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बहादुर एक बारह-तेरह वर्ष, के लड़के की कहानी है।, बहादुर नेपाल और बिहार की |, सीमा में पड़ने वाले किसी प्र्श्प, , गाँव का रहने वाला है। कहानी, के आरंभ में वाचक उसका, चित्रात्मक वर्णन करता है।, बहादुर के पिता सेना में थे,, उनकी मृत्यु हो चुकी है। बहादुर, अपनी माँ का इकलौता सहारा है, पर उसका मन काम, में नहीं लगता। वह बच्चा है, इसलिए बच्चों जैसी, शरारतें करता है, इस पर उसकी माँ उसे पीटती है, और वह घर से भाग जाता है। बहादुर को नौकर के, रूप में वाचक का साला वाचक के घर लेकर आता, है। वाचक का परिवार मध्यवर्गीय है। इस परिवार में, वाचक की पत्नी निर्मला के अतिरिक्त इनका एक पुत्र, किशोर और एक लड़की है। किशोर, बहादुर की उम्र, के आसपास का ही है। मध्यवर्गीय परिवारों में बहुतसी चीज़ें दिखावे के लिए लाई जाती हैं, इस परिवार, में भी बहादुर दिखावे की चीज है। शुरू-शुरू में, निर्मला उसे बड़े स्नेह से रखती है। बहादुर भी खूब, मेहनत से घर के काम हँसते-हँसते करता है। किशोर, , ्ट, , , , ७ किस्सा/कहानी गद्य ७ तत्सम, तद्भव, ७ विपरीत परिस्थितियों, (वाचक के द्वारा देशज और आगत में निर्णय/तर्कक्षमता, कही गई कहानी) शब्द-प्रयोग ७ समानुभूति क्षमता, ७ व्यक्तिचित्र ७ मुहावरों का प्रयोग ७ शब्दों के माध्यम से किसी, , परिचित का चित्रण, , , , मारता-पीटता है, साथ ही गालियाँ भी देता है। उसे, वाचक और निर्मला में से कोई नहीं रोकता। आगे, चलकर निर्मला भी पड़ोसिन के बहकावे में आकर, बहादुर की रोटियाँ बनाना छोड़ देती है। एक दिन, वाचक के एक रिश्तेदार का परिवार वाचक के घर, आया और उसने बहादुर पर चोरी का झूठा आरोप लगा, दिया, जबकि बहादुर बहुत ईमानदारी से काम कर रहा, था। इस दिन वाचक और उसकी पत्नी-दोनों बहादुर, को पीटते हैं। शाम को वाचक जब लौटकर घर आता, है, तो देखता है कि अँगीठी अभी जली नहीं, आँगन, गंदा पड़ा था। बर्तन बिना मले रखे हुए थे। वाचक की, पत्नी उसे ख़बर देती है कि बहादुर भाग गया। इसके, बाद पूरा परिवार बहादुर के प्रति अपने व्यवहार और, उसे पीटने पर पछताता है।, , , , जज कि, , ० जो कहानी सुनाता है और खुद कहानी का एक, पात्र भी होता है, वह 'वाचक' कहलाता है।, , ७० किसी भी व्यक्ति के व्यवहार के पीछे परिस्थितियों, से उत्पन्न मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं। “बहादुर', कहानी के प्रत्येक पात्र के व्यवहार के पीछे भी, ऐसे ही कारण हैं।, , , , , , , , घर का बिगडैल लड़का है और वह बहादुर को
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2 :: शिक्षार्थी मार्गदर्शिका, , , , , , ७ मध्यवर्गीय परिवारों में चीजों का महत्त्व जुरूरत के, कारण नहीं, प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए होता है।, वाचक का परिवार भी ऐसा ही परिवार है। वह, दूसरे परिवारों की नकल करते हुए नौकर रखता, है।, , ७ बहादुर संवेदनशील, ईमानदार, मेहनती, हँसमुख, और स्वाभिमानी है। वाचक में मध्यवर्गीय व्यक्ति, के गुण-दोष मिलते हैं।, , ७ कहानी में संवादों का काम घटनाक्रम को आगे, बढ़ाना, नाटकीयता का गुण उत्पन्न करना और, चरित्रों के व्यक्तित्व की विशेषताएँ बताना है।, “बहादुर' कहानी के संवादों में ये विशेषताएँ मिलती, हैं।, , ७० “बहादुर' कहानी के पात्रों की भाषा-शैली से उनके, भाव, परिस्थिति और व्यक्तित्व का पता लगता है।, , , , साहित्य की सबसे अधिक लोकप्रिय विधाओं में से, एक कहानी है। कहानी में उद्देश्य के अतिरिक्त, मुख्यतः पाँच तत्त्व होते हैं-कथावस्तु, पात्र, संवाद,, देशकाल या वातावरण और भाषा-शैली। “बहादुर', कहानी की कथावस्तु एक मध्यवर्गीय परिवार और, उसमें रहने वाले नौकर-बहादुर- पर आधारित है।, इस कहानी में मुख्य पात्र बहादुर, वाचक, निर्मला, और किशोर हैं। साथ ही वाचक के रिश्तेदार के, परिवार का भी वर्णन है। कहानी के संवाद पात्रों के, व्यक्तित्व की विशेषताएँ बताते हैं। इनमें व्यंग्य और, नाटकीयता है। कहानी की भाषा पात्रों के अनुकूल;, तत्सम, तदूभव, देशज, आगत शब्दों और मुहावरों से, युक्त है।, , कहानी का उद्देश्य बहादुर जैसे लोगों के प्रति समानुभूति, उत्पन्न करना है।, , सुख-दुख जैसा लगना। समानुभूति के न होने पर, व्यक्ति बहुत क्रूर हो सकता है। वाचक के परिवार, और रिश्तेदारों दृवारा बहादुर के प्रति किए गए, व्यवहार से इस क्रूरता का पता लगता है। समानुभूति, के होने पर हम सामाजिक प्राणी बनते हैं।, , ७० पछतावे का कारण यह होता है कि व्यक्ति सही, समय पर उचित व्यवहार नहीं करता; जब समय, हाथ से निकल जाता है, तो वह पछताता है।, , , , महत्त्वपूर्ण व्याकरण-बिंदु, , शब्द-भंडार, , ७ तत्सम : जो शब्द संस्कृत के हैं और हिंदी में ज्यों., के-त्यों ले लिए गए हैं।, , उदाहरण-गंभीर, दायित्व, स्वच्छ, संतुष्टि, अनुमान, आदि।, , ७० तद्भव : जो शब्द संस्कृत के तो हैं, पर हिंदी में, आकर जिनका रूप बदल गया है।, , उदाहरण-आँख, भाई, खेत, घर, आँसू आदि।, ० देशज : जो शब्द लोक में उत्पन्न और प्रयुक्त, होते हैं।, उदाहरण-मलकाना, जून, चकइठ, तीता आदि।, ७०» आगत : जो शब्द अन्य भाषाओं से आए हैं।, , उदाहरण-हिदायतें, फिक्र, तकलीफ, बस, स्टेशन, आदि।, , ७ मुहावरे : चारपाई तोड़ना, हाथ बँटाना, माथा उनकना,, गुस्से से पागल हो जाना, नौ दो ग्यारह हो जाना,, सीधे मुँह बात न करना आदि।, , , , योग्यता बढ़ाएँ :, , , , यह जानना जुरूरी है, , ७ समानुभूति का अर्थ हे-दूसरों को भी अपने, जैसा ही मानना, दूसरों का सुख-दुख अपने, , , , , , ७० कहानी का आरंभ जिस ढंग से किया गया है, वह, पाठक में जिज्ञासा उत्पन्न करता है। यह कहानी, विधा की मुख्य विशेषता है। आप भी यदि किसी, कहानी को कहें, तो इस विशेषता का ध्यान रखें।
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शिक्षार्थी मार्गदर्शिका :: 3, , , , , , ७० शुरू में ही बहादुर का जिस प्रकार के शब्दों में, चित्र खींचा गया है, वह पाठक को भी शब्दों के, माध्यम से चित्रात्मक वर्णन के लिए प्रेरित करता, है। इस प्रकार के चित्रण की विशेषता से युक्त, साहित्य की एक विधा है, जिसे रेखाचित्र कहते, हैं। कहना न होगा कि “बहादुर” कहानी में रेखाचित्र, विधा का उपयोग मिलता है।, , ७० इस कहानी को पढ़ते समय बाल-श्रम जैसी कुरीति, की तरफ भी हमारा ध्यान जाता है। बाल-श्रम के, कारण असंख्य शिक्षार्थियों को शिक्षा नहीं मिल, पाती। यह आज हमारे लिए चिंता का विषय हे।, इसीलिए बहादुर जैसे किशोरों को ध्यान में रखकर, हमारे देश में बाल-श्रम विरोधी कानून बनाए गए, हैं। मानवाधिकार आयोग भी बच्चों की तरफ, ध्यान दे रहा है और उनके पढ़ने-लिखने के अधि, कार के समर्थन में माँग उठाता है। बाल-मजूदूरों से, ख़तरनाक काम करवाने वालों और उनके प्रति, हिंसा करने वालों को दंडित किए जाने की भी, व्यवस्था है। आज बाल-श्रम एक अपराध है।, , अधिकतम अंक कैसे पाएँ जा, , ७ कहानी को ध्यान से पढ़िएं और पाठ में दिए गए, क्रियाकलापों का अभ्यास कीजिए।, , ७० कहानी के पात्रों के व्यवहार एवं उसके कारणों पर, विशेष ध्यान दीजिए।, , ७० कहानी के तत्त्वों के आधार पर कहानी को समझने, और उसका विवेचन करने का प्रयास कीजिए।, , ० कहानी की भाषा-शैली पर भी ध्यान दीजिए।, , , , , , “बहादुर' कहानी का संबंध वाचक के जीवन से है।, इस कहानी की घटनाएँ वाचक के जीवन में घटी हें।, इसे कहने के ढंग से कहीं-न-कहीं वाचक के पछतावे, का पता लगता है। यह पछतावा ऐसा पछतावा है, जो, निरंतर बना रहता है। बहादुर आज वाचक के सामने, कहीं नहीं है, वह अपने पछतावे को दूर नहीं कर, सकता। वाचक का यह पछतावा हमें अनुभव कराता है, कि मध्यवर्गीय परिवारों में मासूम नौकरों के प्रति किया, जाने वाला व्यवहार बहुत क्रूर होता है। पाठक को भी, यह क्रूरता बहुत बुरी लगती है। बहादुर पर हुए, अत्याचार का बुरा लगना-यही तो इस कहानी का, संप्रेष्य है। यह कहानी हमें भी इस बात के लिए तैयार, करती है कि हम समाज में रहने वाले नौकरों या उन, जैसे अनेक लोगों के प्रति समानुभूति रखें, उन्हें अपने, जैसा ही मनुष्य समझें, उन पर अत्याचार न होने दें।, ऐसा करने से उनके जीवन की दिशा बदल सकती है, और समाज भी अनेक समस्याओं से बच सकता है।, , , , 1. आप समानुभूति को समाज-निर्माण के लिए क्यों, आवश्यक मानते हैं- उदाहरण देते हुए 20-25, शब्दों में उत्तर दीजिए।, , 2. “बहादुर' के व्यक्तित्व की अनेक विशेषताएँ पाठ, में बताई गई हैं। आपकी दृष्टि में उसके व्यक्तित्व, में कौन-सी कमी है, जिससे उसका जीवन मुश्किलों, से भरा है? तर्कसहित 20-25 शब्दों में लिखिए।, , 3. सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्न, का उत्तर दीजिए :, , “हाथ बढ़ाना” मुहावरे का अर्थ है(क) बहुत श्रम करना, (ख) सहायता करना, (ग) काम को बढ़ा देना, (घ) उत्साहित होना, , 4. आँख, गंभीर, तकलीफ, मलकाना में से तत्सम, शब्द चुनिए।