Page 1 :
पाठ 5. तत्वों के आवर्त वर्गीकरण, , अध्याय-समीक्षा, , * सन् 1800 तक केवल 30 तत्वों का पता चला था। इन सभी तत्वों की संभवतः भिन्न-भिन्न विशेषताएँ थीं।, , * जैसे-जैसे विभिन्न तत्वों की खोज हो रही थी, वैज्ञानिक इन तत्वों के गुणधर्मों के बारे में अधिक से अधिक, जानकारी एकत्र करने लगे।, , * सबसे पहले, ज्ञात तत्वों को धातु एवं अधातु में वर्गीकृत किया गया। जैसे-जैसे तत्वों एवं उनके गुणधर्मो के बारे में, हमारा ज्ञान बढ़ता गया, वैसे-वैसे उन्हें वर्गीकृत करने के प्रयास किए गए।, , « सन् 1817 में जर्मन रसायनज़, वुल्फगांग डॉबेराइनर ने समान गुणधर्मो वाले तत्वों को समूहों में व्यवस्थित करने, का प्रयास किया। उन्होंने तीन-तीन तत्व वाले कछ समूहों को चुना एवं उन समूहों को त्रिक कहा |, , »* डॉबेराइनर ने बताया कि ब्रिक के तीनों तत्वों को उनके परमाण द्रव्यमान के आरोही क्रम में रखने पर बीच वाले, तत्व का परमाणु द्रव्यमान, अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमांन का लगभग औसत होता है। उदाहरण के लिए, लिथियम (11) सोडियम (1४३) एवं पोटैशियम (1९) है, , * डॉबेराइनर की त्रिक में तत्वों के वर्गीकरण की यह पद्धति सफल नहीं रही क्योंकि उस समय तक ज्ञात तत्वों में, केवल तीन ब्रिक ही ज्ञात कर सके थे।, , « डॉबेराइनर ने ही सबसे पहले प्लैटिनम को उत्प्रेरक के रूप में पहचाना तथा समान त्रिक की खोज की जिससे तत्वों, की आवर्त सारणी का विकास हआ।, , * सन् 1866 में अंग्रेज़ वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंडस ने ज्ञात तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित, किया। उन्होंने सबसे कम परमाण द्रव्यमान वाले तत्व हाइड्रोजन से आरंभ किया तथा 56वें तत्व थोरियम पर इसे, समाप्त किया।, , * न्यूलैंड्स का अष्टक नियम: "प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के गुणधर्म के समान हैं |", , « न्यूलैंड्स के अष्टक में लीथियम एवं सोडियम के गुणधर्म समान थे। सोडियम, लीथियम के बाद आठवाँ तत्व है।, इसी तरह बेरिलियम एवं मैग्नीशियम में अधिक समानता है।, , * ऐसा देखा गया कि अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था, क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक, आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व से नहीं मित्रता।, , * न्यूलैंडस ने कल्पना की कि प्रकति में केवल 56 तत्व विद्यमान हैं तथा भविष्य में कोई अन्य तत्व नहीं मिलेगा।, लेकिन, बाद में कई नए तत्व पाए गए जिनके गणधर्म, अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।, , * अपनी सारणी में इन तत्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंडस ने दो तत्वों को एक साथ रख दिया और कछ, असमान तत्वों को एक स्थान में रख दिया।, , »* इस प्रकार, न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ही ठीक से लागू हो पाया।, , * तत्वों के वर्गीकरण का मख्य श्रेय रूसी रसायनज्ञ डमित्री इवानोविच मेन्डेलीफ को जाता है। तत्वों की आवर्त सारणी, के प्रारंभिक विकास में उनका प्रमुख योगदान रहा। उन्होंने अपनी सारणी में तत्वों को उनके मूल गुणधर्म, परमाणु, द्रव्यमान तथा रासायनिक गृणधर्मों में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।, , « जब मेन्डेलीफ ने अपना काये आरंभ किया तब तक 63 तत्व ज्ञात थे। उन्होंने तत्वों के परमाणु द्रव्यमान एवं उनके, भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्मों के बीच संबंधों का अध्ययन किया |, , * रासायनिक गुणधर्मो के अंतर्गत मेन्डेलीफ ने तत्वों के ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन के साथ बनने वाले यौगिकों पर, अपना ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन का इसलिए चुनाव किया क्योंकि ये अत्यंत सक्रिय हैं, तथा अधिकांश तत्वों के साथ यौगिक बनाते हैं। तत्व से बनने वाले हाइड्राइड एवं ऑक्साइड के सूत्र को तत्वों के, वर्गीकरण के लिए मूल्रभूत गुणधर्म माना गया।, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , 77१५९ 91, 1. क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए।, , उत्तर : हाँ , त्रिक न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी मिलते है | उदहारण :- [1 , ४३ व ।< |