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जनसंख्या का स्थानांतरण, , किसी व्यक्ति विशेष या मानव समुदाय द्वारा भौगोलिक एवं स्थान संबंधी आवागमन को साधारण रूप से प्रवास या प्रवसन, कहा जाता है, , अर्थात किसी एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर जाने की प्रक्रिया को ही प्रवचन कहते हैं मानव एक सामाजिक प्राणी होने के, साथ-साथ एक गतिशील पुरानी भी है अतः मनुष्य प्रागैतिहासिक काल में विभिन्न प्राकृतिक सामाजिक आर्थिक राजनीतिक, कारणों के दुष्प्रभाव से प्रभावित होकर एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर प्रवचन करता रहा है, , , , रेड जेल के अनुसार भूगोल को गतिशीलता का विज्ञान कहा जाता है, , स्थानांतरण या प्रवसन की परिभाषा, , , , संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार प्रवचन एक प्रकार की भौगोलिक स्थानिक रास्ता है जो भौगोलिक इकाई तथा दूसरी भौगोलिक, आई कि मध्य देखने को मिलती है, , , , बोग महोदय ने प्रवासन को परिभाषित करते हुए कहा कि मानव समुदाय एक समूह द्वारा एक स्थान को त्याग कर किसी अन्य, स्थान पर जाकर बस जाना प्रवसन कहलाता है, , प्रवसन के रूप, , स्थान विशेष में रहने वाली मानव एवं मानव समुदाय द्वारा दूसरे स्थान विशेष में जाने की प्रक्रिया में दो प्रक्रियाओं का संचालन, , होता है, उत्प्रवास, , आप्रवास, , 1 उत्प्रवास जिस स्थान विशेष को छोड़कर कोई व्यक्ति विशेष या मानव समुदाय दूसरे स्थान की ओर प्रवाशन कर जाते हैं उस, स्थान विशेष में उनको उतप्रवासी मनुष्य कहा जाता है, , जैसे भारत अपने परिवार सहित या अकेले श्रीलंका दक्षिण अफ्रीका दक्षिण पूर्व एशिया अन्य देशों में जाकर स्थाई रूप से, आवश्यक हो गई अत: यह लोग भारतीय प्रवासी कल आते हैं, , , , 2 आप्रवास किसी भी स्थान या भौगोलिक प्रदेश से लोग स्थानांतरित होकर जिस स्थान विशेष में आकर बस जाते हैं उसी, स्थान विशेष में लोग आप्रवासी कहलाते आते हैं, , , , यूरोपीय महाद्वीप के लोग अमेरिका अफ्रीका आस्ट्रेलिया आदि देशों में जाकर बस गए, मानव प्रसनन के पक्ष, , जनसंख्या की स्थानांतरण का इतिहास बहुत पुराना है प्रारंभिक हिम युग से लेकर आज तक मानव निरंतर प्रवसन करता आ, रहा है लेकिन विभिन्न समय विधियों में स्थानांतरण में करने वाली संख्या स्थानांतरित होने की अवधि एवं स्थानांतरण के लिए, चुने जाने वाले स्थानों की दूरी में अंतर रहा है, , , , मानव प्रवसन का अध्ययन अनेक पक्षों द्वारा किया जाता है जिसमें प्रवसन का क्षेत्र अवधि एवं प्रवसन करने वाले लोगों की, संख्या आयु लिंग धर्म और जाति के अनुसार निम्नलिखित है, , क्षेत्र पक्ष
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संख्या पक्ष, , समय पक्ष, , कारण पक्ष, , 1 मानव प्रवसन की कारण, , जनसंख्या का एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर स्थानांतरण प्रदेश विशेष की समस्याओं एवं अन्य प्रदेशों की भौगोलिक, सुविधाओं के कारण होता है मानव प्रवासन में जलवायु दशाओं की परिवर्तन होने का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है इसके, अतिरिक्त बाढ़ सूखा महावरी ज्वालामुखी भूकंप आदि सामाजिक समस्याओं के प्रबल होने पर मनुष्य उस क्षेत्र विशेष से दूसरे, क्षेत्र विशेष की ओर पलायन करने लगता है, , , , , , मानव प्रवासन के प्रमुख कारणों को चार भागों में विभाजित किया जाता है, 1 प्राकृतिक कारक, , 2 आर्थिक कारक, , 3 सामाजिक सांस्कृतिक कारक, , 4 राजनीति कारक, , , , 1 प्राकृतिक कारक आकृति कारकुन कि मनुष्य के जीवन निर्वाह के लिए प्रतिकूल होने पर मानव अपने जीवन को बचाने के, लिए दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन करता है जलवायु की विभिन्न देशों में परिवर्तन बाढ़ सूखा ज्वालामुखी उद्बार भूकंप की, हिमराशी की घटना मिट्टी का अनुपजाऊ होना आदि निम्न प्रकार की मानव प्रवासन की उत्तरदाई समस्याएं हैं, , , , ग्रिफिथ टेलर ने प्राकृतिक कारकों को महत्व देते हुए कहा कि सभी प्रजातियों का उद्गम स्थल मध्य एशिया है जहां से विभिन्न, प्रजाति के लोग जलवायु परिवर्तन के लिए विश्व के विभिन्न भागों में स्थानांतरण कर गए, , 2 आर्थिक कारक। मनुष्य के जीवन निर्वाह के लिए उत्तम जलवायु दशाओं के बाद प्रमुख आवश्यकता जीवन यापन हेतु, आर्थिक क्रियाओं की आवश्यकता होती है अतः मनुष्य अधिकांश रूप से उन क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं जहां आर्थिक कारक, एवं उनकी दिनचर्या हेतु पर्याप्त सुविधाएं प्राप्त हो जैसी उपजाऊ मिट्टी सिंचाई की सुविधाएं खनिजों की प्राप्ति वनस्पति आदि, आर्थिक कारक, , , , 3 सामाजिक सांस्कृतिक कारक। मनुष्य एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर प्रवासीत होने से सामाजिक प्रथाएं मान्यताएं, समाज का स्तर तथा धार्मिक संकट के कारण विश्व की अनेक देश फ्रांस से प्रवासीत होकर इंग्लैंड बेल्जियम में तथा यहूदी, जर्मनी तथा मिश्र में स्थानांतरित कर गए, , जबकि 1947 में भारत पाक विभाजन के समय हिंदू मुस्लिमों का अपने अपने देश की ओर स्थानांतरण में पाकिस्तान से, 7300000 हिंदू भारत आये तथा 6700000 मुस्लिम भारत से पाकिस्तान गए, , , , कुमारी सैंपल ने कहा कि लंबी शताब्दी तक होते रहने वाली यह मानव स्थानांतरण केवल धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों, द्वारा प्रभावित एवं संचालित थे, , 4 राजनीतिक कारक। राजनीतिक कारणों में आक्रमण विजय नए देशों में उपनिवेशवाद की स्थापना एवं बलात स्थानांतरण, आदि प्रमुख कारक है, , जिसके परिणाम स्वरूप जनसमूह का एक देश से दूसरे देश की ओर प्रवसन होता है
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राजनीतिक कारणों से अनेक उपनिवेश में मजदूरी करवाने के लिए कई लोगों को बल पूर्वक करके एक स्थान से दूसरे स्थान, पर ले गई अंग्रेजों ने भारतीय लोगों को मारीशस गायना ने नेटाल फीजी आदि देशों में ले जाकर वहां कार्य करवाया, , प्रवाशन के प्रकार, , प्रवासन मुख्यतया एक देश या एक महाद्वीप से दूसरे देशों में एक ही देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच होता है इन को दो भागों में, बांटा गया है, , 1 अंतरराष्ट्रीय प्रवसन, , 2 अंतर्देशीय प्रवसन, , 1 अंतरराष्ट्रीय प्रवसन, , विश्व के महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में एक देश से दूसरे देश में लोगों की होने वाली प्रवसन को अंतर्राष्ट्रीय प्रवसन कहते हैं लोगों, का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थानांतरण अधिकतर आर्थिक सामाजिक राजनीतिक एवं धार्मिक कारणों से हुआ है, , , , विश्व की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रवसन, , विश्व के विभिन्न देशों के मध्य लोगों का स्थानांतरण प्राचीन काल से ही होता आ रहा है प्राचीन काल में मानवीय प्रवासन के, , प्रमुख कारण में साम्राज्यवाद तथा मजदूरी करवाने हेतु बलपूर्वक स्थानांतरण कराया गया है वर्तमान समय में मानव पर्यटन, उच्च शिक्षा रोजगार प्राप्ति की दृष्टि से एक देश से दूसरे देश की ओर प्रवासीत किया जा रहा है, , 1 यूरोपीय प्रवसन यूरोप महाद्वीप के उत्तरी पश्चिमी भाग के लोगों द्वारा दूसरे देशों की ओर प्रमोशन करने में सबसे अग्रणी रहे, हैं इस क्षेत्र के लोग समुद्री मार्ग से 17 से 20 वीं शताब्दी तक विश्व के अनेक देशों में जाकर स्थाई रूप से बस गए हैं यूरोप, महाद्वीप की संसाधनों की कमी तथा जीवन स्तर के गिरने के दबाव में विश्व के अनेक देशों की ओर प्रवचन करने लगे जैसे, यूरोप के पश्चिमी भाग में समुद्र तट पर स्थित देश इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी पुर्तगाल स्पेन नीदरलैंड, , , , यूरोप के निवासी विश्व की दो मुख्य भागों में जाकर बस गए, , , , 1 उष्णकटिबंधीय क्षेत्र उत्तरी अमेरिका एवं दक्षिण अमेरिका के समुद्र तट उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में जहां सुगमता सीधा जा, सकता है एशिया महाद्वीप के दक्षिणी पूर्वी भाग में स्थित देश जहां जाकर इन लोगों की द्वारा कपास कहवा चाय चावल नील, आदि की व्यापारिक फसलों का उत्पादन प्रारंभ करवाया गया, , , , 2 शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र यह जलवायु यूरोपीय लोगों की अनुकूल थी जिस कारण इन क्षेत्रों में यह लोग स्थाई रूप से जाकर, रहने लगी इन क्षेत्रों में जनसंख्या भी यूरोपीय लोगों की आगमन की पूर्व बहुत विरल थी अतः इन्हें वहां जाकर स्थाई रूप से, रहने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हुई उत्तरी अमेरिका की संयुक्त राज्य कनाडा दक्षिण अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड, आदि शीतोष्ण कटिबंध में इन देशों में लोगों की संख्या अधिकतम पाई जाती है, , , , , , एशियाई देशों में प्रवासन विभिन्न मानव शास्त्रियों का मानव प्रजातियों की उत्पत्ति मद्धेशिया में मानी जाती है जलवायु की, दशाओं की परिवर्तित होते रहने एवं नवीन प्रजाति द्वारा प्राचीन प्रजाति को स्थान विशेष से बाहर की ओर का दैनिक तथा, प्रागैतिहासिक काल के मध्य एशिया में विभिन्न प्रजातियां प्रवाहित होकर विभिन्न भागों में जाकर बस गई, , 2 अंतर्देशीय या आंतरिक प्रवसन, , एक ही देश के विभिन्न राज्य जहां पर देशों के मध्य लोगों की एक स्थान से दूसरे स्थान पर एक राज्य प्रांत से दूसरे राज्य प्रांत, की ओर हो सकता है जिसे अंतर प्रांतीय प्रवसन कहते हैं
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आंतरिक प्रवसन को दो भागों में बांटा गया है, 1 अंतर प्रांतीय प्रवसन, 2 स्थानीय प्रवसन, , रोशन के लोगों का स्थानांतरण देश की एक ही प्रांत की विभिन्न जनपदों के मध्य होता है ग्रामीण लोग शहरों से मजदूरी करने, के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाती रहती हैं स्थानीय प्रवासन ग्राम से नगर की ओर या नगर से ग्राम की ओर हो, सकता है वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा उच्च शिक्षा तथा रोजगार के साधनों की कमी पाई जाती है, , मौसमी या सामयिक प्रवासन, , एक प्रदेश विशेष के अंतर्गत किसी निश्चित समय सीमा के अंतराल या मौसम में विशेष की परिवर्तन की फलस्वरूप होने वाली, प्रवसन को मौसमी या सामयिक प्रवासन कहते हैं मौसमी या सामयिक प्रवसन एक निश्चित समय में मौसम के अनुसार होता है, तथा मौसम परिवर्तन के बाद वापस आने अपने निश्चित स्थान पर लोग लौट आते हैं मौसमी प्रवासन मजदूरों चल वासी लोगों, एवं पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर होता रहता है, , विश्व के कई जातियां पालतू जानवरों के साथ एक ही स्थान पर उन्हें अपने जानवरों के लिए घास आदि की व्यवस्था मिलती है, वहां जाते रहते हैं स्टैफी प्रदेश में खिरगिज अरब की बुद्धू जाति अपने पालतू जानवरों को लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान की, ओर स्थानांतरण करते रहते हैं, , , , , , , , , , बहुत क्षेत्र में मौसमी प्रवसन अधिक होता है शीतकाल में पर्वतों के ऊपरी भागों में तापमान के हीमांक तक पहुंच जाने के, कारण लोग अपने जानवरों को लेकर पर्वत की तलहटी एवं घाटियों की तरफ आ जाते हैं ग्रीष्म काल में तापमान के बढ़ने एवं, बर्फ के पिघलने के कारण परंतु पर छोटी-छोटी घास उग आती है अतः यह लोग अपने पशुओं को लेकर ग्रीष्म ऋतु में पहाड़ी, क्षेत्रों की ओर चले जाते हैं, , प्रवासन के अवरोध, , प्रवसन के कई कारकों के सहायक के रूप में भूमिका के अतिरिक्त कई कारक ऐसे भी हैं जो लोगों की एक देश से दूसरे देश, या एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर जाने में बाधाएं उत्पन्न करते हैं, , , , , , , , प्राकृतिक भागों में विस्तृत महासागर पर्वत मरुस्थलीय क्षेत्र सघन जंगल हिमाचल क्षेत्र आधिकारिक प्रमुख है, , , , भारत के उत्तर में विस्तृत हिमालय पर्वत के कारण ही प्राचीन काल से कोई भी आक्रमणकारी उत्तरी दिशा से भारत में प्रवेश, नहीं कर सका, , विश्व की विभिन्न रेगिस्तान क्षेत्र कालाहारी मरुस्थल सहारा मरुस्थल अरब का मरुस्थल थार का मरुस्थल अटाकामा मरुस्थल, आदि यातायात के मार्ग तथा साधनों की कमी एवं विस्तृत लिए अपने क्षेत्र होने के कारण बाधित रहे हैं, , भूमध्य रेखीय क्षेत्र में उच्च वर्षा एवं उच्च तापमान के कारण घने एवं विस्तृत वर्णन चित्र पाए जाते हैं यहां वर्तमान समय में भी, जहरीले जानवर यातायात मार्गों की कमी पाई जाती है, , # प्रवास के सिद्धांत, , 1 रेवेनस्टीन का प्रवाह सिद्धांत। प्रवास के संबंध में सर्वप्रथम रे वेनस्टीन महोदय ने 1885 में प्रवास सिद्धांत का नियम, प्रतिपादित किया, , प्रवास और दूरी अधिकांश प्रवासी छोटी दूरी तक प्रवास संचरण करते हैं जिसके फलस्वरूप जनसंख्या में स्थानीय परिवर्तन, होता है जिसमें प्रवास प्रवाह का जन्म होता है जिस की दशा विस्तृत व्यापारिक एवं औद्योगिक केंद्रों की ओर होती है