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अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद, महिला प्रकोष्ठ, मुंबई जिला, महाराष्ट्र, , पंजीकरण संख्या : 1४ 190301024, पंजीकरण अधीन भारतीय समिति धारा 1882, , , , प्रधान कार्यालय-। डी गौरलहा स्ट्रीट कोलकाता-700006 (नियर जोड़ा बागान पुलिस स्टेशन), 1111091॥19109115190009119|.000। मो. 9831342246, 77387 88310, , राष्ट्रीय चेयर मैन एवं संस्थापक, श्री हृदय नारायण मिश्रा, , अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद, महिला प्रकोष्ठ की ओर से प्रस्तुत है, , हिंदी लोकभारती पाठ्यपुस्तक पर आधारित, अभ्यास हेतु कृति पत्रिका, , कक्षा - दसवीं, , महाराष्ट्र बोर्ड, (552८ 80 &२)), , ( 2021-2022 )
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लोकभारती अभ्यास कृति पत्रिका -1, अंक - 80, , सूचना:, 1. आकलन कृतियों के लिए दी गई आकृतियों में ही उत्तर लिखना अपेक्षित है।, 2. सभी आकृतियों के लिए पेन का ही प्रयोग करें ।, , 3. शुद्ध, स्पष्ट एवं सुंदर लेखन अपेक्षित है।, विभाग 1- गद्य : 20 अंक, , प्रश्न.]. अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़ कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: [8], उमा : (तेज आवाज में) जी हाँ, और हमारी बेइज्जती नहीं होती जो आप इतनी देर से नाप-तौल कर रहे हैं ?, , शंकर : बाबू जी, चलिए।, , गो. प्रसाद : क्या तुम कॉलेज में पढ़ी हो? (रामस्वरूप चुप) उमा : जी हाँ, मैं कॉलेज में पढ़ी हूँ। मैंने बी.ए. पास किया है। कोई पाप, नहीं किया, कोई चोरी नहीं की और न आपके पुत्र की तरह लड़कियों के होस्टल में ताक-झाँककर कायरता दिखाई है।, मुझे अपनी इज्जत, अपने मान का खयाल तो है लेकिन इनसे पूछिए कि ये किस तरह नौकरानी के पैरों में पड़कर अपना, , मुँह छिपाकर भागे थे । रामस्वरूप : उमा, उमा !, गो. प्रसाद : (खड़े होकर गुस्से में) बस हो चुका । बाबू रामस्वरूप आपने मेरे साथ दगा किया । आपकी लड़की बी.ए. पास है और, , आपने मुझसे कहा था कि सिर्फ मैट्रिक तक पढ़ी है। (दरवाजे की ओर बढ़ते हैं।), उमा: जी हाँ, जाइए, जरूर चले जाइए ! लेकिन घर जाकर जरा यह पता लगाइएगा कि आपके लाड़ले बेटे के रीढ़ की हड्डी भी है, , या नहीं- याने बैकबोन, बैकबोन-[बाबू गोपाल प्रसाद के चेहरे पर बेबसी का गुस्सा है और उनके लड़के के रुलासापन । दोनों, , बाहर चले जाते हैं। उमा सहसा चुप हो जाती है।], , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , (1) आकृति पूर्ण कीजिए: 2, उमा ने गोपाल प्रसाद से अपने बारे में यह कहा, डे, (2) जोड़ियाँ मिलाइए: छः, (अ) (आ), 1 उमा लाड़ला, 71 गोपाल प्रसाद चुप, 11 रामस्वरूप बी.ए., , ए बेटा नाप-तौल
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(3)1. निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलकर लिखिए: 1, , 1) नौकरानी-............ 2) लड़का-............., #.परिच्छेद में से ढूँढकर अंग्रेजी शब्द लिखिए : 1, 1).............५००५- 2).............--«, (4) * वर्तमान समाज में सत्री-पुरुष समानता ” पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। 2, , प्र.1 (आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : [8], , सुबह साढ़े पाँच-पौने छह बजे किसी ने दरवाजा खटखटाया । नींद टूटी। मैंने बड़ी तेज आवाज में कहा- “देर रात को आया, हूँ, सोना चाहता हूँ, सोने दो ।” यह सोचकर कि कोई नौकर चाय लेकर आया होगा जगाने । लेकिन दरवाजे पर दस्तक फिर पड़ी |, झुँझलाता जोर से बिगड़ने के मूड में दरवाजे की तरफ बढ़ा बड़ाबड़ाता हुआ | दरवाजा खोला | हमें कुछ न सूझा । माफी माँगी ।, बेध्यानी में बात कह गया हूँ। वे बोले- ““कोई बात नहीं, आओ-आओ । हम लोग साथ-साथ चाय पीते हैं।'” हमने कहा- “ठीक है, !” बस जल्दी-जल्दी हाथ-मुँह धो चाय के लिए टेबल पर जा पहुँचा। लगा, उन्हें सारी रामकहानी मालूम है पर उन्होंने कोई तर्क नहीं, किया। न कुछ जाहिर होने दिया । कुछ देर बाद चाय पीते-पीते बोले- “अम्मा ने कहा, तुम लोग आ गए हो पर तुम कहते हो रात बड़ी, देर से आए। कहाँ चले गए थे ?”” जवाब दिया- “हाँ, बाबू जी ! एक जगह खाने पर चले गए थे।”” उन्होंने आगे प्रश्न किया- “लेकिन, खाने पर गए तो कैसे ? जब मैं आया तो फिएट गाड़ी गेट पर खड़ी थी। गए कैसे?”” कहना पड़ा-““हम इंपाला शेवरलेट लेकर गए थे।””, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , (1) आकृति पूर्ण कीजिए: हर, पिताजी द्वारा पूछे गए प्रश्न, (2). सत्य/असत्य लिखिए: 1, 1) लेखक ने सोच समझ कर माफी माँग ली।, 2) लेखक रात में देर से घर आए थे।, #. गद्यांश के आधार पर ऐसा प्रश्न बनाइए जिसका उत्तर निम्नलिखित शब्द हो- 1, गेट, (3) क) कृति पूर्ण कीजिए: 1, , , , शब्द | प्रत्यय | | उपसर्ग |, बेध्यानी, , , , , , , , , , , , , , ख) वर्ण पहेली से विलोम शब्दों की दो जोड़ियाँ दूँठढकर लिखिए: 1, , 4