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4. टिप्पणी - साहिल और बेला की दोस्ती, साहिल और बेला प्रभात की कहानी बीरबहूटी के मुख्य पात्र हैं। वे दोनों फुलेरा गाँव के पाँचवीं कक्षा में पढनेवाले छात्र हैं। वे एक साथ, , स्कूल आते-जाते हैं । बीरबहूटियों को खोजने केलिए और खेलने केलिए एक साथ निकलते हैं | दोनों एक ही क्लास में पढते हैं, एक ही बेंच पर पासपास बैठते हैं । कक्षा में साहिल जो करता है वही बेला भी करती है । एक साथ कॉपी लिखते हैं । किताब पढते तो दोनों किताब पढते, पाठ भी एक, ही पढते । एक साथ पानी पीने चले जाते हैं। वे पास-पास रहते हैं । दोनों अच्छे दोस्त हैं । एक का दुख दूसरे का भी है । सुरेंदर जी माटसाब बेला, के बालों में पंजा फँसाने पर साहिल दुखी हो जाता है । छत से गिरकर बेला के सिर पर चोट लगने पर भी । साहिल की पिंडली में कील लग जाने, पर बेला भी बहुत दुखी हो जाती है । पाँचवीं का रिज़ल्ट आया तो छठी कक्षा में दोनों अलग-अलग स्कूलों में पढने जाने की बात सोचकर बेला को, रुलाई आई तो साहिल की आँखें भी लाल हो गईं । दोनों आपस में सांत्वना देते हैं । इस प्रकार दोनों की अनुपम दोस्ती हम देख सकते हैं।, , 5. बेला की चरित्रगत विशेषताओं पर टिप्पणी, , हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक प्रभात की सुंदर कहानी बीरबहूटी का मुख्य पात्र है बेला नामक ग्यारह साल की लडकी ॥वह*फुलेरा गाँव, के स्कूल में पाँचवीं कक्षा में पढती है । उसका दोस्त है साहिल । दोनों अच्छे दोस्त हैं, वे एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं । दोनों'एके.हीं, कक्षा में, पढते थे । साथ-साथ स्कूल आते-जाते हैं, रास्ते के खेत में बीरबहूटियों को खोजते हैं और खेल घंटी में गाँधी चौक में लंगडी.टाग|खेलुतें हैं। बाकी, छात्रों के नज़र में बेला एक अच्छी लडकी है । एक दिन गणित के माटसाब ने कॉपी जाँचते समय उसमें गलती पाकर उसकाअपमौन करते तो वह, बहुत उदास हो जाती है | पाँचवीं के रिज़ल्ट आने पर दोनों अगले साल बिछुड जाने के बात को लेकर दोनों दुखी,हों जाते हैं॥ बैला में हम एक सरस, स्वभाववाली, मित्रता निभानेवाली, स्वाभिमानी लडकी को देख सकते हैं।, , , , , , , , , , , , , , 6. पटकथा ( पाँचवीं कक्षा के रिज़ल्ट आने पर ), , स्थान - फुलेरा कस्बे की एक गली ।, समय - सुबह 11 बजे ।, पात्र - 1. बेला, करीब 11 साल की लडकी, स्कूल यूनीफॉर्म पहनी है।, , 2. साहिल, करीब 11 साल का लडका, स्कूल यूनीफॉर्म पहनी है।, , दृश्य का विवरण -दोनों पाँचवीं कक्षा के रिज़ल्ट जानने के बाद दुखी मन से गली की-ऐएकपेड के नीचे खडे हैं।, संवाद साहिल - तुमने हमारा रिज़ल्ट देखा ?, बेला - हाँ देखा, हम दोनों पास हो गए हैं। लेकिन मैं खुश नहीं हूँ।, साहिल - क्यों ? तुम बहुत दुखी दिखती हो ।, बेला - हाँ साहिल, आगे हमें एक साथ पढने का अवसर नहीं/मिलेगा । यह सोचकर ..., साहिल - मै वह बात भूल गया । अगले साल तुम क़॒हाँ पढोंगी ?, बेला - पापा मुझे अगले साल राजकीय कन्या पाठेशॉलो में पढाएँगे । और तुम ?, साहिल - मुझे अगले साल अजमेर भेज देंगे | वहाँ एक होस्टल में अकेला रहकर पढना पडेगा |, बेला - क्या अब तुम फुलेरा में ही,जहीं सहोगे ?, साहिल - नहीं यार । तुम अपनाध्रिपोर्दे.कार्ड दो ।, बेला - यह है, तुम्हारा रिप्रोर्ट कार्ड,दौ ।, , (दोनों एक दूसरे*का रिपोर्ट कार्ड देखने लगते हैं ।), 7. पटकथा (रिपोर्ट कार्ड देखने के बाद ), , स्थान - स्कूल से घर जाने का रास्ता ।, समय - सुबह के 10 बजे ।, पात्र - 1. साहिल, करीब 11 साल का, पतलून और कमीज़ पहना है।, , 2. बेला, करीब 11 साल की, फ्रॉक पहनी है।, घटनाथ्क़ा विवरण - साहिल और बेला दोनों किसी चिंता में मग्न है। वे आपस में बातें करने लगे।, संवाद साहिल - बेला, ज़रा तुम्हारा रिपोर्ट कार्ड दो ।, बेला - यह है, तुम्हारा रिपोर्ट कार्ड दो । (दोनों एक दूसरे का रिपोर्ट कार्ड देखने लगते हैं।), साहिल - तुम्हारी आँखों से आँसू क्यों आ रहे हैं ?, बेला - (हँसते हुए) मुझे क्या पता ? अब तेरी आँखों में भी आँसू क्यों भरे ?, साहिल - मुझे भी नहीं पता ।, बेला - क्या मैं चिढाऊँ अब तुम्हें ? रोनी सूरत साहिल रोनी सूरत साहिल | दुखी मत हो साहिल, हम छुट्टी के दिनों में मिला करेंगे ।, , , , , , कु