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अध्याय 1, 0965CH01, हमारे आस-पास के पदार्थ, (Matter in Our Surroundings), 1.1 पदार्थ का भौतिक स्वरूप, अपने चारों ओर नज़र दौड़ाने पर हमें विभिन्न प्रकार, की वस्तुएँ नज़र आती हैं, जिनका आकार, आकृति, 1.1.1 पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है, और बनावट अलग-अलग होता है। इस विश्व में, प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी होती है उसे बहुत समय तक पदार्थ की प्रकृति के बारे में दो, वैज्ञानिकों ने 'पदार्थ' का नाम दिया। जिस हवा में विचारधाराएँ प्रचलित थीं। एक विचारधारा का यह, हम श्वास लेते हैं, जो भोजन हम खाते हैं, पत्थर,, बादल, तारे, पौधे एवं पशु, यहाँ तक कि पानी की, एक बूंद या रेत का एक कण, ये सभी पदार्थ हैं।, ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि ऊपर लिखी, मानना था कि पदार्थ लकड़ी के टुकड़े की तरह सतत, होते हैं। परंतु अन्य विचारधारा का मानना था कि, पदार्थ रेत की तरह के कणों से मिलकर बने हैं।, आइए एक क्रियाकलाप के द्वारा पदार्थ के स्वरूप के, बारे में ये निर्णय करते हैं कि ये सतत हैं या कणों से, कुछ, बने हैं?, सभी वस्तुओं का द्रव्यमान होता है और ये, स्थान (आयतन*) घेरती हैं।, प्राचीन काल से ही मनुष्य अपने आस-पास को, समझने का प्रयास करता रहा है। भारत के प्राचीन, दार्शनिकों ने पदार्थ को पाँच मूल तत्वों में वर्गीकृत, किया, जिसे 'पंचतत्व' कहा गया। ये पंचतत्व हैं:, वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश। उनके अनुसार,, इन्हीं पंचतत्वों से सभी वस्तुएँ बनी हैं, चाहे वो सजीव, हों, या निर्जीव। उस समय के यूनानी दार्शनिकों ने भी, पदार्थ को इसी प्रकार वर्गीकृत किया है ।, आधुनिक वैज्ञानिकों ने पदार्थ को भौतिक गुणधर्म, एवं रासायनिक प्रकृति के आधार पर दो प्रकार से, वर्गीकृत किया है।, इस अध्याय में हम भौतिक गुणों के आधार पर, पदार्थ के बारे में ज्ञान अर्जित करेंगे। पदार्थ के, क्रियाकलाप, 1.1, एक 100 mL का बीकर लें। इस बीकर को, जल से आधा भरकर जल के स्तर पर निशान, लगा दें।, दिए गए नमक या शर्करा को काँच की छड़ की, मदद से जल में घोल दें।, जल के स्तर में आए बदलाव पर ध्यान दें।, आपके अनुसार, नमक या शर्करा का क्या हुआ?, ये कहाँ गायब हो गए?, क्या जल के स्तर में कोई बदलाव आया?, इन प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए हमें इस विचार, को स्वीकारना होगा कि सभी पदार्थ कणों से बने, होते हैं। उपरोक्त क्रियाकलाप में चम्मच में रखी गई, नमक या शर्करा अब पूरे पानी में घुल गई है। जैसा, कि चित्र 1.1 में दर्शाया गया है।, रासायनिक पहलुओं को आगे के अध्यायों में पढ़़ेंगे।, अंतर्राष्ट्रीय मात्रक पद्धति के अनुसार आयतन का मात्रक ( 1) घन मीटर (m°) है । आयतन मापने का साधारण मात्रक लीटर (L) है।, 1 L = 1 dm3, 1 L = 1000 mL, 1 m = 103 cm31, 2020-21
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एक स्थिति में ये कण और छोटे भागों में विभाजित, नहीं किये जा सकते हैं।, पोटैशियम परमैंगनेट की जगह 2 mL डेटॉल से, भी हम ये क्रियाकलाप कर सकते हैं। लगातार तनुकृत, होने पर भी उसकी महक हमें मिलती रहती है।, जल, -जल, जल, नमक मिलाएँ, लाख गुना आवर्धित, किए गए जल के कण, हिलाएँ, नमक, नमक, चित्र 1.1: जब हम जल में नमक घोलते हैं, तो नमक के, पदार्थ के कण बहुत छोटे होते हैं।, इतने छोटे, कण जल के कणों के बीच के रिक्त स्थानों में, समावेशित हो जाते हैं।, कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते।, 1.1.2 पदार्थ के ये कण कितने छोटे हैं?, 1.2 पदार्थ के कणों के अभिलाक्षणिक, गुण, क्रियाकलाप, 1.2, 1.2.1 पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान, पोटैशियम परमैंगनेट के दो या तीन क्रिस्टल को, होता है, 100 mL पानी में घोल लें।, इस घोल में से लगभग 10 mL घोल निकालकर, उसे 90 mL जल में मिला दें ।, फिर इस उपरोक्त घोल में से 10 mL निकालकर, उसे भी 90 mL जल में मिला दें ।, क्रियाकलाप 1.1 और 1.2 में नमक, शर्करा , डेटॉल, या पोटैशियम परमैंगनेट के कण समान रूप से पानी, में वितरित हो गए। इसी प्रकार, जब हम चाय,, कॉफ़ी, या नींबू-पानी बनाते हैं, तो एक पदार्थ के कण दूसरे, पदार्थ के कणों के रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते, हैं। यह दर्शाता है, कि पदार्थ के कणों के बीच पर्याप्त, रिक्त स्थान होता है।, इसी प्रकार इस घोल को 5 से 8 बार तक, तनुकृत करते रहें।, क्या जल अब भी रंगीन है?, NCE, A10 mL, A10 mL, 10 mL, 1.2.2 पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं, क्रियाकलाप, 1.3, 100 mL, 100 mL, 100 mL, 100 mL, 100 ml, अपनी कक्षा के किसी कोने में एक बुझी हुई, अगरबत्ती रख दें। इसकी सुगंध लेने के लिए, आपको इसके कितने समीप जाना पड़ता है?, अब अगरबत्ती जला दें। क्या होता है? क्या दूर, से ही इसकी सुगंध अपको मिलती है?, अपने प्रेक्षण को नोट करें।, चित्र 1.2: अनुमान लगाइए कि पदार्थ के कण कितने छोटे, हैं? प्रत्येक बार तनुकृत करने पर घोल का रंग, हलका होता जाता है, फिर भी पानी रंगीन नज़र, आता है।, क्रियाकलाप, 1.4, यह प्रयोग दर्शाता है कि पोटैशियम परमैंगनेट के, बहुत थोड़े से क्रिस्टलों से पानी की बहुत अधिक, मात्रा (1000 L) भी रंगीन हो जाती है। इससे हम ये, निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि पोटैशियम परमैंगनेट के, केवल एक क्रिस्टल में कई सूक्ष्म कण होंगे। ये कण, छोटे-छोटे कणों में विभाजित होते रहते हैं। अन्तत:, जल से भरे दो गिलास या दो बीकर लें।, पहले बीकर के एक सिरे पर सावधानी से एक, बूँद लाल या नीली स्याही डाल दें और दूसरे में, शहद डाल दें।, इनको अपने घर में या कक्षा के एक कोने में रख दें।, अपने प्रेक्षण को नोट करें।, 2, विज्ञान, 2020-21, ot
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स्याही की बूँद डालने के तुरंत बाद आपने क्या, देखा?, 1.2.3 पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित, करते हैं।, शहद की बूंद डालने के तुरंत बाद आपने क्या, देखा?, क्रियाकलाप, 1.6, स्याही का रंग पूरे जल में एकसमान रूप से, इस खेल को एक मैदान में खेलें । आगे बताए गए, ढंग से चार समूह बनाकर मानव-श्रृंखला बनाएँ:, पहला समूह 'ईद्-मिश्मी नर्तकों' की तरह, एक-दूसरे को पीछे से कसकर पकड़ ले ।, फैलने में कितने दिन या घंटे लगते हैं?, क्रियाकलाप, 1.5, एक गिलास गर्म पानी से और दूसरा ठंडे पानी से, भरे गिलास में कॉपर सल्फ़ेट या पोटैशियम, परमैंगनेट का एक क्रिस्टल डालें और एक ओर, रख दें। हिलाएँ नहीं।, क्रिस्टल को सतह पर बैठने दें।, गिलास में ठोस क्रिस्टल के ठीक ऊपर क्या, दिखाई देता है?, समय बीतने पर क्या होता है?, इससे ठोस और द्रव के कणों के बारे में क्या, चित्र 1.3, पता चलता है?, दूसरा समूह एक-दूसरे का हाथ पकड़कर मानव, श्रृंखला बना ले।, तीसरा समूह केवल उंगली के सिरे से छूकर, एक श्रृंखला बना ले।, अब चौथा समूह उपरोक्त वर्णित तीनों मानव, श्रृंखलाओं को तोड़कर छोटे समूहों में बाँटने का, प्रयास करे।, क्या तापमान के साथ मिश्रित होने की दर, CERT, बदलती है? क्यों और कैसे?, उपरोक्त तीनों क्रियाकलापों (1.3, 1.4 और 1.5), से हम निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं:, re, पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं, अर्थात,, उनमें गतिज ऊर्जा होती है। तापमान बढ़ने से कणों, की गति तेज़ हो जाती है। इसलिए हम कह सकते, हैं कि तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी, बढ़ जाती है।, उपरोक्त तीनों क्रियाकलापों में हमने देखा कि, पदार्थ के कण अपने आप ही एक- दूसरे के साथ, अंत:मिश्रित हो जाते हैं। ऐसा कणों के रिक्त स्थानों में, समावेश के कारण होता है। दो विभिन्न पदार्थों के, किस समूह को तोड़ना आसान था? और क्यों?, यदि हम प्रत्येक विद्यार्थी को पदार्थ का एक, कण मानें, तो किस समूह में कणों ने एक-दूसरे, को सबसे अधिक बल से पकड़ रखा था?, क्रियाकलाप, 1.7, एक लोहे की कील, एक चाक का टुकड़ा और, एक रबर बैंड लें।, इन पर हथौड़ा मार कर, काट कर, या खींचकर, उसे भंगुर करने का प्रयास करें।, कणों का स्वत: मिलना ही विसरण कहलाता है। हमें, यह भी पता चलता है कि गर्म करने पर विसरण तेज़, इन तीनों में से किसके कण अधिक बल से, हो जाता है। ऐसा क्यों होता है?, एक-दूसरे से जुड़े हैं?, हमारे आस-पास के पदार्थ, 3, 2020-21
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क्रियाकलाप, इन वस्तुओं के चारों ओर पेंसिल घुमाकर इनके, आकार का रेखाचित्र बनाएँ।, क्या इन सभी का निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ, 1.8, एक थाली में जल लेकर उसे उंगली से काटने, का प्रयास करें।, तथा स्थिर आयतन है?, क्या जल की सतह कटती है?, इन पर हथौड़ा मारने, खींचने या गिराने से क्या, होता है?, क्या इनका एक-दूसरे में विसरण संभव है?, बल लगाकर इनको संपीडित करने का प्रयास, करें। क्या इनका संपीडन होता है?, जल की सतह न कटने का क्या कारण है?, उपरोक्त तीनों क्रियाकलाप सुझाते हैं कि पदार्थ, के कणों के बीच एक बल कार्य करता है। यह बल, करणों को एक साथ रखता है। इस आकर्षण बल का, सामर्थ्य प्रत्येक पदार्थ में अलग-अलग होता है।, उपरोक्त सभी उदाहरण ठोस के हैं। हम देख सकते, प्र, हैं कि इन सभी का एक निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ, तथा स्थिर आयतन यानी नगण्य संपीड्यता होती है।, बाह्य बल लगाने पर भी ठोस अपने आकार को बनाए, रखते हैं। बल लगाने पर ठोस टूट सकते हैं लेकिन, इनका आकार नहीं बदलता। इसलिए ये दृढ होते हैं।, निम्नलिखित पर विचार कीजिए:, श्न, 1. निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं, कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार,, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगंध।, 2. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ, गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर, दूर, से ही, (a) रबर बैंड को क्या माना जाएगा। क्या खींचकर, आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने, की महक लेने के लिए आपको उसके पास, ER, इसका आकार बदला जा सकता है? क्या ये, ठोस है?, (b) विभिन्न आकार के बर्तनों में रखने पर चीनी, जाना पड़ता है।, 3. स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है।, इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है?, 4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?, और नमक उन्हीं बर्तनों के आकार ले लेते, हैं। क्या ये ठोस हैं?, (c) स्पंज क्या है? यह ठोस है लेकिन फिर भी, इसका संपीडन संभव है। क्यों?, 1.3 पदार्थ की अवस्थाएँ, अपने आस-पास के पदार्थों को ध्यान से देखें।, कितने प्रकार के हैं? हम पाते हैं कि पदार्थ अपने तीन, रूप में होते हैं।, अवस्थाएँ उसके कणों की विभिन्न विशेषताओं के, ये सभी ठोस ही हैं क्योंकि-, बाह्य बल लगाए जाने पर रबर बैंड का आकार, - ठोस, द्रव और गैस। पदार्थ की ये, कारण होती हैं।, अब हम पदार्थ की तीनों अवस्थाओं के गुणों का, विस्तार से अध्ययन करेंगे।, बदलता है और बल हटा लेने पर यह पुन: अपने, मूल आकार में आ जाता है। अत्यधिक बल, लगाने पर यह टूट जाता है।, चाहे हम शर्करा या नमक को अपने हाथ में लें,, या किसी प्लेट या ज़ार में रखें, इनके क्रिस्टलों, के आकार नहीं बदलते हैं।, स्पंज में बहुत छोटे छिद्र होते हैं, जिनमें वायु का, समावेश होता है। जब हम इसे दबाते हैं तो वे, वायु बाहर निकलती है, जिससे इसका संपीडन, संभव होता है।, 1.3.1 ठोस अवस्था, क्रियाकलाप, 1.9, निम्नलिखित वस्तुओं को एकत्रित करें - पेन,, किताब, सूई और लकड़ी की छड़।, 4, विज्ञान, 2020-21, e re
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1.3.2 द्रव अवस्था, 1.3.3 गैसीय अवस्था, आपने कभी उस गुब्बारेवाले पर ध्यान दिया है, जो, गैस के एक ही सिलिंडर से बहुत सारे गुब्बारों में हवा, भरता है? उससे पता लगाएँ कि एक सिलिंडर से वह, कितने गुब्बारे भरता है? उससे पूछिए कि सिलिंडर में, कौन-सी गैस है?, क्रियाकलाप, 1.10, निम्नलिखित वस्तुओं को एकत्रित करें-, (a) जल, खाना पकाने का तेल, दूध, जूस,, शीतल पेय।, (b) विभिन्न आकार के बर्तन। प्रयोगशाला के, एक मापक सिलिंडर की सहायता से इन, बर्तनों में 50 mL पर निशान लगा लें।, क्रियाकलाप, 1.11, 100 mL की तीन सिरिंज लें और उनके सिरे, को रबर के कॉर्क से बंद कर दें, जैसा चित्र 1.4, में दिखाया गया है।, सभी सिरिंजों के पिस्टन को हटा लें।, पहली सिरिंज में हवा रहने दें, दूसरी में जल, और तीसरी में चॉक के टुकड़े भर दें।, पिस्टन को वापस सिरिंज में लगाएँ। सिरिंज के, पिस्टन की गतिशीलता आसान करने के लिए, उस पर थोड़ी वैसलीन लगा दें ।, अब पिस्टन को सिरिंज में डालकर संपीडित, इन द्रवों को फ़र्श पर डाल देने पर क्या होगा?, किसी एक द्रव का 50mL मापकर विभिन्न, बर्तनों में क्रमश: एक-एक करके डालें। क्या, प्रत्येक बार आयतन एकसमान रहता है?, क्या द्रव का आकार एकसमान रहता है?, द्रव को एक बर्तन से दूसरे बर्तन में उड़ेलने पर, क्या यह आसानी से बहता है?, प्रेक्षण से हम पाते हैं कि द्रव का आकार नहीं, लेकिन आयतन निश्चित होता है। जिस बर्तन में इन्हें, रखा जाए तो ये उसी का आकार ले लेते हैं। द्रवों में, बहाव होता है और इनका आकार बदलता है, इसीलिए, ये दृढ़ नहीं लेकिन तरल होते हैं।, क्रियाकलाप 1.4 और 1.5 के संदर्भ में हमने, देखा कि ठोस और द्रव का विसरण द्रवों में संभव है।, वातावरण की गैसें विसरित होकर जल में घुल जाती, हैं। ये गैसें, विशेषत: ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड, जलीय जंतुओं तथा पौधों के लिए अनिवार्य होती हैं।, सभी जीवधारी अपने जीवन निर्वाह के लिए, श्वास लेते हैं। जलीय जंतु जल में घुली ऑक्सीजन, कोशिश करें।, पिस्टन, गैस, रबर कॉर्क, के कारण श्वास लेते हैं। इस तरह से हम इस निष्कर्ष, पर पहुँचते हैं कि द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का, विसरण संभव है। ठोसों की अपेक्षा द्रवों में विसरण, चित्र 1.4, आपने क्या देखा? किस स्थिति में पिस्टन आसानी, से अंदर चला गया?, की दर अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि द्रव, अपने प्रेक्षण से आपने क्या अनुमान लगाया?, अवस्था में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते, हैं और ठोस की अपेक्षा द्रव के कणों में रिक्त स्थान, भी अधिक होता है।, हमने देखा कि ठोसों एवं द्रवों की तुलना में गैसों, की संपीड्यता (compression) काफ़ी अधिक होती, है। हमारे घरों में खाना बनाने में उपयोग की जाने, हमारे आस-पास के पदार्थ, 2020-21, reput