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घर की याद, अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्न, , 1., , आज पानी गिर रहा है,, बहुत पानी गिर रहा है,, रात भर गिरता रहा है,, प्राण-मन घिरता रहा है,, , बहुत पानी गिर रहा हैं,, , घर नजर में तिर रहा है,, घर कि मुझसे दूर है जो,, घर खुशी का पूर है जो |, , घर कि घर में चार भाई,, मायके में बहिन आई,, बहिन आई बाप के घर,, हाय रे परिताप के घर।, , घर कि घर में सब जुड़े हैं,, सब कि इतने कब जुड़े हैं,
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चार भाई चार बहनें,, भुजा भाई प्यार बहनें ।, , अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न, , उत्तर , 2., , 1., 23, 3., 4., , 'पानी गिरने' से कवि क्या कहना चाहता है?, बरसात से कवि के हृदय पर क्या प्रभाव हुआ?, 'भुजा भाई प्यार बहिनें! का आशय स्पष्ट कीजिए।, मायके में आई बहन को क्या कष्ट हुआ होगा?, , . कवि ने पानी गिरने के दो अर्थ दिए हैं। पहले अर्थ में यहाँ वर्षा हो, , रही है। दूसरे अर्थ में, बरसात को देखकर कवि को घर की याद, आती है तथा इस कारण उसकी आँखों से आँसू बहने लगे हैं।, , . बरसात के कारण कवि को अपने घर की याद आ गई। वह स्मृतियों, , में खो गया। जेल में वह अकेलेपन के कारण दुखी है। वह भावुक, होकर रोने लगा।, , . कवि ने भाइयों को भुजाओं के समान कर्मशील व बलिष्ठ बताया है।, , वे एक-दूसरे के करीबी व सहयोगी हैं। उसकी बहनें स्नेह का भंडार, हैं।, , - सावन के महीने में ससुराल से बहन मायके आयी। वहाँ सबको, , देखकर वह खुश होती है, परंतु एक भाई के जेल में होने के कारण, वह दुखी भी है।, , और माँ बिन-पढ़ी मेरी,, दुःख में वह गढ़ी मेरी
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माँ कि जिसकी गोद में सिर,, , रख लिया तो दुख नहीं फिर,, माँ कि जिसकी स्नेह-धारा,, का यहाँ तक भी पसारा,, उसे लिखना नहीं आता,, जो कि उसका पत्र पाता।, , पिताजी जिनको बुढ़ापा,, , एक क्षण भी नहीं व्यापा,, , जो अभी भी दौड़ जाएँ,, , जो अभी भी खिलखिलाएँ,, मात के आगे न हिचकें,, शेर के आगे न बिचकें,, बोल में बादल गरजता,, काम में झंझा ल्रजता,, , अर्थग्रहण सम्बंधी प्रश्न :, , . माँ के बारे में कवि क्या बताता है?, , . कवि को माँ का पत्र क्यों नहीं मित्र पाता?, , . कवि के पिता की चार विशेषताएँ बताइए।, , - 'पिता जी को बुढ़ापा नहीं व्यापा'-आशय स्पष्ट करें।, , 43 0०० >> -+, , उत्तर , 1. माँ के बारे में कवि बताता है कि वह दुखों में रची हुई है। वह, निरक्षर है। वह बच्चों से बहुत स्नेह करती है।, , 2. कवि को माँ का पत्र इसलिए नहीं मिल पाता, क्योंकि वह अनपढ़, है। निरक्षर होने के कारण वह पत्र भी नहीं लिख सकती।, , 3. कवि के पिता की चार विशेषताएँ हैं(क) उन पर बुढ़ापे का प्रभाव नहीं है।
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(ख) वे खुलकर हँसते हैं।, (ग) वे दौड़ त्रगाते हैं।, (घ) उनकी आवाज में गर्जना है।, , 4. कवि अपने पिता के विषय में बताता है कि वे सदैव हँसते रहते हैं,, व्यायाम करते हैं। वे जिंदादिल हैं तथा मौत से नहीं घबराते। ये, सभी लक्षण युवावस्था के हैं। अत: कवि के पिता जी पर बुढ़ापे का, कोई असर नहीं है।, , ., , आज गीता पाठ करके,, , दंड दो साँ साठ करके,, , खूब मुगदर हिला लेकर,, , मूठ उनकी मिल्रा लेकर,, जब कि नीचे आए होंगे,, नैन जल से छाए होंगे,, हाय, पानी गिर रहा है,, घर नज़र में तिर रहा है,, , चार भाई चार बहिनें,, , भुजा भाई प्यार बहिने,, , खेलते या खड़े होंगे,, , नज़र उनको पड़े होंगे।, पिताजी जिनको बुढ़ापा,, एक क्षण भी नहीं व्यापा,, रो पड़े होंगे बराबर,, पाँचवे का नाम लेकर,
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अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :, , हे ए लि पते, , उत्तर , कवि अपने पिता की दिनचर्या के बारे में क्या बताता है?, पिता की आँखें भीगने का क्या कारण रहा होगा?, , कवि ने भाई-बहन के बारे में क्या बताया है?, , कवि के पिता क्यों रोने लगे होंगे?, , - कवि के पिता गीता का पाठ करते हैं तथा दो सौ साठ दंड लगाकर मुगदर हिलाते हैं।, , फलस्वरूप उनका शरीर मजबूत बन गया है तथा गीता पाठ के कारण मन साहसी हो, गया है।, , कवि के पिता गीता पाठ व व्यायाम करके नीचे आए होंगे तो उन्हें अपने छोटे पुत्र, भवानी की याद आई होगी। वह उस समय जेल में था। इस वियोग के कारण उनकी, आँखों में पानी आ गया होगा।, , कवि ने बताया कि उसके चार भाई व चार बहनें हैं, जो इकट्ठे रहते हैं।, , 4. कवि के पिता ने जब सभी भाई-बहनों को खड़े या खेलते देखा होगा तो उन्हें पाँचवें पुत्र, , 4., , भवानी की याद आई होगी। वे उसका नाम लेकर रो पड़े होंगे।, , पाँचवाँ में हूँ अभागा,, जिसे सोने पर सुहागा,, पिता जी कहते रहे हैं,, प्यार में बहते रह हैं,, , आज उनके स्वर्ण बेटे,, लगे होंगे उन्हें हेटे,, क्योंकि मैं उन पर सुहागा, बाँधा बैठा हूँ अभागा ।