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प्रथम विश्व युद्ध के प्रारम्भ (बीसवीं शताब्दी) के समय यूरोप बारूद के एक ऐसे बड़े ढेर पर, खड़ा था, जिसमें आग लगाने के लिए केवल एक चिंगारी की आवश्यकता थी। यूरोप के अधिकांश, देशों में अंस्त्र-शस्त्र की प्रतिस्पर्धा लगी हुई थी। इस समय यूरोप दो सशस्त्र गुटों में बॅटा हुआ था।, पहले गुट में मित्र तथा संयुक्त राष्ट्र सम्मिलित थे, जिसमें इंगलैण्ड, फ्रांस, रूस, सर्बिया, रूमानिया,, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, इटली, पुर्तगाल, श्याम, यूनान, साइबेरिया पनामा, क्यूबा, ग्वाटेमाला,, ब्राजील, कोस्टारिका तथा निकारागुआ आदि थे। दूसरे गुट में केन्द्रीय शक्तियाँ थीं, जिंसमें तुर्की,, जर्मनी, आस्ट्रिया, हंगरी तथा बुल्गेरिया थे। 28 जून 1914 ई. को आर्क, ड्यूक फ्रांसिस फडीनेन्ड, की हत्या से आस्ट्रिया तथा सर्बिया के मध्य, जो युद्ध शुरू हुआ, वह धीरे-धीरे विश्व युद्ध में बदला, गया। 1914 से 1918 ई. तक लड़े जाने वाले प्रथम विश्व युद्ध में संसार के लगभग सभी राष्ट्रों ने, अधिकांश स्त्री-पुरुषों में, सैनिक व सामान्य नागरिकों ने काले, गोरे, भूरे, पीले रंग की जातियों ने, भाग लिया। प्रथम विश्व युद्ध में विश्व के सभी देशों ने कुछ न कुछ सहयोग अवश्य दिया था यह युद्ध, कालीन यूरोपीय देशों और उनसे सम्बन्धित राष्ट्रों की राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों, का विस्फोट था। यह उपनिवेशों के बँटवारे के लिए साम्राज्यवादियों के मध्य एक संघर्ष था, जिनमें, अनेक छोटे राष्ट्र, उसी प्रकार पिस गए, जिस तरह गेहूँ के साथ घुन पिस जाता है। यद्यपि बिस्मार्क ने, हरबेलिन से कहा था, "मैं विश्वयुद्ध नहीं देखूँगा पर तुम देखोगे और यह पश्चिम एशिया से प्रारम्भ
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प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत 28 जून 1914 ई. को हुई थी। जो कि आर्क ड्यूक फ्रांसिस ।, तथा जर्मनी का एकीकरण हुआ। कूटनीतिक सन्धियाँ, सैन्यवाद और शस्त्रीकरण, साम्राज्यवाद तथा ।, से विकास वियना काँग्रेस के पश्चात् ही सम्भव हुआ। इस राष्ट्रीयता की भावना के फलस्वरूप इटली ।, होगा।" राष्ट्रीयता की भावना का विकास भी प्रथम विश्वयुद्ध का कारण था। इस राष्ट्रीयता का के, के, आर्थिक प्रतिद्वन्द्विता अन्तर्राष्ट्रीय अराजकता, सामाजिक असन्तुलन इत्यादि प्रथम विश्वयुद्ध के, सिद्ध हुए।, कारण, स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य, फडींनेण्ड की हत्या से आस्ट्रिया एवं सर्विया के मध्य, जो युद्ध शुरू हुआ था, वह धीरे-धीरे, विश्वयुद्ध में बदल गया।, सम्पूर्ण यूरोप दो सशस्त्र गुटों में विभाजित था। पहले गुट में मित्र राष्ट्र तथा संयुक्त राष्ट्र थे, जिसमें इंगलैण्ड, रूस, जापान, अमेरिका, फ्रांस, इटली, यूनान, ब्राजील, सर्बिया,, सम्मिलित थे तथा दूसरा गुट केन्द्रीय शक्तियों का था, जिसमें जर्मनी, आस्ट्रिया, हंगरी,, बुल्गारिया एवं तुर्की थे।, पोल जनता जो आस्ट्रिया, रूस, जर्मनी में बसी हुई थी, अपना एक नया राज्य पोलैण्ड, स्थापित करना चाहती थी।, इत्यादि, जर्मन सम्राट विलियम द्वितीय स्वभाव से ही सैन्यवादी था। उसने 1895 ई. में घोषणा कर दी, कि जर्मनी एक विश्व शक्ति है और अब उसके भविष्य का निर्माण समुद्र पर होगा।, इंगलैण्ड ने 1902 ई. में जापान के साथ तथा 1904 ई. में फ्रांस के साथ सन्धियाँ की। 1907 में, इंगलैण्ड ने फ्रांस और रूस के साथ सन्धियाँ की। 1893 ई. की सन्धि पर हस्ताक्षर किए गये।, प्रो. फे. के अनुसार-"युद्ध का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण गुप्त सन्धियों की प्रणाली थी, जिसका, विकास फ्रांस और प्रशा के युद्ध, ग्रान्ट एवं टेम्परले के अनुसार, "1914 ई. के विश्वयुद्ध के लिए कोई घटना इतनी उत्तरदायी, नहीं, जितनी कि बाल्कन युद्ध।, 28 जुलाई 1914 ई. को आस्ट्रिया द्वारा सर्बिया पर आक्रमण किए जाने के साथ ही प्रथम, विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई।, 4 अगस्त 1914 ई. को ब्रिटेन द्वारा जर्मनी के विरुद्ध युद्ध में प्रवेश करते ही यूरोप की सभी, बड़ी शक्तियों के बीच युद्ध आरम्भ हो गया।, 4 अगस्त 1914 ई. को अमेरिका के राष्ट्रपति विल्सन ने तटस्थता की घोषणा की किन्तु, अमेरिका के अधिकांश नागरिकों की सहानुभूति मित्र राष्ट्रों की ओर थी।, अमेरिका ने 6 अप्रैल 1917 ई. को जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी अमेरिका के युद्, में प्रवेश करने से युद्ध ने सही मायनों में विश्वव्यापी रूप धारण कर लिया था।, विश्वयुद्ध समाप्त हो जाने के पश्चात् शान्ति-सम्मेलन के समय जीते हुए देशों ने 1919 ई. मे, युद्ध के उत्तरदायित्व का पता लगाने के लिए एक आयोंग नियुक्त किया था ।, इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जर्मनी तथा उसके मित्र राष्ट्रों को मुख्य रूप से दोषी ठहरावा, के, बाद हुआ था।, था।
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प्रो. फे. के अनुसार "केवल जर्मनी तथा उसके मित्र राष्ट्रों को युद्ध करने के लिए उत्तरदायी, ठहराना ऐतिहासिक दृष्टि से अयुक्तिसंगत है।" उनके अनुसार "युद्ध का आरम्भ करने के लिए, अन्य राष्ट्रों की अपेक्षा आस्ट्रिया अधिक उत्तरदायी था।", प्रथम विश्वयुद्ध 4 वर्ष, 3 माह और 11 दिन चल चला।, विश्व के इतिहास में.यह एक अभूतपूर्व विश्वयुद्ध था इसमें 30 राज्यों के लगभग 6 करोड़ 50, लाख सैनिकों ने भाग लिया था ।, प्रथम विश्वयुद्ध में मारे जाने वाले सैनिकों की संख्या लगभग 80 लाख थी और लगभग 2, करोड़ लोग घायल हुए, कुल मिलाकर सम्पूर्ण या विभिन्न राष्ट्रों को 40,000 मिलियन पौण्ड का आर्थिक भार वहन, थे।, करना पड़ा।, 11 नवम्बर 1918 ई. को युद्ध विराम की घोषणा से, मानवता सवा चार वर्ष के महाविनांश का मूल्य ऑकने को तत्पर हुई। इस युद्ध में दस खरब, रुपये प्रत्यक्ष खर्च हुए।, पेरिस के शान्ति समझौते का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अङ्ग वर्साय की सन्धि (28 जून 1919) थी।, पेरिस शान्ति सम्मेलन में आत्म-निर्णय के अधिकार को आधार मानकर अल्पसंख्यकों को नए, राज्यों में सम्मिलित कर लिया गया।, प्रथम विश्वयुद्ध के कारण महिलाएँ, पुरुषों के समान कंधा से कंधा मिलाकर काम करने एवं, अपनी क्षमताओं को सिद्ध करने का अवसर प्रदान किया।, 1918 ई. में इंगलैण्ड ने 30 वर्ष की महिलाओं को वयस्क मताधिकार प्रदान किया।, 1920 ई. में जर्मनी ने भी मताधिकार प्रदान की।, युद्ध समाप्त हुआ,, तो, खून, से सनी