Page 2 :
छः गणित, , , , तो हम इसका प्रयोग कक्षा।% में अध्ययन की गई कुछ संख्याओं, जैसे (2, ./5 और ./(5, आदि की अपरिमेयता सिद्ध करने में करेंगे। दूसरे, हम इसका प्रयोग यह खोजने में करेंगे कि, , किसी परिमेय संख्या, मान लीजिए क् (4 * 0) , का दशमलव प्रसार कब सांत (छग्रां॥ाह), , होता है तथा कब असांत आवर्ती णा-शागरा।धा? 1०००४४॥४) होता है। ऐसा हम 2? के हर, पृ, 4 के अभाज्य गुणनखंडन को देखकर ज्ञात करते हैं। आप देखेंगे कि 4 के अभाज्य गुणनखंडन, , से 2” के दशमलव प्रसार की प्रकृति का पूर्णतया पता लग जाएगा।, ट न्क्ों, अत:, आइए अपनी खोज प्रारंभ करें।, , 1.2 यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका, निम्नलिखित लोक पहेली* पर विचार कीजिए:, , एक विक्रेता सड़क पर चलते हुए अंडे बेच रहा था। एक आलसी व्यक्ति, जिसके पास, कोई काम नहीं था, ने उस विक्रेता से वाक्-युद्ध प्रारंभ कर दिया। इससे बात आगे बढ़ गई, ओर उसने अंडों की टोकरी को छीन कर सड़क पर गिरा दिया। अंडे टूट गए। विक्रेता ने, पंचायत से कहा कि उस व्यक्ति से टूटे हुए अंडों का मूल्य देने को कहे। पंचायत ने विक्रेता, से पूछा कि कितने अंडे टूटे थे। उसने निम्नलिखित उत्तर दिया:, दो-दो गिनने पर एक बचेगा;, तीन-तीन गिनने पर दो बचेंगे;, चार-चार गिनने पर तीन बचेंगे;, पाँच-पाँच गिनने पर चार बचेंगे;, छ:-छ: गिनने पर पाँच बचेंगे;, सात-सात गिनने पर कुछ नहीं बचेगा;, मेरी टोकरी में 150 से अधिक अंडे नहीं आ सकते।, अत:, कितने अंडे थे? आइए इस पहेली को हल करने का प्रयत्न करें। मान लीजिए, अंडों की संख्या ८ है। तब उल्टे क्रम से कार्य करते हुए, हम देखते हैं कि ८ संख्या 150 से, छोटी है या उसके बराबर है।, यदि सात-सात गिनें, तो कुछ नहीं बचेगा। यह 4-79+0 के रूप में परिवर्तित हो जाता, है, जहाँ कोई प्राकृत संख्या है।, , * यह '"न्यूमेरेसी काउंट्स' (लेखकगण ए. रामपाल और अन्य) में दी पहेली का एक परिवर्तित रूप है।, , 2020-21
Page 3 :
वास्तविक संख्याएँ 3, , , , यदि छ:-छ: गिनें, तो 5 बचेंगे। यह 6-64+ 5 के रूप में परिवर्तित हो जाता है, जहाँ, 4 कोई प्राकृत संख्या है।, , पाँच-पाँच गिनने पर, 4 बचेंगे। यह ४८55 +4 में परिवर्तित हो जाता है, जहाँ & कोई, प्राकृत संख्या हे।, , चार-चार गिनने पर, 3 बचेंगे। यह -41/+ 3, में परिवर्तित हो जाता है, जहाँ # कोई, प्राकृत संख्या है।, , तीन-तीन गिनने पर 2 बचेंगे। यह 653४+2 में परिवर्तित हो जाता है, जहाँ ॥ कोई, प्राकृत संख्या हे।, , दो-दो गिनने पर, 1 बचेगा। यह 6 2/+ 1, में परिवर्तित हो जाता है जहाँ » कोई प्राकृत संख्या है।, , अर्थात्, उपरोक्त प्रत्येक स्थिति में, हमारे पास दो धनात्मक पूर्णाक ८ और # हैं (लिए गए, उदाहरण में # के मान क्रमश: 7, 6, 5, 4, 3 और 2 हैं)। इनमें ८ को # से भाग देने पर शेष », बचता है (उपरोक्त में / के मान क्रमश: 0, 5, 4, 3, 2 और | हैं) अर्थात्, #» भाजक # से छोटा, है। जैसे ही हम इस प्रकार के समीकरण लिखते हैं, हम यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका, (&0ला१'$ तांशंआंणा 1७॥॥9) का प्रयोग कर रहे हैं, जिसे प्रमेय 1.1 में दिया जा रहा है।, , अब अपनी पहेली पर वापस आने पर, क्या आप कोई बात सोच कर बता सकते हैं, कि इस पहेली को कैसे हल करेंगे? हाँ! आप 7 के ऐसे गुणजों को खोजिए जो उपरोक्त सभी, प्रतिबंधों को संतुष्ट करें। जाँच और भूल विधि से (1,00७ का प्रयोग करके) आप ज्ञात कर, सकते हैं कि अंडों की संख्या 119 थी।, , इस बात का अनुभव करने के लिए कि यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका क्या है, पूर्णाकों, के निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:, , 6) 17, 6 0) 5, 12 (1) 20, 4, , जैसा कि हमने पहेली वाले उदाहरण में किया था, यहाँ भी हम प्रत्येक युग्म के लिए, संबंध लिख सकते हैं जैसा कि नीचे दर्शाया गया है।, , 0) 17-56» 2+5 (17 में 6 दो बार जाता है और शेष 5 बचता है), (1) 5-12 » 0+5 (यह संबंध इसलिए सही है, क्योंकि 12, 5 से बड़ा हे), (४) 20-4 »5+0 (20 में 4 पाँच बार जाता है और कुछ शेष नहीं बचता), , अर्थात् धनात्मक पूर्णाकों ८ और # के प्रत्येक युग्म के लिए, हमने ऐसी पूर्ण संख्याएँ 4, और + ज्ञात कर चुके हैं कि, , 45 04+7%, 0 <+<# है।, , 2020-21
Page 5 :
वास्तविक संख्याएँ 5, , , , आइए सबसे पहले एक उदाहरण लेकर देखें कि यह एल्गोरिथ्म किस प्रकार कार्य, करता है। मान लीजिए हमें पूर्णाकों 4455 और 42 का पल" ज्ञात करना है। हम बड़े पूर्णाक, 455 से प्रारंभ करते हैं। तब यूक्लिड प्रमेयिका से, हमें प्राप्त होता है:, 455< 42» 10 + 35, , अब भाजक 42 और शेषफल 35 लेकर, यूक्लिड प्रमेयिका का प्रयोग करने पर, हमें, प्राप्त होता है:, 425८ 35% 1+7, , अब, भाजक 35 और शेषफल 7 लेकर, यूक्लिड प्रमेयिका का प्रयोग करने पर, हमें, प्राप्त होता है:, 355 7%5+0, ध्यान दीजिए कि यहाँ शेषफल शून्य आ गया है तथा हम आगे कुछ नहीं कर सकते।, हम कहते हैं कि इस स्थिति वाला भाजक, अर्थात् 7 ही 455 और 42 का पर है। आप, इसकी सत्यता की जाँच 455 और 42 के सभी गुणनखंडों को लिखकर कर सकते हैं। यह, विधि किस कारण कार्य कर जाती है?, , इसका कारण यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म है, जिसके चरणों को नीचे स्पष्ट किया, जा रहा है:, , दो धनात्यक पूर्णाकों, मान लीजिए2 और 4(०> 4) का म्नट7 ज्ञात करने के लिए नीचे, दिए हुए चरणों का अनुसरण कीजिए:, चरण 1 : ० और 4के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग कीजिए। इसलिए, हम ऐसे, 4 और # ज्ञात करते हैं कि ८८०६+०, 0 <+#< 4 हो।, , चरण 2 : यदि #+-0 है, तो ४ पूर्णोयों ०और 4का परत है। यदि ##0 है, तो, ४ और + के लिए, यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग कीजिए।, , चरण 3 : इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखिए, जब तक शेषफल 0 न प्राप्त हो जाए। इसी, स्थिति में, प्राप्त भाजक ही वांछित पटक है।, , यह एल्गोरिथ्म इसलिए प्रभावशाली है, क्योंकि प्रठ7 (०, 4) 5 प्रठ7 (७, /) होता है, जहाँ, संकेत प6ए (० ४) का अर्थ है ० और 4का पट, , उदाहरण 1 : 4052 और 12576 का प्र"# यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करके, ज्ञात कीजिए।, , 2020-21