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158, , छूसेंट सामान्य ज्ञान, , 36.:, , में बहुत 70823 शेयर (11981 5047९) : जिन शेयरों की कीमतों, 2 इन शेयरों की कीमत में होते हैं, उन्हें वोलेटाइल शेयर कहा जाता है।, $ मत में परिवर्तन को इस प्रकार नापा जाता है-, परिवर्तनशीलता « -'विकेतम मूल्य - न्यूनतम मूल्य, , न्यूनतम मूल्य, , पूँजी पा 134 स्टॉक (7 रठतहएद्ध 51000) : किसी कंपनी फी चुकता, , कं ? भाग फ्लोटिंग स्टॉक कहलाता है जो शेयर बाजार में, “विक्रय के लिए उपलब्ध रहता है।, , 38. शेयर सर्टिफिकेट (क्र टला॥धटत॥०) ; यह एक ऐसा प्रमाण, पत्र है जो कंपनी के मोहर के अधीन शेयरधारक के नाम जारी किया, जाता है तथा इसमें उन शेयरों के नष्बर लिये रहते हैं, जिनके लिए, यह जारी किया जाता है। उसमें शेयर भुगतान की गयी धनराशि का, विवरण होता है।, , 39. बियरर डिबेंचर (छल्वर+12९0०/६४०० : ऐसा डिबेंचर जिसका, हस्तांतरण केवल सुपुर्दगी के द्वारा हो जाता है, उनको डिबेंचर कहा, जाता है। कंपनी के रजिस्टर में इनका कोई लेखा-जोखा नहीं होता 8 1, डिबेंचर के साथ लगे कूपन को प्रस्तुत करने पर व्याज तथा डिबेंचर, | को प्रस्तुत करने पर मूल धन का भुगतान प्रस्तुतकर्ता को प्राप्त हो, 1 जाता है।खो जाने तथा चोरी हो जाने पर इस प्रकार के डिबेंचर के, 1 पूर्ण जोरिब्रम होते हैं।, | 40. बंधक डिबेंचर (5०फाएव 7700०7/:7०) : इस प्रकार के, , $ सुरक्षित होता है। बंधक दो प्रकार के होते हैं--एक चल प्रभाव तथा, 1 दूसरा निश्चित प्रभाव । चल प्रभाव की स्थिति में किसी निश्चित सम्पत्ति, 1 पर प्रभाव नहीं होता है। केवल कंपनी के समापन की स्थिति में इन, | डिबेंचरों को भुगतान में प्राथमिकता मिल जाती है। निश्चित प्रभाव की, प स्थिति में डिबेंचरों का कंपनी की किसी निश्चित सम्पत्ति में प्रभाव होता, है। ऐसी सम्पत्ति को कंपनी न तो बेच सकती है और न ही हस्तांतरित, , कर सकती है।, , 41. परिवर्तनशील डिबेंचर (ट॒क्कएन्त्धंछल 77०0०त६प7०) : यह, वे ऋण-पत्र होते हैं जिनके धारकों को कंपनी यह विकल्प देती है कि, वे किसी निश्चित अवधि के अंदर अपने ऋण-पत्र को कंपनी के शेयर, में बदलवा सकते हैं। परिवर्तन की शर्तें सामान्यतः निर्गमन के समय ही, तय कर दी जाती हैं, परन्तु ये शर्तें कंपनी में अलग-अलग हो सकती हैं।, , 42. हंग अप (मरष्ण8 ००) : जब किसी शेयर का भाव किसी, निवेशक द्वारा क्रय किये गये भाव से काफी नीचे चला जाता है तथा, ऐसी स्थिति में अधिक घाटा उठाकर शेयर बेचने के बदले वह निवेशक, भविष्य में उसके भाव बढ़ने की आशा में अपने शेयरों को रखे रहे तो, ऐसी स्थिति को हंग अप कहा जाता है।, , 43. स्नोवॉलिंग (५79०7४2००॥/४7782 : जब किसी शेयर के मूल्य एक, निश्चित सीमा में पहुँच जाते हैं, तब क्रय-विक्रय के अनेक स्टॉप ऑर्डर, होने लगते हैं । इन ऑर्डर के कारण पुनः बाजार में दबाव बनता है तथा, पुनः ऑर्डर मिलने लगते हैं तो उस स्थिति को स्नोबॉलिंग कहा जाता है।, , 44. ग्रे मार्केट (७1९)/ ४7०77८०४) : यह अनाधिकृत बाजार होता, है, जहाँ नयी तथा अभी शेयर बाजार में सूचीबद्ध न हुई प्रतिभूतियों, का प्रीमियम पर लेन-देन होता है। ये सौदे भी अनाधिकृत होते हैं।, इन सीदों को शेयर बाजार का संरक्षण नहीं होता है।, , 45. ट्रेडिंग लॉट (777०६ 7.०४ : शेयरों की वह न्यूनतम संख्या या, , | * ६ नव फल, , डिबेंचर कंपनी के सम्पत्ति पर प्रभार रखते हैं। अतः इनका भुगतान 5, , ्, , , , 2 कर. सक्वपं०): किसी कंपनी के, , ई. अनुपात (5 2: मी ३, के बम में प्रति शेयर आय से भाग देकर पी. ई., किया जाता है कर जिद कक, अनुपात, , 58. कै, आर्थिक ऋछ महत्वपूर्ण शब्दाकह, , नई धार नीति से सम्बद्ध छुछ + 'चाक, भाई पा, क्षेत्र में पूँजी या प्रबंधन या दोनों में न, 3: बम की भागीदारी बढ़ाना अथवा उन्हें निजी क्षेत्र को सौंप जे, ही निजीकरण है।, , उदारीकरण : उदारीकरण,, करने की क्रियाविधि है।, , होता है। 3 ८, धैश्वीकरण : किसी अर्थव्यवस्था को विश्व-अर्थव्यवस्था से जो), की क्रिया ही वैश्वीकरण है। ऐसा करने से उक्त क्षेत्र में, , कार्यकुशलता तथा बाहरी तकनीकी ज्ञान प्राप्त होते हैं। बैश्वीका, , की प्रक्रिया से अभिप्राय है अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बाधाओं ड़, , समाप्त करना। जा सरकारी हिस्सेदारी को, विनिवेश : सरकारी क्षैत्र में सरकारी हिस्सेदारी को कम करनाह, , विनिवेश कहलाती है।, , सरकारी नियंत्रण को शिथिलु या, इसके अन्तर्गत निजीकरण भी, , न, , गीषार, शक, , रन, , रन, , विविध तथ्य, ५. भारत में सर्वाधिक दूध उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है।, > भारत तम्बाकू उत्पादन करने वाला विश्व का तीसरा, 'है। सबसे बड़ा उत्पादक व उपभोक्ता (दोनो चीन हैं।, _.> दाल के उत्पादन में भारत का विश्व में पहला स्थान है।, > अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिकाशतः भारत के छ, , , , बड़ा ग |, , , , में होता है।, >- 1944 ई. में, मुम्बई के 8 उद्योगपतियों द्वारा प्रस्तुत योजना 'दंब, योजना” कहलाती है।, , _# 1950 में जयप्रकाश नारायण द्वारा “सर्वोदिय योजना' प्रस्तुत की, >- केन्द्र को सर्वाधिक निवल राजस्व की प्राप्ति सीमा शुल्कों से होती॥।, >- भारत में पहला जलविद्युत् शक्ति गृह सन् 1897 ई. में दार्जिक़, , में प्रारंभ हुआ।, , , , >>, , वाला प्रथम राज्य (79% . |, क्ज् ननहत्् >.+-+++»००... २, , _> विश्व बैंक के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति सम्पत्ति 258३, डॉलर है। /ज्ऋका्र्ा ऋछ, -> बिग पुश ध्योरी' आर. रॉडन ने दिया है।, >> “उपभोक्ता की बचत का सिद्धान्त” अल्फ्रेड मार्शल ने दिया है।, ->”: केन्द्रीय एगमार्क प्रयोगशाला नागपुर में है।, >- सिंदरी उर्वरक कारखाना, चित्तरंजन का ईंजन बनाने का कारबाग, भारतीय टेलीफोन उद्योग, इण्टीग्रल कोच फैक्ट्री, पेनिसिलीन फर्क,, भारतीय टेलीफोन उद्योग की स्थापना प्रथम पंचवर्षीय योजनाई, दौरान हुई।, +>#_ विश्व में सर्वाधिक सहकारी संस्थाएँ भारत में हैं।, >> भारत में असंगठित क्षेत्र, संगठित क्षेत्र की बजाय, अधिक रोज, का सृजन कर रहे हैं।, >- भारत में कुछ तेलहन उत्पादन में मूँगफली का हिस्सा सर्वाधिक!, , गुणांक को ट्रेडिंग लॉट कहा जाता है, जिसे शेयर बाजार में एकबार में भारत में 1 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले _तीन नए (व, , बेचा या क्रय किया जा सकता है | सामान्यतः 10 रुपये मूल्य वाले शेयरों, की न्यूनतम संख्या 50 से 100 निर्धारित की जाती है, जबकि 100 रुपये, मूल्य वाले शेयरों की संख्या 5या 10 निर्धारित की जाती है।, , 46. शॉर्ट सेलिंग (51077 5271778) : जब किसी दलाल द्वारा इतने, शैयरों की बिक्री की जाती है, जितने उसके पास शेयर नहीं होते हैं, तो इसे शॉर्ट सेलिंग कहा जाता है। अनुबंध पूरा करने के लिए दलाल, द्वारा नीलामी में शेयर क्रय किये जाते हैं।, , हि. आकर और दिल्ली) हैं।, ले रत में सर्वाधिक नगरीकरण गोवा, , में हुआ है।, मसालछों के विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा 40% है।, राष्ट्रीय आय की सामाजिक लेखांकन गणना विधि कार, रिचर्ड स्टोन ने किया था। |, जब किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य के बजाय-मौद्रिक रू, प्रतिक्रिया व्यक्त की जाती है, तब उसे “मुद्रा भ्रम” कहा..., , सम, ट, , हे
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८ फोलाल समिति मापन, “८ नरसिल्हम ् म॒ समिति, ;, , 4 मण्डारी समिति, 6 तच्चर समिति, ह, , 48 सा नर ह्, “५ एस. तारापोर स॑ रुपये की, 1: आबिद हुसैन समिति लघु/उधोग तो पर परिवर्तनीयता, दर कीर्ति एस पारिख पेट्रोलियम उत्पादों की, के समिति सुझाव, ,, बी. एस. व्यास समिति कृषि एवं ग्रामीण, 22 महाजन समिति चीनी उद्योग, “2 क्ह्लम समिति वस्त्र नीति, थ् मीरा सेठ समिति हथकरघा के विकास, 16.हीनार्थ प्रबन्धन ((72०#लपफ्प्शकाटत2): जब बजट, हट का होता है, अर्थात् आय कम होती हे मर होता, है और व्यय के इस आधिक्य को केन्द्रीय बैंक से ऋण छेकर अथवा, डविरिक्ति पत्र मुद्रा निर्गमित कर पूरा किया जाता है, तो यह व्यवस्था, द्वादे की वित्त व्यवस्था अथवा हीनार्थ प्रबन्धन कहलाती है ॥ सीमित, म्रद्म में ही इसे उचित माना जाता है, हीनार्थ प्रवन्धन को स्थायी नीति, इना ठेने के परिणाम अच्छे नहीं होते।, 17. स्वर्ग मान (८04 5००००) : जव किसी देश की प्रधान, वर्ण में परिवर्तनशीछ होती है, अथवा मुद्रा का मूल्य सोने में मापा, तो इस मौद्रिक व्यवस्था को स्वर्ण मान कहते हैं, अब किसी, , मूल्य प्रणाली पर, , ण साख विस्तार, , , , , , , 5. दुद्रास्फीति (177798 077) : मुद्रा-प्रसार या मुद्रास्फीति वह अवस्था, मुद्रा का मूल्य गिर जाता है और कीमतें बढ़ जाती हैं, आर्थिक, | द्ृष्ट से सीसित एवं नियंत्रित मुद्रास्फीति अल्प-विकसित अर्थव्यवस्था, | ऋु झमदायक होती है, क्योंकि इससे उत्पादन में वृद्धि को प्रोत्साहन, 1 है, किन्तु एक सीमा से अधिक मुद्रास्फीति हानिकारक है।, को अस्थायी तीर पर नियंत्रित करने के लिए मुद्रा-आपूर्ति, का प्रयोग किया जा सकता है।, 19. रिसेशन (7९८८5५०॥): रिसेशन से तात्पर्य मन्दी की अवस्था से, है, जब वस्तुओं की पूर्ति की तुछना में माँग कम हो तो रिसेशन की स्थिति, उ्यन होती है। ऐसी स्थिति में धनाभाव के कारण लोगों की क्रय-शक्ति, कम होती है और उत्पादित वस्तुएँ अनविकी रह जाती हैं, इससे उद्योग, ओ दंद करने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है, बेरोजगारी बढ़ जाती है।, 7990 दशक में विश्वव्यापी रिसेशन की स्थिति उत्पन्न हुई थी। _, , 20. प्राइमरी गोल्ड (यप्ंधगग7/ 5०14) : 24 कैरेट के शुद्ध सोने, ओ प्राइमरी कहते हैं। दो, , 21 स्टैगफ्ठेशन (5६28690०7) : यह अर्थव्यवस्था की ऐसी स्थिति, मुद्रास्फीति के साथ-साथ मंदी की स्थिति होती है। हा, 22. टैरिफ (79770 : किसी देश द्वारा आयातों पर छगाये गये कर, ही टैरिफ कहा जाता है।, , 23.मुद्रा अपस्फीति अथवा विस्फीति (2 कगशवए० पट मुद्रास्फीति, परनियंत्रण छाने हेतु जो प्रयास किये जाते हैं (जैसे साख-निवंत्रण आदि) ४, परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति की दर घटने छगती है, कीमतों में गिरांवट, आती $ तथा रोजगार पर भी प्रतिकूछ प्रभाव पड़ता हैं, यह स्थिति मुद्रा, अपर्दीति अथवा विस्फीति की स्थिति कहलाती हैं। इस स्थिति में यद्यपि, उल्ब स्तर गिरता है तथापि यह सामान्य मूल्य स्तर से ऊपर ही रहताहैं।, , 24.एक्टिव शेयर (4८४४०५४०४८) : वैसे शैयर जिनका ऋेय-विक्रत, 1 रूप से प्रतिदिन शेयर बाजार में होता है एक्टिव शयर, , कब, , , , , , , , , , , , , , , , जारी नये, 25. राइट शेयर (य&॥/ 51272) : किसी कम्पनी द्वारा जारी न, , शैयमें होता, 3, क्रय करने का पहला अधिकार वर्तमान शेयरहोल्डर का धिकार, *। वर्तमान शेयरहोल्डर के इस अधिकार को पूर्ण क्रव, , हे, , , , , , , , दर, के जो शेयर प्राप्त, कहा जाता है तथा इस अधिकार के कार उनको, है, उसे राइट शेयर कहा जाता है।, 26, बोनस शेयर (छम77५5 ककग्ा्ट) :, अपने अर्जित लापों में से रखे नये रिजर्व को, शेयरहोल्डरों के मध्य आनुपातिक रूप से वाट, बोनस शेयर कहा जाता है। ते अपररो:को, , कर ह 91 91:, 27. पूर्वांधिकार शेयर (1व्रशरिशा०(०: ८; दो पुर्वाधिकार, पूर्वाधिकार शेयर कहा जाता हैं, जिनका सामान्यतः दी 'पर्वार्शि, , प्राप्त होते हैं। कम्पनी द्वारा सर्वप्रथम इनको लाभांश का पुर किया, च होती है। यदि भविष्य में कम्पनी, , जाता है तथा लाभांश की दर निश्चित का, , का समापन होता है तो लेनदारों का घुग़ताल 21, , की सम्पत्तियों से वसूल की गयी राशि में से इस ले प्राप्त करने का, , को अपनी पूँजी अन्य शेयरहोल्डर्स की तुलना में पहला दा, , अधिकार होता है। कं उस, , 28. कंट्रेरियन गेयर (टग्मएव्पांग्णा अीया०): इस श्रेणी दिशी, शेयरों को सम्मिलित किया जाता है जो वाजार के रुख से छल डन, में चलते हैं अर्थात वाजार में शेयरों के माव में वृद्धि हो 3३3 कील का, शेयरों के भाव कम हो जाते हैं और यदि वाजार का रुख [7 हे, है तो इन शेयरों का मूल्य बढ़ जाता है। श, , 29. ए. डी. इंडेक्स (44 ्राव्ट वंश्टागल्ग्गव०४2: इन सूचकांक, का प्रयोग भेयर बाजार की तेजी या मंदी क॑ रुख का पता 02 है, लिए किया' जाता है। इसकी गणना के लिए एक दिन में जिन अप, के मूल्य बढ़ते हैं, उनकी संख्या में उन शैयरों को भाग दिया जाता हे, जिनके मूल्य उस दिन गिरे होते हैं। यदि इंडेक्स 1 से अधिक मा,, तो बाजार में तेजी का रुख होता है और इंडेक्स 1 से कम होता है 7, बाजार में मंदी का रुख होता है।, , 30. ब्लो आउट (81/77/00०0: जब कोई कंपनी अपना नया इश्यू, जारी करती है और उसका स्सक्रिष्शन पहले ही दिन पूरा होकर वंद, हो जाता है तो उसे ब्लो आउट या आउट ऑफ विंडो कहा जाता है।, , 31. इनसाइडर ट्रेडिंग (कांबंल् 77974178): यह एक अवैध कार्य, है। जब उन व्यक्तियों द्वारा भारी मात्रा में शेयरों का क्रय-विक्रय करके, लाभ कमाया जाता है, जिनके पास कम्पनियों की गुप्त सूचनाएँ रहती, हैं तो इस प्रकार के शेयरों के क्रय-विक्रय को इनसाइडर ट्रेडिंग कहा, जाता है।, , 32. कैश ट्रेडिंग (0951 77१०/7ष्ट): कैश ट्रेडिंग के अन्तर्गत शेयर, सर्टिफिकंट तथा नकद धनराशि का लेन-देन अगली समायोजन तिथि, से पहले ही हो जाना चाहिए। जब दलालों के सभी कैश ट्रेडिंग के, लेन-देनों का समायोजन हो जाता है तो इसको समायोजन तिथि कहा, जाता है। परन्तु यह 14 दिन से अधिक नहीं हो सकती है।, , 33. कर्व ट्रेडिंग (0७:७४ 77बवम.्ट): जब शेयर बाजार के निर्धारित, ट्रेडिंग समय के बाद अलग से सौदे किये जाते हैं तो इनको कर्व ट्रेडिंग, कहा जाता है यद्यपि सौदे दलालों के द्वारा किये जाते हैं, परन्तु इनको, वैधानिक नहीं माना जाता है । इस प्रकार किये गये सौदों का विवरण शेयर, बाजार में उपलब्ध नहीं रहता है | वर्तमान में यह सेवी द्वारा प्रतिबंधित है।, , 34. स्टैग (5198): स्टैग उन व्यक्तियों को कहते हैं जो नई कंपनियों, के इश्यू में भारी मात्रा में शेयरों के आवेदन-पत्र प्रेषित करते हैं। इनको, यह आशा रहती है कि जब कुछ व्यक्तियों को शेयर नहीं मिलेंगे तो वे, इन शैयरों को बढ़े मूल्य पर खरीदने को तैयार हो जायेंगे | यह व्यक्ति, , कंवल आवेदन पत्र की राशि प्रेषित करते हैं तथा शेयर आवंटित होते, ही बेच देते हैं।, , ५०0: जब किसी कल्पनी.ढवारा, शेयर के रूप में वर्तमान, दिया जाता है तो इसे, , , , , , , , , , , , , 35. बदला (#07#'ग्गव (४१८६०) : जब कोई दलाल भविष्य के, लिए सौदा करता है, परन्तु भविष्य की तिथि पर सौदा पूरा न करके, आगे के लिए खिसकता रहता है तो कार्य के लिए उसे जो चार्ज देने, पड़ते हैं, उसे बदला कहा जाता है। यदि यह कार्य तेजड़ियों द्वारा, , किया जाता है तो इसे सीधा बदला तथा मंदड़ियों द्वारा किया जाता है, तो इसको अंधा बदला कहा जाता है।