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रॉबर्ट नर्सिंग होम में, , (रिपोर्ताज), , , , , पढ़ना/लिखना, , ७० किसी स्थिति या, घटना का वर्णन, , , , , , , ० आँखों देखा वर्णन, ० भावपरक अभिव्यक्तियाँ, ७ स्थिति, पात्र का चित्रण, , रॉबर्ट नर्सिंग होम (५2, में लेखक की /छे 7, मुलाकात मानव- >.... शी, , सेवा में लीन तीन के, विदेशी महिलाओं से 4, हुई। उसने मदर £&«, , टेरेसा, सिस्टर, , क्रिस्ट हैल्ड और मदर मार्गरेट को समर्पित भाव से, पीडितों की सेवा करते हुए देखा। यह देखकर लेखक, को एहसास हुआ कि नारी में कितनी करुणा हो सकती, है! देश की सीमाएँ, धार्मिक भेदभाव, जातीय बंधन, मानव-सेवा के मार्ग में बाधक नहीं बन सकते। बस, आवश्यकता है-दृढ़ संकल्प की। अपनी जन्मभूमि से, इतनी दूर अनजान देश व अपरिचित लोगों की सेवा में, रत इन महिलाओं को देखकर लेखक अचंभित एवं, प्रभावित हुआ। मानव-सेवा को अपना धर्म मानकर, इन्होंने संपूर्ण जीवन इसके लिए समर्पित कर दिया।, असीम पीड़ा से चिल्लाते हुए रोगी को मदर टेरेसा का, स्पर्शमात्र राहत व सुख की अनुभूति करा देता था। इसी, नर्सिंग होम में लेखक ने जर्मनी की एक युवा व, आकर्षक सेविका क्रिस्ट हैल्ड को देखा। उसकी तपस्या, व निष्ठा से वह बहुत प्रभावित हुआ। भील सेवा केंद्र, में तबादले से क्रिस्ट बिल्कुल विचलित नहीं हुईं,, जबकि लेखक चिंतित हुआ कि वह उस जंगली, , , , , , , 11772 07 7॥/५।, , ७ समानुभूति ओर करुणा, , ७ क्षेत्र, भाषा, धर्म, जाति और, रंग-भेद की स्थितियों में समाधान, , ७ नकारात्मक-सकारात्मक उदाहरणों का चुनाव, ७ रिपोर्ताज लेखन, , , , , , , इलाके में कैसे रह पाएगी? उसे तो बस मानवता की, सेवा की धुन सवार थी। मदर टेरेसा फ्रांस की और, क्रिस्ट हैल्ड जर्मनी की-ये दोनों देश एक दूसरे के घोर, विरोधी रहे हैं। यहाँ दोनों को एक साथ एक ध्येय के, लिए मिलकर काम करते देखकर लेखक अभिप्रेरित, हुआ। इसी पाठ में मदर मार्गरेट की मशीन-सी फुर्ती, देखकर लेखक उन्हें जादू की पुडिया कहता है। वे, जितनी अधिक वृद्ध थीं, उतनी ही अधिक ऊर्जावान, व खुशमिजाज् थीं। इन महिलाओं ने ही सही अर्थों में, गीता के उपदेशों को अपने जीवन में उतारा और अपने, कर्म को सबसे सुंदर रूप प्रदान किया।, , जहा लि, , ७ मदर टेरेसा, मदर मार्गरेट व सिस्टर क्रिस्ट हैल्ड, समर्पित भाव से मानव-सेवा करने वाले लोगोंविशेष रूप से महिलाओं का-प्रतिनिधित्व करती हें।, , ७ सेवा, सहानुभूति, समर्पण एवं करुणा के व्यवहार व, आचरण से किसी को भी अपना बनाया जा सकता, है।, , ७ मानव-मानव में भेद करना उचित नहीं है।, , ७० सारा विश्व एक परिवार की तरह हे।, , ७ मानवीय संस्कृति के निर्माण व संचालन में महिलाओं, का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।, , ७ ऐसे महान व्यक्तित्व निस्वार्थ सेवा-भाव की प्रेरणा, प्रदान करते हैं।
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शिक्षार्थी मार्गदर्शिका :: 15, , , , , , आपने पाठ में संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज आदि, विधाओं का मिला-जुला रूप देखा। इन विथाओं में, प्रयुक्त विशिष्ट भाषा ही इन्हें एक-दूसरे से अलग, करती है। आँखों देखा हाल लिखने की शैली अलग है।, शब्दों के माध्यम से चित्र उकेरने की भाषा व विधि, अलग है और भावावेश में कही गई बातें कुछ और, तरीके से प्रस्तुत की गई हैं। पाठ को ध्यानपूर्वक पढ़ने, पर यह स्पष्ट हो जाता है, जैसे :, , ० आँखों देखा हाल : तीसरे पहर का समय, थर्मामीटर, हाथ में लिए वे आई।, , ७ शब्दों द्वारा चित्र उकेरना : देह उनकी कोई, पैंतालिस वसंत देखी, वर्ण हिम-श्वेत, पर अरुणोदय, की रेखाओं से अनुरंजित, कद लंबा और सुतासधा।, , ७ भावावेश में कही गई बातें : (ओह, उस जंगली, जीवन में यह कर्पूरिका।' तथा “हज़ार वाट का, बल्ब मेरी आँखों में कौंध गया।', , ७ यह पाठ हमें अनेक बातें सिखाता है, उदाहरण के, लिए- बीमार को देखकर उदास नहीं होना चाहिए,, इससे बीमार की निराशा बढ़ सकती है, जो उसके, स्वास्थ्य-लाभ में बाधक हो सकती है।, , ७ मानव-सेवा किसी के सौंदर्य को और अधिक, निखार देती है। मानव-सेवा में लगी महिलाओं को, देखकर लेखक जो वर्णन करता है, उससे यह बात, स्पष्ट होती है।, , ७ माँ के पद को सेवा के आधार पर भी प्राप्त किया, जा सकता है।, , ७० इतिहास में घटी किसी एक घटना से सदैव के, लिए निर्णय नहीं हो सकता। जर्मनी में यदि हिटलर, पैदा हुआ, तो क्रिस्ट हैल्ड भी पैदा हुई। हिटलर, मानव-विरोधी था, जबकि क्रिस्ट हैल्ड मानव-सेविका, है। हिटलर जैसे लोग मनुष्य-मनुष्य के बीच दीवार, खड़ी करते हैं, तो क्रिस्ट हेल्ड जेसी महिलाएँ इन, दीवारों को तोड़ देती हैं।, , ७ जो लोग मानव-सेवा में अपने को लगा देते हैं, वे, घर-परिवार के मोह को तोड़ देते हैं। वे भावुकता में, पड़कर राह से नहीं भटकते।, , , , ७ आदर्श मानवीय गुण किसी एक देश की थाती नहीं, हैं, उन्हें संपूर्ण विश्व में कहीं भी देखा जा सकता, है; “गीता' की रचना भारत में हुई, पर उसे जीवन, में उतारा इन तीन विदेशी महिलाओं ने।, , , , यह जानना जुरूरी है, , ७ हमारे समाज में कुछ लोग जाति, धर्म व भाषा के, नाम पर एक-दूसरे में भेद करते हैं; यह उचित नहीं, है।, , ७ महिलाओं को कम आँकने की भूल भी अक्सर की, जाती हैं, जो अनुचित है। सही अवसर मिलने पर, वे किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे सकती, हैं।, , ७ मानवता से बढ़कर कोई अन्य धर्म व मानव-सेवा, से बढ़कर कोई और कर्म हो ही नहीं सकता।, , , , योग्यता बढ़ाएँ, , ७० किसी ऐसे व्यक्ति का रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए,, जिसके सेवा-भाव ने आपको प्रभावित किया हो।, , ७० हमारे देश में बहुत सी सरकारी और गैर-सरकारी, संस्थाएँ निस््वार्थ भाव से सेवा कर रही हैं, उनमें से, कुछ संस्थाओं के कार्यक्षेत्र की जानकारी एकत्रित, कीजिए।, , ७० अपने आसपास के किसी अस्पताल में काम करने, वाले लोगों की दिनचर्या को देखिए और उसे अपने, शब्दों में लिखने का अभ्यास कीजिए।, , !, , , , पाठ का संप्रेष्य, , ७ निस्स्वार्थ भाव से सेवा में सुख का अनुभव करना।, , ७ जाति, क्षेत्र, भाषा, धर्म, लिंग व रंग के आधार पर, भेदभाव करना उचित नहीं।, , ७ अपने जीवन को मानवमात्र की सेवा के लिए तैयार, करना चाहिए।, , ७ बड़े ओर महान उद्देश्य के लिए महत्त्वहीन बातों, पर ध्यान नहीं देना चाहिए।, , ७० महिलाओं ने समाज के लिए अविस्मरणीय योगदान, किया है।, , ७ मानवता का धर्म ही सर्वोपरि है।
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16 :: शिक्षार्थी मार्गदर्शिका, , , , अपना मूल्यांकन करें, , , , , , , , , , , , 1. “नारी ने सामाजिक उत्थान में अहम भूमिका अदा, की है' -इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?, 20-25 शब्दों में स्पष्ट कीजिए।, , 2. “स्वार्थ से अधिक आनंद की अनुभूति परमार्थ में, है” -इस कथन के पक्ष में 25-30 शब्दों में अपने, विचार प्रस्तुत कीजिए।, , 3. आप अपने आसपास के परिवेश में जिस भेदभाव, , को महसूस करते हैं, उसका उल्लेख करते हुए, उसे दूर करने के सुझाव प्रस्तुत कीजिए।