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अध्याय, 04, संदेश-लेखन, Chapter Contains, पाठ का सार, अभ्यास प्रश्न, संदेश को अंग्रेजी भाषा में 'मैसेज' कहा जाता है। संदेश लेखन का अर्थ है- अभिप्रेरित बात कहना या महत्त्वपूर्ण संक्षिप्त सूचना देना।, "किसी व्यक्ति विशेष या समूह द्वारा किसी व्यक्ति को या समूह को बताई जाने वाली अभिप्रेरित बात या महत्त्वपूर्ण संक्षिप्त सूचना को संदेश, कहते हैं।", नोट-पाठ्यक्रम में संदेश लेखन के लिए -5-अंक -निर्धारित किए गए हैं।, संदेश लेखन के प्रकार, संदेश लेखन के सामान्य तौर पर दो प्रकार हैं-, 1. औपचारिक संदेश-ऐसे संदेश, जो कार्यालयी उद्देश्य को ध्यान में रखकर किसी कार्यालय के अधिकारी आदि को लिखे जाते हैं, वे, औपचारिक संदेश कहलाते हैं; जैसे- बैंक, कंपनी, मोबाइल, व्यापार संबंधित या प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश आदि।, 2. अनौपचारिक संदेश-ऐसे संदेश, जो अपने सगे संबंधी या मित्र को लिखे जाते हैं, वे अनौपचारिक संदेश कहलाते हैं; जैसे- जन्मदिन,, सालगिरह आदि के अवसर पर अपने मित्रों या रिश्तेदारों को शुभकामना संदेश लिखना।, |, संदेश लेखन के अंग, संदेश लेखन के निम्नलिखित अंग माने जाते हैं-, 1. शीर्षक-संदेश लेखन में शीर्षक का महत्त्वपूर्ण स्थान है। संदेश लिखते समय सर्वप्रथम शीर्षक लिखा जाता है। शीर्षक सरल तथा संक्षिप्त, होना चाहिए; जैसे- जन्मदिवस पर शुभकामना संदेश।, 2. दिनांक-शीर्षक लिखने के बाद दिनांक को लिखना चाहिए। दिनांक भी संदेश लेखन का अनिवार्य अंग माना गया है। दिनांक लिखने के, कई प्रकार हैं; जैसे- 2 जनवरी, 20XX, 2 - 1-20XX, 2 / 1/20XX आदि।, 3. समय-दिनांक के बाद समय लिखा जाता है। जिस समय संदेश लिखा जाता है, उसी समय का वर्णन किया जाता है;, जैसे-प्रातः 6:00 बजे, शाम 4:00 बजे आदि।, 4. अभिवादन-अभिवादन का अर्थ है- श्रद्धापूर्वक किया जाने वाला नमस्कार या वंदना। जिसको संदेश लिखा जा रहा है, उसके प्रति, संबंध के अनुसार ही समुचित अभिवादन का प्रयोग करना चाहिए; जैसे- प्रिय मित्र, आदरणीय पिताजी, श्रद्धेय चाचाजी आदि।, 5. मुख्य भाग/विषय-वस्तु-संदेश लेखन में मुख्य भाग में विषय का विस्तार किया जाता है तथा कम-से-कम शब्दों में अपनी बात पूर्ण, की जाती है। इस-प्रकार, मुख्य-भाग में महत्त्वपूर्ण जानकारी का वर्णन किया जाता है।-, 6. प्रेषक-प्रेषक' का अर्थ है- भेजने वाला। संदेश भेजने वाले को प्रेषक कहा जाता है। संदेश लेखन में मुख्य भाग के बाद प्रेषक का, नाम लिखा जाता है।
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| कक्षा 10 (Term, CBSE हिन्दी 'अ', 76, संदेश लेखन में ध्यान रखने योग्य बातें, संदेश लेखन करते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिए-, 1. बाई तरफ दिनांक तथा उसके नीचे समय लिखना चाहिए।, नविषय आकर्षक, 2. विषयानुकूल किसी दोहे, श्लोक या शायरी, नारे आदि का प्रयोग भी कर सकते हैं। इनका प्रयोग कर्ने, 3. उसके बाद अभिवादन; जैसे- प्रिय, मान्यवर आदि।, 4. इसके नीचे मुख्य विषय का वर्णन करें। ध्यान रखें कि यह वर्णन ज्यादा लंबा न हो।, 5. संदेश को हमेशा बॉक्स में लिखा जाना चाहिए।, 6. अंत में प्रेषक यानी भेजने वाले का नाम लिखना चाहिए।, 7. बॉक्स के बीचोंबीच सबसे पहले शुभकामना संदेश/शोक संदेश आदि 'शीर्षक' लिखा जाना चाहिए।, ৪. संदेश लेखन 30-40 शब्दों की सीमा में लिखा जाना चाहिए, इस्रलिए शब्द चयन ऐसा होना चाहिए, जो सस्ल, साक्षप्त तथा सार्मधित-, या मुख्य भाव को कम से कम शब्दा में प्रस्तुत कर सके। इसमें विषयानुकूल चित्रों का समावेश भी किया जा सकता है।, संदेश लेखन, का प्रारूप, शीर्षक, दीपावली की शुभकामना संदेश, दिनांक स-, दिनांक 26 अक्टूबर, 20XX, समय, समय 10:00 बजे प्रातः, अभिवादन -, प्रिय मित्र!, दीपावली के इस पावन पर्व की आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ। मैं इस अवसर पर, कामना करता हूँ कि आपके जीवन में दीपों की तरह प्रकाश-ही-प्रकाश हो और आप, सदैव दीपों की रोशनी की तरह जगमगाते रहो। अपने जीवन में प्रगति करो और, मुख्य भाग विषय-वस्तु, प्राप्त करो।, कोमल मिश्रा, सफ, प्रेषक <, (तुम्हारी मित्र)