Page 1 :
01955 10 ॥11॥89 ॥ - 0097(श 3: साना-साना हाथ जोड़ि हिंदी, , प्रश्न अभ्यास, 1. झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा, था?, , उत्तर, , रात के अंधकार में सितारों से नहाया हुआ गंतोक लेखिका को जादुई अहसास करवा रहा था।, उसे यह जादू ऐसा सम्मोहित कर रहा था कि मानो उसका आस्तित्व स्थगित सा हो गया हो, सब, कुछ अर्थहीन सा था। उसकी | कै न्यता को प्राप्त कर रही थी। वह सुख की अतींद्रियता में, डूबी हुई उस जादुई उजाले में नहा रही थी जो उसे आत्मिक सुख प्रदान कर रही थी।, , , , 2. गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया?, उत्तर, , गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' इसलिए कहा गया क्योंकि यहाँ के लोग बहुत, मेहनती हैंऔर यह उनकी मेहनत ही है जिसकी वजह से आज भी गंतोक अपने पुराने स्वरुप को, कायम रखे हुए ए है। पहाड़ी क्षेत्र के कारण पहाड़ों को काटकर रास्ता बनाना पड़ता है। पत्थरों पर, बैठकर औरतें पत्थर तोड़ती हैं। उनके हाथों में कुदाल व हथौड़े होते हैं। कईयों की पीठ पर बँधी, टोकरी में उनके बच्चे भी बँधे रहते हैं और वे काम करते रहते हैं। हरे-भरे बागानों में युवतियाँ, बोकु पहने चाय की पत्तियाँ तोड़ती हैं। बच्चे भी अपनी माँ के साथ काम करते हैं। यहाँ जीवन, बेहद कठिन है पर यहाँ के लोगों ने इन कठिनाईयों के बावजूद भी शहर के हर पल को, खुबसूरत बना दिया है, , 3. का तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत, करता है?, , उत्तर, , सफ़ेद बौद्ध पताकाएँ शांति व अहिंसा की प्रतीक हैं, इन पर मंत्र लिखे होते हैं। यदि किसी, बुद्धिस्ट की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की शांति के लिए 108 श्वेत पताकाएँ फहराई जाती, हैं। कई बार किसी नए कार्य के अवसर पर रंगीन पताकाएँ फहराई जाती हैं। इसलिए ये, पताकाएँ, शोक व नए कार्य के शुभांरभ की ओर संकेत करते हैं।, , 4. जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के, बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।, , उत्तर, जितेन नार्गे ने लेखिका को निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी
Page 2 :
प्रकृति-सिक्किम एक पहाड़ी इलाका है। यहाँ जगह -जगह पर पाईन और धूपी के खूबसूरत, नुकीले पेड़ हैं। रास्ते वीरान,संकरे,जलेबी की तरह घुमावदार हैं। थोड़ी -थोड़ी डूडी पर झरने, बह रहे हैं। घाटियों का सौंदर्य देखते ही बनता हैं। नार्गे ने बताया कि वहाँ की, पका की खुबसूरती से तुलना की जा सकती है।, , स्थिति- गंतोक से 149 किलोमीटर की दूरी पर यूमथांग है। यहाँ फूलों से लदी वादियाँ, हैं। रास्ते में 'कवी लोंग स्टॉक' है,जहाँ *गाइड' फिल्म की गा हुई थी। थोड़ा ऊपर हिमालय, पर्वत है। रास्ते में 'सेवेन सिस्टर्स वाटरफॉल' है। पहाड़ी रास्तों पर फहराई गई सफ़ेद धव्जा, बा की मृत्यु तथा शान्ति की प्रतिक है और रंगीन धव्जा किसी नए कार्य की शुरूआत दर्शाते, , ।, , जनजीवन- यहाँ के लोग बहुत मेहनती हैं। स्त्रियाँ व बच्चे सब काम करते हैं। स्त्रियाँ स्वेटर बुनती, हैं,घर संभालती हैं,खेती करती हैं,पत्थर तोड़-तोड़ कर सड़कें बनाती हैं। चाय की पत्तियाँ चुनने, बाग़ में जाती हैं। बच्चों को अपनी कमर पर कपड़े में बाँधकर रखती हैं। बच्चे पढ़ने के लिए तीनचार किलोमीटर पहाड़ी चढ़ाई घर कर सहत जाते हैं। शाम को अपनी माँओं के साथ काम करते, हैं। उनका जीवन बहुत श्रमसाध्य है। बताया कि सिक्किम के लोग अन्य भारतीयों की तरह, घुमते चक्र में अपनी आस्थाएँ तथा अंधविश्वास रखते हैं।, , 5. लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों, दिखाई दी ?, , उत्तर, , लेखिका सिक्किम में हा हुई कवी-लोंग स्टॉक नाम की जगह पर गई। लोंग स्टॉक के घूमते, चक्र के बारे में जितेन ने बताया कि यह धर्म चक्र है, इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं।, मैदानी क्षेत्र में गंगा के विषय में ऐसी ही धारणा है। लेखिका को लगा कि चाहे मैदान हो या, पहाड़, तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद इस देश की आत्मा एक जैसी है। यहाँ लोगों की, आस्थाएँ, विश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ एक जैसी हैं। यही विश्वास पूरे भारत, को एक ही सूत्र में बाँध देता है।, , 6. जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड, में क्या गुण होते हैं?, , उत्तर, , नार्गे एक कुशल गाइड था। वह अपने पेशे के प्रति पूरा समर्पित था। उसे सिक्किम के हर कोने, के विषय में भरपूर जानकारी प्राप्त थी इसलिए वह एक अच्छा गाइड था।, , एक कुशल गाइड में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है , 1. एक गाइड अपने देश व इलाके के कोने-कोने से भली भाँति परिचित होता है, अर्थात् उसे, सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।, , 2. उसे वहाँ की भौगोलिक स्थिति, जलवायु व इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
Page 3 :
3. एक कुशल गाइड को चाहिए कि वो अपने भ्रमणकर्ता के हर प्रश्नों के उत्तर देने में सक्षम हो।, 4. एक कुशल गाइड को अपनी विश्वसनीयता का विश्वास अपने भ्रमणकर्ता को दिलाना, आवश्यक है। तभी वह एक आत्मीय रिश्ता कायम कर अपने कार्य को कर सकता है।, , 5. गाइड को कुशल व बुद्धिमान व्यक्ति होना आवश्यक है। ताकि समय पड़ने पर वह विषम, परिस्थितियों का सामना अपनी कुशलता व बुद्धिमानी से कर सके व अपने भ्रमणकर्ता की, सुरक्षा कर सके।, , 6. गाइड को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भ्रमणकर्ता की रूचि पूरी यात्रा में बनी रहे, ताकि भ्रमणकर्ता के भ्रमण करने का प्रयोजन सफल हो। इसके लिए उसे हर उस छोटे बड़े, प्राकृतिक रहस्यों व बातों का ज्ञान हो जो यात्रा को रूचिपूर्ण बनाए।, , 7. एक कुशल गाइड की वाणी को प्रभावशाली होना आवश्यक है इससे पूरी यात्रा प्रभावशाली, बनती है और भ्रमणकर्ता की यात्रा में रूचि भी बनी रहती है।, , 7. इस यात्रा-वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने, शब्दों में लिखिए।, , उत्तर, , इस यात्रा वृतांत में लेखिका ने हिमालय के पल-पल परिवर्तित होते रुप को देखा है। ज्यों-ज्यों, ऊँचाई पर चढ़ते जाएँ हिमालय विशाल से विशालतर होता चला जाता है। हिमालय कहीं चटक, हरे रंग का मोटा कालीन कह , तो कहीं हल्का पीलापन लिए हुए प्रतीत होता है। चारों, तरफ़ हिमालय की गहनतम और फूलों से लदी घाटियाँ थी। कहीं प्लास्टर उखड़ी, दिवार की तरह पथरीला और देखते-ही-देखते सब कुछ समाप्त हो जाता है मानो किसी ने जादू, की छडी घूमा दी हो। कभी बादलों की मोटी चादर के रूप में,सब कुछ बादलमय दिखाई देता, है तो कभी कुछ और। कटाओ से आगे बढ़ने पर पूरी तरह बर्फ से ढके पहाड़ दिख रहे थे।, चारों तरफ दूध की धार की तरह दिखने वाले जलप्रपात थे तो वहीं नीचे चाँदी की तरह कौंध, मारती तिस्ता नदी। जिसने लेखिका के हृदय को आनन्द से भर दिया। स्वयं को इस पवित्र, वातावरण में पाकर भावविभोर हो गई जिसने उनके हदय को काव्यमय बना दिया।, , 8. प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?, उत्तर, , प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरुप को देखकर लेखिका को लगा कि इस सारे परिदृश्य, को वह अपने अंदर समेट ले। लेखिका चित्रलिखित सी 'माया' और 'छाया 'के अनूठे खेल को, भर-भर आँखों से देखती जा रही थी। उसे लगा कि प्रकृति उसे सयानी बनाने के लिए जीवन, रहस्यों करने पर तुली हुई है। इन अद्भुत और अनूठे नजारों ने लेखिका को पल भर में ही, जीवन की शक्ति का अनुभव करा दिया। उसे ऐसा लगने लगा जैसे वह देश व काल की, पारापार से दूर,बहती धारा बनकर बह रही हो और उसकी मन के सारा मैल और वासनाएँ इस, निर्मल धारा में बह कर नष्ट हो गई हो।
Page 4 :
9. प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन-कौन से दृश्य झकझोर गए, ?, , उत्तर, , लेखिका हिमालय यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनन्द में डूबी हुई थी परन्तु, जीवन के कुछ सत्य जो वह इस आनन्द में भूल चूकी थी, अकस्मात् वहाँ के जनजीवन ने उसे, झकझोर दिया। वहाँ कुछ पहाड़ी औरतें जो मार्ग बनाने के लिए पत्थरों पर बैठकर पत्थर तोड़, रही थीं। उनके आटे सी कोमल काया पर हाथों में कुदाल व हथोड़े थे। कईयों की पीठ पर बच्चे, भी बँधे हुए थे। इनको देखकर लेखिका को बहुत दुख हुआ कि ये हम सैलानियों के भ्रमण के, लिए हिमालय की इन दुगर्म घाटियों में मार्ग बनाने का कार्य कर रही हैं। जहाँ पर जान कब, जाए कोई नहीं जानता। इनके लिए यह भोजन मात्र पाने का साधन है और हमारे जैसे, सौलानियों के लिए मनोरजंन का। द्वूसरी बार उसकी जादुई निद्रा तब टूटी जब उसने पहाड़ी, बच्चों को उनसे लिफट माँगते देखा। सात आठ साल के बच्चों को रोज़ तीन-साढ़े तीन, किलोमीटर का सफ़र तय कर स्कूल पढ़ने जाना पढ़ता है। स्कूल के पश्चात् वे बच्चे मवेशियों, को चराते हैं तथा लकड़ियों के गट्टर भी ढोते हैं। तीसरे लेखिका ने जब चाय की पत्तियों को, चूनते हुए सिक्किमी परिधानों में ढकी हुई लड़कियों को देखा। बोकु पहने उनका सौंदर्य, इंद्रधनुष छटा बिखेर रहा था। जिसने उसे मंत्रमुग्ध कर दिया था। उन्हें मेहनत करती हुई इन, बालाओं का सौंदर्य असहय लग रहा था।, , 10. सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन-किन लोगों का, योगदान होता है, उल्लेख करें।, , उत्तर, , सैलानियों को प्रकृति ति की अलौकिक छटा का अनुभव कराने में सबसे बड़ा हाथ एक कुशल, गाइड का होता है। जो अपनी जानकारी व अनुभव से सैलानियों को प्रकृति व स्थान के दर्शन, कराता है। कुशल गाइड इस बात का ध्यान रखता है कि भ्रमणकर्ता की रूचि पूरी यात्रा में बनी, रहे ताकि भ्रमणकर्ता के भ्रमण करने का प्रयोजन सफल हो। अपने मित्रों व सहयात्रियों का साथ, पाकर यात्रा और भी रोमांचकारी व आनन्दमयी बन जाती है। वहाँ के स्थानीय निवासियों व जन, जीवन का भी महत्वपूरण स्थान होता है। उनके द्वारा ही इस छटा के सौंदर्य को बल मिलता है, क्योंकि यदि ये ना हों तो वो स्थान नीरस व बेजान लगने लगते हैं। तथा सरकारी लोग जो व्यवस्था, में संलग्न होते उनका महत्त्वपूर्ण योगदान होता हैं।, , 11. “कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं।" इस कथन के, आधार पर स्पष्ट करें कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है?, , उत्तर, , पत्थरों पर बैठकर श्रमिक महिलाएँ पत्थर तोड़ती हैं। उनके हाथों में कुदाल व हथीौड़े होते हैं।, कइयों की पीठ पर बँधी टोकरी में उनके बच्चे भी बँधे रहते हैं और वे काम करते रहते हैं। हरे
Page 5 :
भरे बागानों में युवतियाँ बोकु पहने चाय की पत्तियाँ तोड़ती हैं। बच्चे भी अपनी माँ के साथ काम, करते हैं। इन्ही की भाँति आम जनता भी अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के प्रयास में, जीविका रूप में देश और समाज के लिए बहुत कुछ करते हैं। सड़के, पहाड़ी मार्ग, नदियों,, पुल आदि बनाना। खेतों में अन्न उपजाना, कपड़ा बुनना, खानों,कारखानों में कार्य करके अपनी, सेवाओं से च्ट आर्थिक सदृढ़ता प्रदान करके उसकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाते हैं।, , हमारे देश की आम जनता जितना श्रम करती है, उसे उसका आधा भी प्राप्त नहीं होता, , फिर भी वो असाध्य कार्य को अपना कर्तव्य समझ कर करते हैं। वो समाज का कल्याण, , हैं परन्तु बदले में उन्हें स्वयं नाममात्र का ही अंश प्राप्त होता है। देश की प्रगति का आधार यहीं, आम जनता है जिसके प्रति सकारात्मक आत््मीय भावना भी नहीं होती। यदि ये आम जनता ना, हो तो देश की प्रगति का पहिया रुक जाएगा।, , 12. आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे रोकने, में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए।, , उत्तर, , आज की पीढ़ी के द्वारा प्रकृति को प्रदूषित किया जा रहा है। हमारे कारखानों से निकलने वाले, जल में खतरनाक कैमिकल व रसायन होते हैं जिसे नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। साथ में, घरों से निकला दूषित जल भी नदियों में ही जाता है। जिसके कारण हमारी नदियाँ लगातार, दूषित हो रही हैं। अब नदियों का जल पीने लायक नहीं रहा है। इसका जीवन्त उदाहरण यमुना, नदी है। जो आज एक नाले में बदल गई है। वनों की ध कटाई से मृदा का कटाव होने, लगा है जो बाढ़ को आमंत्रित कर रहा है। दूसरे अधिक पेड़ों की कटाई ने वातावरण में, कार्बनडाइ आक्साइड की अधिकता बढ़ा दी है जिससे वायु प्रदूषित होती जा रही है। हमें, चाहिए कि हम मिलकर इस समस्या का समाधान निकाले। हम सबको मिलकर अधिक से, अधिक पेड़ों को लगाना चाहिए। पेड़ों को काटने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, ताकि वातावरण की शुद्धता बनी रहे।, , हमें नादियों की निर्मलता व स्वच्छता को बनाए रखने के लिए कारखानों से निकलने वाले प्रद्र्षित, जल को नदियों में डालने से रोकना चाहिए। नदियों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए, लोगों की, जागरूकता के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए।, , 13. प्रदूषण के कारण स्रोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है। प्रदूषण के और कौन-कौन से, दुष्परिणाम सामने आये हैं, लिखें।, , उत्तर, , प्रदूषण के कारण वायुमण्डल में कार्बबडाइआक्साइड की अधिकता बढ़ गई है जिसके कारण, वायु प्रदूषित होती जा रही है। इससे साँस की अनेकों बीमारियाँ उत्पन्न होने लगी है। जलवायु, पर भी इसका बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है जिसके कारण कहीं पर बारिश की अधिकता, हो जाती है तो किसी स्थान पर सूखा प पड़ जाता है। कहीं पर बारिश नाममात्र की होती है जिस, कारण गर्मी में कमी नहीं होती। पर तो इसका असर साफ दिखाई देने लगा है।