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गिल्लू, (रेखाचित्र ), , , , , , , , , , , इस रेखाचित्र में महादेवी, , वर्मा ने एक छोटे-से, , जीव गिलहरी के साथ «..., , जुड़ी अपनी यादों का « * हे, , उल्लेख किया है। कौवों /५ 4., , की चोंच के प्रहार से ह *. -. जनक, , घायल गिल्लू उन्हें, अपने घर के आँगन में, मिला। काफी उपचार व देखभाल करके उन्होंने गिल्लू, को पूरी तरह स्वस्थ कर लिया। धीरे-धीरे दोनों में, आत्मीय संबंध बनते चले गए। गिल्लू हमेशा लेखिका, के आसपास ही रहा करता था। वह अक्सर अपनी, शरारतों दूवारा लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित, करने का प्रयत्न करता रहता था। लेखिका को जब, गिल्लू की हरकतों से यह अनुभव हुआ कि उसे अपने, साथियों के साथ उछल-कूद करने जाने के लिए, आजाद किया जाना चाहिए, तो उन्होंने खिड़की की, जाली का कोना खोल दिया। गिल्लू दिन-भर बाहर, घूमता और लेखिका के घर आते ही घर में वापस आ, जाता। लेखिका जब अस्वस्थ होने के कारण अस्पताल, में रही, गिल्लू घर पर बहुत उदास रहता। अपना, मनपसंद भोजन काजू भी नहीं खाता। लेखिका जब घर, वापस आई, तो उसके सिरहाने बैठकर उसके बालों, को ऐसे सहलाता, मानो कोई सेविका देखभाल कर रही, , , , ० किसी व्यक्ति या ७ गद्य ७ तत्सम, तद्भव, देशज, ७ संवेदनशीलता, मनुष्येतर प्राणी का वर्णन ७ रेखाचित्र आगत शब्द-प्रयोग ७ समानुभूति, ७ उपर्सर्ग, प्रत्यय ७ पर्यावरण-संरक्षण, , स्त्रीलिंग, पुल्लिंग, , , , ७ स्मृति के आधार पर वर्णन, , , , हो। गिलहरी की आयु दो वर्ष की होती है। गिल्लू, अपने अंतिम समय में अपनी डलिया से उतरकर, महादेवी के पास आ गया। महादेवी ने उसे अपनी, हथेली में रखकर बचाने का प्रयास भी किया, पर वह, नहीं बचा। उसकी मृत्यु के पश्चात् भी महादेवी को, ऐसा लगता रहा कि फिर वह कहीं से अचानक आकर, उन्हें चौंका देगा। गिललू की हर छोटी-बड़ी बात उन्हें, याद आती रहती।, , , , सुख्य बिंदु, , ७ कभी-कभी एक चीज को देखकर किसी दूसरी, चीज की याद आती है। इसे संबंध-भावना कहते, हैं। लेखिका सोनजुही को देखती है, तो उसे गिल्लू, की याद आती है। गिल््लू सोनजुही की छाया में, बैठता था। लेखिका जब नज़दीक आती थी, तो, अचानक कूदकर उसे चौंका देता था। गिललू को, समाधि भी सोनजुही के नीचे दी गई, इसीलिए, सोनजुही में आए फूल को देखकर लेखिका को, गिललू की याद आती है।, , ७० लेखिका ने पहली बार गिल््लू को तब देखा, जब, वह अपने घोंसले से गिरकर घायल हो गया था, और कौवे उस पर अपनी चोंचों से प्रहार कर रहे, थे। लेखिका ने इस स्थिति का वर्णन करते हुए, कौवों के स्वभाव का व्यंग्यात्मक वर्णन किया है।, वह कौवों की अंतर्विरोधी स्थिति का भी उल्लेख, , , , , , , , करती है।
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10 :: शिक्षार्थी मार्गदर्शिका, , , , “गिल्लू' रेखाचित्र में लेखिका ने गिल््लू नामक नर, गिलहरी की जीवन-यात्रा का वर्णन किया है। गिल्लू के, इस जीवन का संबंध लेखिका के जीवन से जुड़ जाता, है। लेखिका ने गिललू के स्वभाव, रूप-रंग, आचरण, और समयानुसार जूरूरतों का जैसा वर्णन किया है, वह, बहुत मार्मिक है। यह मार्मिकता हमें अपने आस-पास, के जीवन के प्रति संवेदनशील बनाती है। यही इस पाठ, का उद्देश्य भी है।, , अधिकतम अंक कैसे पाएँ |], , ७ रेखाचित्र को ध्यान से पढ़िए और पाठ में दिए गए, क्रियाकलापों एवं प्रश्नों का अभ्यास कीजिए।, , ० गिल्लू जैसे प्राणियों की गतिविधियों पर ध्यान देने, का प्रयास कीजिए।, , ७ रेखाचित्र के अंशों को क्रमशः: समझिए।, ७ रेखाचित्र की भाषा-शैली पर ध्यान दीजिए।, , , , , , 1. अपने या अपने किसी मित्र के पालतू पशु-पक्षी के, घायल होने पर आप उसके उपचार के लिए क्या, करेंगे-- 20-25 शब्दों में उल्लेख कीजिए।, , 2. पशु-पक्षियों को पालतू बनाना आपकी दृष्टि में, उपयुक्त है या नहीं? तर्कसहित 20-25 शब्दों में, अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।, , 3. आवारा पशुओं की समस्या आवासीय बस्तियों में, गंभीर रूप क्यों ले लेती है- 20-25 शब्दों में, लिखिए।, , 4. सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्न, का उत्तर दीजिए :, , कौन-सा शब्द-वर्ग असंगत है, (क) संधि, बत्ती, स्निग्ध, उपचार, , (ख) मिट्टी, हाथ, पत्तियाँ, घर, , (ग) झुंड, चौंकना, झब्बेदार, चिक्-चिक्, (घ) मोटर, गमला, हौले, मेज