (3) आरक्षण: ु, - महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित, - अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जन जाति के लिए उनकी, जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान है।, _--. यदि प्रदेश की सरकार चाहे तो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ.बी.सी.), को भी सीट में आरक्षण दे सकती है।, इस आरक्षण का लाभ हुआ कि आज महिलाएं सरपंच के पद पर, कार्य कर रही है।, _ भारत के अनेक प्रदेशों के आदिवासी जनसंख्या वाले क्षेत्रों को 73 वें संविधान, के प्रावधानों से दूर रखा गया परन्तु सन् 996 में एक अलग कानून बना कर, , 404 उ्चर - 7तराप्रेट्दा &इटांशाटर